Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 90
कोई अपनी प्रेमी का हाथ पकड़े हुए था तो कोई शरारते कर परेशान कर रहा था , कुछ को देख कर तो ऐसा लग रहा था की उनका बर्षो से झगड़ा ही चल रहा होगा , क्युकी बे जानबूझ कर अनजान बने अपने अपने फ़ोन्स में लगे पड़े थे | और कुछ अभी भी ठण्ड यानि स्नोफॉल का आनंद अपने अपने प्रेमी युगल के साथ लिए जा रहे थे |
अपने केम्प के बाहर का नजारा देख कर तो नीलू का मूड एक दम से रंगीन और रोमांटिक हो गया था , उसका भी मन अपने होने बाले पति यानि कार्तिक के साथ रोमांटिक मूड में रोमांस और प्यार करने का कर रहा था |
उसने अपने साथ चल रहे कार्तिक का हाथ पकड़ा और कार्तिक की आँखों में देखा तो पाया की बाहर की मंद मंद रौशनी में कार्तिक भी बड़े ही प्यार से उसे ही निहार रहा था |
जब दोनों की नजरे एक दूसरे से मिली तो दोनों ने एक दूसरे को रहस्यमयी स्माइल पास की और एक जगह जलती हुई आग के पास जा कर खड़े हो गये |
कार्तिक ने नीलू से कहा "तुम यही रुको , मैं खाना देख कर आता हूँ किधर खाना है "
नीलू ने कहा "ठीक है लेकिन जल्दी प्लीज , मुझे जोर से भूख लगी है "
कार्तिक के जाने के बाद जब नीलू ने होश संभाला और देखा की वो दोनों लड़कियां जो नीलू के साथ कैब में आयी थी दोनों उसके सामने दो और लड़को के साथ उसी आग से हाथ सेक रही थी , नीलू को आश्चर्य हो रहा था की ये तो अकेली ही आयी थी लेकिन अब ये दो मुस्टंडे कौन है ?
वे सभी नीलू को पॉइंटआउट कर रहे थे |
उनमे से एक लड़की ने नीलू को हेलो बोला तो तो नीलू ने भी झूठी स्माइल पास करते हुए हेलो कहा
फिर उसने पूछा "तुम अकेली कैसे इतनी ठण्ड में , वो जो तुम्हारे साथ थे वो कहाँ है ?"
नीलू ने कहा "वो यही है कैंप के पास खाना अरेंज करने गया है "
तभी कार्तिक आजाता है और उसे कहता है चलो , अपना खाना तैयार है , चलके खा लेते है |
तभी वो लड़की अपने साथ लड़के से कहती है , आओ कार्तिक मिलती हूँ , ये वही ट्रैन बाला लड़का है जिसने मुझे यहाँ लाने में हेल्प की थी , बरना हम तो न जाने कहाँ ही चले जाते |
वो लड़का कहता है "ओह अच्छा तो ये ही है वो फरिस्ते जिन्होंने तुम्हे ट्रैन में जगाया और फिर चलती ट्रैन से उतरने में हेल्प की थी "
और फिर वो लड़का आगे बढ़ के कार्तिक से हाथ मिलते हुए अपनी ओर से थैंक्स बोलता है |
कार्तिक ने भी मुस्कराते हुए कहा "ये तो इंसानियत के नाते हमारा फर्ज बनता है एक दूसरे की हेल्प करने का "
और दोनों हाथ मिलते है |
फिर कार्तिक और वो सभी लोग खड़े हो कर कुछ ओर इधर उधर की बाते करने लगते है |
तभी नीलू कार्तिक से कहती है "कार्तिक मुझे बहुत जोरो से भूख लग रही है ... चलो न "
हाँ चलो कहता हुआ कार्तिक उन लोगो को भी खाने के लिए invite करता है , लेकिन उन्होंने कहा की आप लोग डिनर कीजिये , हम भी थोड़ी देर में करेंगे .
