Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 122
Story in hindi love :
नायरा सीधे जीवन के केबिन में जा पहुंची वहां जीवन और सुहानी दोनों कुछ बाते कर रहे थे ,
"एक्सक्यूज़ मी सर , actually मेरी माँ की तबियत अचानक बिगड़ गयी है इसलिए मुझे जाना पड़ेगा "
जीवन ने कुछ नहीं कहा , वो उसे घूरते रहा , नायरा ने फिर से कहा " सर मेरे साथ कार्तिक भी जा रहा है मुझे जल्दी जाना है वो मुझे ड्राप कर देगा , अर्जेंट है "
जीवन ने इधर उधर देखा और कहा " किसी और की भी जरूरत हो तो उसे भी ले जाओ "
नायरा ने लम्बी साँस और कुछ कहना चाहा लेकिन ये समय आर्ग्यूमेंट्स करने का नहीं था इसलिए , उसने कुछ नहीं कहा , थोड़े देर खड़े रहने के बाद नायरा वहां से चली आयी ||
सुहानी ने आश्चर्य से जीवन से पूछा " सर अपने बिना कुछ कहे जाने क्यों दिया "
जीवन ने कहा " मैं खुद चाहता हूँ की दोनों एक साथ जाये , इसने मुझे पूरे ऑफिस के सामने सवाल किये थे , अब मैं इसे सवाल पूछुंगा "
सुहानी ने मुस्कराते हुए कहा " तो सर ये आपका नेक्स्ट स्टेप है "
नायरा और कार्तिक ऑफिस से जा चुके थे , कार्तिक अपनी बाइक को जितनी तेज चला सकता था , उसने जल्दी से नायरा को उसके घर पहुंचाया ||
घर पहुंच कर देखा तो नायरा की माँ की हालत खराब हो रही थी , नायरा ने कार्तिक की मदद से माँ को हॉस्पिटल ले गयी , और उन्हें एडमिट कराया ||
नायरा और कार्तिक दोनों हॉस्पिटल के वेटिंग रूम में बैठ कर डॉक्टर की रिपोर्ट्स का इंतजार कर रहे थे |
कार्तिक ने नायरा का हाथ पकड़ा और कहा " नायरा तुम टेंशन न लो , भगवान सब ठीक ही करेंगे |
अब नायरा ने कार्तिक के कंधे पर सर रख लिया और कहा " कार्तिक भगवान मेरी परीक्षा क्यों लेता रहता है "
कार्तिक ने नायरा के हाथ के ऊपर अपना हाथ रखे हुए बोला " भगवान परीक्षा के लिए उन्ही लोगो को चुनते है जो उस लायक होते है , तुम परेशान न हो "
नायरा को कार्तिक के मजबूत कंधे एक सुखद एहसास दे रहे थे , उसके बस का होता तो बो जिंदगी भर उसके कंधो पर अपना भार डाल देती ||
यहाँ क्लिक करे : यक्षिणी का बदलादोनों बैठे ही थे की कार्तिक का फ़ोन बजा ... उसने देखा तो ये फ़ोन जीवन कर रहा था ||
कार्तिक का फ़ोन नंबर देखा तो दोनों एक दूसरे की ओर देखने लगे ||
कार्तिक ने अब फ़ोन रिसीव किया ...
कार्तिक - हेलो सर ,
जीवन - कार्तिक कहाँ हो अपनी शीट पर तो दिख नहीं रहे हो ?
जीवन की बात सुन कर कार्तिक को बहुत ही ज्यादा हैरानी हुई , उसने कहा सर , as you know , मैं नायरा के साथ आया हूँ ||
जीवन जानबूझ कर अनजान बनते हुए बोला " तुम नायरा के साथ क्यों गए , और किसकी परमिशन से गए हो ?
अभी तो ऑफिस टाइम चल रहा है न ,, ऑफिस ओवर होने के बाद तुम्हारे पर्सनल लाइफ है कही भी जाओ ,लेकिन अभी कैसे जा सकते हो ?
