Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 180

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 180


कार्तिक की बाहो में शिवानी थी , क्युकी शिवानी गिरने बाली थी , इसलिए कार्तिक ने उसे गिरने से बचा लिया था , लेकिन सामने हॉल में खड़ी पायल और नीलू दोनों ये नजारा देख रही थी , सामने से देखने पर ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कार्तिक शिवानी को पकड़ के उसकी चिन के नीचे गर्दन पर किश कर रहा हो ??


नीलू का तो मानो खून ही खौल गया था , वो अपना आपा खोने बाली ही थी की पायल ने उसे संभाल लिया , पायल ने उसे समझाया की अभी तेज गुस्सा करना ठीक नहीं है घर में बड़े बुजुर्ग भी मौजूद है इसलिए इसे कमरे में ले चल और वहां इसकी जम कर खबर लेना .... नीलू को ज्यादा गुस्सा इसलिए और आ रहा था क्युकी सबके सामने शिवानी न तो कार्तिक से बोल रही थी और न ही नीलू से ... लेकिन अकेले मौका पा कर वो कार्तिक के साथ रोमांटिक सीन बना रही है ,,,, ऐसा कैसे पॉसिबल होने देगी नीलू ....


फ़िलहाल तो नीलू शांत रह गयी .. लेकिन उसकी आँखों में उसका गुस्सा साफ झलक रहा था ... कार्तिक की हालत अब और भी ज्यादा पतली हो रही थी क्युकी सच्चाई क्या है ये तो कार्तिक ही जानता था , अगर वो बताएगा भी तो नीलू कभी भरोषा नहीं करेगी ... 


आज का दिन ही कार्तिक के लिए अशुभ सा जा रहा था , उसका कभी जम नहीं रहा था |

अब पायल और नीलू उनके पास आयी गयी ... पायल ने स्माइल पास करते हुए कार्तिक से इशारे करते हुए पूछा " क्या चल रहा है जी .. जीजा और साली में ??" 


शिवानी तो अपना हाई हील ठीक करने के लिए झुक गयी ... कार्तिक बोला " देखो जी आई थिंक आप लोगो को कोई गलतफहमी हो गयी है , ऐसा वैसे कुछ भी नहीं है "


नीलू ने अपनी गुस्से से मुठियाँ बंद कर रखी थी , बोली " यहाँ रोमांटिक शीन बना रहे हो और कह रहे हो की हमे कोई गलतफहमी हुई है "


शिवानी ने कार्तिक का बचाव करते हुए कहा " नीलू .... तुम्हे पता भी है की तुम क्या कह रही हो , बिना कुछ पता किये ऐसा इल्जाम कैसे लगा सकती हो ?"


तुम तो अपना मुँह ही बंद रखो ,, पहले तो ये चुन्नी का सही इस्तेमाल करना सीख जाओ , यु झुक खड़ी हो की तुम्हारा ये पूरा संसार दिख रहा है , दिख क्या रहा है दिखा रही हो ??


नीलू की बात शिवानी को और भी ज्यादा चुभ गयी क्युकी अभी शिवानी की कोई गलती नहीं थी , अब आज कर ड्रेसेस ही कुछ ऐसी आने लगी है की संसार तो क्या कुछ भी दिख सकता है ....


कार्तिक चिल्लाते हुए बोला "नीलू तुम न हद से ज्यादा न बोलो , जब कुछ नहीं पता हो तो ऐसे इल्जाम लगाना बंद करो , सुबह से देख रहा हूँ , मुझे फ़ोन करने तक के लिए फ्रीडम नहीं दे रही हो , शिवानी को बस गिरने से बचा लिए तो इसमें तुम्हे रोमांटिक सीन नजर आने लगे "


शिवानी की आँखों से आंसू आ रहे थे , नीलू अब थोड़ी देर के लिए शांत हो गयी थी ... पायल ने कहा " कार्तिक गुस्सा मत करो , अब जो सामने से दिखा वही नीलू ने बोला है ... उसकी जगह तुम होते तो तुम्हे भी ऐसा ही लगता "

कार्तिक " तो पास आ कर सच भी तो पता किया जा सकता है , इतना तो कॉमन सेंस होना चाहिए खुले आम घर की बालकिनी में कौन इश्क़ लड़ायेगा , उसके लिए और भी जगह का चुनाव किया जा सकता है |


नीलू जोर से बोल पड़ी " मतलब करना जरुरी है ...."

कार्तिक " क्या करना जरुरी है ,,, तुम देखो नीलू मेरा अब ज्यादा भेजा ख़राब न करो , मैं सच में यहाँ से चला जाउगा "

नीलू " चोरी की चोरी ऊपर से सीना जोरी ... देखो तो भला तुम कर सकते हो हम देख कर बोल भी नहीं सकते है .... सही है चला जाउगा ... कहाँ चले जाओगे ??"


