google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Hindi Kahaniya | Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 82

Hindi Kahaniya | Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 82

Hindi Kahaniya | Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 82


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ट्रैन के स्टेशन से गुजर जाने के बाद , सभी लोग अपने आप को और अपने अपने सामान को संभाल रहे थे , और उधर नीलू एक ब्रेंच पर बैठी हुई कार्तिक के कारनामे देख रही थी , साथ ही अपना माथा ठोंक रही थी , किस इंसान के पल्ले पड़ने जा रही है तू ?? जिसका लंगोट किसी भी लड़की को देख कर ही ढीला हो जाता है |

सच में ये सब बहुत ही इर्रिटेटिंग है , अरे लड़के लड़कियों की हेल्प करने में आगे होते है , लेकिन जब उसकी मंगेतर साथ में है तो उसका ख्याल न रख कर गैर लड़कियों की हेल्प में लगा हुआ है , और तो और चलती ट्रैन से कूद रहा है |


नीलू ये सब सोच ही रही थी की उसे एक और हैरान करने बाला दृश्य दिखा ...

उनमे से एक लड़की कार्तिक के पास आयी और अपना हाथ आगे करते हुए बोली "थैंक्स , बाय द वे , मेरा नाम आयशा है "

कार्तिक ने भी बड़े ही गर्म जोशी से स्वागत करते हुए उसका हाथ पकड़ा या मिलाया और कहा "मैं कार्तिक "

ओह्ह वैरी नाइस नाम , उस लड़की ने कहा 

ये सब देख कर नीलू का तो खून उबाल ले रहा था , अब वो अपनी शीट से उठी और उनके पास जा कर बोली "हेलो , मई नाम इज नीलू , और मैं इनकी होने बाली वीबी हूँ "

अब कार्तिक समेत सभी खड़े पैसेंजर्स की निगाह नीलू पर ही थी , अब सब नीलू का इंटेंशन नीलू पर था , और समझ भी रहे थे की नीलू क्यों ऐसा कर रही है ||

आयशा ने नीलू का तेवर देखा तो उसने अपना सामान उठाया और अपनी फ्राइड के साथ आगे की ओर चली गयी |


कार्तिक अब नीलू से आंखे चुराता हुआ अपना सामान उठाने लगा और बोला "चलो स्टेशन से बहार चलते है , वहां से कैब करके होटल चलेंगे "

नीलू का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ था , उसने कुछ कहे बिना ही अपना हैंड बैग और कुछ सामान पकड़ा और स्टेशन के बाहर की ओर जाने लगी ...


कार्तिक ने भारी बाला बैग उठाया और बाकी बचा हुआ सामान भी पकड़ा और कुछ बुदबुदाते हुए चल पड़ा 

नीलू ने एक बार पीछे मुड़ के देखा तो उसे हसी आने बाली थी लेकिन उसने अपनी हसी को गुस्से में तब्दील करते हुए कार्तिक को घूरती रही ||


कार्तिक एक गधे की तरह सामान से लदा हुआ चल रहा था , उसके दोनों कंधो पर दो बैग एक कार्तिक का और दूसरे पर नीलू का और दोनों हाथो में कुछ अलग अलग सामान था , इसे देख कर कोई भी कार्तिक को कुली पुकार सकता था |

और हुआ भी यू ही , एक महिला ने कार्तिक को कुली समझ कर उसे बुलाते हुए कहा "भैया कितनी देर में फ्री होंगे , मुझे बहुत देर से एक कुली की जरूरत है "

उस महिला की बात सुन कर नीलू मुड़ी और कार्तिक से बोली "करदो हेल्प "

कार्तिक ने उसे खा जाने बाली नजरो से देखा और कहा "तुम्हे अपने होने बाले पति की इज्जत का तो बिलकुल भी ख्याल नहीं है "

"तुम तो मदद करने में माहिर हो इसलिए बोल रही हूँ , बरना मुझे क्या " नीलू ने चलते हुए कहा 

कार्तिक ने कहा "एक तो मुझे तुमने खुद ही कुली बना रखा है , और ऊपर से मेरे मजे भी ले रही हो "

