google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 षणयंत्र भाग - 3 - rochak kahani in hindi - romantic story in hindi | Hindi kahani , hindi kahaniya

षणयंत्र भाग - 3 - rochak kahani in hindi - romantic story in hindi | Hindi kahani , hindi kahaniya




Hindi kahani - shanyantra part 3

 

 
Rochak kahaniya

 
सीन नंबर 1
 
शाम हो चली थी और राज आज न तो दोपहर का खाना खाने आया था और न ही अभी तक आया , यादराम ने चिंता जताते हुए कहा |
दिव्या ने भी यही बात दुहरायी , हाँ बाबूजी ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ , क्यों के बो तो खाने के नाम पर दो घंटे भी भूखे नहीं रह सकते राज भैया |
यादराम ने दिव्या से कहा - उसको फ़ोन करके पूछना , ऐसा क्या काम करने लगा है जो नहीं आया ?
दिव्या ने फ़ोन लगाया तो पता चला उसका फ़ोन तो लग ही नहीं रहा है | 
यादराम ने परेशान होते हुए कहा - दुवारा लगाओ , होसकता है नेटवर्क न हो |
दुवारा भी वही , नंबर नहीं लगा | यादराम ने दिव्या से कहा तुम खाना खा लो में देखता हूँ बाहर कही |
दिव्या खाना खाने ही बैठती है तब तक उसके फ़ोन पर श्याम का फ़ोन आ गया और दोनों बातें करने लगे |
दिव्या - हेलो |
श्याम - हेलो डार्लिंग , कैसी हो ? घर वालो ने कुछ कहा तो नहीं |
दिव्या - मैं ठीक हूँ , हाँ थोड़ा सा फटकार तो लगी , लेकिन ज्यादा कुछ नहीं कहा |
श्याम - थैंक गॉड , मुझे लगा पता नहीं क्या हुआ होगा और हँसाने लगा |
दिव्या - इसमें हँसाने वाली क्या बात है |
शयाम - अरे कुछ नहीं , और तो फिर अब कब का प्लान है |
दिव्या - धत्त , हर वक्त वही सब नहीं करना |
श्याम - हर वक्त कौन कर रहा है |
दिव्या - यार थोड़ा टेंशन है 
श्याम - क्यों क्या हुआ ?
दिव्या - आज भाई घर नहीं आया सुबह से |
श्याम - आजायेगा टेंशन न लो |
दिव्या - देखते है ...
और अब फ़ोन  कट जाता है |

