हिंदी कहनी अरेंज मैरिज भाग -7 | Hindi Kahani Arrange Marriage
Rochak Hindi Kahani
अब आगे ,
सुबह रोज की तरह अपने अपने काम पर जाने के लिए तैयारियां चल रही थी नास्ता बन रहा था , कुछ लोग बाथरूम में नहा रहे थे , कुछ कपडे पहन के तैयार हो रहे थे |
शीला ने जोर से चिल्ला के कहा "अरे कहा हो , तुम्हारा फोन बज रहा है "
राजेश ने बाथरूम से आवाज दी मैं तो नहा रहा हूँ , तुम देखो कौन है
"सुबह सुबह बस यही काम और बचा है मेरे लिए , होगा कोई तुम्हारा फलटूखोर दोस्त "
"अरे जा के देखो तो एक बार " राजेश ने कहा
शीला ने कहा "हाँ जा रही हूँ "
हेलो कौन शीला ने फोन रिसीव किया
हेलो , बहन जी नमस्कार , मैं ओमकार बोल रहा हूँ , नीलू का पिता
"अच्छा नमस्कार भाई साहब , सब ठीक तो है न " शीला ने जल्दी से पूछा
"हाँ हाँ सब कुशल मंगल है , " ओमकार जी ने कहा
"अच्छा है फिर तो ," शीला ने कहा
"भाई साहब से बात करनी थी एक बार " ओमकार जी ने कहा
"जी , वो तो बाथरूम में है , थोड़ा सा टाइम लगेगा , आप हमसे भी कह सकते हो " शीला जी ने कहा
"जी ऐसी कोई बात नहीं है , आप से भी कह सकते है " ओमकार जी ने कहा
शीला ने कहा "जी , एक ही बात है हम दोनों की , और हसने लगी "
ओमकार जी भी मुस्करा दिए और बोले "अगर आप बुरा न मने तो , बो क्या है न की , हमारे बहनोई जी ने कहा की वो एक बार लड़के से और आप लोगो से मिलना चाहते है , उसके बाद मिल कर सब लोग गोद भराई की तरीक फिक्स कर लेंगे "
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शीला जी ने चिंता जताते हुए कहा "नहीं जी ऐसी कोई बात नहीं है , लेकिन सब कुछ तय होने के बाद भी कोई दिक्कत है क्या आप को "
ओमकार जी ने कहा "नहीं जी हमे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन बहनोई भी हमारे ही है तो उनकी भी बात मानाने पड़ेगी इसलिए उनके खातिर एक बार , फिर सब फिक्स हो जायेगा "
शीला जी ने कहा "ठीक है , हमे कोई परेशानी नहीं है , जब चाहो आ जाओ "
ओमकार जी ने कहा "तो मुँह मीठा करने हम कल ही आजाते है "
शीला जी ने भी हामी भर दी और राधे राधे कह के कॉल कट कर दी |
इतने में राजेश जी भी बहार आ चुके थे , उन्होंने गर्मजोशी से पूछा कौन था , इतनी देर किस से बात हो रही थी ,
शीला ने कहा "तुम न हर वक्त , ओमकार जी का कॉल था "
राजेश ने पूछा "अच्छा तो समधी जी से बतिया रही थी , जरा उनके चक्कर में हमे मत भूल जाना "
शीला ने नाक सुकोडते हुए कहा "तुम्हे मजाक सूझ रहा है "
राजेश ने कहा "क्यों क्या हुआ बताओ , क्या कह रहे थे "
शीला ने कहा "उन्हें अभी भी डाउट या कुछ और दिक्कत है , कल फिर से एक बार वो अपने कार्तिक और हम सबसे मिलना चाहते है "
राजेश ने कहा "तो इसमें बुराई क्या है मेडम , शादी कर रहे बेटी की तो उन्हें भी पूरी तसल्ली करने का हक़ है "
