google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Hindi Kahani New : Arrange Marriage Part - 28 | Love Story Hindi

Hindi Kahani New : Arrange Marriage Part - 28 | Love Story Hindi

 Hindi Kahani New : Arrange Marriage Part - 28 | अर्रेंज मैरिज 



अमन ने बाइक रोकने के लिए कहा "मेरा हॉस्टल यहां से पास में ही है " कार्तिक ने बाइक रोक दी , अमन कौर बाइक से उतरी और बिना कार्तिक की और देखे बाय बोलती हुए जल्दी से चली गयी , ये शायद उस किश का साइड इफेक्ट था , जो की उन दोनों ने थोड़ी देर पहले बारिश की मदद से की थी | अमन कौर तेज कदमो के साथ जा रही थी कार्तिक उसे बेतहासा जाते हुए देखता रहा , अमन ने एक बार भी पीछे मुड़के नहीं देखा | जब गली के कोने पर जा कर अमन ने टर्न लिया तो उसने पीछे मुड़ के देखा तो कार्तिक उसे ही देख रहा था , अमन ने शरमाते हुए मुस्कान दी और हाथ हिला के उसे जाने के लिए इसारा किया | और आगे चली गयी | अमन के ऐसे रिएक्शन से एक बात तो साफ थी की कार्तिक की लाइन यहाँ तो साफ हो गयी थी , उसे हरी झंडी दिखा दी गयी थी |


अमन का इसारा पा कर कार्तिक के चेहरे पर मुस्कान बापस लौट आयी , मानो उसे तो ऐसा लगा जैसे उसने कोई किला जीत लिया हो उसकी खुसी का ठिकाना नहीं था , लेकिन उसके ख्वावो के किले के ईमारत अगले पल ही ढह गयी , जैसे ही उसे याद आया की उसे नीलू का मेसेज आया था , और उसे तो नीलू से शादी करनी है | फिर ये सब उसने क्यों ???????

उसके चेहरे की मुस्कान अगले पल ही उतर गयी और बाइक स्टार्ट की और निकल गया अपने घर के लिए 


जाते जाते पूरे रस्ते कार्तिक को अमन की white tite टी शर्ट जो की गीली होने की बजह से उसके बदन से चिपक गयी थी , चिपकने की बजह से उसके मांसल अंगो को साफ साफ महसूस किया जा सकता था , साथ ही अमन ने आज स्कर्ट पहनी हुई थी जिसमे उसकी मोटी चिकनी गोरी जांगे कार्तिक को उत्तेजित करने में कोई कसार नहीं छोड़ रही थी | ये दृश्य एक एक करके कार्तिक की आँखों के सामने आ रहे थे | कार्तिक खुद को सम्भला नहीं पा रहा था | आखिर वो अब करे तो क्या करे | फिर उसने अपना ध्यान वहां से हटा के नीलू के मेसेज की और किया और उसके बारे में सोचने लगा |


घर पहुंचते पहुंचते कार्तिक काफी भीग गया था , इसलिए घर जाते ही उसने तौलिया ली और बाथरूम चला गया , फ्रेश हो कर अपने रूम में पंहुचा | उसने अपना फ़ोन लिया नीलू को मेसेज किया 

"हाँ तो अब बोलो , मैं अब फ्री हूँ "

नीलू तो पहले से उसका वेट कर ही रही थी , उसने तुरंत रिप्लाई किया और पूछा 

"सब ठीक तो है न , बड़े बिजी रहते हो "

कार्तिक - हाँ थोड़ा सा , ऑफिस के काम की बजह से 

नीलू - अच्छा जी , थोड़ा सा अपने ऊपर भी ध्यान दिया करो 

कार्तिक - स्माइल का सिंबल सेंड करते हुए , हम्म जरूर अब दिया करुगा , अपना बताओ 

नीलू - मैं तो ठीक हूँ , आ गए आप ऑफिस से ?

कार्तिक - हाँ ,बस थोड़ी देर पहले ही आया हूँ 

नीलू - ओके 

कार्तिक - तो तुम क्या बात करने के लिए बोल रही थी |

नीलू - हम्म , अगर आप बुरा न मानो तो एक बात कहू  

कार्तिक - हाँ कहो , बुरा क्यों मानुगा , बोलो क्या बोलना चाहती हो ?

