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वेब सीरीज कॉल सेंटर - हिंदी कहानी - भाग - 11 | Call Center - Hindi kahani - Part - 11 |


वेब सीरीज कॉल सेंटर हिंदी कहानी भाग - 11 | Call Center - Hindi kahani Part - 11


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Kahani hindi me -


नोट - कहानी समझने के लिए सभी भाग पढ़ना आवश्यक है |

अब तक अपने पढ़ा , नैना डेविड के बुलाने पर उसके फार्महाउस पहुंच जाती है और जरुरी मीटिंग्स होने के बाद नैना वहां से आने लगती है , अब आगे |

नैना डेविड के फार्महाउस के बाहर खड़ी कैब के आने का इंतजार कर रही थी , थोड़ी ही देर में कैब आ जाती है , नैना कैब में बैठते हुए - भईया गोल्फ रोड ले लो |

कैब ड्राइवर - ओके मेडम 

और फिर नैना एक सोच में डूब गयी , न जाने जिंदगी कहाँ तक और किस मोड़ तक ले जाएगी , मैं जो करने निकली हूँ क्या सही  है ?

इतने में नैना की आंखे गीली हो चली थी , शीट में सिरहाने अपना सर टिकाये बैठी नैना के बंद पलको के किनारे से अबिरल अश्रु धारा अपना बेग बढ़ाये जा रहे थे , उसे आज फिर से अपने और हिमेश के बारे में सोचने लगी थी , उसे आज भी याद आ रहा था कैसे हिमेश ने उसे मीरा के कहने पर छोड़ा और साथ ही कितना बड़ा धोखा दिया था |

नैना कॉलेज से घर पहुंची तो उसने देखा कि उसकी माँ सर पर पट्टी बंधे हाथ में झाड़ू लिए आँगन में सफाई कर रही थी , और सामने बाले रूम में उसके पापा और मीरा के साफ साफ बातें करने की आवाजे आ रही थी | उसके पापा तेज अबाज में शायद मीरा पर चिल्ला रहे थे  | और मीरा भी उनसे कुछ तेज आवाजों में कह रही थी , 

नैना ने माँ के हाथ से झाड़ू लेते हुए माँ को आराम करने के लिए कमरे में भेज दिया , नैना ने अभी अपना कॉलेज बैग भी अपने कंधो से नहीं उतारा था , अपनी आंखे गीली करके उसने बाकी बची आंगन की सफाई करने लगी | सफाई करते समय उसके दिमाग में बस एक ही बात चल रही थी , 

आखिर हिमेश को मीरा ने कैसे फसाया होगा | अब मीरा उसकी जिंदगी में सबसे बड़ी विलेन बन के उभर चुकी थी , मीरा ने पहले तो उसकी माँ की खुशियों पर ग्रहण लगाया था , फिर उसके बाद अब उसके फ्यूचर के साथ छेड़खानी शुरू कर दी थी |

थोड़ी बाद उसके पापा अंदर से तिलमिलाते हुए गुस्से से लाल बाहर की और चले गए .. और नैना एक तरफ खड़ी उन्हें देखती रही और वो शर्मिंदगी महसूस करते हुए घर से बाहर चले गए |

अपने पापा को ये हालत देख कर नैना को गुस्सा आया , उसे लगा जरूर मीरा पापा को भी धोखा दे रही है , इसीलिए पापा रोते से घर से बाहर गए है |

ये सब देख नैना तिलमिलाती हुयी मीरा को सुनाने के लिए उसके कमरे में घुसी चली गयी | नैना गयी तो गुस्से में थी लेकिन अंदर जा कर जो देखा उसे देख कर उससे कुछ कहा नहीं गया |

मीरा अंदर अर्ध नग्न अबस्था में उलटी पेट के बल लेती हुयी थी और हाथ में फोन लिए विडिओ कॉल पर किसी से कामुक बातें कर रही थी |

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ये सब कुछ देर तो खड़े हो कर नैना देखती रही , फिर उसने उत्सुकताबस पास जाकर देखना चाहा आखिर कौन नया आशिक मिल गया , और नैना बिना कुछ आवाज किये पास चली गयी तो देखा तो स्क्रीन पर उधर हिमेश लगभग आधे से ज्यादा नग्न हो कर अश्लील हरकत करते हुए नजर आया ,और उलटे पैर बापस आ गयी , और अपने माँ के गले से लिप्त कर बहुत देर तक रोटी रही | माँ के पूछने पर नैना ने कुछ नहीं बताया , आज के बाद से नैना के जुबान पर ताला लग चुका था | उस दिन के बाद न तो हिमेश का कॉल आया और न ही नैना ने कॉल करना सही समझा |

मेडम मेडम , क्या हुआ , आप रो क्यों रहे हो - ड्राइवर ने पूछा ?

नैना ने चौकते हुए अपनी आंखे खोली और जल्दी से अपने आंसू पौंछे - कुछ नहीं भईया , बस ऐसे ही |

मेडम सब ठीक तो है न - ड्राइवर ने फिर से पूछा ?

