Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 87
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cahnnel name - 23.1 FM
शाम होने को थी , आज तो नीलू और कार्तिक ने खूब एन्जॉय किया , दोनों एक दूसरे के और भी करीब आ रहे थे
दोनों को टूनिंग मिलने लगी थी | कार्तिक नीलू की और कार्तिक नीलू की बात मानाने और सुनाने लगे थे |
दोनों एक बहुत ऊँची छोटी पर बैठे रोमांटिक मूड में बाते कर रहे थे , जहाँ वो बैठे थे उसके सामने से एक सुन्दर सा झरना था , झरने से गिरता हुआ शुद्ध सफ़ेद पानी गिर रहा था , उस दृश्य को देख कर नीलू का कार्तिक ने हाथ थाम कर उसे प्यार से निहार रहा था |
नीलू ने कार्तिक से कहा "कार्तिक पता है , मेरा सपना था की मैं पहाड़ो में जाऊ , और कोई मेरा हाथ पकड़ के मुझे प्यार से प्रोपोज़ करे , प्रपोसल सुन कर मेरा मन मंत्रमुग्ध हो जाये "
नीलू की बात सुन कर कार्तिक कुछ देर के लिए सुन्न सा बैठा रहा और सोचने लगा क्या सारी लड़कियों का एक जैसा ही सपना होता है क्या ?
उसे अब नायरा की बो बात याद आ गयी जब दोनों प्रेम में प्रेम प्रसंग की बाते कर रहे थे , तब नायरा ने आँखों में आंसू के साथ कहा था की उसकी इच्छा थी की वो कार्तिक के साथ पहाड़ो में झरने के बीच में बैठ कर रोमांस और रोमांचित करती हुई सांसे |
"क्या सोच रहे हो यार , तुमने मेरी बात का जवाव नहीं दिया " नीलू ने कार्तिक को हिलाते हुए पूछा
कार्तिक बापस अपनी बास्तविक दुनिया में आया और बोला "कुछ नहीं यार , किसी की एक बात याद आ गई थी"
नीलू के चेहरे की हसी गायब सी होने लगी थी , वो बोली "किसकी बात याद आने लगी है , जरा हमे भी बताओ न "
कार्तिक ने कहा "चलो छोडो रहने दो , तुम एन्जॉय करो , देखो कितना सुन्दर नजारा है "
नीलू ने कहा "बात मत काटो , पहले बताओ , हमारे दरमियान कौन आया है "
कार्तिक ने कहा "नहीं यार , कुछ नहीं तुम क्यों अपना मूड ख़राब कर रही हो"
नीलू अपना मूड ख़राब कर चुकी थी , उसने कहा "कार्तिक तुम जरूर अपनी इमेजिनेशन में नायरा को ला रहे हो "
जबकि तुम मेरे साथ हो मेरे बारे सोचने के बजाय तुम अपनी प्रेमिका के बारे में सोच रहे हो इसका मतलब मेरा तुम्हारी जिंदगी में कोई अहमियत नहीं है , और नीलू जोर जोर से रोने लगी ..
कार्तिक ने नीलू से कहा "क्या यार तुम भी मनाली के मौसम से बेहतर हो , अच्छा खासा मूड बनाने के बाद , एक दम से बिगड़ गयी हो "
नीलू ने कहा "अच्छा अब तुम्हे ऐसा लगने लगा है "
कार्तिक ने कहा "देखो , तुम ज्यादा ओवर थिंकिंग मत किया करो ... मैं तुम्हारे साथ हूँ और तुम्हारे बारे में ही सोच रहा हूँ "
नीलू ने कहा "लेकिन तुम तो कह रहे थे की तुम्हे नायरा की बाते याद आ रही है "
कार्तिक ने नीलू से हाथ छोड़ते हुए कहा "बड़ी अजीव हो यार , मैंने तो नायरा का नाम भी नहीं लिया है और तुम कह रही हो मैं कह रहा था "
नीलू "तो फिर तुमने मेरी बात का जवाव क्यों नहीं दिया "
कार्तिक "कोनसी बात का जवाव , और मैं खुद तुम्हारे साथ पहाड़ो में हूँ न जो तुम्हारा सपना था "
नीलू "हम्म , लेकिन तुम तो अच्छा फील नहीं कर रहे न मेरे साथ "
कार्तिक ने कहा "क्यों तुम्हे कैसे पता है की मैं अच्छा फील नहीं कर रहा तुम्हारे साथ "
दोनों की बातो को डिस्टर्ब करते हुए कार्तिक का फ़ोन बजा , उसने कॉल रिसीव किया तो पता चला की कॉल कैब ड्राइवर की है ....