कार्तिक ने अपनी सफाई में कहा " सर नायरा ने आपको इन्फॉर्म तो किया था "
" नायरा ने अपना इन्फॉर्म किया था , और मेने तुम्हे जाने के लिए तो नहीं कहा , भाई अपनी मर्जी से कुछ भी "
कार्तिक ने कहा "सॉरी सर , मिसकम्युनिकेशन की बजह से हो गया ये सब "
जीवन ने कहा " ये सब मिसकम्युनिकेशन नहीं मिसबिहेब है ऑफिस के लिए .. कल आओ अपनी लिखित में जानकारी देना सीनियर मैनेजर को , अब मैं और बर्दास्त नहीं कर सकता ... मेरी तरफ से तुम आज़ाद हो "
फ़ोन कट गया था , अब कार्तिक का चेहरा और भी लटक गया था , नायरा ने पूछा " क्या हुआ , क्या कह रहा था जीवन"
कार्तिक ने कहा " उसे पॉइंट्स जो चाहिए थे वो मिल गए है , बोल रहा है तुम किसे पूछ कर ऑफिस टाइम में बहार गए हो , कल सीनियर मैनेजर से मिलने के लिए कह रहा है "
नायरा ने हताश होते हुए कहा " कार्तिक तुम क्यों आये मेरे साथ बो सिर्फ मेरे साथ होने की बजह से ये सब ड्रामे कर रहा है , मुझे भी टॉर्चर कर रहा था अपने पैसो को लेकर "
कार्तिक ने पूछा " क्या कह रहा था "
नायरा ने कहा " बोल रहा था जल्दी पैसे बापस करदू नहीं तो उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी
कार्तिक ने पूछा " कैसी कीमत "
नायरा ने आंसू पूछते हुए कहा " उसका बिस्तर गर्म करने की "
कार्तिक गुस्से से आगबबूला होते हुए बोला " साले की तो माँ...." नायरा ने उसे रोक दिया और कहा कार्तिक हम हॉस्पिटल में है ||
जब ऊपर बाला ही मुझे परेशान करने में लगा पड़ा है तो वो तो हैवान है |
कार्तिक ने पूछा " कितना कर्जा है उसका "
नायरा ने दांतो से होठ दवाते हुए कहा " दो लाख "
कार्तिक ने कहा " कहाँ से दोगी "
नायरा ने कहा " कोई रास्ता नहीं है मेरे पास , सिर्फ आत्महत्या करने के सिबा , पापा भी माँ को कर्जे में डूबा के चल बसे थे , फिर माँ ने न जाने क्या क्या करके उस कर्जे को निपटाया , अब में क्या करू ..."
कार्तिक शांत बैठा उसकी बाते सुन रहा था ...
जो सैलरी आती है बो घर के खर्चे और माँ की दवाइयों में चली जाती है , कहाँ से दे पाऊगी उसका कर्जा ??
कुछ देर शांत रहने के बाद नायरा ने कहा " एक ही रास्ता नजर आ रहा है , उसकी रखैल बनना "
अब कार्तिक ने नायरा की ओर देखा और कहा " पागल हो गयी हो क्या ? कैसी बाते कर रही हो "
नायरा ने कहा " तो क्या कर सकती हूँ मैं "
कार्तिक ने कहा " तुम एक अच्छी इंसान हो पढ़ी लिखी हो , क्या नहीं कर सकती हो , थोड़ा टाइम लो सोच समझ कर कुछ न कुछ हल निकल आएगा "
मैं भी हेल्प करुगा तुम्हारी ...
"नहीं कार्तिक अब मैं तुम्हे और परेशानी में नहीं डाल सकती , आलरेडी तुम्हारी जॉब खतरे में है "
कार्तिक ने कहा " कैसी बाते कर रही है पगली ... जॉब तो आती जाती रहती है , आखिर दोस्ती नाम की भी कोई चीज होती है "
दोस्ती , सिर्फ दोस्ती कहती हुए नायरा के चेहरे पर मुस्कान आ गयी थी ...
अभी कार्तिक का फिर से फ़ोन बजा .... इस बार नीलू कालिंग स्क्रीन पर फ़्लैश हो रहा था ||
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