नैना - हाँ भाई सब ठीक है , घर की याद आ गयी थी इसलिए आंसू आ गए |

ड्राइवर - मेडम , कोई बात हो तो बता देना , हम किसी को दुखी नहीं देख सकते 

नैना - नहीं भैया , ऐसी कोई बात नहीं है , बस यू ही 

फिर ड्राइवर गाड़ी चलाने में बिजी हो गया , और नैना अपने फोन में कुछ देखने लगी थी ,

कुछ देर बाद  नैना का फ्लैट आ चुका था , नैना ने कहा भैया यही रोक दो मैं चली जाऊगी , गाड़ी रुकी और नैना ने पे किया और चली गयी |

ड्राइवर कुछ देर तक वही गाडी में बैठा नैना को जाते हुए देखता रहा , कुछ सोचता रहा , वो अच्छे से जान रहा था की नैना डेविड के फार्महाउस से आयी थी , जरूर कोई न कोई बात होगी ... खैर मैं क्या कर सकता हूँ सोचते हुए गाड़ी स्टार्ट की और निकल गया वहां से |

नैना फ्लैट पर पहुंची तो देखा सुलेखा अभी तक नहीं आयी है , तो नैना ने उसे कॉल लगाया 

हेलो सुलेखा कहा हो ? अभी तक आयी नहीं 

हाँ मैं अभी रस्ते में हूँ , बताया तो था लेट से आउंगी माँ से मिलने आयी थी यहां सुलेखा ने कहा 

अच्छा , हाँ यार दिमाग से निकल गया था , अब कैसी है माँ , नैना ने सिम्पैथी दिखते हुए पूछा 

अभी आराम है , मासी पूरा ध्यान रख रही है उनका , अब मुझे ज्यादा टेंशन नहीं रहेगी  सुलेखा ने सुकून से बताया 

अच्छा ठीक है जल्दी आजाओ यार , और हाँ अपने लिए कुछ खाने के लिए लेते आना , मैं हल्का फुल्का ही खाऊगी नैना ने उसे बताया 

ठीक है तुम्हारे भी लेती आउंगी कुछ और फोन काट दिया |

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नैना ने अपने कपड़े उतरे और वाशरूम चली गयी , कुछ देर शावर लेने के बाद जब नैना ने खुद को आईने में देखा तो उसके पूरे बदन पर लाल लाल निशान थे , उसने अपने हाथ वहां ले जा कर उसे छुआ तो वो निशान दुःख रहे थे , नैना समझ चुकी थी की ये निशान डेविड के दिए है , डेविड ने उसे जगह जगह अपने दांतो से काटा हुआ था | नैना ने जल्दी से आज फुल स्लीव कपड़े पहने ताकि वो निशान न दिख सके |

वो कपड़े पहन के तौलिया से अपने बाल सूखा ही रही थी की डोर वेल बजी उसने जा कर देखा तो सुलेखा थी , आओ जल्दी से कहते हुए नैना ने गेट बंद किया , कुछ देर में फ्रेश होने के बाद सुलेखा ने खाना टेबल पर लगते हुए नैना को आवाज दी , जल्दी आजाओ खाना ठंडा हो रहा है , उसके आवाज लगाते ही नैना वहां आ गयी और दोनों बातें करते हुए खाना खाने लगी |

सुलेखा ने पूछा "कैसी रही मुलाकात डेविड के साथ "

"कैसे हो सकती है " मुस्काते हुए नैना ने कहा 

"अरे वही तो पूछा हमने " सुलेखा ने अपने चहरे पर मुस्कान लाते हुए कहा 

"बस ठीक ही रही , वो तो हवस का पुजारी है पहले उसने अपनी ठरक मिटाई फिर बाकी की बातें की "

सुलेखा मंद मंद मुस्कारने लगी फिर बोली "तो अब मेडम को भी ये खेल खेलना आ ही गया "

नैना आंखे बड़ी करते हुए बोली "यार अब इस मैदान में उतर ही चुकी हूँ तो निपुण तो होना ही पड़ेगा "

हाँ हाँ सही कहा सुलेखा बोली और दोनों खाने पर ध्यान देने लगी |

सुलेखा ने खाना खाते खाते पूछा "माया के क्या हाल चाल है "

नैना बोली "हमे नहीं मालूम , होगी मिस्टर डीके के पास "

सुलेखा ने फिर कहा "एक बार पता तो करलो , कैसा चल रहा है "

नैना ने कहा "हाँ यार सही कहा , एक बार पता तो करे क्या हाल है मेडम के "

और माया का नंबर लगाया , रिंग रिंग 

लेकिन माया ने कॉल रिसीव नहीं किया , यार ये माया तो कॉल ही नहीं पिक नहीं कर रही है 

फिर सुलेखा बोली "ऐसा करो एक बार डीके को पूछो "

सर हिलाते हुए नैना ने डीके का कॉल गया ... कॉल रिंग होती रही लेकिन किसी ने कोई रिप्लाई नहीं किया 

सुलेखा बोली "हो सकता है डीके माया को अभी बिजी किये हुए होगा इस लिए नहीं रिसीव कर रहे है  "

लेकिन नैना की चेहरे पर साफ़ साफ़ चिंता की लकीरे देखी जा सकती थी , 

सुलेखा बोली "क्या हुआ " 

नैना सामने देखते हुए बोली "तुम माया को नहीं जानती हो , जरूर उसने कोई बखेड़ा खड़ा किया होगा "

सुलेखा बोली "ऐसा क्या किया होगा "

नैना ने कहा " सुबह तक देखना जरूर सुनाने को मिल जायेगा "

दोनों ने खाना खाने के बाद एक एक गिलास में वोडका डाली और बल्किनी में जा कर खड़े हो कर बात करते करते पीने लगी और फिर बहुत रात हो जाने पर सोने जाने लगी ....

तभी नैना की फोन पर एक मैसेज आया .... मैसेज पढ़ते ही नैना के नैनो से नींद गयाब हो चुकी थी ....

सर उसके मुँह से एक ही शब्द निकला , जाना पड़ेगा .......

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