google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Hindi Kahani New : Arrange Marriage Part - 38 | Love Story Hindi

Hindi Kahani New : Arrange Marriage Part - 38 | Love Story Hindi

 


Hindi Kahani New : Arrange Marriage Part - 38 | Love Story Hindi

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सुहानी खड़ी हाथ में बियर की बोतल लिए दोनों को देखती रही , हद तो तब हो गयी सुहानी इंतजार कर रही थी की कब ये दोनों अलग होंगे और मैं इन्हे डाँटूगी , लेकिन दोनों अलग होने का नाम ही नहीं ले रहे थे | फिर सुहानी से रहा नहीं गया तो उसने चिल्लाया 

"अमन तुम्हे शर्म तो आ नहीं रही होगी "

सुहानी की आवाज सुनते ही अमन को होश आया और उसने कार्तिक से खुद को दूर किया | और मुड़ के सुहानी की ओर देखा 

सुहानी गुस्से में दिख रही थी , अमन ने निगाह नीचे की और सुहानी के पास आ गयी |

अमन ने सिटपिटाते हुए कहा " सुहानी वो हम , क्या है की .... गिर गए थे तो .... ये सब उसकी ,,,,, मतलब कार्तिक ने मुझे संभाल लिया था तो हम खड़े हो गये थे |"

सुहानी ने कार्तिक की और देखा , कार्तिक अभी भी अपने होठ अपने रुमाल से साफ कर रहा था |

सुहानी ने कहा "अच्छा तो तुम दोनों गिर गए थे , मतलब की इतने गिर गए की बार में ही ..... शुरू हो गए "

अमन ने अपनी सफाई देते हुए कहा "नहीं नहीं सुहानी , तुम गलत समझ रही हो , मुझे कुछ ज्यादा नशा हो गया है तो मैं गिर गयी थी , कार्तिक ने मुझे पकड़ के खड़ा ही किया था की तुम आ गयी , अच्छा हुआ तुम आ गयी , चलो उधर चलते है "

सुहानी ने कहा "अमन मेरी आंखे मुझे धोखा नहीं दे सकती की तुम क्या कर रही थी क्या नहीं , मुझे मत बनाओ ठीक है , कम से कम अब अपनी ड्रेस तो ठीक करलो , अंदर से तुम्हारी ब्रा दिख रही है , और ये अपने बाल भी "

अमन अब ज्यादा झेप गयी और कुछ न बोली अपने बाल और कपड़े सही करने लगी , कार्तिक चुप खड़ा था , 

सुहानी ने चुटकी बजाते हुए कार्तिक को आने को इशारा किया और अपने चेहरे पर गुस्से बाले तेवर लायी |

कार्तिक पास आया और बनाऊ चेहरा बना के बोला "अरे सुहानी तुम , कहाँ थी , हम लोग कब से तुम्हे ही ढूंढ रहे थे "

सुहानी ने कृत्रिम हसी चेहरे पर लायी और बोली "कार्तिक मैं बच्ची हूँ जो खो गयी थी और तुम हमे ढूंढते ढूंढते यहाँ कोने तक आ गए और अमन के ............"

अब कार्तिक अपने आप में शर्मिंदा महसूस करने लगा और इधर उधर देखते हुए बोला "नहीं नहीं , मैं तो इधर ही आया था , तब तक अमन भी आ गयी थी "

सुहानी ने आवाज तेज करते हुए कहा "बस करो यार तुम दोनों , बस करो , रेंज हाथ पकड़े हो तुम मैंने , और बहाना बना रहे हो "

अमन ने मुरझाई हुयी आवाज में कहा "सुहानी , सॉरी , लेकिन तुम हमे गलत मत समझो "

सुहानी "क्या गलत न समझो , मेरी आँखों के सामने तुम दोनों एक दूसरे को किश कर रहे थे "

अब न तो अमन बोली और न ही कार्तिक ने कुछ कहा 

सुहानी फिर से बोली "कार्तिक तुमने मुझे चीट किया है " और रोने लगी 

कार्तिक ने आश्चर्य से कहा "चीट , मैंने तुम्हे क्यों चीट किया "

सुहानी ने अपने आँसू पूछते हुए  कहा "मैं तुम्हे लाइक करती हूँ , तुम्हे कही न कही अपना मानने लगी हूँ  "

कार्तिक ने कहा "अगर तुम मुझे प्यार करने लगी हो या लाइक करने लगी हो तो मुझे कैसे पता चलेगा , जब बताओगी तब न , और इसमें चीट बाली क्या बात  है "

सुहानी ने कहा "कार्तिक मैं तुम्हे आज सब कुछ बता देना चाह रही थी इसलिए मैं तुम्हे खोजती हुई यहाँ आयी थी , लेकिन तुम दोनों तो ...."