सीन नंबर २.
इधर मनप्रीत और उसकी माँ को अगले दिन किसी फंशन में जाना था | इसलिए सुबह के लिए मनप्रीत पैकिंग कर रहा था , गीत भी उसका साथ दे रही थी | तब मनप्रीत ने नोटिस किया गीत कल से कुछ परेशान सी लग रही थी | कुछ डरी डरी सी लग रही थी , जब दरवाजा खटखटाने की आवाज आती तब तो और भी डर जाती और कौन है जरूर पूछती थी |  मनप्रीत ने इस बात को कई बार नोटिस किया | लेकिन उसने उससे नहीं पुछा वो खुद से जानना चाह रहा था | पैकिंग हो जाने के बाद दोनों बिस्तर पर पहुंच गए , तब मनप्रीत ने पूछा आज तुम कुछ परेशान लग रही हो क्या बात है ? गीत ने कुछ नहीं बताया बोली - कुछ नहीं बस थोड़ी सी तबियत ठीक नहीं है , बाकी सब ठीक है| अच्छा जी |
मनप्रीत ने गीत को गाल पर एक चुंबन देते हुयु कहा - अगर कोई बात हो तो बताओ , कोई परेशानी हो तो |
गीत ने भी चुम्बन से उत्तर देते हुए - न में उत्तर दिया |
मनप्रीत ने भी अब दो चार चुम्बन और दे दिए और गीत को अब उसने अपनी बाहो में भर लिया और उसके ऊपर प्यार से हाथो को सहलाने लगा | और धीरे धीरे गीत भी अपने आप को मनप्रीत के प्रति समर्पण करने लगी थी |मनप्रीत भी गीत के कोमल उरोज का स्पर्श महसूस कर मधहोश होने लगा , धीरे धीरे उसके हाथ हरकत में आने लगे और गीत के स्तनों को सहलाते हुए उसने गीत के कपड़े उतर दिए | कुछ ही देर में दोनों निर्वस्त्र हो चुके थे , आज काफी दिनों बाद गीत मनप्रीत की होने जारही थी , ज्यादातर दोनों में मनमुटाव ही देखने को मिलता था | आज अमनप्रीत अपने परफॉरमेंस पर धयान देना चाहता था न की पुराने मन मुतावो पर , इसलिए मनप्रीत ने जी भर के प्यार किया , गीत भी आज ,मनप्रीत के प्रति नरम दिख रही थी उसने भी मनप्रीत का भरपूर साथ निभाया , मनप्रीत को आज अपने तरीके और अपनी पसंद का संबंध बनाने के हरी झंडी मिल चुकी थी , लेकिन ऐसा हो क्यों रहा था इसके कोई खास बजह थी या फिर क्या था ये तो गीत को ही पता होगा |
 क्युकी गीत को मनप्रीत का संबंध बनाने के तरीके कभी पसंद नहीं आये थे लेकिन आज वो उसके तरीको से कोई एतराज नहीं कर रही थी , लेकिन ज्यादा पीड़ा होने की बजह से वो तेज तेज आवाजे निकल रही थी , ,मनप्रीत अपने काम में व्यस्त था | उसके पास वाले ही कमरे में उसी बहने अमन और सोनम लेटी हुयी थी | सोनम को नींद नहीं आरही थी तो उसे कुछ सुनाई दिया तो उसने कमरे की खिड़की से झाँका और देखा तो उसे भी कुछ अजीव सा लगा , सोचने लगी भाई अनैतिक संबंध बनाने में क्यों जोर दे रहे है | थोड़ी देर देखने के बाद सोनम आ कर अमन के पास लेट गयी| जब बो अमन के पास लेती तो अमन भी जग रही थी |

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सीन नंबर ३.
अमन - देख ली , श्याम लीला |
सोनम - थोड़ा डर सी गई , क्या तू अभी जग रही है |
अमन - ऐसी अश्लील आवाजों के साथ कौन सो सकता है |
सोनम - मुस्कराने लगी , तो सोने का बहाना क्यों बना रही है |
अमन - बहना नहीं , कोशिस कर रही हूँ सोने की |
सोनम - तो आ रही है नींद ?
अमन - नहीं |
सोनम - तो फिर ?
अमन - फिर क्या कुछ नहीं |
सोनम - चल देखेंगे |
अमन - क्या , अब क्या देखेगी , जो होना था वो होगया , सब शांत हो गए |
सोनम - धत्त , में उन्हें देखने की बात नहीं कर रही |
अमन - तो ?
सोनम - मोबाइल में फिल्म चला के दिखती हुए बोली ||
अमन - आँखे तरेरते हुए , धत्त तेरे की तेरे पास कहा से आगयी ये फिल्म |
सोनम - मुस्कराते हुए , किसी को बताओगी तो नहीं |
अमन - नहीं \
सोनम - मेरी फ्रेंड ने , और अकेले में देखने के लिए बोला है |
अमन - फ़ोन लेते हुए , ला दिखा , 
अब दोनों मोबाइल में फिल्म देखने में व्यस्त हो गई | फिल्म अश्लील थी इसलिए दोनों के अंदर भाव जाग्रत होना स्वाभाविक था | लेकिन साथ देने वाला कोई नहीं था | दोनों आपस में चिपक कर सो गयी |

