Hindi Kahaniya | Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 81
सात बजने बाले थे और उनका स्टेशन आने बाला था , यात्री अपना अपना सामान इकट्ठा करने में लग गए थे |
सुबह का टाइम था , सो थोड़ी सी ठण्ड भी थी , बाहर ठंडी हवाएं चल रही थी |
नीलू कार्तिक के अपोजिट साइड में सर रख कर सो रही थी , बाकी लोगो को सामान बगैर इकट्ठा करते हुए देखा तो कार्तिक को भी लगा की अब तो हमे तयारी कर लेनी चाहिए ||
उसने अपने सामने बाली शीट की ओर देखा तो वो दोनों लड़कियां भी सो रही थी , शायद सुबह की ठंडी ब्यार ने उन्हें अपने आगोस में ले लिया हो ??
वो गहरी नींद में एक दूसरे से लिपटी हुयी सो रही थी .. खिड़की से आ रही ठंडी हवा उनके बालो को झकझोर के रख दे रही थी ,, कभी उनकी झुल्फे उनके चेहरे पर होती तो कभी हवा में इठला रही होती थी ||
कार्तिक ये मनोरम दृश्य देख कर मोहित हो रहा था |
ट्रैन की सीटी बजी और ट्रैन की रफ्तार अब धीरे होने लगी थी , ओह्ह यही तो है स्टेशन .. कुछ लोग आपस में बाते कर खिड़की से बाहर झाकने लगे .. कुछ लोग चिल्ला रहे थे .. चलो चलो उतरो .. ट्रैन ज्यादा देर नहीं रुकेगी .. जल्दी करो .. सामान उठा उठा के दरबाजे पर खड़े होने लगे ...
कार्तिक ने नीलू को उठाने के लिए चादर हटाई और कहा "यार उठो जल्दी .. स्टेशन आ गया .. सामान उठाओ "
नीलू जल्दी से अपने बाल संभालते हुए उठ के खड़ी हुयी .. नींद से उठने के बाद उसका फेस बड़ा ही मासूम और क्यूट सा लग रहा था , कार्तिक उसे ही निहार रहा था .. सोच रहा था .. "सोते हुए कितनी क्यूट लगती हो ." और मुस्कराने लगा ..
नीलू बोली "ओह्हो , तुम भी न पहले नहीं जगा सकते थे .. जल्दी करो कुछ छूट न जाये "
कार्तिक ने कहा "नहीं छूटेगा , मैंने सब कुछ पहले ही बैग में रख लिया है "
नीलू ने पूछा "अरे अंकल और आंटी कहा गए "
कार्तिक ने कहा "वो तो पिछले स्टेशन पर ही उतर गए उनके रिलेटिव्स उन्हें पिक करने आये थे , तुम सो रही थी इसलिए तुम्हे जगाया नहीं . तुम्हे बाय बोल के गए है "
नीलू ने अपन हैंड बैग और कुछ सामान पकड़ते हुए कहा "क्या यार , मुझे क्यों नहीं बताया , कितने क्यूट से थे वो लोग , मुझे बाय बोलना था उन्हें "
कार्तिक ने कहा "चलो आगे बढ़ो , नंबर ले लिया है मेने , कर लेना उनसे बात "
नीलू ने एक तिरछी नजर से उन सोती हुई लड़कियों की ओर देखा और आगे बढ़ने लगी ...
कार्तिक ने सोचा , कही उन्हें भी तो इसी स्टेशन पर तो नहीं उतरना था , ये तो गहरी नींद में सो रही है |
क्या इन्हे जगाना चाहिए इन्हे ... यार जगाया तो नीलू फायर हो जाएगी .. और नहीं जगाया तो इनकी वाट लग जाएगी ...
क्या करू , क्या करू .. सोचने लगा ..
नीलू नीचे उतरते हुए बोली "अरे क्या करते रह गए वहां .. आओ न जल्दी , ट्रैन चल जाएगी .."
नीलू ट्रैन से नीचे उतर चुकी थी ... कार्तिक ने हिम्मत की और उनकी चादर खिंच के जगाया ,
एक लड़की हड़बड़ाहट में उठी , और आश्चर्य से इधर उधर का माहौल देखने लगी ..
कार्तिक ने जल्दी से कहा "वो स्टेशन आ गया है इसलिए मैंने सोचा पूछ लू , कही आपको यही तो नहीं उतरना "
आंखे मलते हुए दूसरी लड़की ने पूछा "कोनसा स्टेशन आया है ये "
कार्तिक ने कहा "शिमला जाने बालों को यही उतरना है "
"ओह्ह सीट , ओह नो , जल्दी कर , यार तूने तो झंड मरवा दी .. " एक लड़की ने दूसरी को धक्का मारते हुए कहा |
अब कार्तिक को अंदर से सुकून महसूस हो रहा था , उसे लगा की लगा की न जाने उसने किला फ़तेह कर लिया हो , सोचने लगा अगर मैं नहीं जगाता तो ये सोती रहती , और न जाने कहाँ पहुंच जाती ..
जल्दी जल्दी उन्होंने अपना अपना सामान समेटा और बैग उठाने लगी ..
ट्रैन फिर से जाने के लिए रेडी हो रही थी , सीटी बजने लगी ..
नीलू गुस्से में लाल होती हुई डोर पर आई और बोली "क्या उन्ही के साथ जाना है , नीचे नहीं उतरना ?"
"हाँ आता हूँ , मेरे न सिलीपर्स रह गए थे शीट के नीचे वही उठा रहा था " कार्तिक ने जल्दी से दौड़ते हुए कहा
कार्तिक ट्रैन से उतर ही रहा था की ,, उनमें से एक लड़की अपना भारी सा बैग उठाये हुए बोली "प्लीज हेल्प "
हेल्प और लड़की मांगे तो इंडियन का दिल न जाने कब पिघल जाता है , ये तो उनके घर बालो या साथ बालो को भी पता नहीं चलता , ऊपर से ये कार्तिक जैसी दीन दयालु तो कुछ जल्दी ही पिघल जाते है .. चाहे अपना भले ही नुकसान हो जाये ..
उसने अपना सामन नीलू के हाथो में देते हुए दुवारा से ट्रैन में चढ़ कर उस भारी बैग को पकड़ा और नीचे उतार दिया |
ट्रैन चल चुकी थी , और एक लड़की अभी भी ट्रैन से उतरने के लिए थी , कार्तिक ने जल्दी से ट्रैन के साथ दौड़ लगाते हुए उसका हाथ थामा और उसे उतरने में मदद की ...
जब दूसरी लड़की नीचे उतर गयी तो सब लोग खड़े हो कर चैन की साँस लेने लगे ,,,
"थैंक्स , थैंक यू सो मच . अपने मेरी हेल्प कर दी , नहीं तो मैं तो गयी थी " लड़की ने अपने तेज धड़कते सीने पर हाथ रख कर कहा
उस लड़की को वेलकम कहने से पहले एक बार कार्तिक नीलू की प्रतिक्रिया जान लेना चाहता था , इसलिए उसने नीलू की ओर देखा ..
नीलू गुस्से से लाल , नाम फुलाए खड़ी थी , उसे अपने होने वाले पति की बहादुरी पर गर्व न हो कर उसके माथे पर चिंता की शिकन साफ साफ दिखाई दे रही थी ||
ट्रैन प्लेटफार्म से गुजर गयी ....
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