कार्तिक ने कहा "सॉरी सुहानी , मैंने जाने अनजाने में सही तुम्हे हर्ट किया है , सॉरी "

अमन ने भी सुहानी का हाथ पकड़ा और उसे सॉरी बोला , उसने कहा "मुझे अगर पहले से पता होता तो ये कभी नहीं करती "

सुहानी ने बियर का घुट मुँह में भरते हुए कहा "its okay , प्लीज लीव मी अलोन , थोड़ी देर के लिए ,"

और सुहानी अपनी बियर पीने लगी , कार्तिक और अमन एक दूसरे की और देखते रहे ||

जब सुहानी ने बियर पूरी पी ली और फिर एक और लेने के लिए आगे जाने लगी तो उसे कार्तिक रोका और कहा "सुहानी तुम पहले से ही कुछ ज्यादा पी चुकी हो , अब रहने दो नहीं तो तुम्हारी तबियत बिगड़ जाएगी "

सुहानी ने अपना हाथ छोड़ने को कहा और जोर से हस्ती हुयी बोली "अरे तुम्हे इस बात से क्या फर्क पड़ता है , मत रोको मुझे अब , मुझे और पीनी है "

कार्तिक ने कहा "तुम्हे अब होश नहीं है की तुम्हे क्या करना है क्या नहीं , अमन चलो इसे सोफे पर बिठाओ  "

अमन और कार्तिक ने मिल कर सुहानी को सोफे पर बिठाया , सुहानी ने बास्तव में बहुत पी रखी थी तो उसे नशा होने लगा था |


अब एक एक करके सारे लोग जो एक साथ ऑफिस से आये थे , एक ही जगह जमा हो गए थे , सबने बियर पी राखी थी तो सब नशे में झूम रहे थे | घड़ी में भी अब साढ़े आठ बज चुके थे तो सब को अब अपने अपने घर की याद आने लगी थी | एक एक करके सब अपने अपने रस्ते नापने के बारे में प्लानिंग करने लगे , 


सुहानी ने ज्यादा नशा कर रखा तो उसने कहा "कोई मुझे प्लीज मेरे हॉस्टल तक ड्राप करदो"

अब सब तो नशे की ही हालत में थे तो कौन हाँ बोलता , सब अपने मोबाइल या फिर किसी सुन्दर सी लड़की को ताड़ने में लगे पड़े थे |

मनीष और दीप्ति एक साथ निकलने के तैयार थे , मनीष ने कहा "मेरे घर के दीप्ति का घर तो ये भी बोल रही है , क्या करू मुझे तो इसे ही ले जाना पड़ेगा " थोड़ी देर रुके और  उन्होंने बाय बोला और जल्दी से निकल गए |

फिर थोड़ी देर बाद आयुष और सुमन भी एक दूसरे का हाथ पकड़े पकड़े बाय बोलते हुए बाहर चले गए | अब केबल लगभग बेहोशी की अवस्था में पड़ी सुहानी , अमन और कार्तिक खड़े रह गए |

अमन ने थोड़ा सा गुस्से जैसा मुँह बनाते हुए कहा "लो जी इनके शुभचिंतक तो निकल गए इन्हे बिना देखे ही "

कार्तिक ने कुछ कहा नहीं सर्फ़ अपने हाथ से अपना सर सहलाया और वो भी सुहानी के बगल में बैठ गया और फिर हिलाने लगा और बोला "उठो यार ये तुम्हारा घर नहीं है , चलना है यहां से , देखो सामने से कैसे लोग तुम्हे कुत्तो की तरह घूर रहे है "

कार्तिक के हिलाने से सुहानी ने अपनी आँखे खोली और बोली "मुझे यही सो जाने दो तुम चले जाओ अपने घर "

कार्तिक ने उसे फिर से पकड़ते हुए कहा "पागला गयी हो क्या , यहाँ तुम्हारा क्या हाल होगा , सपने भी सोचा है तुमने "

अमन ने कहा "कार्तिक चलो इसे बाहर ले चलो थोड़ी सी खुली हवा लगेगी तो इसे होश आ जायेगा , चलो बाहर ही सोचते है कैसे जाना है " 

अमन और कार्तिक मिल कर सुहानी को दोनों कंधो पर पकड़ के बाहर तक लेकर गए |

कार्तिक का फ़ोन बजने लगा कार्तिक ने कहा पक्का घर से ही होगा , बहुत लेट हो गया इसलिए |

कार्तिक ने घर पर कोई बाहना लगाया और आधे घंटे में आने को कहा |

अमन ने कहा "कार्तिक ऐसा करो , कैब बुक कर लेते है , तुम अपने घर चले जाओ , आज सुहानी को मैं अपने हॉस्टल ले जाती हूँ , और इसकी रूम मैट्स को कॉल करके बता दूंगी "

"ओके ये ठीक रहेगा " कार्तिक ने कहा |

कैब बुक करके वो लोग चली गयी , कार्तिक अपने घर चला गया ||







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