Hindi Kahani New : Arrange Marriage Part - 39 | Love Story Hindi
कार्तिक घर लेट पहुंचा और बिना खाना खाये ही सो गया | अगले दिन सैटरडे था , संडे को उसे नीलू से पहली बार मिलने जाना था , लेकिन उसकी लाइफ के साथ अब न जाने क्या हो रहा था , जब तक वो २५ साल का था तब तक उसे किसी सुन्दर लड़की से हाय या हेलो करने में भी शर्म आती थी , इसलिए तब तक उसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी, लेकिन जब से उसकी शादी की बात हुयी थी तब से उसकी जिंदगी में कई लड़कियां शामिल होने लगी , अब समझ नहीं पा रहा था की क्या करे , बस वो वक्त की नजाकत को बिना समझे ही सबके करीब जाने लगा था | उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था की उसकी शादी फिक्स हो ही चुकी है |
जब सुबह कार्तिक की नींद खुली तो उसका फ़ोन घनघना रहा था | उसने देखा नीलू की कॉल आ रही है |
नीलू - हेलो , गुड मॉर्निंग सर जी ||
कार्तिक (नींद बाली आवाज में ) गुड मॉर्निंग
नीलू - अरे ये क्या अभी तक सो ही रहे हो क्या ??
कार्तिक - हाँ , रात को नींद अच्छी आयी तो उठने का मन नहीं कर रहा था |
नीलू - ओहो , अच्छी नींद आने का कोई कारण ??
कार्तिक अपनी आंखे मलते मलते मुस्कराने लगा और कहा - कारण ... एक जवान लड़के के लिए इस उम्र में क्या कारण हो सकते है |
नीलू ने हस्ते हुए कहा "इस उम्र में तो हर लड़का एक ही सपना देखता है "
कार्तिक ने बड़ी ही उत्सुकता से पूछा "क्या , क्या , जल्दी बताओ "
नीलू ने फिर कहा "अरे बाबा सिंपल है की उसके सपनो में कोई सुन्दर सी पारी आजाये .. और हँसाने लगी "
कार्तिक भी नीलू के साथ हसने लगा .. फिर बोला "तुम्हे बहुत पता है "
नीलू ने कहा "हाँ पता है न , वो क्या है न की मेरे भी एक दो मेल फ्रेंड्स है तो उनकी बाते सुनती रहती हूँ "
कार्तिक "अच्छा तो ये बात है "
नीलू "हम्म"
कार्तिक "तुम नहीं बुलाती किसी राजकुमार को अपने सपनो में "
नीलू "हाँ , कोशिश तो कर रही हूँ लेकिन वो है की आता ही नहीं "
कार्तिक "पूरी शिद्दत से बुलाओ , जरूर आएगा "
नीलू हसने लगी और बोली "हाँ संडे को बुलाया है देखते है आता है की नहीं "
कार्तिक और नीलू दोनों हसने लगे ,
चलो , माँ बुला रही है , फिर बात करती हूँ .
ओके , ठीक है ||
आज कार्तिक की नीलू से भले ही ३ मिंट ही बात हुयी थी ,लेकिन आज उसके दिन की शुरुआत उसके हिसाब से बेहतर हुई थी , उसे अच्छा फील हो रहा था | उसका मन हल्का हल्का लग रहा था ,और अब उसे नीलू से मिलने की दिलचस्पी भी बढ़ने लगी थी , अब उसे रोज की तरह ऑफिस जाने में ज्यादा रूचि नहीं थी बल्कि उसे ये सोचने में मजा आ रहा था की कल वो नीलू से मिलेगा तो उसके लिए क्या ले जाना चाहिए या फिर उसके लिए कुछ स्पेशल करना चाहिए |
आखिर हम पहली बार जो मिलने जा रहे है |
जल्दी जल्दी कार्तिक तैयार हुआ और ऑफिस के लिए बिना नास्ता किये ही जाने लगा | जब कार्तिक की माँ शीला ने ज्यादा फाॅर्स किया तो उसने जल्दबाजी में दो ब्रेड ही खाये और निकल गया ||
जब ऑफिस पंहुचा तो उसे गेट पर अमन जाती हुई मिली ,,,
हे ... कार्तिक .. तुम आज जल्दी कैसे आ गए - अमन ने पूछा
गुड मॉर्निंग .. - कार्तिक ने कहा
हाँ हाँ गुड मॉर्निंग जी - अमन ने कहा
कार्तिक - रुको , मैं बाइक खड़ी करके आता हूँ फिर चलेंगे ..
