Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 192
"पायल मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा है , तू जरूर मुझसे कुछ छुपा रही है , तू क्लास की बजह इधर उधर कुछ षणयंत्र सा रचती घूम रही है " नीलू ने आशंका जताते हुए कहा
पायल मुस्करायी और बोली " तू क्यों घबरा रही है तेरी थोड़े न किसी ओर से शादी करा दे रहे है , दूल्हा तो तेरा अब वही रहने बाला है "
नीलू " हाँ वो तो है ही अब थोड़े न बदलने बाला , लेकिन तू बता तेरा चल क्या रहा है "
पायल और नीलू आपस में कुछ डिसकस कर ही रही थी तभी बाकी लड़किया भी आ गयी .. और सब एक एक करके नीलू को घेर कर बैठने लगी ... नीलू सबको आश्चर्य से देख रही थी
" अरे भाई क्या हुआ , ऐसे क्यों देख रही है , कोई तुझे खा थोड़े न ले रहा है . बस बैठ रहे है तेरे पास " पायल के बगल में बैठते हुए उसकी सहेली ने कहा
" अरे तो ऐसे क्यों घूर रही हो , हमने कोनसा तुम्हे कुछ कहा है बस देख ही तो रहे है , की तुम वही आयशा हो की बदल तो नहीं गयी हो " नीलू ने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए कहा
"ओह्ह रहने दे , तू तो बात ही न कर ... सगाई करली .. मिस्टर एक साथ शादी से पहले ही हनीमून ट्रिप पर घूम आयी और हम लोगो को भनक तक नहीं लगने दी " कीर्ति ने गुस्सा जाहिर करते हुए नीलू से कहा
" अरे अरे तुम सब तो मुझ पर चढ़े ही जा रही हो , कोनसी शादी हो गयी मेरी , और कोनसी मोनीमून ट्रिप किसने तुम्हे बहका दिया है बहनो ... " नीलू ने पायल की ओर देखते हुए आंखे निकाली
पायल " देखा , देखा तुम सब ने देखा कैसे मुझे आंखे निकाल कर धमाका रही है "
" हाँ सब साफ साफ़ दिख रहा है , इसका चेहरा सब कुछ वयान कर रहा है , अब कुछ बताये या न बताये "
नीलू " अरे यार ... तुम सब भी न ... हाँ सगाई हो गयी है ... बस अब बारात आने की देरी है ... , और सुनो .. तुम सब invited हो मेरी शादी में ... , ओये तू सुन .. लैला मझनू की तुझे तो स्पेशली पर्पल कलर की ड्रेस में आना है "
" चल चल रहने ही दे ... आई बड़ी , जब हमे पता चल गया तो इनविटेशन देने लगी और बैसे कभी कॉलेज ग्रुप में भी नहीं बताया "
नीलू " यार शीतल तू भी न , टांग खींचने में कम नहीं है "
शीतल " अच्छ बेटा तू टंगे फ़ैलाने के लिए रेडी है , और हम टांग भी न खेंचे "
अब नीलू शर्मा गयी ... और नजरे झुका कर बोली " ओये अब तू ज्यादा नहीं बोल गयी "
पायल " यार अब उसे इतना भी जलील न करो , ठीक है अपना अपना पर्सनल मैटर होता है , नहीं बताया तो क्या हुआ , हमे पता चल ही गया न "
" अब तू इसकी ज्यादा साइड न ले , तेरा भी क्या और कहाँ चक्कर चल रहा है तूने भी नहीं बताया है , लेकिन हमे पता है , तू क्या सोच रही है तुझे पार्टी नहीं देनी पड़ेगी ? "
पायल " हाँ शीतल बहन लेले पार्टी , कैसे लेगी बता... "
अब सब एक साथ हस पड़ी जिसकी बजह से लेक्चर रूम गूंजने लगा ||
अब कीर्ति जा कर पायल के कान में कुछ फुसफुसाने लगी ... पायल ने भी उसके कान में कुछ कहा ....
