Love Story Hindi : Hindi Love Story : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 49
बाकी सर लोग उसके कमरे से चले जाते है , कार्तिक अकेला बैठा रह जाता है , और सोच में पड जाता है | वो कुछ सोच ही रहा था तभी उसका फ़ोन घनघनाने लगा , उसे लगा की नीलू ही कर रही होगी , लेकिन ऐसा नहीं था जब उसने देखा की स्क्रीन पर तो अमन कॉल कर रही है |
उसके चेहरे की हवाइयां उड़ने लगी , उसे लगा अब कैसे और किस तरफ जाऊ , अमन के साथ मेने जो रिलेशन अमन के साथ बनाया है अब उसे कैसे स्टॉप करू ?? क्या बोलूगा उसे की मेरी शादी होने वाली थी और तुम मेरी जिंदगी में आ गयी ??
उसे कैसा लगेगा , अब क्या करू ,, इतने में रिंग होते होते कॉल एन्ड हो गयी |
उसने सोचा चलो मैं कॉल कर लेता हूँ | उसने अमन को कॉल किया |
हेलो
हेलो , कहाँ थे , पूरे दिन कॉल भी नहीं किया , और कॉल रिसीव भी नहीं किया ||
कार्तिक - हम्म आज बहुत बिजी था , तो नहीं कर पाया
अमन - अरे तो क्या हुआ , ऐसे रोतु सी आवाज क्यों निकाल रहे हो , अब करलो बात , वैसे मैं भी थोड़ा सा बिजी ही थी |
कार्तिक - अच्छा कहाँ बिजी थी ,
अमन - यार वो न आज मेरा कॉलेज का फ्रेंड आया था किसी काम से अपने शहर में तो उसने कहा चलो मिलते है , तो कर लिया गेटटुगेदर
कार्तिक - वैरी nice , तो कहाँ गए थे , घूमने
अमन - हम्म , यार ज्यादा कही नहीं , उसके पास ज्यादा टाइम नहीं था तो बस माल गए वहां कुछ खाया पिया और फिर पास के पार्क में थोड़ी देर बैठे फिर बो चला गया ||
कार्तिक - ओह्ह , गुड , चलो तुम्हे अच्छा लगा होगा
अमन - हाँ बहुत , हम अच्छे दोस्त थे कॉलेज में
कार्तिक - हम्म
अमन - अच्छा तुम कहाँ बिजी थे |
कार्तिक - मुस्कराते हुए बोला , वो मैं भी किसी मिलने गया था कल
अमन - ओह्हो किससे मिलने गए थे , क्या कोई नयी मिल गयी
कार्तिक - थोड़ी देर चुप रहा फिर बोलता है , हाँ एक है नयी बाली
अभी तक अमन मजाकिया मूड में थी लेकिन अब उसके चेहरे के भाव बदलने लगे और शांत होते हुए इधर उधर देखने लगी |
फिर अमन बोली - सच में क्या तुम किसी के साथ डेट पर गए थे ??
कार्तिक - शांत था , फिर बोला , हम्म नहीं , ऐसा नहीं है लेकिन मुझे मिलना था इसलिए गया था |
अमन अब शांत हो गयी थी , उसे पता नहीं क्यों बुरा सा लगने लगा था कार्तिक के लिए , जबकि बो भी तो किसी के साथ घूमने गयी ही थी , लेकिन उसके अंदर थोड़ा सा जेलेस आ ही गया |
कार्तिक ने शांत हो चुकी अमन से पूछा - क्या हुआ तुम अचानक से चुप कैसे हो गयी , बोलो , और बताओ कुछ अपने दोस्त के बारे में |
अमन - झूठी हसी हस्ते हुए कहा , नहीं नहीं , मैं तो बस सुन रही थी तुम्हारी बाते |
कार्तिक - सच में मेरी बाते , मैंने तो ऐसा कुछ खास नहीं बताया तुम्हे
अमन - गंभीर होते हुए , हो सकता है तुम्हारे लिए ख़ास न हो लेकिन मेरे लिए तो खास बात ही थी |
कार्तिक - ओह्हो क्या तुम भी एक ही बात पकड़ के बैठ गयी हो ?\
अमन - तो क्या करू ??
कार्तिक - कुछ नहीं खुस रहो बस
अमन - वो कैसे ??
कार्तिक - कैसे रहते है खुश , ये तो तुम्हे ही पता करना पड़ेगा
अमन - ठीक है , तुम कह रहे हो तो मैं कोशिश करुँगी |
कार्तिक - फिर ठीक है , और बताओ क्या कर रही हो
अमन -कुछ नहीं , अब मैं सोने जा रही हूँ
कार्तिक - ठीक है फिर तुम सो जाओ मैं भी सोने ही जा रहा हूँ ||
अमन - ठीक है गुड नाईट , कल मिलते है |
कार्तिक ने कहा - गुड नाईट ||
अब कार्तिक ने कॉल कट करदी थी , और फिर एक गहरी सोच में पड गया , सोच रहा था की अमन बाकई में उसके लिए सीरियस हो चुकी है |
और वो आगे भी बढ़ चुकी है , अब इस सिचुएशन को कैसे हैंडल करे ?? क्या बोलेगा अमन को और क्या बोलेगा वो नीलू को ??
