google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 107

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 107

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 107



कार्तिक ने कैब ड्राइवर को कॉल किया और कार रेडी करने को कहा , और कार्तिक ने सहारा देते हुए नीलू को खड़ा किया

, अब नीलू ने अपना सारा बजन कार्तिक के कंधे पर रखते हुए धीरे धीरे कदम बढ़ाने लगी थी | धीरे धीरे चल कर उसने थोड़ी दूरी तय की

लेकिन जैसे ही कार्तिक ने देखा की नीलू को दर्द हो रहा है चलने में तो उसने नीलू को फिर से अपनी बाहो में उठा लिया | कार्तिक ने नीलू को बहो उठाया

कर नीलू ने कार्तिक के गले में अपने बाहे डाल  ली थी | कार्तिक ने नीलू को कार में बिठाया और खुद भी बैठ गया , अब ड्राइवर से चलने को कह दिया | 


रास्ते भर नीलू कार्तिक के कंधे पर सर रख कर और उसकी बाजू अपने दोनों हाथो से मजबूती से थामे हुए बैठी थी 

कार्तिक ने पूछा “मुझे इतनी मजबूती से क्यों पड़के हुए हो थोड़ा खुल कर बैठो ”

नीलू ने हस्ते हुए कहा “कही तुम मुझे छोड़ कर चले गए तो ”

कार्तिक ने मुस्कराते हुए पूछा “तुम्हे ऐसा क्यों लगता है मैं तुम्हे छोड़ कर जाने बाला हूँ या फिर चला जाउगा ”

नीलू अब उदास हो गयी थी और चुप हो कर बैठ गयी , लेकिन उसे कार्तिकं ने नही छोड़ा उसने दुवारा पूछा “तुमने कुछ बताया नहीं ”

नीलू ने कहा “बस ऐसे ही मुझे लगता है इसलिए ”

कार्तिक ने उसके गालो पर हाथ फेरते हुए कहा “डरो नहीं निडर हो कर रहो मैं कही नहीं जाने बाला और न ही तुम्हे जाने देने बाला ”

नीलू मुस्करायी और फिर से कार्तिक के कंधे पर अपना सर रखा और आंखे बंद करली | 


ऑफिस में नायरा के लिए वर्क लोड बढ़ता ही जा रहा था जीवन ने उसे एक और अर्जेंट बोलके काम बता दिया था अब नायरा को देर तक ऑफिस में रुक कर काम करना था , उधर उसे तीन दिन तक अपनी माँ को डॉक्टर के पास ले जाना था | लेकिन उसे तो जीवन ने अटका रखा था , जीवन हमेशा ऐसे ही मौकों की तलाश किया करता था ताकि नायरा और अन्य गर्ल्स को देर तक अपनी ऑफिस तक रोक सके और फिर कुछ फायदा उठा सके |

अब नायरा करे भी तो क्या करे अब काम बोला है बॉस ने तो काम तो करना ही है |

कभी कभी नायरा अपनी जिंदगी से परेशान हो कर सब कुछ छोड़ देना चाहती थी | और कुछ दिन कुछ महीनो अपनी माँ के गोद सर रख कर सो लेना चाहती थी , लेकिन अब ये सब उसके लिए सपने जैसा ही है | क्युकी उसे अपने लिए जीना और अपने टाइम निकाल पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा होता चला जा रहा था | न जाने कब से उसने अपने ऑफिस और बाकी कामो से छुट्टी नहीं ली थी | 

कभी कभी सोचती थी की अब तो वो अपने माँ से कह दे की माँ मेरे लिए कोई लड़का देख कर मेरे हाथ पीले करदो , लेकिन ये अरमान भी उसके लिए सिर्फ अरमान ही थे क्युकी उसकी अब ये सब करने लायक नहीं रही थी | अब जो करना था उसे खुद ही करना था |