कार्तिक "हेलो भैया , हम वेट कर रहे है आपका "
कैब ड्राइवर ने कहा "सॉरी भइया जी , वो क्या है की रस्ते में बर्फ पड़ रही है , इसलिए रास्ता बंद हो गया है , आपको वही रुकना पड़ेगा "
कार्तिक ने चिंता जताते हुए कहा "भाई तो आपको पहले बोलना चाहिए था न अब हम यहाँ इतनी ठण्ड में कहाँ रुकेंगे "
कैब ड्राइवर ने कहा "आप परेशान न हो , अभी आपको होटल के मैनेजर का कॉल आएगा , आपको वहां कैंप में रुकना पड़ेगा ... वो आपको कंसर्न पर्सन का नंबर प्रोवाइड करा देंगे "
कार्तिक ने ओके कहा और कॉल डिसकनेक्ट हो गया ||
कार्तिक की टेंशन बढ़ गयी .. नीलू ने पूछा क्या हुआ , किसका कॉल था
कार्तिक ने बताया की ड्राइवर भैया कॉल कर रहे थे , बोल रहे है रास्ता बर्फ की बजह से बंद है इसलिए वो नहीं आ सकते , हमे यही पहाड़ो में किसी कैंप में रुकना पड़ेगा ...
नीलू ने पूछा "यहाँ कहाँ कैंप है , यहां तो छोटे छोटे से तम्बू है "
कार्तिक ने कहा "हाँ अब तो मजबूरी है "
नीलू ने कहा "यार इतनी ठण्ड में कैसे , और खायेगे क्या "
कार्तिक ने नीलू को बताया की उस सब का अरेंजमेंट तो अपने होटल का मैनेजमेंट करेगा , तुम टेंशन न लो |
थोड़ी देर बाद एक एक करके सभी सैलानी जो वहां घूमने आये हुए थे एक जगह इकट्ठा होने लगे थे |
उस एरिया में एक जगह ऐसी भी बनाई हुई थी जो समतल थी वहां कैंप लगे हुए थे ... उनके आस पास आग जलाई जा रही थी ... चारो तरफ झरने , हिम परबत , और चट्टानें थी ..
ये जगह देख कर तो नीलू और कार्तिक का दिल और भी खुश हो गया ..
नीलू कार्तिक से बोली "हम यहाँ रुकेंगे ... बाह क्या जगह है .. मजा आ रहा है इस एडवेंचर का "
ठंडी ठंडी बर्फ के बीच जलती हुई आग , मेरे लिए तो सपने से कम नहीं नहीं है .. नीलू ने ख़ुशी से उछालते हुए कार्तिक को गले से लगा लिया |
ये पहली मर्तबा था की नीलू ने अपना आपा खो दिया था और कार्तिक को अपने गले लगा लिया था ..
कार्तिक ने भी नीलू को कस कर पकड़ते हुए अपने सीने से लगाए रखा .. इस एहसास को पाने के लिए कोई भी इंसान अपना सब कुछ कुर्बान कर देना चाहता है ||
लेकिन फिर भी कार्तिक सोचने में लगा था की क्या कैरेक्टर है ये लड़की कभी तुरंत रोने लगती है , कभी गले लगाने लगती है ... मेरे समझ से परे है |
थोड़ी देर बाद वहां का मैनेजर एक एक कैंप सबको डिस्ट्रीब्यूट करने लगा था .. कार्तिक और नीलू को एक तम्बू अलॉट कर दिया गया था ... तम्बू के साथ जरुरी सामान और कपड़े भी दे दिए गए थे ...
और कहा गया था की सारे लोग अपनी अपनी तम्बू में जा कर आराम करो .. डिनर के लिए बुलाया जायेगा ...
कार्तिक और नीलू दोनों अपने कैंप में प्रवेश कर गए ...
नीलू "ये क्या इतना छोटा सा बिस्तर ... इसमें तो ढंग से एक इंसान भी नहीं लेट सकता ??"
कार्तिक और नीलू एक दूसरे की और देखने लगे और मुस्कराने लगे ....
Story to be continue....
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