Hindi kahaniya new | Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 77
नीलू और कार्तिक आउटिंग के लिए साथ जा रहे थे , साथ ही नहीं बल्कि एक ही शीट पर बैठ कर जा रहे थे , फिर भी उनके बीच की दूरी कम नहीं हो रही थी , या फिर यू कहे दोनों के बीच नजदीकियां नहीं बन पा रही थी ||
नीलू भी अपने फ़ोन में कुछ देख कर टाइम स्पेंड कर रही थी और कार्तिक भी ...
नीलू के फ़ोन पर उसकी एक फ्रेंड का कॉल आया .. नीलू ने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए कॉल रिसीव किया ||
"हेलो , चांदनी "
चांदनी "ओए तू तो बड़ी शातिर निकली "
नीलू "क्यों , ऐसा क्यों बोल रही है "
चांदनी "तेरे घर गयी थी मैं अभी , तो आंटी ने बताया की तू कार्तिक के साथ ट्रिप पे जा रही है "
नीलू के चेहरे के हाव् भाव बदल गए , उसके चेहरे पर मुस्कान थी नीलू ने कहा "हाँ यार "
नीलू आगे कुछ कह पति उससे पहले ही नीलू को चांदनी ने अपनी ही भाषा में कई सारी गलियां पड़ चुकी थी ||
वो इसलिए था क्युकी वे दोनों बहुत ही पक्की बाली सहेलियां थी , उनके बीच में डील थी की दोनों की लाइफ में कुछ ऐसा होगा जो एक्ससिटेड हो तो वे एक दूसरे को जरूर शेयर करेगी ||
अब यहां नीलू ने रूल ब्रेक कर दिया था , सो उसे गलियां सुनाने को मिल रही थी ||
नीलू ने हस कर अपनी गलती मानते हुए कहा "यार वो क्या है न की ये सब सिर्फ एक रात में ही प्लान हो गया सो टाइम ही नहीं मिला यार तुझे बताने का "
"अच्छा , तो अब ये बात है की तुझे टाइम ही मिलना बंद हो गया है " चांदनी ने शिकायत करते हुए कहा
तब नीलू ने बात को संभालते हुए कहा "नहीं यार ऐसा है , कब बात नहीं की तेरे से मेने , अभी ये सब तुझे बाद में बताऊगी की कैसे बना था जाने का प्लान "
चांदनी "अच्छा है , एन्जॉय कर "
नीलू "सॉरी यार बुरा मत मान , मैं जल्दी ही लौटूंगी "
चांदनी ने कहा "अच्छा , चल chill कर , ओए ये बता , तेरा हीरो कैसा है , बात कर रहा है न ढंग से "
नीलू ने सड़ा सा मुँह बनाते हुए कहा "नहीं यार , attitude दिखा रहा है "
चांदनी ने आग में घी डालने का काम करते हुए कहा "मैंने कहा था न वो जरूर दूसरी लड़कियों के चक्कर में है "
"सही कह रही है , मुझे भी लगता ही है " नीलू ने धीमी अबाज में कहा
चांदनी ने कहा "यार तू जल्दी से सुधर ले इसे नहीं तो तेरी ही टेंशन बढ़ने बाली है "
"यार मैं कैसे सुधारू , कोई दूध पीता बच्चा तो है नहीं " नीलू ने चिंता जताते हुए कहा
चांदनी ने कहा "यार तू भी न , थोड़ा उसे स्पेशल फील करा , ताकि वो तेरे प्रति आकर्षित होता जाये "
"ओह्हो सीधा सीधा बोल , क्या करना है मुझे " नीलू ने पूछा
चांदनी "मेडम तुम तो ऐसे पूछ रही हो जैसे मेने इसकी ट्यूशन क्लास्सेस ले रखी हो "
नीलू ने रोने जैसे आवाज में कहा "यार तू टेंशन दे रही है या फिर टेंशन कम करवा रही है "
चांदनी ने कहा "ये तेरी टेंशन है तू जान .. मैं चली , बाय बाय "
कॉल डिसकनेक्ट हो गयी ..
कॉल कटी ही थी की नीलू का फ़ोन फिर से घनघनाया .. इस बार उसकी माँ थी ..
"हेलो माँ "
माँ - बेटा शीट बगैर सही से मिल गयी न
नीलू ने कहा "माँ रिजर्बेशन है फिर भी शीट नहीं मिलेगी , हाँ हम सही से बैठ गए है "
माँ "बेटा ठीक से जाना और अपना ध्यान रखना , और हाँ सुनो पहली बार घर से निकली हो , सम्भल के रहना , समझ रही हो न ,"
नीलू ने पकाऊ सा फेस बनाते हुए कहा "हाँ माँ हम समझ रहे है आप क्या कहना चाहती है , हम अपनी मर्यादा समझते है "
माँ ने कहा "हाँ , बहुत जरुरी भी है समझना "
"ठीक है माँ , यहाँ नेटवर्क कम आता है सो अबाज सही से नहीं आ रही है " नीलू ने कहा
माँ - ठीक है , जब ट्रैन रुके तो कॉल करना
ठीक है माँ , बाय ...
कार्तिक ने नीलू को टोकते हुए कहा "बड़े फ़ोन आ रहे है , कम से कम ट्रैन में तो अपने फोन को आराम मिल जाने दो "
नीलू ने अजीव सा फेस बनाते हुए कहा "जब कोई बात नहीं करेगा तो क्या करे फ़ोन भी न करे "
कार्तिक ने कहा "कोई मतलब किससे है , कौन बात नहीं करना चाहता तुमसे "
नीलू ने कहा "कौन आया है मेरे साथ "
कार्तिक ने कहा "तुम्हारे साथ कोई नहीं बल्कि तुम आयी हो मेरे साथ "
नीलू ने कहा "मिस्टर जी बात एक ही है , वो बात अलग है की तुम हमे अपन लगेज समझ रहे हो "
अब कार्तिक इधर उधर देखते हुए बोला "देखो बार एक ही बात मत रिपीट करो "
नीलू ने कहा "क्यों न करू , तुमने कहा था "
कार्तिक "ठीक है , कहा था लेकिन अब तो नहीं कह रहा "
नीलू "अच्छा तो अब क्या कह रहे हो "
कार्तिक ने कहा "अब मैं कुछ नहीं कह रहा , बस मैं अकेला चुप शांत रहना चाहता हूँ ताकि मेरे mn को शांति मिले "
"अच्छा , तो सामने बाली लड़की को बार देख रहे , उधर से शांति आ रही है क्या "
कार्तिक ने कहा "तुम सच में कितनी चीप हो , अगर किसी को देख भर लेने से क्या हो जाता है "
नीलू ने कहा "अच्छा तो ये बताओ वो उधर शीट पर बैठा हुआ इंसान मुझे देखे तो तुम मुझे देखने दोगे"
कार्तिक ने कहा "क्या कहना छह रही हो साफ साफ बोलो "
नीलू "इधर पास आओ न तब तो बताऊ "
कार्तिक अब खिसक कर और नीलू से चिपक कर बैठ गया , और बोला "बताओ ,क्या बताना था "
नीलू ने कार्तिक की आँखों में देखा और कहा "जरा मेरा हाथ पकड़ो "
कार्तिक ने धीरे से झिझकते हुए नीलू का हाथ पकड़ा ...
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