जब कभी बो अपने लिए एक हमसफर की तलाश में निलती थी तो उसकी तलाश कार्तिक से शुरू और कार्तिक पर ही ख़त्म हो जाती थी लेकिन अब तो बो ये भी नहीं कर सकती थी क्युकी अब कार्तिक उसके ख्वावो का राजकुमार नहीं रहा था वो अब नीलू का होने वाला था | नायरा के लिए ये सोचना भी मुश्किल हो गया था |


ऑफिस से बाकी एम्प्लोयी निकने लगे थे और नायरा अभी भी अपना लैपटॉप पर काम कर रही थी | बाकियो को जाते देख कर उसने देखा अरे यार अभी तो बहुत काम पेंडिंग है कैसे करुँगी पूरा , अगर नहीं करुँगी तो ये साला टकलू न जाने क्या क्या सुनाएगा सबके सामने | 

काम करते करते नायरा सोच रही थी , लोग बड़े ही ख़ुशी के साथ अपने अपने प्रेमी या प्रेमिकाओ के साथ वेलेंटाइन मना रहे है | और मैं यहां ऑफिस में लेट तक बैठ के काम कर रही हूँ | और काम भी न करू तो क्या करू | ये वेलेंटाइन मेरे लिए बना ही नहीं है , न कोई हमसफ़र है न ही कोई साथी बस कर रहे है जिंदगी के दिन पूरे , सोचते हुए बेचारी काम में लगी रही  | 


नीलू की आंख खुली तो उसने देखा की कार्तिक सोफे पर कंबल ओढ़ के सो रहा है | ये नजारा देख कर नीलू के होठो पर मुस्कराहट आ गयी , सोचने लगी कार्तिक तुम भी न कितनी बचकानी हरकते करते हो कभी कभी |

कभी तो ऐसा लगता है की तुम मेरे बहुत ही करीब आ रहे हो , और ये हरकत देख कर तो ऐसा लगता ही नहीं की तुम मेरे पास आने की कोशिश करते हो , अरे आराम ही करना था तो मेरे साथ बेड पर भी तो सो सकते थे लेकिन अजनबियों की तरह अलग थलग ये क्या है | हम्म समझ रही हूँ की तुम इतनी आसानी से हाथ नहीं आने बाले हो |


अब नीलू अपने फ़ोन में कुछ देर खोयी रही कार्तिक फिर भी नहीं उठा वो गहरी नींद में सो रहा था , नीलू ने उसे एक बार हलकी सी आबाज दे कर जगाना चाहा लेकिन वो नहीं जगा तो उसने ज्यादा कुछ नहीं किया |

नीलू को वाशरूम जाना था तो उसने सोचा कार्तिक बहुत ही प्यारी नींद में सो रहा है सोने दिया जाये , वो खुद ही कोशिश करेगी वाशरूम जाने की |

उसने बड़ी ही हिम्मत करके बेड से उतरने की कोशिश की उसकी कमर में अभी भी काफी दर्द था और ऊपर से पैर में भी मोच थी और बैसे भी उसने आज खूब चला था इसलिए उसके पैर में स्वेलिंग था | फिर भी वो धीरे धीरे अपने पैरो पर खड़ी हो गयी , खड़े होते ही उसकी कमर में एक जोरदार झटका सा लगा उसे काफी दर्द हुआ ,

उसके मुँह से चीख निकल ही सी गयी थी लेकिन उसने किसी तरह से कण्ट्रोल किया , कही कार्तिक की नींद न खुल जाये इसलिए उसने अपने दर्द को अंदर ही अंदर दवा के रखा | अब वो धीरे धीरे कदम आगे बढ़ाते बढ़ाते वाशरूम तक पहुंच गयी थी | और अंदर भी चली गयी थी |

लेकिन एकाएक कार्तिक की आंख तब खुली जब उसके कानो में जोर से चीखने की आबाज गयी , ये आबाज किसी भयंकर दर्द से कराहते इंसान की थी | कार्तिक हक्का बक्का सा उठ कर बैठ गया , उसे अपनी नजर दौड़ाई तो नीलू बिस्तर पर नहीं थी , इतने में उसे महसूस हुआ ये अबाज वाशरूम से आ रही है ...


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