Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 108
नीलू को उठा कर बेड पर लिटाया और कार्तीक ने पूछा "आखिर क्या जरूरत थी अकेले अंदर जाने की मुझे आबाज देदी होती , बढ़ा ली न परेशानी "
नीलू मुँह पर दर्द के भाव लिए आंखे बंद किये हुए लेटी रही ...
कार्तिक ने पूछा "क्या हुआ था बताओगी कुछ "
"मुझे बहुत तेज बाथरूम आ रहा था तो जाना पड़ा , तुम्हे भी दी थी आबाज लेकिन तुम गहरी नींद में थे तो मेने सोचा सोने देती हूँ " नीलू ने रोते हुए कहा |
अब कार्तिक ने उसका पैर पकड़ा और देखा , अरे इसमें तो कल इस भी ज्यादा स्वेलिंग आ गयी है , लगता है फिर से डॉक्टर के पास जाना पड़ेगा , तो नीलू ने कहा "नहीं उसकी कोई जरूरत नहीं है बस इसपे मसाज क्रीम से मसाज करती हूँ शाम तक आराम हो जायेगा "
कार्तिक दवाइयों के पेपर बैग से मसाज क्रीम निकलने लगा तो नीलू ने कार्तिक से कहा "कार्तिक अब हमे घर बापस चलना चाहिए , वैसे तो अभी भी हमारे पास दो दिन और दो रात का पकगे और भी बचा हुआ है लेकिन तुम्हारी ऑफिस में भी प्रॉब्लम हो सकती है और मुझे भी ऐसे अच्छा नहीं लग रहा है मेरे पैर और कमर घर जा कर ही ठीक हो पाएंगे "
कार्तिक ने कहा "हाँ मैं भी यही सोच रहा हूँ , क्युकी कही घूमने जा नहीं सकते तो फायदा क्या यहाँ रुकने का और तुम्हे भी तकलीफ हो ही रही है लेकिन घर जाने लायक तो बनो , तुमने तो फिर से तोड़ लिया अपना कुल्हा "
हलके से कार्तिक को मारते हुए नीलू ने कहा "कार्तिक यार तुम भी न मैं क्या जानबूझ कर अपने लगा रही हूँ , क्या करू अब होगया ये सब तो "
"और नहीं तो क्या है ये " कार्तिक ने जोर से हस्ते हुए कहा
"मेरा मजाक बना रहे हो न , ठीक है बना लो , अभी दिन है तुम्हरा , मुझे मौका लगेगा तो देखना " नीलू ने ताना देते हुए कहा
कार्तिक ने सीरियस होते हुए कहा "ऐसी कोई बात नहीं है लकिन थोड़ा सा अपना ध्यान रखो "
चलो अब लेट जाओ मैं तुम्हारी कमर पर ये पेनकिलर क्रीम लगा दू डॉक्टर ने इसे तीन बार लगाने के लिए कहा है | नीलू ने एक स्माइल पास की और पेट के बल लेट गयी ...
अब कार्तिक ने क्रीम ली और नीलू की कमर पर हलके हाथो से मसाज करने लगा , नीलू की आंखे सुखद एहसास से बंद होने लगी थी , उसे तो मानो कार्तिक का हाथ लगते ही सारी परेशानिया दरकिनार कर जाती हो |
आज कार्तिक मसाज करते टाइम नीलू के बदन को बड़े ही गौर और करीब से देख रहा था , गोरा गेहुआ रंग ऊपर बिलकुल स्लिम चिकनी कमर उसे लुभा रही थी | कार्तिक के हाथ नीलू के पीठ के ऊपरी हिस्से लेकर कमर ने निचले हिस्से तक का सफर तय कर रहे थे | कभी कभी उसके हाथ नीलू के नितम्ब के उभारो तक जा रहे थे , कार्तिक भी नीलू की तरह से अपनी आंखे बंद कर लिया करता था लेकिन उस उचाई को चढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था | पूरा वेलेंटाइन निकल गया मेने अपनी मर्जी से नीलू को मेने टच नहीं कर पाया हूँ |
नीलू जो परिधान पहने हुए थी उसकी बजह से मसाज करने की कुछ रुकाबट सी आ रही थी , कार्तिक ने उस परिधान को हलके से निचे की और सरकाया तो नीलू बिना कुछ कहे उतर कर फेक दिया ||
ये सब देख कर कार्तिक का जोश और भी बढ़ गया , अब उसे पहले से ज्यादा आकर्षण होने लगा था | क्युकी पहले कुछ परदे थे वो हर हट चुके थे | उसे अब खुद पर काबू रख पाना मुश्किल हो रहा था , ऐसा ही हाल नीलू का भी हो रहा था लेकिन मर्यादा की सीमा उनके बीच में दीवार बन के खड़ी हुई थी |
नीलू ने कार्तिक से कहा "मुझे ठण्ड लग रही है कंबल ओढ़ लो "
कार्तिक ने स्माइल देते हुए साइड में पड़े कंबल को उठाया और नीलू से साथ लेटते हुए ओढ़ लिया
नीलू ने कातिक को अपने सीने से लगाते हुए लेट गयी ||
आज नायरा बहुत लेट घर पहुंची थी , उसकी बहन घर पर बैठी उसका इंतजार कर रही थी , जैसे ही वो अपने घर पहुंची तो उसकी बहन ने उसे गले लगाते हुए पूछा "दी सब ठीक तो हैं न तुम फ़ोन क्यों नहीं उठा रही थी ?"
नायरा ने आंसू साफ करते हुए कहा "बो बेग में रखा था इसलिए सुनाई नहीं दिया था "
नायरा की सिस्टर ने कहा "दी तुम इतनी लेट तो कभी नहीं आती थी पर अब क्यों लेट आने लगी हो और आज तो कुछ ज्यादा ही हो गया "
नायरा ने घडी की और देखते हुए बस इतना ही कहा "आज ऑफिस के काम से बाहर जाना पड़ा था इसलिए "
अब नायरा अपनी प्रताड़ना के बारे में कैसे बताये की वो रोज जीवन की शिकार बन जाता है |
आज नायरा अकेले में बैठ कर किसी बच्चे की की तरह जोर जोर से रो लेना चाहती थी , लेकिन उसे ये करने का भी मौका नहीं मिलने बाला था |
उसने पूछा "माँ की तबियत कैसी है " फिर उसे पता चला की उसकी माँ की तबियत और भी बिगड़ती जा रही है , कल तो उसे हर हाल में डॉक्टर के पास ले जाना ही पड़ेगा || पर कैसे मैं तो ऑफिस में रहूगी , और ये ले जा नहीं सकती है खुद प्रॉब्लम में है | माँ की हालत पर तरस खाते हुए नायरा ने कल ऑफिस न जाने का फैसला किया अब चाहे जो हो जाये , ऑफिस माँ से बढ़ कर नहीं है | इसलिए कल मैं अपनी माँ को डॉक्टर के यहाँ लेके ही जाऊगी |
वो अपने माँ के कमरे में पहुंची तब उसकी माँ दवा खा के सो चुकी थी , उसने अब माँ को जगाना ठीक नहीं समझा | वो माँ के सर के पास बैठ कर उनके सर पर हाथ फेरती रही और अपने मन में बहुत से सवाल इकठ्ठा करने लगी , कल मैं अपने सारे प्रश्न सारी बाते अपनी माँ को कह के रहूगी ||
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