नीलू और कार्तिक खाने के लिए अपने कैंप की ओर आने लगते है ,
नीलू ने कार्तिक को गुस्से से देखते हुए पूछा "बड़े चेप हो रहे थे उससे ,, हेल्प करना तो इंसानियत के नाते फर्ज है तुम्हारा , मिस्टर इंडिया क्यों नहीं बन जाते , करते रहना स्टेशन पर खड़े हो सबकी हेल्प "
नीलू की अटपटी बाते सुन कर कार्तिक बड़ी जोर जोर से हसने लगा और बोला "यार मिस्टर इंडिया का स्टेशन से क्या लेना देना है , ये समझ नहीं आ रहा "
नीलू ने फिर से गुस्सा करते हुए कहा "हाँ है न लेना देना .. वो गरीबो की हेल्प करता था और तुम इन बेचारी बेसहारा , मजलूमों की हेल्प किया करना , जो ट्रेनों में सो जाती है "
"ओह अच्छा तो तुम्हारी परेशानी का कारण ये है " कार्तिक ने नीलू को पकड़ते हुए कहा
नीलू ने कहा "हाँ यही है मेरी परेशानी का कारण "
कार्तिक ने कहा "अच्छा चलो पहले खाना खा लो फिर गुस्सा कर लेना मुझे भी भूख लगी है "
नीलू और कार्तिक दोनों खाना खाने के लिए चले जाते है ,
नीलू और कार्तिक जहाँ खाना खा रहे थे वहां भी आग जलाई जा रही थी ... दोनों आग की गर्मी को महसूस करते हुए खाना खा रहे थे ...
खाना खाते खाते कार्तिक नीलू की ओर देख कर मुस्कराये जा रहा था , तो नीलू ने उसे पूछा क्या हुआ क्या मैं कुछ गलत तरीके से खा रही हूँ
कार्तिक ने कहा "नहीं नहीं मैं तो ये सोच रहा था की तुमने अपनी प्लेट में इतना कुछ रखवा तो लिया है , इतना ख़तम तो कर लोगी न अकेले "
नीलू ने कहा "हस्बैंड जीवनसाथी होने के साथ साथ सुख दुःख हर प्रॉब्लम में साथी होता है "
कार्तिक ने आश्चर्य से पूछा तो क्या हुआ ?
नीलू ने उसे बताया तो ये हुआ की मैं अकेली नहीं तुम भी saf करवाओगे मेरी ये प्लेट
कार्तिक ने मजे लेते हुए कहा "वो क्या है न की मेरे यहां ज्यादा नहीं खाया जाता जरूरत हो उतना ही खाते है , तो ये तो तुम्हे अकेले ही झेलना पड़ेगा "
नीलू ने अपनी बड़ी बड़ी आंखे निकलते हुए कहा "मेरे यहाँ क्या खाया नहीं बल्कि ठूसा जाता है "
कार्तिक ने शैतानो बाली हसी चेहरे पर लाते हुए कहा "मैंने ऐसा तो नहीं कहा "
नीलू ने कहा मतलब तो यही है तुम्हारा
कार्तिक ने चलो ठीक है जल्दी करो यार सच में बहुत शर्दी लग रही है और थकान भी बहुत हो रही है सोना है चलके
नीलू ने कहा - यार सच में कहा तो ज्यादा है क्या करू
कार्तिक ने कहा - छोड़ दो
नीलू ने कहा - यार कहा बर्बाद नहीं करना चाहिए
कार्तिक ने कहा चलो तो थाली उठाओ और अपने कैंप में ले चलो रात भर बैठ के खाते रहना ...
नीलू ने कहा यार इतनी भी भुक्खड़ नहीं हूँ मैं
और दोनों वहां से अपने कैंप चले आते है ...
कार्तिक ने कम्बल उठाया और सोने के लिए लेट गया
नीलू ने कहा - यार इतने छोटे से बिस्तर में कैसे सो पाएंगे
कार्तिक ने कहा - यार आज की हो तो बात है एडजेस्ट तो करना ही पड़ेगा न
नीलू ने मन में सोचा यार कही एडजेस्ट के चक्कर में कही कुछ उल्टा सीधा न हो जाये
कार्तिक ने भी ऐसा ही कुछ सोच रहा था की यार कही कुछ गलत न हो जाये हमसे ..
नीलू ने भी कंबल उठाया और सोने के लिए लेट गयी ....
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