google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 188

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 188

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 188

रजनी जी और ओमकार जी रात को खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोने से पहले .....

ओमकार जी टेबल पर बैठे अपनी डायरी में कुछ लिख रहे थे ... तभी रजनी जी उनके पास आयी और उनके कंधे पर हाथ रख कर खड़ी हो गयी ... ओमकार जी ने पीछे घूम कर देखा तो उनके चेहरे पर मुस्कराहट आ गयी ,,, उन्होंने अपना चस्मा उतरा और टेबल पर रखते हुए रजनी जी के दोनों हाथ अपने हाथो में लेते हुए अपनी चेयर उनकी ओर घुमा ली ...


रजनी ने स्माइल करते हुए कहा " क्या कर रहे हो ... आप ... तो बस डायरी में ही मस्त रहते है "

ओमकार जी ने भी स्माइल की और बोले " तो आपके हिसाब से इस टाइम मुझे क्या करना चाहिए "

"शरमाते हुए रजनी जी ने कहा " आपके बाल अब पक चुके है , हमे नहीं लगता की आपको कुछ बताने की जरूरत है की क्या करना चाहिए और क्या नहीं ,,, लेकिन हमारे कहने का मतलब ये है की अब नीलू की बारात अपने दरवाजे पर आने के अब महज 16 दिन बचे है , और अभी तक ... "


ओमकार जी ने थोड़ा जोर लगाते हुए रजनी जी को अपनी गोद में बिठा लिया ... तो रजनी जी बोली " क्या कर रहे हो जी ... अब ये सब ठीक नहीं है , बच्चे बड़े हो गए है "

ओमकार जी की हसी बाहर निकल गयी और बोले " तो हम क्या अब एक और बच्चे की प्लानिंग थोड़े न कर रहे है जो आप इतना घबरा रही हो , हम तो बस अपने प्यार का एक छोटा सा नमूना पेश करना चाह रहे है " 


रजनी जी ने ओमकार जी के बिखरे हुए बाल सही करते हुए कहा " और नमूना कब बड़े प्रोजेक्ट में तब्दील हो जाये कुछ पता नहीं चलता है ,, समझ गए आप "


एक मुस्कान के साथ ओमकार जी ने कहा " तुम क्यों इतना टेंशन ले रही हो , मैं हूँ न और बैसे ही सारी व्यबस्थाये हो चुकी है , बस वो दिन आने दो .. जब हमारी लाडो के हाथ पीले होंगे ||


रजनी जी अब स्पीचलेस थी और बस ओमकार जी उनके चेहरे की ओर देखते हुए मुस्कराने लगे ..... रजनी जी अभी भी चेयर पर बैठे ओमकार जी की ही गोद में बैठी थी और अब उन्होंने प्यार से ओमकार जी को सीने से लगा लिया ...


ओमकार जी ने अपने दोनों हाथो में रजनी जी का चेहरा भरते हुए उनकी आँखों में देखते हुए बोले " आप अभी भी उतनी ही हसीं और खूबसरत लगती हो ,  जिंतनी पहली रात को दिख रही थी "

रजनी ने शरमाते हुए ओमकार जी के सीने पर अपनी उंगलियों से हरकत करने लगी ....

ओमकार जी ने रजनी जी के होठो को अपने होठो के दरमियान लेते हुए प्यार के आलिंगन के साथ चुंबन करने लगे ......


नीलू आज कल अपने फ़ोन में इंटरनेट पर आज कल शादी से रिलेटेड ही वीडियो और आर्टिकल ही सर्च करती रहती थी , आखिर शादी के टाइम खुद को कैसे prepare करे , कैसे ??? 


उसे नींद नहीं आ रही थी तो उसने कार्तिक को कॉल करने का सोचा ... सोचा ही नहीं ईगो को साइड करते हुए कॉल कर ही दिया 


कार्तिक भी अभी तक सोया नहीं था , उसे एक नहीं बल्कि कई सारी टेंशन एक साथ थी ...

उसने देखा आज पूरे तीन दिन बाद नीलू उसे कॉल कर रही है .. उसने कॉल रिसीव कर लिया |


हेलो , ......