जाओ जल्दी से आओ मैं यही खड़ी हूँ ||
थोड़ी देर बाद ,,,
कार्तिक - अरे तुम अकेली आयी हो , सुहानी ??
अमन ने सोने वाला इसरा करते हुए कहा - अभी भी सो रही है ||
कार्तिक - तुमने उसे जगाया नहीं
अमन - हाँ जगाया था , तो बोली उसकी तबियत ठीक नहीं है , आज ऑफिस नहीं जाएगी
कार्तिक - क्यों क्या हुआ था ,
अमन - कुछ खास नहीं सर दर्द बता रही थी, मैंने उसे पैन किलर दे दी थी , और अपनी फ्रेंड को बोल दिया था की उसका ध्यान रखे, तुम बताओ कब पहुंचे थे घर ||
कार्तिक - यार लेट हो गया था , घर पर सब सो चुके थे , शुक्र था की पापा जी सो गए थे , बरना बहुत डांट पड़ती , सॉरी यार थक गया था तो सो गया तुम्हे कॉल भी न कर सका |
अमन - कोई नहीं ,मैं समझ गयी थी की तुम सो गए होंगे , कुछ ज्यादा ही हो गया था , मैं भी तो जल्दी ही जाते ही सो गयी थी , रात को यार सुहानी ने तो बहुत ड्रामा किया |
कार्तिक - क्या ??
अमन - यार रास्ते भर रोती रही , हॉस्टल में भी , और मुझे बोलती रही , तुमने ठीक नहीं किया , तुमने कार्तिक से ये सब कर लिया |
कार्तिक ने कहा - तुमने क्या कहा
अमन - कुछ नहीं , बस सुनती रही |
कार्तिक - यार मुझे तो पता ही नहीं की सुहानी मुझे कब से लाइक करने लगी है , उसे बुरा तो लगा होगा ही , जब उसने हमे देखा तो हम एक दूसरे से चिपके हुए थे |
अमन - यार वो,, उस टाइम फीलिंग ही कुछ ऐसी आ गयी की हम दोनों से रुका ही नहीं गया , क्या कर सकते थे |
कार्तिक मुस्कराया और बोला - कर तो सकते थे , अगर थोड़ी देर सुहानी और नहीं आती तो शायद कुछ ओर भी हो जाता ||
अमन ने शरमाते हुए कार्तिक को हलकी सी चपत मारते हुए कहा - ऐसा कभी नहीं होता , तुम तो बड़े बेशरम हो , कुछ भी बोल रहे हो ||
कार्तिक ने जोली मूड में फिर से कहा - क्यों नहीं होता ??
अमन ने जोर देते हुए कहा - कभी नहीं ..
कार्तिक - अच्छा एक बात बताओ , पक्का बताओगी न
अमन - हम्म पूछो
कार्तिक - चलो छोडो शाम को कॉल करुगा तो बताना
अमन - अरे पागलू पूछो तो सही , बताऊगी
कार्तिक - ठीक है बता देना ,
वो लोग खड़े बात ही कर रहे थे , तब तक सामने से नायरा आ रही थी , नायरा को देख कर अमन और भी कार्तिक के करीब आ कर खड़ी हो गयी , लेकिन अब कार्तिक थोड़ी दूरी बनाना चाह रहा था, लेकिन ऐसा हो न सका |
नायरा ने उन्हें देख ही लिया , नायरा उनके पास से चुपके से निकल गयी , उसने अपने कानो में ईरफ़ोन लगा रखे थे , उसने एक बार भी कार्तिक या अमन की ओर देखा भी नहीं |
कार्तिक सोचने लगा , इसे कहते है इग्नोरेंस , देखो इसने तो मुझे एक आंख भर देखा भी नहीं ||
अमन ने भी नोटिस किया की आज नायरा कुछ अलग ही अंदाज़ में आयी है , नयी वही ड्रेस जो बॉस ने दी थी , इस ड्रेस में वो काफी एरोगेंट दिख रही थी , लेकिन उसकी ख़ामोशी बहुत कुछ कहना चाह रही थी |
नायरा अपनी शीट पर जा कर बैठ गयी \ थोड़ी देर बाद कार्तिक और बाकी साथी भी आ कर अपनी अपनी शीट पर बैठने लगे |
कार्तिक भी अपनी शीट पर आया और बैठते हुए उसने नायरा को विश किया - गुड मॉर्निंग डिअर ,
नायरा ने बिना कार्तिक की ओर देखे ही उसे रिप्लाई किया | कार्तिक नायरा को ही देख रहा था .. लेकिन एक बार भी उसे अटेंशन नहीं दिया ||
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