Hindi Kahani New : Arrange Marriage Part - 32 | Love Story हिंदी
धीरे धीरे करके वीक निकलता जा रहा था , संडे भी आने वाला था , आज कल कार्तिक और नीलू की बाते कुछ ज्यादा ही होने लगी थी , कार्तिक अब ऑफिस में भी नीलू से चैट कर लिया करता था | कार्तिक को इस संडे नीलू से मिलने पास के शॉपिंग माल में जाना था |
इसी उधेडबिन में उसका पूरा पूरा दिन निकल जाया करता था | सोचता रहता था कि कैसे उसे मिलेगा , सबसे पहले उसे कैसे और कहाँ फेस करेगा | सबसे पहले उसे क्या बोलेगा | बोलेगा भी या नहीं , उसकी तरफ से पहल करने का इंतजार करेगा |
कही उसका कोई बॉयफ्रेंड तो नहीं होगा , जिसके कहने पर वो मुझे जज करने के लिए आ रही है | अगर उसका बॉयफ्रेंड होगा तो मैं साफ साफ बोल दूंगा की अगर वो मुझसे शादी करना चाहती है तो आज के बाद उससे मिलना जुलना सब कुछ एक दम बंद करदे |
अगर उसने नहीं किया बंद , मुझे चीट करती रही तो ............. अरे मैं भी न क्या पागल हूँ क्या क्या सोचता रहता हूँ , जरुरी थोड़ी है जैसा मैं सोच रहा हूँ ऐसा ही हो ? क्या पता वो एक सिंपल , शालीनता बाली सुशील लड़की हो ?
लेकिन जैसी भी हो , सिर्फ मेरी ही होनी चाहिए | कार्तिक कार्तिक तू ये सब क्यों और क्या क्या सोचे जा रहा है , भाई तू भी तो मिलता ही है न अपने दोस्तों से , दोस्तों में तेरी गर्ल्स भी है | तो क्या हुआ उसका भी कोई मेल फ्रेंड हो सकता है , दिक्कत क्या है | जरुरी थोड़ी है की वो भी पेड़ के नीचे भीगते हुए गलती से मिल जाये और किश कर ले ||
ओह्ह सिट नं मैं भी क्या ,,,, पागल हो जायगा क्या ???? चल अब सो जा नहीं तो बरेली पागल खाने में होगा , शादी के जोड़े के बजाय
नीलू का भी हाल कुछ कम न था क्युकी उसके भी कान उसकी सहेली राखी और सुमन भर ही तो रही थी , ऊपर से प्रिया भी कुछ न कुछ ऐसा कह ही देती थी की उसकी शक बाली सुइया उठी ही रहती थी | उसे भी टेंशन होने लगी थी , उसके भी अपने सपने थे , अपनी इच्छाएं थी , की उसका होने वाला हस्बैंड कैसा होना चाहिए , उसका कैसे ख्याल रखने वाला होना चाहिए , उसकी हर अच्छाई बुराई को समझने वाला होना चाहिए , उसकी फीलिंग को समझे और उसे उसके मन मुताबिक घुमाने , बहार खाना खिलने और जरूरत पड़ने पर उसकी किचन में हेल्प करने वाला होना चाहिए , और न जाने क्या क्या सोचती ही रहती थी , फॅमिली के बारे में इत्यादि में ही गम रहती है |
आज भी नीलू इसी उधेड़बुन में लगी ही थी की उसका फ़ोन बजा , उसने देखा की कॉल तो राखी का आ रहा है , उसका दिल खामखा ही धड़कने लगा था , खैर ये उसके साथ ही नहीं अक्सर सबके साथी ही होता है |
उसने कॉल रिसीव किया |
"हेलो , कैसी है "
राखी ने कहा - मैं तो ठीक हूँ , तू बता कैसी है
नीलू - हाँ मैं भी ठीक हूँ , मुझे क्या होने वाला है |
