google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Love Story Hindi : Hindi Love Story : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 50

Love Story Hindi : Hindi Love Story : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 50

Love Story Hindi : Hindi Love Story : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 50



रात हो गयी , बात करते करते कार्तिक को भी नींद आ गयी और न जाने कब सो गया उसे भी कुछ पता नहीं चला |

अगली सुबह उसकी आँख खुली तो उसके फ़ोन की रिंग बज रही थी , उसने फ़ोन उठा के देखा तो स्क्रीन पर नीलू लिखा आ रहा था |

उसने कॉल रिसीव किया 

हेलो 

अरे ये क्या अभी भी सो रहे हो क्या - नीलू ने कार्तिक को जगाते हुए कहा 

कार्तिक - हाँ यार नींद नहीं खुली थी अभी तक 

नीलू - तो अब उठ जाओ , और तैयार हो जाओ , ऑफिस नहीं जाना क्या आज 

कार्तिक - जाना है , बहुत काम करना है आज ऑफिस में 

नीलू - तब जाओ , तैयार हो जाओ , और हाँ काम के चक्कर में हमे न भूल जाना , याद करते रहना हमे भी ||

कार्तिक ने एक लम्बी साँस ली और कहा - तुम्हे कैसे भूल सकता हूँ , अभी तो ढंग से याद भी नहीं कर पाया हूँ 

नीलू - अच्छा चलो बाते न बनाओ , हमे सब पता है कितना याद करते हो हमे , कल से पहले तक और आज भी कॉल हमे ही करना पड़ता है ||

कार्तिक - यार ऐसा नहीं है , मैं ज्यादा बिजी रहता हूँ तो कर नहीं पाता

नीलू - रहने दो तुम्हे तो बहाने बनाने भी नहीं आते

कार्तिक - क्या करू अभी तक किसी को बहाने बताने की जरूरत नहीं पड़ी न 

नीलू - ठीक है , अब जाओ तैयार हो जाओ |

कार्तिक ने ठीक है कहते हुए अपने ऊपर से चादर हटाई और ऑफिस जाने की तैयारी में जुट गया 


कार्तिक को नास्ते के लिए आवाज दी जा रही थी और वो अभी तक बाथरूम में ही था , शीला जी ने ऊपर आ कर देखा तो कार्तिक अभी भी बाथरूम में ही गाने गुनगुना रहा था , 

शीला जी चिल्लाते हुए कहा - बेटा , कुमार सानू को फ़ैल मत कर और जल्दी से निकल आ , आज लेट नहीं हो रहा तुम्हे 

जल्दी आओ नीचे , नास्ता लगा हुआ है टेबल पर ||


कार्तिक नीचे आया नास्ता किया और लंच बॉक्स ले कर ऑफिस के लिए निकल गया |

ऑफिस में पहुंच कर उसने अपने सिस्टम पर लॉगिन किया ||


वो अपने काम में लग गया , जब उसने ध्यान किया की उसकी साथ बाली शीट अभी भी खाली है , फिर उसने घडी की ओर देखा तो १० बज चुके थे |

उसने सोचा नायरा को क्या हुआ , क्यों नहीं आयी आज ये || और सोचते सोचते काम करने लगा ||

फिर उसका मन नहीं माना तो उसने नायरा को कॉल लगा दिया 

हेलो - नायरा ने रिप्लाई किया 

हेलो , कहाँ हो , सब ठीक तो है न -  कार्तिक उससे पूछा 

नायरा ने कहा "हाँ सब ठीक है , क्यों क्या हुआ "  

कार्तिक - तुम ऑफिस नहीं आयी तो मैंने सोचा पूछ लू , शायद कोई प्रॉब्लम तो नहीं है 

कार्तिक की बात सुन कर नायरा जोर से हसने लगी , और फिर कहा - अच्छा इतनी फिक्र है तुम्हे मेरी ,, कब से ??