सीन नंबर ४.
  सुबह पहले ही गाड़ी से मनप्रीत और उसकी माँ चले गए | घर पर अमन , सोनम और गीत रह गई | अमन और सोनम भी कॉलेज के लिए निकलने वाली थी | अब गीत अकेली रहने वाली थी | वो उनके लिए खाने की तयारी में जुट गयी | तभी सोनमने कहा भाभी जी मैं हेल्प कर दू | गीत सोचने लगे आज सूरज पश्चिम से कैसे निकलने लगा , जो कभी बात नहीं करती वो आज हेल्प के लिए पूछ रही है |
सोनम- क्यों झटका लगा क्या ?
गीत -नहीं , ऐसे झटके तो रोज खाती हूँ | 
सोनम - अच्छा जी , कैसे खाती हो |
गीत - जैसे रात को तुमने देखा , खिड़की से झांक कर |
सोनम अब चुप थी | 
गीत ने दुहराया - अब लगा न झटका | इसे कहते है झटका लगाना समझी , अभी बच्ची हो , 
सोनम - हम्म्म , वो तो है |
गीत - तो और बताओ , बीएस झटके बारे में जानना है या कुछ और ??
सोनम - कुछ और क्या क्या बताओगी |
गीत - मैं तो बहुत कुछ सीखा दूंगी |
आज पहले बार गीत और सोनम की बात हुयी , बात ही नहीं बल्कि दोस्ती भी हो गयी थी , सोनम ने गीत से रात के बारे में बड़ी उत्सुकता से सारी बाते जानी | फिर बोली  भैया ऐसा क्यों करते हैं |
गीत ने कहा उन्हें ऐसा ही अच्छा लगता है | और बाते होती रही |

सीन नंबर ५.
इधर राज रात भर न तो घर आया और न ही उसका नंबर लग रहा था | बहुत पूछ ताछ करने के बाद भी कुछ न पता चला , बंटी ने दीप को भी कॉल किया तो दीप तुरंत दौड़ा चला आया , ऐसे जताने लगा जैसे उसे कुछ मालूम ही न हो , उसने मिल कर बंटी के साथ बहुत खोज करवाई लेकिन राज का कुछ पता न चल सका | दीप ने बहुत पहले ही ठान लिया था की वो राज से बदला लेगा लेकिन ऐसा बदला लेगा ये तो किसी ने भी नहीं सोचा था | यादराम जी ने दीप से पूछा तुम तो रोज मिलता था , तुम्हारा तो दोस्त था , तुम्हे कुछ नहीं बताया बो | तब दीप ने याद करते हुए बताया हाँ , एक दिन बोल तो रहा था की किसी लड़की को भगा के ले जायेगा , और घर वालो को बताएगा भी नहीं |
यादराम - घरवालों को क्यों नहीं बताएगा ? आखिर हम क्या उसके शादी के खिलाफ थोड़े थे , हमे तो उसने कभी बताया तक नहीं | कौन लड़की है ?
दीप - ये तो मैं नहीं जनता | 
बंटी - चल कर एक बार उसकी ऑफिस में भी पता करना चाहिए |
दीप - हाँ , चलो उसकी ऑफिस चलते है 
दीप , बंटी , और यादराम तीनो मिल कर राज की सिटी केबल ऑफिस में गए | वहां जा कर पूछ ताछ करने पर पता चला की वो ऑफिस से किसी गीत नाम की महिला के यहाँ केबल ठीक करने गया था | उसके बाद कुछ पता नहीं है , बापस नहीं आया न ही नंबर लग रहा है|
अब बंटी समझ चूका था , क्युकी कुछ दिन पहले उसने राज को गीत के घर की दीवार कूदकर आते हुए भी देखा था |
बंटी ने अपनी स्कूटी उठायी और सीधा गीत के यहाँ जाने लगा | 
 इतने में दीप ने गीत को कॉल करके बताया की उसके घर बंटी पूछने आएगा तो कुछ न बताये और कह दे यहाँ तो केबल ठीक करके तुरंत चला गया था , फिर उसके बाद उसे कुछ नहीं पता |
यादराम और बंटी दोनों गीत के घर पहुंचे तो देखा गीत और सोनम घर पर है तो बंटी ने अंदर आने के लिए पूछा ?
गीत घबरा तो गयी लेकिन उसने किसी तरह अपने आप को संभाला और उन्हें पानी के लिए पूछा ? 
फिर बंटी ने पूछा - कल राज यहाँ आया था ?
गीत - हाँ केबल सही करने आया तो था | क्यों क्या हुआ ?
यादराम - वेटा वो कल से गायब है पता नहीं है उसका कही भी |
गीत - अरे कल तो आया था सही करके भी गया था, फिर कहा गया होगा |
बंटी ने जोर देते हुए पूछा - देखो आपको कुछ पता हो तो बता दीजिये , बरना बुरा होगा |
गीत - बड़े ही विनम्र भाव से , भला मुझे क्या पता होगा |
फिर वो लोग वहां से चले गए और सीधा पुलिस स्टेशन पहुंचे और वहां राज की गम हो जाने की खबर दी | पुलिस ने भी केस दर्ज कर लिया | और उन्हें आश्वाशन दिया की वो खोज शुरू कर देंगे | पुलिस ने राज का फोन नंबर और फोटो और संदिग्ध लोगो के नाम की सूची मांगी | वो सब बंटी और दीप ने मुहोइया कराया | पुलिस अपना काम करने में जुट चुकी थी | 