थोड़ी ऊँची आबाजे हॉल में गूंजने लगी थी जिसे सुनकर शीला जी और रजनी जी बहार आ गयी ...

'रजनी " अरे बच्चों क्या हुआ ... क्यों शोरर कर रहे हो ?"

पायल ने बात सँभालते हुए कहा " अरे आंटी जी कुछ नहीं बस ऐसे ही हसी मजाक चल रहा है "


नीलू की माँ ने कहा " अच्छा ठीक है " , और शीला जी और बे दोनों घर के बहार बाते करती हुई निकल गयी ||

शिवानी भी अपने आंसू साफ करते हुए वहां से चली गयी .. अब कार्तिक नीलू और पायल ही वहां खड़े रह गए ||


कार्तिक खड़ा खड़ा गिल्टी फील कर रहा था साथी ही सोच रहा था की उसके नीलू के सामने गुडबिल बिलकुल भी बिगड़ गयी है , अब समय आ चुका है की इसमें सुधार किया जाना चाहिए |


पायल और नीलू भी चुप चाप खड़ी थी ... की शायद कार्तिक अब कुछ कहेगा ... लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ ... कार्तिक इधर उधर देखा और हॉल में जा कर सोफे पर बैठ गया ...


नीलू भी टेंशन की बजह से शक्ल change कर रही थी , पायल ने उसे कहा चलो कोई नहीं अपने रूम में जाओ और अपना फेस धो लो कितना बेकार सा लग रहा है |


नीलू और पायल भी वहां से जाने लगी ,.. नीलू अपने कमरे में चली .. और पायल कार्तिक के पास सोफे पर ही बैठ गयी ||


पायल ने कार्तिक से कहा " सॉरी कार्तिक अगर मेरी किसी बात का बुरा लगा हो तो ... " कार्तिक ने पायल की बात का रिप्लाई तो करना दूर उसकी और देखा भी नहीं और चुप चाप अपने फ़ोन में कुछ देखता रहा |


ओमकार जी और राजेश जी भी अब कमरे से निकल आये थे ... अरे भाई टाइम तो हो गया ... चलो चलते है मंदिर ...

प्रिया बेटा कहा हो .. सब लोग ... तो पायल ने कहा " अंकल जी वो लोग अभी बात करते करते गेट से बहार चले गए है , मैं बुला देती हूँ "


"चलिए हम तो कब से ही तुम लोगो के बहार आने का इंतजार कर ही रहे थे ... चलिए हो जाईये तैयार "'

कार्तिक ने अपनी माँ को अपने पास बुलाया और कहा " माँ क्या आप भी न मैं ,  खाना पीना खा के चलना चाहिए था न , मुझे सुबह ऑफिस भी जाना होगा , कैसे मैनेज होगा "


शीला जी ने कहा " तो तुम्हे उसी टाइम कहना चाहिए था न , अब कैसे बोले इन लोगो को "

कार्तिक " कोई नहीं आप लोग रुक जाना , मैं चला जाउगा , क्युकी मुझे यहाँ बिलकुल भी कम्फर्ट फील नहीं हो रहा है , और मुझे अपने सिस्टम पर कुछ काम भी करना है "

शीला जी कहा ठीक है अपने पापा से पूछ लो और चले जाओ .. अब हम तो इन्हे रुकने का वादा कर चुके है "


कार्तिक वहां से उठा कर अपने पापा के पास गया और उनके कान में कुछ कहा तो उन्होंने ने भी सर हिला दिया ... कार्तिक की शक्ल देख कर ही लग रहा था की उसका मूड ठीक नहीं है , इसलिए वो यहां रुक नहीं पायेगा |


कुछ देर बाद , सभी लोग रेडी हो कर हॉल में इकट्ठा हो गए ... उन सभी को मंदिर जाना था ... नीलू कार्तिक से गुस्सा जरूर थी लेकिन ये सारा झमेला तो उन दोनों की बजह से था न .. मंदिर जाना बगैरा ... इसलिए नीलू की नजरे कार्तिक को ही ढूंढ रही थी ,, लेकिन कार्तिक उसे नजर नहीं आ रहा था |

उसे लगा हो सकता है बाथरूम बगैरा में तो नहीं है .. लेकिन जब सब जाने लगे तो उसने पूछा " कार्तिक कहाँ है " तो शीला जी ने नीलू को बताया की कार्तिक को कुछ अजीब लग रहा था उसका मन नहीं था यहाँ रुकने इसलिए वो चला गया || 

नीलू  "क्या चला गया ? और मंदिर ??"


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