नीलू - वो मैं सोच रही थी की , क्यों न हम एक बार एक मीटिंग करले , मेरा मतलब , गलत मत समझना , actually मां बोल रही थी की आप लोग इस वीक रिंग सेरेमनी के लिए हमारे यहां आने बाले हो, तो मैं चाह रही थी की एक बार 

कार्तिक - क्या हम लोग आने बाले है ?? और कब ??

नीलू - क्या आपको नहीं मालूम

कार्तिक - नहीं मुझे तो ऐसा कुछ नहीं पता है अभी 

नीलू - पता नहीं , आज ही माँ ने मुझे बताया 

कार्तिक - हो सकता है , आज ही प्लान बना हो , मैं पूछता हूँ आज 

नीलू - हाँ हो सकता है |

कार्तिक - ओके

नीलू - तो आप कैसे पूछोगे , मतलब माँ से ये तो मत ही बोलियेगा में आपको मेने बताया है , प्लीज 

कार्तिक - नहीं नहीं , तुम्हारा क्यों लूंगा नाम 

नीलू - ओके 

कार्तिक - तो हम कब और कहाँ मिल रहे है ?

नीलू - ये तो आप ही बताओ , मैं घर से कॉलेज तक ही जाती हूँ , तो बीच में ही मिल सकते है |

कार्तिक - तो ठीक है , लेकिन मैं तो संडे को ही मिल पाउगा , और संडे को तुम्हारा कॉलेज ओपन रहता है क्या ??

नीलू - ओह्ह कैसी बच्चो बाली बात कर रहे हो , संडे को कबसे ओपन होने लगे कॉलेज 

कार्तिक - मजाक करते हुए , हमारे यहां तो खुलते है , तुम्हारे यहाँ का तो पता नहीं ?

नीलू - अच्छा जी , जरा नाम बताना , कोनसा कॉलेज है 

कार्तिक - नाम क्या बताना , तुम्हे विजिट ही करवा देंगे 

नीलू - हाँ ये भी ठीक ही रहेगा |

कार्तिक - ऐसा करो , संडे को ही प्लान करो , एक्चुअली मेने कल ही छुट्टी की थी तो , और मेरा बॉस बैसे भी खड़ूस है 

नीलू - ओके चलो देखते है , करते है फिर कुछ |

कार्तिक - ओके चलो , बात करता हूँ फिर 

नीलू - ओके बाय |


अमन अपने हॉस्टल के रूम में पहुंची तो उसकी रूममेट्स अभी तक नहीं पहुंची थी , शायद बारिश होने की बजह से अभी तक कोई नहीं आया होगा ऐसा अमन सोचने लगी |

अमन पूरी तरह से गीली थी , उसने चेंज करने के लिए कपड़े लिए और वाशरूम में चली गयी | वाशरूम में जब वो अपने कपड़े उतरने के लिए शीशे के सामने खड़ी हुयी और उसने अपने आप को देखा तो उसे खुद ही शर्म आ गयी, उसके कपडे उसके बदन से ऐसे चिपके हुए थे जैसे दो प्रेमी आपस में लिपट कर प्रेम आलिंगन कर रहे हो | उसके उभर साफ साफ स्पस्ट दिख से रहे थे | जब उसने अपनी नजर अपने कमर के नीचे डाली तो देखा उसकी स्कर्ट की हालत भी ख़राब ही थी | वो सोच रही थी की उस पेड़ के नीचे अगर कार्तिक की जगह कोई और होता तो भी यही होता , अब इसमें उसकी गलती ही क्या है , अब दिख ही इतनी हॉट रही थी | अमन अपने होठो पर हाथ रखते हुए सोचने लगी | वो किश बाले पलो की याद ताजा करते हुए कार्तिक के लिए अलग ही फीलिंग फील करने लगी थी | उसने अपनी आंखे बंद करली और फिर से वही सब कुछ अपनी फैंटसी में दुहराने लगी |


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