" हेलो , क्या हुआ तबियत ठीक नहीं है क्या ,....." नीलू ने भारी सी आबाज सुन कर कार्तिक से पूछा 

" नहीं , मैं ठीक हूँ " कार्तिक ने नीलू को सीधा सीधा उत्तर दे दिया 

नीलू " क्या हुआ ? अभी भी नाराज हो मेरे से "

" क्यों अब क्या हो गया , जो ऐसे पूछ रही हो " कार्तिक ने अपने गुस्से बाले तेबर में कहा 

नीलू अब शांत रह गयी और कुछ नहीं बोली 


कार्तिक " क्या हुआ , बोलो ... उस दिन तो तुमने झंडे गाढ़ दिए थे अपनी फ्रेंड और अपनी सिस्टर्स के सामने "

नीलू ने बहुत ही धीरे कर भरे हुए स्वर में कहा " यार कार्तिक उस बात को आज पूरे चार दिन हो गए है , और तुम हो की उसे ही पकड़ के बैठे हो , तुम्हे पता भी है , हमारी शादी को केबल 16 दिन बचे है और तुमने मुझसे चार दिनों से बात तक नहीं की है "


कार्तिक ने कहा " पता है मुझे ,,, लेकिन गलती तुम्हारी थी तुमने भी तो अभी तक सॉरी नहीं बोला है "

नीलू ने अपने आंसू साफ करते हुए कहा " यार तुम छोटी छोट सी गलतियों के लिए मुझे ऐसे पनिश किया करोगे , क्या प्यार में सॉरी बोलना जरुरी होता है , क्या जज्बात और दिल में उठती बैचेनी काफी नहीं है , क्या सॉरी वर्ड बोल देने से ही सामने बाले की गलती को माफ़ किया जायेगा .. उसकी भावनाओ को बिलकुल नहीं समझा जायेगा ?"


कार्तिक ने कहा " प्यार और समर्पण को बिलकुल समझा जायेगा और समझा भी जाता है , दूसरे भावनाओ को भी समझने की कोशिश करनी चाहिए , ऐसा तो मैंने कभी नहीं कहा "


" तो एक बार कॉल करके एक बार मेरे बारे में भी पूछ लिया होता की मेरे मन में तुम्हारे लिए क्या चल रहा है , या सिर्फ गुस्सा करना ही तुम्हरा हक़ और अधिकार है " नीलू ने एक सवाल कार्तिक के ऊपर दाग दिया |


कार्तिक अब नरम पड़ने लगा था , उसने कहा " वो मैं थोड़ा ज्यादा टेंशन में था इसलिए नहीं कर पाया "

नीलू ने पूछा " अच्छा अब तुम इतने बिजी और टेंशन में थे की तुम अपनी लाइफ और वाइफ दोनों के बारे में भूल गए "

"भूल तो मैं एक पल के लिए भी नहीं सकता हूँ , हाँ लेकिन अगर तुम मुझे हर्ट करती हो तो मैं थोड़ा दूर जरूर होने की कोशिश करता हूँ , ये मेरी फितरत है "


नीलू " इसका मतलब अगर लाइफ में मुझसे कोई गलतियां होगी तो तुम मुझे मेरे हालत पर छोड़ के आगे बढ़ जाओगे ?"

कार्तिक ने कहा " नहीं ऐसा कभी नहीं होगा ..... "

" लेकिन अभी तो ऐसा ही है ... एक लड़की आखिर अपने प्यार या जिंदगी से क्या चाहती है तुमने कभी जानने की कोशिश की है कार्तिक जी "

कार्तिक " यार सॉरी मैं इस मामले में थोड़ा अधूरा सा हूँ , मैं थोड़ा गुस्से बाला तो थोड़ा जज्बाती भी हूँ , लेकिन इसका मतलंब ये नहीं में मतलबी या फिर बेबफा हूँ , शायद नीलू तुमने मुझे अभी तक समझा ही नहीं है , शायद तुम्हे ऐसा लगता है की मैं चैरेक्टरलेस हूँ , तुम्हे ऐसा लगता है की मैं नायरा से कुछ अलग तरह के संबंध रखता हूँ , लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है ... मैं नायरा के साथ इतना कनेक्ट क्यों हूँ शायद तुम जब उसे करीब से जानोगी तो समझोगी , हाँ ये जरूर है हम कभी एक दूसरे के अट्रैक्शन में जरूर थे , लेकिन गलत कभी नहीं "

नीलू ' इतना लम्बा एक्सप्लेन करने की जरूरत नहीं है मैंने तुम्हे ये सब बताने के लिए नहीं कहा है "

कार्तिक " लेकिन मुझे फील हो रहा है की तुम्हे जानना चाहिए मेरा और नायरा का रिस्ता "

नीलू " मुझे इसकी कोई जरूरत नहीं है , मुझे तो बस तुम्हे जानने की जरूरत है "

कार्तिक " तुम्हे एक बार नायरा से मिल कर उसे भी जानना चाहिए नहीं तो ये शक बाला कीड़ा हमारे रिश्ते को हमेशा ही कुतरता रहेगा "


नीलू " कार्तिक प्लीज , मैं कोई शक नहीं करती हूँ '

कार्तिक " एक काम करे संडे को मिले ??"

नीलू " हाँ "

ओके .....


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