सीन नंबर ६.
यादराम और बंटी अपने घर चले गए थे | दीप सीधा गीत के घर पहुंचा तो तब गीत अकेली थी | उसने गीत को बोला डरने की कोई जरूरत नहीं है , बाकि मैं सब संभाल लूंगा , लेकिन तुम्हे मेरा ध्यान रखना पड़ेगा |
गीत - तुम अपने ध्यान के चिंता है , मुझे यहाँ डर से फटी पड़ी है |
दीप - फटी तो सबकी है , और उसने गीत को पकड़ के गले लगाने की कोशिश की | लेकिन गीत अनमने ढंग से उसके गले लग गयी | 
दीप - चलो आज मूड बनाये |
गीत - देखो , जब तक मामला नहीं ख़त्म होता , मुझे कुछ नहीं करना |
दीप - देखो ज्यादा भाव मत खाओ , मेरा दिमाग मत सटकाओ, उसके साथ खूब करती थी |
गीत - देखो दीप तुम परिस्थिति नहीं समझ रहे हो |
दीप - तुम चिंता मत करो , मैं सब देख लूंगा | अगर किसी और को भी दफनाना पड़ा तो वो भी करुगा , लेकिन तुम दिक्कत नहीं होगी |
गीत - ठीक है अब तुम जाओ , आज घर पर सोनम है , इसलिए चले जाओ , तुम्हे मैं बुला लुंगी |
दीप चला जाता है |

पुलिस को एक अननोन नंबर से कॉल गया की राज की एक गर्ल फ्रेंड थी जिसका नाम रौशनी है , और कई दिनों से राज का उससे झगड़ा चल रहा था , दोनों को एक हफ्ते पहले झगड़ा करते हुए देखा गया था | और उसका अड्रेस भी दे दिया |
पुलिस ने उसका नाम पता पूछने पर उस व्यक्ति ने कुछ नहीं बताया उसने कहा की बो पुलिस की हेल्प करना चाहता है | पुलिस ने तुरंत बताये हुए पते पर जाने का फैसला किया | जब पुलिस वहां पहुंची तो देखा एक बहुत ही व्यस्त इलाके में छोटे छोटे से माकन है | वहां पते पर पहुंचने पर देखा एक बहुत ही पुराने माकन में जहा लगभग आधा गिरा हुआ मकान है पुलिस ने अंदर जा कर देखा तो एक कमरे का दरवाजा खुला हुआ है अंदर गए तो देखा एक लड़की खून से लथपथ पड़ी हुई है| उसका खून किया है किसी ने , देखने से ऐसा लग रहा था |लेकिन उसके एक हाथ में चाक़ू था जो के तेज धार वाला था , और दूसरे हाथ की नश कटी हुयी है जिससे खून वह रहा था | 
और दूसरी तरफ एक नोट्स पड़ा था उसमे लिखा था .. मैं अब और नहीं जी सकती ,,,, आई लव यू राज .. मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनाने बाली थी और तुम्हे ये सब मंजूर नहीं था इसलिए मैंने तुम्हारा खून तो कर दिया लेकिन मुझसे तुम्हारी जुदाई बर्दास्त नहीं हो पायी और मैं इस कलंक के साथ नहीं जीना चाहती थी , लव यू , मैं भी आ रही हूँ तुम्हारे पास .. वेट .. !!!
 एम्बुलेंस को लाने के लिए  फ़ोन किया और इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह को खबर की |||

        


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         E-mail - romanticbalistoty12@gmail.com
 

waiting for next part............
आगे की कहानी जानने के लिए जुड़े रहिये |||| 













 

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