google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 गलतफहमी हिंदी कहानी - भाग 2, Hindi kahani - Galatfahami part - 2 , Romantic love story in hindi

गलतफहमी हिंदी कहानी - भाग 2, Hindi kahani - Galatfahami part - 2 , Romantic love story in hindi

   

गलतफहमी  हिंदी कहानी - भाग 2 | Romantic love story in hindi | Rochak Hindi Kahani

Hindi kahani


  किरन अपने घर के लिए निकल जाती है |

उधर किरन के मम्मी और पापा चिंतित हो रहे थे | कोई तो बात है किरन दो तीन दिन से ढंग से बात नहीं कर रही है |
और कुछ बता भी नहीं रही है | किरन के पापा ने कहा चलो आज चलके उसके हाल चाल पता करके आते है |
उसकी माँ ने कहा - सही कह रहे हो हमे चलना चाहिए | ठीक है मै जल्दी से घर का काम करलू फिर चलते है | 
बाते चल ही रही थी कि दरबाजे की घंटी बजी | रसोई से आवाज आयी , जरा देखो कौन है ?
अच्छा जी देखता हूँ |
     जैसे ही दरवाजा खोला तो सामने किरन को आँखों में अंशु और हाथ में सूटकेश के साथ पाया |
किरन बेटा तुम अचानक से , बिना बताये , सब ठीक तो है न , किरन ने कुछ नहीं बोला |
रसोई से हाथ पोछते हुए किरन की माँ आयी | अचानक बेटी को घर देख उनके चेहरे पे चिंता के भाव आ चुके थे ?
क्या हुआ किरन ?  अचानक से ? बिना कुछ बताये | क्या हुआ ?
किरन ने कुछ नहीं बोला | किरन के पापा ने कहा चलो अपने कमरे जाओ और आराम करलो , और किरन की माँ से कहा थोड़ा रुक जाओ ,
आराम करने दो बाद में पूछ लेना क्या हुआ | 
  बाद में जब उसके मम्मी पाप को जब इस पूरी घटना के बारे में पता चलता है तो वे बहुत दुखी होते है|
आखिर उनकी इकलौती बेटी को इस परेसानी का सामना करना पड रहा है|
उन्होंने कवीर से बात करने को कहा लेकिन किरन इस बात से इतनी छुब्द  हो गयी थी के उसने 
कवीर से  किसी भी कीमत पे बात करने से इंकार कर दिया |
    किरन का किसी भी काम में मन नही लगरहा था | उसे अपने आप से  चिढ़ होने लगी थी |
  खाने पीने का ध्यान कम कर दिया था इस कारण काफी कमजोर हो गयी थी | और चिड़चिड़ापन काफी हद तक बढ़ चुका था |
    ज्यादातर समय अपने अतीत को याद करती रहती थी | और सोचती रहती .....
   ऐसा क्या है आशा और कबीर के बीच में जिसकी वजह से  कवीर मुझे छोड़ रहा है, ये आशा है कोन ?  कैसी दिखती है, मेने कभी उसे देखा ही नही, न ही मेने कवीर के मुँह से उसकी कोई बात सुनी , आखिर कवीर उससे इतना क्यों कनेक्ट है | साथ में तो जॉब करती नही है उसके | वो थोड़ी से नरम दिखी पहली बार इस पुरे मामले में | 
    अब वो अपने आप को गलत समझ रही थी  | कम से कम एक बार बात तो सुनी होती कवीर की, आज कवीर को बहुत मिस कर रही थी |
  उधर कवीर की हालात बहुत ही बिगड़ती जा रही थी क्योंकी उसे ये बात बर्दास्त नही हो पा रही थी कि उसकी पत्नी उसे बिना बताये चली गयी |उसकी याद में पूरी तरह टूट के बिखर चुका  था | उसे सँभालने बाला कोई नही था | जब कभी उसके कदम बहकते थे तो किरन हमेशा उसे सम्भाल लेती थी | आज  वो उसे बहुत मिस कर रहा था | करे भी क्यों न  वही तो थी जिसे वो जान से भी ज्यादा प्यार करता था | 
लेकिन इनके बीच एक गलतफहमी नाम का शव्द रहा था |
     इस घटना की बजह से कवीर ऑफिस में सही से काम भी नही कर पा रहा था | अपने जरुरी कामो में बहुत से गलतियों कर रहा था | इस कारण उसे बॉस की रोज गालिया सुननी पड जाती थी,
  ऑफिस से निकलने बाद  रोज शराब की दुकान पे जाना तो नियम सा बन गया था | मनो किरन के बजाय अब मदिरा की बोतल से इश्क़ होगया हो |  यही चलता रहा कुछ दिनों तक, आखिर वो दिन आ ही गया जब कवीर को ऑफिस से रबानिगी का फरमान सुना ही दिया गया | उसे आफिस से निकल दिया गया |
  अब तो कवीर का एक मात्रा सहारा था तो बस शराब हो चुकी थी | सुबह शाम दवा के माफिक इस्तेमाल करने लगा था | 
  एक दिन शाम को आशा का कॉल आया |
@ हेल्लो ,,, कोंन बोल रहा है |
आशा बोल रही हूँ कैसे  बात कर रहे हो कवीर |
कवीर - ओके |
आशा - क्या हुआ कवीर " एव्री थिंग इस फाइन" ?
कवीर- नहीं सब कुछ लुटगया मेरा | 
आशा - क्या हुआ बताओगे कुछ, तुमने शराब पी हुयी है ?
कवीर- चुप रह जाता है |
आशा - बोल क्यों नही रहे ?किरन कहा है, तुम कहा हो ?
कवीर- वो मुझे छोड़ के चली गयी है |
आशा - कहा ? क्यों ?
कवीर- तुमारी वजह से |
आशा- माय गॉड ,, क्या बोल रहे हो ?
कहा हो में तुमसे मिलना चाहती हूँ |
में मेरे घर पर हूँ , ओके आती हूँ |
    आशा अपने दफ्तर से जल्दी काम निपटा के पहुची , देखती है कवीर पूरी तरह तवाह नजर आ रहा है, हुलिया भी बदल गया है| बड़ी हुयी दाढ़ी , चेहरा भी उतरा सा |
आशा- कवीर क्या हुआ, क्या चल रहा है ये सब ? 
इतना सब होगया और तुमने मुझे एक मैसेज तक नही किया | तुम मेरी बजह से इतने जलील होते रहे ,, क्यों ? बोलो |
कवीर के चेहरे पे मासूमियत और आँखों में आंसू के शिवाय और कुछ नही था |
आशा - कवीर टेक केयर योर सेल्फ |
मुझे पूरी बात बताओ, कैसे क्या हुआ ?
कवीर ने पूरी बात बताई |
ओके ... आशा ने  उस शाम कवीर को बहुत समझाया और किरन का नंबर ले के अपने घर चली जाती है|


आगे क्या होता है ? क्या आशा किरन से बात करती है | और क्या क्या होता है , जानने के लिए इंतजार कीजिये अगले भाग का | और अपनी समीक्षा देते रहिये |
धन्यवाद |
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