राखी खिलखिला के हस्ते हुए "तुझे भी और तेरा भी बहुत कुछ होने बाला है "
नीलू "अरे ऐसा क्या होने वाला है , और तुझे बड़ा एक्सपीरियंस है "
राखी "हाँ , मुझे बहुत पता है , बहुत क्या सब पता है "
नीलू मजाकिया अंदाज़ में कहती है "अच्छा , तो जरा हमे भी तो बताओ , क्या क्या पता है "
राखी ने कहा "जरा मिलो आके बाहर हमे , तो बताते है सब "
नीलू "हमे इतना टाइम नहीं है , और बैसे भी तुम फ़ोन पर भी बता सकती हो "
राखी "देखो तो रहा नहीं जा रहा है , सब अभी जान लेना है , सुनो आज कॉलेज जाना है , दीपक सर का मेसेज आया है , कुछ फॉर्म बगैर भरा जाना है "
नीलू "अरे यार तुम भी न सुबह से नहीं बता सकती थी , अब बता रही हो "
राखी "तो अब कोनसा पहाड़ टूट पड़ा , हो जायो तैयार और आजाओ जल्दी से , इंतजार कर रहे है यही "
नीलू "ठीक है तब रुको आधा घंटा ,आते है "
"कार्तिक सर आपको कोई कैंटीन में बुला रहा है " ऑफिस ने आ कर कार्तिक से कहा
"कौन है, नाम नहीं बताया उसने " कार्तिक ने पलट के पूछा
ऑफिस बॉय बोला "सर आप जा कर देख लो "
कातिक ने अपने सिस्टम की ओर देखा और फिर जाने लगा कैंटीन की ओर |
कैंटीन में पहुंच कर कार्तिक ने देखा की अमन कौर सामने बाली टेबल पर बैठी अपने फ़ोन में कुछ देख रही है |
पास जा कर कार्तिक ने अमन से पूछा "अपने मुझे बुलाया क्या ?"
अमन ने सामने देखते हुए कहा - हाँ , सोचा बैठ के दोनों कॉफ़ी पीते है |
कार्तिक ने बैठते हुए कहा "यार तो इसमें ऑफिस बॉय को बोलने की क्या जरूरत थी , खुद बोला होता या फिर एक मेसेज कर दिया होता "
अमन ने नजरे उठायी और कार्तिक की आँखों में देखते हुए कहा "अपने अपना नंबर ही कहाँ दिया है जो हम मेसेज कर पाए "
कार्तिक ने अपने फ़ोन में देखते हुए अपना नंबर बोल दिया ओर कहा "एक मिस कॉल कर देना या फिर एक मेसेज कर देना "
अमन ने मुस्कराते हुए कहा - ठीक है मैं कर दूंगी
इतने में दो कप कॉफ़ी आ चुकी थी , दोनों कॉफ़ी पीते पीते बाते करने लगे
कॉफ़ी का एक सिप लेते हुए कार्तिक ने अमन से डरते डरते पूछा "उस दिन मैं थोड़ा ज्यादा ही possessive हो गया था , तुम्हे बुरा तो नहीं लगा "
अमन ने अपनी नजरे नीचे की और फिर बोली "थोड़ा थोड़ा "
कार्तिक का अब डर थोड़ा कम हुआ उसने फिर से पूछा "थोड़ा थोड़ा से मतलब "
अमन ने कार्तिक की ओर देखा और कहा "थोड़ा सा बुरा लगा और थोड़ा सा अच्छा "
अब कार्तिक के चेहरे पर ख़ुशी साफ झलकने लगी थी उसने फिर पूछा "अच्छा क्या लगा और बुरा क्या लगा "
अमन ने अब नजरे झुकाते हुए टेबल से उठाते हुए बोली "शाम को कॉल करके बताऊगी "
कार्तिक अमन जाते हुए देखता ही रहा , वो जाते हुए और भी खूबसूरत लग रही थी |
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