Love Story Hindi : Hindi Love Story : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 42
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Love Story Hindi |
कार्तिक घर आ चुका था , आज वो रोज की तरह खुश नहीं था , उसके माथे पर सिकन थी , चहरे पर थकान और चिंता थी |
उसने रोज की तरह अपना बैग अपने में टेबल पर रखा और फ्रेश होकर अपने रूम में पड़ी चेयर पर बैठ गया |
और अपने फ़ोन में कुछ करता रहा | शीला जी उसे आवाज देते हुए उसके कमरे में आयी
शीला - अरे कार्तिक , तुमने अभी कपड़े चेंज नहीं किये , चलो खाना खा लो ,
कार्तिक ने कहा - हाँ माँ अभी आता हूँ , नीचे
शीला - क्या हुआ आज कुछ उदास लग रहे हो , कोई बात हुई क्या ऑफिस में
कार्तिक - नहीं माँ , वो काम ज्यादा है न आज कल तो थक जाता हूँ |
शीला - अच्छा , तो तुमने कहा नहीं अपने बॉस से की काम ज्यादा हो रहा है तुम्हारा
कार्तिक - हाँ माँ मैंने बोला है , लेकिन अभी कुछ नहीं हो रहा है |
शीला - ठीक है , तुम ज्यादा टेंशन न लो , और हाँ कल संडे है जा कर शॉपिंग कर लेना , ओमकार जी का फिर से फ़ोन आया था | कार्तिक ने कहा - हाँ माँ कल जाउगा अपने फ्रेंड्स के साथ
शीला - ठीक है जल्दी आओ , खाने के लिए वेट कर रहे है हम |
डिनर हुआ , देंनेर के बाद , कार्तिक अपने घर की छत पे वाक कर रहा था , उसने सोचा चलो किसी से बात की जाये , लेकिन किस से , उसने फ़ोन निकला और नीलू का नंबर डायल कर दिया |
रिंग .... रिंग .........
हेलो ..
आवाज सुनी हुई सी जानी पहिचानी तो लग रही थी , लेकिन ये तो निश्चित था की ये आवाज नीलू की नहीं थी |
थोड़ी देर के लिए एक लम्बा पौष लेने के बाद कार्तिक ने भी हेलो बोला |
हेलो , पहिचाना मुझे
कार्तिक ने कहा - हम्म्म्म, प्रिया
अरे वाह , तुमने तो सही पहिचाना , कैसे हो
कार्तिक - मैं ठीक हूँ , तुम बताओ
प्रिया - हाँ मैं भी अच्छी हूँ , और बताओ क्या हो रहा है |
कार्तिक - डिनर के बाद वाक कर रहा था तो सोचा कॉल करू |
प्रिया ने कहा - अच्छा , अरे वो दीदी न हमारे पड़ोस बली दीदी के पास गयी है , किसी काम से , इसलिए कॉल मेने रिसीव कर ली है |
कार्तिक ने कहा - कोई बात नहीं , दीदी नहीं तो क्या हुआ , तुम ही बात करलो
प्रिया ने कहा - हाँ क्यों नहीं , बात तो कर ही रही हूँ न |
कार्तिक ने कहा - हम्म कर तो रही हो |
प्रिया ने पूछा - अब ये बताओ , कब आ रहे हो आप हमारी दीदी को देखने
कार्तिक ने कहा - बहुत जल्द ही आने वाला हूँ |
प्रिया ख़ुशी से कूदती हुई बोली - जल्दी जल्दी आओ न यार , मुझे तो बहुत एक्सिटमेंट है शादी के लिए |
कार्तिक ने कहा - अच्छी जी , अब तो जल्दी ही आएंगे |
प्रिया - लोजी दीदी भी आ गयी , लो करलो इनसे बात |
नीलू - हाँ जी , कैसे हो
कार्तिक - यार मैं तो ठीक हूँ , कही जाती हो तो अपना फ़ोन तो ले जाया करो |
नीलू - अरे यार , प्रिया फ़ोन में कुछ देख रही थी तो फिर मैं सोचा देखने दो , मुझे पड़ोस बाली दीदी से कुछ काम था |
कार्तिक - अच्छा क्या काम था |
नीलू - अच्छा छोडो ये बताओ , तो फिर कल कहाँ आ रहे हो |
कार्तिक - जहाँ तुमने कहा था आने को , वही आ रहा हूँ |
नीलू - मैंने तो इसी माल में आने को कहा था |
कार्तिक - तो हम भी वही आ रहे है |
नीलू - एक बात पुछु ?
कार्तिक - हाँ पूछो
नीलू - अकेले आ रहे हो या फिर अपने किसी दोस्त को साथ में ला रहे हो |
कार्तिक - यार , अकेला ही आ रहा हूँ , दोस्त को क्यों लाऊगा, मैं क्या कोई अपनी गर्लफ्रेंड से थोड़े न मिलने आ रहा जो दोस्तों को भी ले आउ |
नीलू हसने लगी और बोली - अरे नहीं बाबा मेरा मतलब , अभी मत लाना किसी को मुझे शर्म आएगी | थोड़ा comfirtable हो जायेगे तो किसी को भी ले आओ कोई दिक्कत नहीं |
कार्तिक ने कहा - ठीक है , कल दिन में ११ बजे मैं वहां पहुंच जाउगा , तुम भी टाइम से आ जाना |
नीलू ने भी कहा ठीक है , टेंशन न लो मैं तुम्हे वही मिलूगी |
कार्तिक अपने बिस्तर पर जा कर लेट गया , लेकिन आज उसे नींद नहीं आ रही थी , नींद न आने के दो कारण उसे लगातार परेशान कर रहे थे | एक तो आज बो अमन के साथ पार्क में गया था तो उसने देखा की अमन तो उसके लिए सीरियस हो चुकी है , और वो सिर्फ उसे अब तक एक घटना के रूप में ही ले रहा था | और दूसरा कल उसे अपनी जिंदगी का एक नया अध्याय शुरू करने जा रहा था | वो कभी अपने फ़ोन में कुछ देख कर टाइम पास करता तो कभी करबट बदल रहा था | लेकिन उसका दिमाग शांत नहीं हो रहा था |
नायरा को भी आज नींद नहीं आ रही थी , वो परेशान थी , वो बॉस जीवन के चंगुल में फस्ती चली जा रही थी , वो सब जान कर भी कुछ नहीं कर पा रही थी | अगर वो जीवन की बात को न सुन रही थी तो उसकी फिनेंशल कंडीशन बिगड़ी हुई थी और भी बिगड़ जाएगी , और उसने बैंक से लोन और साथ ही जीवन से भी कुछ पैसे उधर लिए हुए थे , उसकी माँ के इलाज के लिए |
अब नायरा करे भी तो क्या चलो किसी तरह अगर वो जीवन के पैसे दे भी देगी तो उसकी माँ की मंथली दवाइयों के खर्च के लिए पैसा कहाँ से लाएगी | जो की लगभग उसकी सारी सैलरी को चुकता करने के बाद कही जा कर दवाइयों का खर्च चलता था |
और नायर ये सब बाते किसी को बता भी नहीं सकती थी | आज नायरा फ़ूट फ़ूट के रो रही थी , क्युकी न तो उसकी कोई बहन या भाई नहीं था , जो की किसी पर अपनी माँ की जिम्मेदारी को साझा कर सके |
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