Hindi Kahani New : Arrange Marriage Part - 33 | Love Story हिंदी
कार्तिक कैंटीन में ही बैठा रहा , और बहुत देर तक अपने आप में ही खोया रहा , उसकी आँखों में अमन की तश्वीर चल रही थी लेकिन जिहेन में नीलू | फिर उसे ख्याल आता है वो अपने बैडरूम में नहीं ऑफिस की कैंटीन में बैठा है , फिर उसने अपना फ़ोन देखा उसमे कई सारे मेसेजेस थे , ये सारे मैसेज वो नीलू के समझ रहा था लेकिन ऐसा नहीं था , उसके कुछ मेसेज नायरा के भी थे |
नायरा ने उसे मेसेज करके अपनी शीट पर आने को कहा था , उसने वो मेसेज देखा ही नहीं और नीलू के मेसेज पढ़ने लगा |
नीलू ने उसे अपने कॉलेज जाने के बारे में सूचना दी थी , और साथ ही लिखा था अगर टाइम मिल जाये तो हम आज ही मिल ले ??
कार्तिक नीलू की भावनाओ को समझ नहीं पा रहा था , उसके दिमाग में कुछ ओर ही रील चलने लग जाती थी , उसे ऐसा लगने लगा था की नीलू इतना जल्दबाजी में क्यों है ?? कुछ गड़बड़ तो नहीं |
फिर उसने नीलू को लिखा - आज तो मुश्किल है आना , हम संडे ही मिलेंगे |
आज जब अपना अपना काम निपटा के जब नायरा और कार्तिक फुर्सत से बैठ के अपने अपने फ़ोन में बिजी थे , तो नायरा ने कार्तिक से कहा - कार्तिक एक बात बोलू
कार्तिक - हाँ , बोलो
नायरा - पहले वादा करो , गुस्सा नहीं करोगे
कार्तिक ने थोड़ा देर सोचा और फिर बोला - हाँ , बोलो
नायरा - मुझे तुम्हारे साथ एक शाम बितानी है , क्या तुम मुझे एक शाम दे सकते हो ?
कार्तिक थोड़ी देर स्पीचलेस हो कर नायरा की ओर देखता रहा और फिर बोला "कही तुम्हारे बॉयफ्रेंड , टकलू को तो कोई दिक्कत नहीं होगी "
नायरा की आँखों में ख़ुशी के आंसू साफ साफ झलकने लगे थे उसने अपनी आंखे मलते हुए कहा "अब मैं तुम्हे बहुत मारुंगी "
कार्तिक ने कहा "मार लेना लेकिन , टकलू से दूर रहना "
नायरा ने पूछा "कार्तिक तुम्हे सच में लगता है , मैं टकलू को अपना बॉयफ्रेंड बनाउंगी "
कार्तिक - लगता तो नहीं है , तुम्हारा टेस्ट इतना भी ख़राब नहीं होना चाहिए
नायरा ने कार्तिक के हलके से चपत मारते हुए कहा "अगर हम कल शाम को एक साथ चले तो मुझे अच्छा लगेगा "
कार्तिक "क्यों कल ही क्यों "
नायरा ने बताया "वो , कल मेरा जन्म दिन है तो "
कार्तिक ने सड़ा सा मुँह बनाया और कहा "ओह्ह , तो ये शुभ घडी कल के दिन थी "
नायरा ने अपनी मुस्कराहट से जवाव दिया |
कार्तिक ने अपने फ़ोन में कुछ देखा और फिर कहा "देखता हूँ कल ही बताता हूँ "
नायरा ने भी सड़ा सा मुँह बनाते हुए चुप बैठी रही |
नीलू और राखी दोनों बस स्टैंड पर मिली और दोनों मिल कर बस से अपने कॉलेज के निकल गयी |
राखी - क्या बात है आज कल कुछ ज्यादा ही चहक रही हो
नीलू - मुस्करायी और बोली "क्यों तुम्हे ऐसा क्यों लग रहा है , मैं तो पहले भी ऐसी ही रहा करती थी "
