google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 हिंदी कहानी-अर्रेंज मर्रिज / Hindi kahani - Arrage Marriege Part 5

हिंदी कहानी-अर्रेंज मर्रिज / Hindi kahani - Arrage Marriege Part 5

 

हिंदी कहानी-अर्रेंज मर्रिज / Hindi kahani - Arrage Marriege Part 5


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नोट - कहानी के सभी भाग पढ़ना आवश्यक है ,

अब तक अपने पढ़ा , कार्तिक और नायरा दोनों डिस्को पहुंचे , लेकिन कार्तिक के घर से अर्जेंट आने के लिए उसे कॉल आ गया और उसे घर जाना पड़ा , नायरा वही बैठी रह गयी |


अब आगे ,


कार्तिक के चले जाने के बाद नायरा सोफे पर बैठी सोचती रही , कार्तिक इतना भोला है या फिर भोले होने का नाटक करता है , आज के टाइम पर ऐसा कोनसा बंदा होगा जो किसी लड़की के द्वारा लिफ्ट दिए जाने पर भी उसे अपने भोलेपन के पर्दे के पीछे छिपा देता हो , 

बताओ भला आज मेने कितना उकसाया पर बंदे के कान पर जू तक न रेगी ,

मुस्कराते हुए सोचने लगी , पर जो भी हो , बहुत क्यूट है , बहुत मजा आने वाला है उसके साथ |


और नायरा ने एक एक करके दोनों बेयर गटक ली थी , नायरा को अब नशा हो चुका था , उसे अकेला पीते हुए देख वहां उपस्थित कपल और सिंगल्स जितने भी मनचले थे सब के सब उसे घूर रहे थे , क्युकी बाकी सब किसी न किसी के साथ एन्जॉय कर रहे थे , अब नायरा ने वहां से निकल जाना ही सही समझा , इसलिए उसने अपना हैंड बैग उठाया और वहां से निकलने लगी , बाहर आने के बाद उसने कैब hire की और वहां से अपने पीजी चली गयी |  


कार्तिक जब घर पंहुचा तो उसने देखा , उसके घर के सभी सदस्य उसकी दादी माँ के कमरे में जमा है , 

उसकी दादी माँ बेड पर लेती हुई थी , उनकी आंखे बंद थी , साइड में उनके फॅमिली के डाक्टर बैठे थे और कुछ कार्तिक के पापा को बता रहे थे , और बाकी सब लोग बड़े ध्यान से उन्हें सुन रहे थे |

कार्तिक भी धीरे से कमरे में प्रवेश किया और डॉक्टर को हेलो कहा |


कार्तिक ने फिर सब दादी माँ के पास जा कर देखा तो वो आंखे बंद किये हुए थी , उसने सामने बैठे डॉक्टर अंकल को पूछा "क्या हुआ दादी माँ को "

डॉक्टर अंकल ने कहा "घबराने की कोई बात नहीं है , अक्सर इस उम्र में ऐसा हो जाता है , उन्हें ब्लड प्रेसर लो हुआ है , इसलिए "

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कार्तिक ने कहा "थैंक गोड़ , सब ठीक तो है न "

सबने कार्तिक की और देखा और कहा "परेशान न हो वो ठीक है "

इतने में कार्तिक ने observe किया की रिया उससे आंखे चुरा रही है , वो उसे फेस नहीं कर रही थी , वैसे रोज वो उसे किसी न किसी बात को लेकर छेड़ती ही रहती थी | लेकिन आज आज वो आंखे चुरा रही थी |


थोड़ी देर बाद डॉक्टर अंकल ने अपना बैग उठाया और जाने के लिए कहने लगे , उन्होंने दादी माँ को कुछ दवाईयां दी थी , उन्हें खिलने का तरीका बता के जाने लगे |


कार्तिक और उसके पापा राजेश दोनों डॉक्टर अंकल को दरवाजे तक छोड़ने चले गए , और बाहर ही दोनों बाते करने लगे 

राजेश ने कार्तिक को पूछा "आज लेट क्यों हो गए थे , कॉल करना पड़ा आने को "

कार्तिक ने कहा "पापा वो क्या है न की ऑफिस में हम दोस्त लोग बाते करने लगे थे फिर बाहर आ कर चाय पीने गए तो लेट हो गया "

राजेश फिर से पूछा "चाय ही पी रहे थे न , और कुछ तो नहीं "

कार्तिक ने कहा "नहीं नहीं पापा , कैसी बात कर रहे हो , चाय ही पी रहे थे "

राजेश ने फिर पूछा "फ्रेंड लड़के ही थे न या फिरर कोई गर्ल भी थी "

कार्तिक थोड़ा सरमाते हुए बोला "क्या पापा आप भी न " 

ये कहते हुए कार्तिक घर में अंदर आ जाता है , 

"are रुक सुन तो ," राजेश जी बोलते रह गए 


कार्तिक को सुबह बाली घटना याद आ गयी , उसने तुरंत रिया को आवाज लगाई , रिया रिया , कहाँ है ??