तभी लंच टाइम हो गया था .. सभी लंच करने के लिए इधर उधर जा रहे थे ... तभी वे सभी खाने के बहाने से कॉलेज से बाहर जाने लगी ...
वे सभी मिल कर नीलू को सरप्राइज बैचलर पार्टी दे रही थी ... इसलिए बे सब मिल कर अपना सरप्राइज छुपा कर रखना चाह रही थी जिसकी भनक नीलू को लग चुकी थी ||
तुम सब मुझे ऐसे पकड़ के कहाँ ले जा रही हो कम से कम बता तो दो , हरामखोरो ... मेरा बाला मेरे फ़ोन का इंतजार कर रहा होगा ?
पायल " तो करलो न कॉल किसने रोका है , बता दो की आज तुम कॉलेज में लड़कियों के साथ मस्ती कर रही हो "
नीलू " इतना सब बताने की जरूरत नहीं पड़ती मुझे , समझदार है बो "
पायल " मुझे तो पता है कितना समझदार है , इन सबको बता की कितना समझदार है "
" नीलू बता न कितना है समझदार तेरा दूल्हा " कीर्ति और एक लड़की नीलू से मजे लेने लगी
नीलू कुछ कह पाती उससे पहले ही पायल ने कह दिया " बहन इतना समझदार है की दोनों एक ही बिस्तर में लेते रहे लेकिन किश तक न किया "
" ओहो... क्यों कुछ करना नहीं आता क्या ? "
नीलू अब उन सबके चेहरे की ओर देखने लगी और बोली " तुम सब बबली हो रही हो क्या सब कर लेना ही समझदारी होती है , न करने के नाम को भी कुछ न कुछ कहते होंगे "
कीर्ति " आज के टाइम के हिसाब से कैलकुलेट करे तो इसे न समझदारी ही कहेगे "
" ठीक है ये तुम्हारे लिए न समझ की परिभाषा हो सकती है लेकिन मेरी लिए तो यही समझदारी है " नीलू ने सीरियस होते हुए कहा ||
" अरे यार तू तो दिल पे ले गयी ... बेटा कही और लेना सिख ले नहीं तो बहुत दिक्कत होने बाली है तुझे " पायल ने भी नीलू की टांग खेचते हुए कहा
नीलू " अब तू भी इनका ही साथ दे रही है ... चल तुझे तो मैं देख ही लुंगी ... तेरी तो मैं उतार के ही रहूगी
" हे हे हे ... जिसकी खुद की अब जल्दी से उतरने बाली हो वो मेरी क्या उतारेगी ..... और हाँ उतरने का काम तो मर्दो का होता है स्त्रियों का नहीं ,,,"
नीलू आज अपनी पुरानी दोस्तों के चंगुल में बुरी फस चुकी थी ,,, आज उसे उनके बल्गर बिहेव से गुजरना पड़ रहा था जो की उसे uncomfortable जोन में ले जा रहा था | लेकिन अब वो कर भी क्या सकती थी .. आज उसकी बैचलर पार्टी जो थी .... आज उसका नहीं बल्कि उसकी दोस्तों का दिन था सो वे एन्जॉय कर रही थी |
चल चल जल्दी कर .. आ गया बार .... अरे तुम लोग यहाँ कहाँ ... हम क्या दारू सारू पीने आये है क्या ..." बार का नाम पढ़ते ही नीलू ने अपने पैर अकडाते हुए कहा
हाँ आज बेटा हम तुझे जम कर पिलाने बाले है .. न जाने शादी के बाद तुझे क्या क्या ....
मतलब शादी के बाद से तुम्हारा क्या मतलब .. मैं नहीं पीते बियर बगैरा ... मुझे उल्टियां हो जाती है
पायल ने नीलू का हाथ थामा और खेच कर अंदर ले जाने लगी .... उन्होंने पहले से ही काफी सारा इंतजाम करके रखा था ... अंदर जाने की फॉरमैलिटीज करने के बाद .. बे सारी फ्रेंड्स बार के अंदर चली गयी ....
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