नीलू ने कहा "मजे , मैं क्यों लुंगी मजे "

कार्तिक ने कहा "ओर नहीं तो क्या है ये सब , अब मेरी ऐसी हालत हो गयी की बाकी लोग भी मुझे कुली समझने लगे है "


अब दोनों स्टेशन के बाहर आ चुके थे , कार्तिक ने सामान उतार कर साँस लेते हुए बोला "यार देखो उधर से कोई टैक्सी करलो , होटल तक के लिए "

नीलू ने टैक्सी बाले को बुला कर होटल तक चलने के लिए पूछा , तो टैक्सी ड्राइवर ने सामान टैक्सी में रखने में मदद की और दोनों टैक्सी में बैठ कर होटल पहुंच गए |

कार्तिक ने इस होटल में रुकने और खाने पीने की बुकिंग पहले से ही कर ली थी |


नीलू को कार्तिक की ये पसंद तो बाकई में पसंद आयी थी , उसे इस तरह के होटल में रुकना पसंद था , लेकिन ज्यादा खर्चा करना पसंद नहीं था |

होटल पहुंच कर ,हाउसकीपर की मदद से सामान उनके रूम तक पहुंचा दिया गया था |

उनका रूम सेकंड फ्लोर पर था , उनके रूम से व्यू इतना सुन्दर था की मानो कोई दृश्य सपनो में देखा जा रहा हो |

पहाड़ो की चोटियों को छूती हुई सूरज की किरणे होटल के कमरे में लगे कांच के सीसे को पार करके आती हुई बड़ी ही मनोरम दृश्य बना रही थी | शिमला की ठण्ड और सूरज की गर्म किरणे अपना अपना अलग अलग रुतवा दिखा रही थी | इन्ही मनोरम द्रश्यो और अद्भुद नजरो के लिए तो हजारो शैलानी देश भर से यहां भ्रमण करने आते रहते है |


कबीर काफी थक चुका था और रात को ट्रैन में सो भी नहीं पाया था इसलिए आते ही वो बेड पर लेट गया , और सोने लगा ||


कार्तिक को लेटा देख नीलू ने कहा "अरे ये क्या कुली शाहब आप तो सोने लगे , चलो उठो " 

कार्तिक की आंख लग ही रही थी की नीलू ने उसे जगा दिया , तो कार्तिक ने कहा "यार मुझे न सोने दो , मैं थोड़ी देर सोना चाहता हूँ "

नीलू उसके पास आयी बोली "क्या यार तुम यहां सोने aaye हो , देखो कितना सुन्दर व्यू आ रहा है बालकोनी से "

कार्तिक ने कहा "हाँ सोने दो बाद में देखेंगे "

नीलू ने उसे कहा "ओके ठीक है लेकिन कुछ खा के तो सो , तुमने रात को भी खाना बहुत ही कम खाया था "

कार्तिक "प्लीज यार , सोने दो न तुम्हे जो खाना है आर्डर करदो , मैं बाद में खा लूंगा "


नीलू बाहर बालकोनी में आ कर धुप में खड़ी हो गयी और अपनी फ्रेंड्स कॉल करने लगी ...

वो बात कर ही रही थी की उसकी नजर सामने बाले रूम की बालकिनी पर पड़ी ..

नीलू को थोड़ी हैरानी हुई ये कोइंसिडेंट है साजिस ??

अरे ये लड़कियां तो यहाँ भी सामने बाले ही रूम में है ... अब कार्तिक ने तो ये जानबूझ कर बुकिंग नहीं की होगी ||

नीलू के दिमाग में एक और सवाल उमड़ने लगा था , कही ये लड़किया कार्तिक की जानने वाली तो नहीं है , कार्तिक कही इन्ही के साथ तो आने वाला नहीं था , वो तो मैं जबजस्ती इसके गले पड़ गयी थी ....

अब ये सवाल नीलू को सताये जा रहा था ... कही वो दुसरी बाली लड़की नायरा तो नहीं .....


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