शीला ने कहा "तो कितने बार करेंगे तसल्ली , हमारा बेटा क्या कोई गलत है जो बार बार "
राजेश ने हाथ से फोन लेते हुए कहा "उनकी जगह मैं होंगे तो मैं भी यही करुगा , और तुम्हारे पापा भी तो कितने बार मिले थे मुझसे याद है तुम्हे "
अब शीला के चेहरे पर मुस्कराहट आयी , चलो आने दो कल उन्हें नास्ता पानी का इंतजाम रखना , और चलो आज का तो खाना पीना बांधो मुझे देर हो रही है |
और हाँ अपने लाडले से कह देना कल की ऑफिस से छुट्टी लेले , नहीं तो वो लोग यहां आये और शाहब ऑफिस चले जाये |
"हाँ बोल दूंगी " शीला ने कहा
शीला रूम से बाहर आयी तो कार्तिक तैयार हो कर नास्ते के लिए टेबल पर बैठा है , शीला ने जल्दी से नास्ता दिया और कार्तिक से कहा "कार्तिक बेटा वो क्या है की कल की तुम ऑफिस से छुट्टी ले लेना "
कार्तिक ने नास्ता खाते हुए पूछा "क्यों "
शीला ने कहा "वो लड़की बाले कल तुमसे मिलने आ रहे है "
कार्तिक ने कहा "फिर से "
शीला ने कहा "हाँ वो न एक बार और तुमसे और हम सबसे मिलना चाहते है , और साथ ही रिश्ते के लिए डेट भी फिक्स करना चाहते है "
कार्तिक ने कुछ कहा नहीं और नास्ता जल्दी से ख़तम करने में लगा रहा |
ओके माँ मैं चलता हूँ , ऑफिस के लिए लेट हो रहा हूँ ,
शीला ने भी हाँ बोल दिया , कार्तिक जल्दी से अपनी बाइक निकल के ऑफिस के लिए चला जाता है |
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थोड़ी देर में रिया भी तैयार हो कर कॉलेज के लिए जाने लगी , उसके बाद राजेश जी भी अपना स्कूटर निकल के जाने लगे , तभी शीला ने उन्हें टोकते हुए कहा "तुम कहा जा रहे हो "
राजेश जी ने स्कूटर में किक मारते हुए कहा "अरे भाई रोज बाली जगह अपने काम पर "
"कल ओमकार जी आने वाले है तो उनके लिए खाने पीने की तैयारी नहीं करनी क्या ?" शीला ने कहा
राजेश जी ने कहा "तो ऐसा करते है , मैं दोपहर बाद आजाऊंगा , फिर मार्किट चलते है "
शीला ने कहा "आ जाना , तुम आज कल भूलने की बीमारी हो गयी है "
राजेश ने मुस्कान चेहरे पर बिखेरते हुए कहा "मेरी जान , तुम हो न याद दिलाने को "
शीला ने डाँटते हुए कहा "आगे पीछे तो देख लिया करो , पीछे माँ जी बैठी है कही भी शुरू हो जाते हो "
राजेश जी ने आँख मारी और बोले 'कोई नहीं मैं चलता हूँ , दोपहर मैं आ जाउगा , तुम तैयार रहना "
शीला ने कहा "ठीक है अपना डब्बा लेते जाओ "
राजेश ने अपना खाने का डब्बा लिया और कहा "सुनो , जल्दी तैयार हो जाना , लगे हाथ आज मूवी भी देखने चल लेंगे "
शीला ने कहा "तुम न सुधर जाओ , घर में बहू आने बाली है , और तुम्हे मस्ती सूझ रही है "
राजेश ने जाते हुए कहा "मैं आता हूँ फिर "
राजेश जी के चले जाने के बाद भी शीला के चेहरे पर मुस्कान बिखरी रही , फिर थोड़ी देर बाद उन्हें याद आया की गैस पर उन्होंने दूध चढ़ाया हुआ है , जल्दी से वो किचिन की और दौड़ी ,,,,,,
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