दोनों ने ही उसकी जिंदगी में एंट्री एक साथी ही की है | एक को लाने में उसके घर बालो ने मदद की है और दुसरी को उसने खुद ही आने का न्योता दिया है , अब वो अपने आप में ही फसता चला जा रहा था , वो अपने फोन को लिए बैठा ही था की उसका फिर से फ़ोन बजने लगा ||
उसने देखा इस बात नीलू उसे कॉल कर रही थी , उसने थोड़ा इंतजार किया और फिर कॉल रिसीव किया ||
हेलो जी , कैसे है - उधर से आवाज आयी , आवाज में एक मीठापन और अपनापन सा लगा कार्तिक को
कार्तिक - मैं ठीक हूँ , तुम बताओ कब पहुंची ??
नीलू - ओह्ह तो जनाब को याद आ ही गया की हम घर पहुंचे या नहीं ||
कार्तिक - ओह्ह ऐसा नहीं है , मुझे पता था , लेकिन घर आ के घर वालो के साथ बिजी हो गया तो कॉल न कर पाया
नीलू - ये तो कोई बात न हुई , अपनी होने वाली पत्नी का ख्याल अभी से नहीं रख पा रहे हो तो बाद में मैं आपसे क्या उम्मीद राखू , टाइम तो निकलना ही पड़ेगा न ??
कार्तिक - हाँ जी बिलकुल लेकिन , आज तो मैं कुछ ज्यादा ही |
नीलू - कोई बात नहीं , आज पहला दिन था तो हम माफ़ कर रहे है तुम्हे , आगे से ध्यान रखना वरना हम सजा भी देते है |
नीलू की बातो में एक अलग सा ही अपनापन और जबरजस्ती सी देख कार्तिक उसकी ओर आकर्षित होता चला जा रहा था , उसे लग रहा था ये तो बिना पत्नी बने ही पत्नी बाला रोब ओर हक़ जता रही है | इसमें भी एक अलग ही प्यार है |
कार्तिक ने कहा - ठीक है जी हम भी तैयार है बोलो क्या है सजा हमारे लिए ??
नीलू - जाओ आज माफ़ किया , आगे से तैयारी करना
कार्तिक - अच्छा जी ,
नीलू - हाँ जी
कार्तिक - ओर अगर कभी कॉम्पलिमेंट देना पड़ा तो क्या मिलेगा
नीलू - मुस्करायी , शर्मायी ओर फिर बोली , जो तुम्हे चाहिए हो ?
कार्तिक - पक्का न
नीलू - हम्म
कार्तिक - देख लो ,
नीलू - हम देख के ही बोला है |
कार्तिक - क्या देख लिया , ओर हसने लगा ||
नीलू शरमा गयी फिर बोली - आप न डबल मीन बात न करो , हम समझ गए ठीक है ||
कार्तिक को अब अपनी बात पर लज्जा आयी ओर बोला ओके अब नहीं बोलेगे |
नीलू - तो ओर बताओ घर बालो को ये कपड़े कैसे लगे
कार्तिक - अरे हाँ यार मैं तो भूल ही गया तुम्हे बताना , यार सब के सब यही पूछ रहे है की ये कपड़े किसने चूज किये है
नीलू - आश्चर्य से वो क्यों , अच्छे नहीं है क्या ??
कार्तिक - नहीं यार , इतने पसंद है सबको की कहने लगे तू तो पसंद कर ही नहीं सकता ||
नीलू - अच्छा मेरी पसंद इतनी अच्छी लगी सबको
कार्तिक - हाँ यार
नीलू - तो ओर घर में सब ठीक तो है न
कार्तिक - हम्म
नीलू - हम्म , क्या कर रहे हो ??
कार्तिक - कुछ नहीं लेटा हूँ
नीलू - अच्छा , ठीक है फिर सो जाओ , सुबह जल्दी भी तो उठना होता होगा न ?
कार्तिक - हम्म थोड़ा सा , जल्दी , वो क्या है की उठ के रेडी होना होता है ऑफिस के लिए
नीलू - हम्म ठीक है , सोइये आप
कार्तिक - तुम भी सो जाओ , दिन भर की थकी हुई हो
नीलू - हम्म सजाऊगी , थोड़ी देर में
कार्तिक - एक बात पुछु
नीलू - पूछिए
कार्तिक - सच बताना
नीलू - जी जरूर
कार्तिक - तुम्हे कैसा लगा मेरे साथ
नीलू - स्माइल करते हुए , हम्म , बहुत अच्छा
कार्तिक - अच्छा , तो फिर अब कब मिलने का प्लान है
नीलू - सोचकर बताती हूँ , चलो मैं बात करती हूँ , लगता है मां आवाज दे रही है ||
गुड नाईट .............
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