राखी -- नहीं नहीं , अब तू कुछ ज्यादा ही चहक रही है
नीलू - खुल के बोल क्या चाहती है
राखी - चल छोड़ न , और बता , तेरी बात कहाँ तक पहुंची , बात चीत होती है या नहीं
नीलू - नहीं यार , पता नहीं यार बहुत कम बात होती है
राखी - क्यों , अब तो तुम्हारी मगनी भी होने वाली है
नीलू - नहीं पता यार
राखी - तू नहीं करती या फिर वो
नीलू - यार समझ नहीं आता कुछ भी , कभी मैं कोशिश करती लेकिन उधर कोई खास रेस्पॉन्स ही नहीं आता है यार
राखी - यार , ऐसे कैसे , आज कल तो लड़के इतने तेज होते है की शादी से पहले ही सब कुछ जान लेना चाहते है |
नीलू चुप रही और अपने हाथ की मुठ्ठी जोर से बंद करने लगी |
थोड़ी देर बाद उनका कॉलेज आ गया , दोनों अपने लेक्चर हॉल में चली गयी | बाद में जब वो फ्री हुई थो दोनों ने कहा चलो थोड़ी देर पार्क में बैठते है |
दोनों पार्क में बैठी बाते कर कर ही रही थी की तभी पीछे से मयंक आ गया , उसे देखते ही राखी के चहरे पर अजीव सी चमक दिखने लगी , राखी के चहरे के भाव देख कर नीलू को आश्चर्य हुआ , उसने इसारे में राखी को कुछ पूछा तो राखी ने उसे एक प्यारी सी मुस्कान पास करदी |
"हाय राखी , हेलो नीलू " मयंक ने अपने ही अंदाज़ में दोनों को अपनी ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए विश किया |
नीलू ने फॉर्मली हेलो बोला , लेकिन राखी ने अलग ही अंदाज़ में मयंक को विश किया |
मयंक और भी करीब आया तो राखी ने उसे अपने पास बैठने को ऑफर किया |
मयंक मुस्कराहट बिखेरते हुए राखी के पास में आ कर बैठ गया | ओर दोनों से हाल चाल पूछने लगा |
मायक - बड़े दिनों बाद दिखे आज तुम लोग
नीलू - हाँ इस बार कई दिन बाद हम कॉलेज आये है न , इसलिए, तुम तो डेली आते होंगे ??
मयंक ने कहा - नहीं इस बार तो मैं भी कई दिनों बाद आया हूँ , मुझे घर पर कुछ काम था तो गांव गया हुआ था |
राखी ने मयंक से पूछा - गांव गए थे ,
मयंक ने कहा - हाँ गया था कल ही आया हूँ
राखी ने मजाक करते हुए कहा - फिर तो खोये बाले लड्डू आये होंगे घर से ??
मयंक ने कहा - हाँ , लाया हूँ , लेकिन बदकिस्मती से आज नहीं लाया ,
राखी ने मुँह बनाते हुए कहा - तब क्यों बता रहे हो
मयंक ने कहा - कल लाता हूँ
राखी ने मुँह बनाया और चुप रह गयी |
तब तक नीलू ने फ़ोन में देखा और बोली चल अब घर चलना है की नहीं , ४ बज गए , लेट हो जायेगे फिर |
दोनों सहेली उठ कर जाने लगी और मयंक वही बैठ के उन्हें देखता रहा |
चार पांच कदम चलने के बाद , राखी ने पीछे मुड़ कर देखा तो मयंक उसे ही निहार रहा था |
जैसे ही दोनों की नजरे मिली तो एक साथ दोनों मुस्करा दिए , फिर राखी ने शर्मा के अपनी नजरे निचे करते हुए आगे की बढ़ती चली गयी ...
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