नायरा के जवाव सुनकर तो उसकी नजरे ही झुक गयी , बास्तब में उसने नायरा की क़द्र करी ही कब थी , जो वो उसे इस तरह से पूछ रहा है | 

कार्तिक ने इंसल्ट फील करते हुए कहा - ठीक है , अगर तुम्हे ऐसा लगता है तो मैं नहीं पूछता , बाय कह के उसने फ़ोन कट कर दिया ||

कार्तिक को अब खुद पर गिल्टी फील हो रही थी , सोचने लगा जाने क्यों अच्छा भला अपना काम कर रहा था जो कॉल लगा दिया उसे |

उसे तो बिलकुल भी नहीं लगा की क्यों कॉल किया होगा | खैर छोडो , अपना काम करो , और अपने सिस्टम पर फिर से ध्यान केंद्रित करने लगा |

उसका दिमाग ख़राब था , वो अनमना सा काम में लगा हुआ था , तभी उसके कंधे पर किसी ने हाथ रहा 

उसने तुरंत पलट के देखा , देखते ही उसकी आँखों में चमक आ गयी ||

वो अमन थी , आज रोज से कुछ अलग ही दिख रही थी , खुले काले घने लम्बे बाल , उड़ती हुई जुल्फे , मांसल सुन्दर शरीर उस पिंक कलर की कुर्ती में अलग ही निखर कर आ रहा था | ऊपर से पिंक कलर की लिपस्टिक और एक छोटी बिंदी उसके माथे की खूबसूरती में चार चाँद लगा रहे थे |

अपने होठो पर हलकी सी मुस्कान बिखेरते हुए अमन ने कहा - क्या देख रहे हो ??

कार्तिक होश आते हुए मुस्करा के बोला  - कुछ नहीं बस ये सोच रहा की दिन में चाँद कब से निकलने लगा |

कार्तिक की बात सुनते ही अमन के चेहरे पर एक कातिल अदा  के साथ खूबसूरत मुस्कान बिखर गयी |

अमन ने कहा - आपको शायद पता नहीं है की चाँद कभी छुपता नहीं है , बस सूर्य के प्रकाश में प्रतीत नहीं होता है |

कार्तिक ने आश्चर्य से अपना सर खुजली करते हुए कहा - हाँ आठवीं क्लास में पढ़ा तो था |

अमन खिलखिला के हसने लगी और बोली - अच्छा बहुत पता है तुम्हे तो ||

कार्तिक ने कहा - आओ बैठो , और चेयर उसकी ओर खेंच के करदी 

अमन ने चेयर अपने पास की और बैठ गयी , फिर बोली एक चाय नहीं पिलाओगे 

कार्तिक ने कहा - हाँ क्यों नहीं , चाय भी पिलायेंगे , और कुछ चाहिए हो अगर तो वो भी फरमाइए 

अमन ने कार्तिक की आँखों में आंखे डालते हुए कहा - पक्का 

कार्तिक ने भी अमन की ओर देखते हुए कहा - हाँ , पक्का 

अमन - मैं तुम्हारे साथ एक बार कैंडल लाइट डिनर करना चाहती हूँ , वो भी किसी हिल स्टेशन पर 

कार्तिक के माथे पर शिकन साफ साफ देखी जा सकती थी |

लेकिन उसने जल्दी से भाव बदलते हुए कहा - हाँ हाँ क्यों नहीं , बताओ कब चलना है 

अमन बोली - अगले महीने करवाचौथ आने वाली है , मोस्टली कपल्स आउटिंग करने जायेगे , घूमेंगे तो मैं सोच रही हूँ ...............

कार्तिक की तो हवा ही निकल गयी ,, अपना सर खुजलाने के अलावा उसके पास ओर कोई चारा नहीं था ||

अमन अब कार्तिक की ओर आशा भरी नजरो से देख रही थी ,, और उसके जवाव का इंतजार कर रही थी ..

कार्तिक बोला - चलो देखते है , मैं मैनेज करता हूँ , कैसे घर वालो को कन्वेन्स करना है 

अमन ने कहा - मैं कुछ नहीं जानती , क्या करना है ,, बस एक उम्मीद है तुमसे ..

देखते है आप मेरी ये विश पूरी कर पाओगे या नहीं ||

कार्तिक उसे देखता ही रहा ..............

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