google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Bhoot ki kahani : Aaj Dophar 12 bje - Part 17 : Horror Story in Hindi

Bhoot ki kahani : Aaj Dophar 12 bje - Part 17 : Horror Story in Hindi

Bhoot ki kahani : Aaj Dophar 12 bje - Part 17


गांव बाले खड़े खड़े तैरते हुए मटके को देख कर कांप रहे थे , किसी की भी हिम्मत नहीं हो रही थी की उस मटके को लाने बाले इंसान को भी ढूंढे या नहीं | सब लोग दर से कांप ही रहे थे , तभी वहां तेज हवाओ के चलने का अहसास हुआ , कुछ लोग जो तालाब के किनारे खड़े थे , उनपर हवा का जयादा दवाव होने के कारण कुछ लोग तालाब में फिसल कर गिर गए | उनके गिरते ही लोगो के अंदर उस पिशाचिनी का ऐसा भय जागा की आधे लोग तो बेहोश होने वाले हो गए , कुछ ने वहां से भागना ही ठीक समझा और कुछ वही पर इधर उधर निकलने लगे | आखिर सबको अपनी जान प्यारी थी |

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काफी देर तक तालाब का पानी न आने के कारण अघोरी के मंत्रो का असर फीका पड़ता जा रहा था , वहां उपस्थित कुछ लोगो से अघोरी ने कहा "अब हमारे पास केबल आधा घंटे से भी कम समय है अगर तालाब का पानी नहीं आया तो मेरे मंत्र और तंत्रक विद्या काम नहीं करेगी"

सूबेदार बाबा ने अपने बगल में बैठे डॉक्टर और रतन सिंह से कहा "आप लोग हिम्मत करो और जा कर देखो , नहीं तो अपने गांव की जान खतरे में है "

 पहले तो डॉक्टर और रतन सिंह ने जाने में आनाकानी दिखाई लेकिन फिर कोई और चारा न था तो उन्होंने वहां से जाने फैसला किया , लेकिन उन्होंने अघोरी बाबा से अपनी जान की सुरक्षा के लिए कुछ इंतजाम करने को कहा 

तो अघोरी बाबा ने उन्हें एक एक ताबीज निकल कर दिया और कहा इस ताबीज को अपने गले से मत उतरने देना , तुम्हारा पिशाचिनी कुछ नहीं बिगड़ पायेगी , लेकिन तुम्हे डरा सकती है , अगर डर गए तो उसकी शक्ति और भी बढ़ जाएगी और तुम्हे हानि भी पंहुचा सकती है |

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ताबीज को अपने गले में पहन के डॉक्टर और रतन सिंह दोनों तेजी से गांव के तालाब की और बढ़ने लगे , अघोरी के मुताबिक उन्हें इमली ने कोई हानि नहीं पहुचायी लेकिन उन्हें बापस न आने देने का प्लान बना लिया था | पिशाचिनी ने उन्हें अपनी काली शक्ति से रास्ता भटकाने का प्लान बनाया और गांव से काफी दूर तक ले जाने का इरादा किया |

लेकिन अघोरी बाबा ने उन्हें पहले से चौकन्ना कर दिया था तुम्हारे साथ कुछ भी हो सकता है |


इधर दीपक को धीरे धीरे होश आने लगा था , अब अघोरी बाबा की परेशानी और भी बढ़ने जा रही थी , क्युकी अगर दीपक को होश आया तो इमली दीपक के शरीर में प्रवेश कर उसकी शक्तियों को क्षीण करने की कोशिश करेगी | अब बाबा की भी बेचैनी बढ़ती जा रही थी , अगर बाबा आज पिशाचिनी को अपने बस में नहीं करता तो फिर उसके भी बुरे हाल कर देने बाली थी |  

अब बाबा ने अपने थैले से एक अजीव सी पुड़िया निकली और उस पुड़िया से एक मानव मस्तिष्क की एक छोटी सी हड्डी थी उसको एक खोपड़ी के ऊपर रख कर उस पर धुप बत्ती जला के मंत्र उच्चारण करने लगा | जैसे मंत्र जाप आगे बढ़ता चला गया , दीपक जो की होश में आने वाला था , उसका शरीर रस्सी की तरह इतने लगा और फिर से बेहोश हो गया | ऐसा होता देख दीपक के पड़ोसियों की हालत खुश्क होने लगी | उन्हें लगाने लगा शायद आज दीपक का कही अंतिम दिन न हो जाये | सब लोग अघोरी बाबा से विनती करने लगे की वो उनको और उनेक मुहल्ले बालो को पिशाचिनी के काले साये से बचा लो |

बाबा अपने मंत्र जाप में मंत्रमुग्ध था | कुछ देर बाद अघोरी ने अपना काम पूरा किया और बाकी बैठे कुछ अन्य लोगो से पूछा की पानी लेने गए लोग अभी तक बापस आये या नहीं | जवाव तो सबका न में ही था |

इस बात से अघोरी बाबा को गुस्सा आने लगा , और गुस्से में बाबा ने कहा अगर पानी लेकर नहीं आते तो इस गांव को कोई भी नहीं बचा सकता | और फिर से कुछ तंत्र मंत्र करने में जुट गया |