कार्तिक की माँ ने बताया ऊपर अपने कमरे में चली गयी है , अचछा ठीक है कहता हुआ कार्तिक सीधा ऊपर की और जाने लगा |


रिया समझ चुकी थी की भाई उसे आवाज लगा रहा है , और ऊपर आ रहा होगा , इसलिए उसने चद्दर ओढ़ के सोने का नाटक करने लगी , उसे भय लग रहा था की कार्तिक उसे सुबह के बारे में पूछेगा , क्या बताऊगी कौन था , और क्यों गले लग रहा था |

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कार्तिक कमरे में अंदर आ चुका था , वो भी समझ गया की रिया जल्दी सोने का नाटक कर रही है |

उसने फिर से रिया को पुकारा , लेकिन रिया ने कोई रेस्पॉन्स नहीं किया 

कार्तिक रिया के पास आ कर फिर से बोला रिया , मुझे  पता है तू जानबूझ कर सोने का नाटक कर रही है , जल्दी उठ जा नहीं तो , 

सुन रही है न तू , नहीं तो मैं तेरी सुबह बाली बात माँ को बता दूंगा 


ये सुनते ही रिया झट से उठ गयी , और बोली भाई , प्लीज ऐसा मत करना नहीं तो माँ मुझे मार डालेगी , घर में ही बंद कर देगी 

  

कार्तिक बोला "अच्छा तो मेरा शक सही निकला , तू सोने का नाटक कर रही थी "

रिया ने कहा "नहीं भाई , मुझे डर लग रहा था इसलिए "

कार्तिक ने पूछा "कैसा डर "

रिया ने फिर कहा "यही की तुम कही माँ को न बोल दो "

कार्तिक ने कहा "और अगर बोल देता तो "

रिया ने कहा "तो क्या मेरी बैंड बज जाती "


अब कार्तिक ने रिया के बाल पकड़े और बोला "बीटा बेंड अब मैं बजाऊगा तेरा "

रिया दर्द से चिल्लाते हुए बोली "भाई छोड़ , पागल है क्या , दर्द होता है मुझे "

कार्तिक ने कहा "दर्द के लिए ही तो पकड़ा है "

रिया ने फिर कहा "अब बस भी कर , दर्द हो रहा है मुझे "

कार्तिक ने बाल छोड़े और पूछा "कौन था वो "

रिया ने गुस्से से कार्तिक की और देखा और बोली "फ्रेंड था , ऐसा वैसा कुछ नहीं है समझे "

कार्तिक ने फिर से पूछा "तो डर क्यों रही थी "

रिया ने कहा "बस ऐसी ही "

कार्तिक ने फिर कहा "फ्रेंड मिलते ही गले लगा के किश करते है न ??"

अब रिया चुप थी , कार्तिक के दुवारा पूछने पर बोली "यार वो थोड़ा सा पागल सा है , कभी कभी ओवर रियेक्ट कर देता है मैं कितने बार तो उसे समझा चुकी हूँ "


कार्तिक ने कहा "अच्छा तो अब मुझे पागल बना रही है "

रिया ने कहा "सच्ची भाई , झूठ नहीं बोल रही "

कार्तिक ने कहा "चल दिमाग न ख़राब कर , और हाँ दुवारा ऐसी हरकत न देख लू बरना वही से मारता हुआ लोग और माँ को भी सब बताउगा "

रिया ने मुँह बनाते हुए कहा "ओके प्रॉमिस भाई "

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कार्तिक ने  उसकी चद्दर पकड़ के फेकि और बोला चल खाना खाते है चल के , और मुस्कराने लगा 

रिया भी उठ के खड़ी हो गयी और मुस्कराते हुए कार्तिक को गले लगा के बोली "सॉरी भाई "

कार्तिक ने कहा "its ok"



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