डॉक्टर और रतन सिंह को समझ नहीं आ रहा था की उनके कदम न जाने क्यों तेजी से नहीं उठ पा रहे थे, उन्हें न जाने क्यों ऐसा आभास हो रहा था की उनके पैरो में बेड़िया पड़ी हुई है | चलने में बहुत पीड़ा का सामना करना पड़ रहा था , फिर भी दोनों कोशिश किये जा रहे थे | डॉक्टर को अचानक से तेज प्यास लगी , उसने प्यास के मारे व्याकुलता दिखाई तो रतन सिंह ने पास बाले घर पानी मांगने को कहा |

जब डॉक्टर ने पास बाले घर के दरवाजे पर जा कर पानी के लिए गेट घटघटाया , थोड़ी देर इंतजार करने पर अंदर से एक अधेड़ सुन्दर सी महिला ने दरवाजा खोला , रतन सिंह को शक हुआ , सोचने लगा ये महिला तो कभी पहले गांव में देखी नहीं , इस घर में तो कोई महिला रहती ही नहीं है | इस घर में कालिया और उसकी बूढी माँ ही रहती है | 

डॉक्टर ने उस महिला से पानी देने का आग्रह किया , तो वो महिला पानी लेने अंदर चली गयी |

रतन सिंह ने डॉक्टर को चेताया की इस घर में पहले कोई महिला नहीं रहती थी , हो सकता है हमे इमली कोई चूना लगा रही हो ? डॉक्टर का प्यार से गाला सूखा जा रहा था , तो डॉक्टर ने कहा - जो भी पहले दो चार बून्द पानी की जाने दो फिर देखेंगे |

फिर रतन सिंह ने कहा - ठीक है लेकिन अंदर मत जाना , मुझे ये भूतिया घर लग रहा है |

रतन सिंह ने कहा ही था की अंदर मत जाना कि अंदर से आवाज आयी "गेट के अंदर आजाओ, पानी पीने के लिए "

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डॉक्टर अंदर जाने लगा , तो रतन सिंह ने उसे रोक दिया और पानी बहार लाने के लिए कहा |

थोड़ी देर इंतजार करने पर कोई बाहर न आया तो रतन सिंह ने डॉक्टर को कहा - चलो यहाँ से नहीं तो मुझे कुछ गड़बड़ होने की आशंका लग रही है |

डॉक्टर ने कहा - अब मुझसे एक कदम भी नहीं चला जायेगा , न जाने क्यों मेरे प्राण से निकले जा रहे है |

तब फिर रतन सिंह ने आगे बाले घर से पानी लेने के लिए कहा - तो डॉक्टर ने कहा ऐसा करो तुम ही पानी ले आओ

रतन सिंह आगे बाले घर में पानी के लिए गया तो उस घर में भी कोई नहीं था , उस घर में भी एक महिला की ही अबाज सुनाई दी | रतन सिंह ने पानी के लिए अंदर आने के लिए पूछा तो उसे अंदर आने के लिए कह दिया गया |

रतन सिंह जब अंदर गया तो देखा की वही महिला जो पिछले घर में थी बैठी बैठी मुस्करा रही है | रतन सिंह का तन बदन पानी पानी हो गया , वो जो नहीं चाह रहा था , जिससे बचने की कोशिश कर रहा था , वही हुआ |


रतन सिंह ने पूछा "तुम ? तुम तो उस घर में अंदर गयी थी "

 महिला ने जवाव दिया "वो भी मैं ही थी , और हसने लगी "

रतन सिंह उलटे पैर लौटने लगा तो महिला उसे रोकते हुए बोली "कोई फायदा नहीं है , गेट लॉक हो चुका है "

रतन सिंह का गाला सूखने लगा था , भय की बजह से उसके शरीर का टेम्प्रेचर आसमान छूने लगा था , सांसे तेज और धड़कन बढ़ चुकी थी , चक्कर आने की बजह से रतन सिंह वही बैठ गया |


इमली एक ऐसी पिशाचिनी थी जो अपने शिकार को अपने चंगुल में फसा कर उसके साथ अपनी जिस्मानी भूख मिटाती है, ऐसा इसलिए था क्युकी उसकी मौत का कुछ हवसी दरिंदो की जिस्म की भूख ही थी , इसलिए ये पिशाचिनी अपने शिकार को अपनी हवस का शिकार बनती थी , साथ ही ऐसा करने से पिशाचिनी की काली शक्ति भी बढ़ जाती थी | 

इमली ने अब रतन सिंह जो की एक मजबूत कदकाठी का इंसान था , उसे अपनी हवस का शिकार बनाने की कोशिश में जुट गयी | 

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बहुत देर हो जाने के बाद जब गांव बाले लोग जो पानी लेने गए थे उनमे से कुछ लोग बापस लौटे तो उन्होंने जो देखा तो सबकी आंखे खुली की खुली रह गयी , सब चीखते हुए वहां भागने लगे और अपने अपने घरो में घुस गए | कुछ लोगो ने बाबा की हालत देख कर उन पर तरस खा कर उन्हें पेड़ से उतरने की कोशिश करने लगे | बाबा को इमली ने उनकी गर्दन को घुमा कर उल्टा कर दिया था और जीभ को हलक से खींच कर बहार कर दिया था , बाबा को उल्टा पेड़ से लटका दिया था |


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