Love Story Hindi - Romantic story of love : Hindi Kahaniyan New
लव स्टोरी हिंदी : सुविचार कहानिया
लव स्टोरी हिंदी : सुविचार कहानिया
हेलो , नमस्कार दोस्तों !
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romantic story of love
अरेंज मैरिज / Arrange Marriage
रात का खाना खाने के बाद राजेश और शीला दोनों अपने कमरे में सोने के लिए चले गए , कमरे में पहुंच कर दोनों आपस में बाते कर रहे थे
" कार्तिक की शादी के आज से तीस दिन भी नहीं बचे है , शादी की पूरी तैयारियां भी बची है , आने वाले कुछ दिनों में शादी की रश्मे शुरू होने वाली है , आठ दस दिन बाद रिंग सेरेमनी भी होनी है , और फिर शॉपिंग डोपिंग मेरा तो ये महीना पूरा पैक होने वाला है " राज के पापा दिनेश ने अपनी पत्नी रीना से कहा
"हाँ यार , अब हमे सीरियसली काम पर लग जाना चाहिए , मुझे तो अपनी फ्रेंड्स और फैंस की लिस्ट बनानी है , किस किस को बेटे की शादी में invite करू " अपने चेहरे पर चांदनी सी मुस्कान बिखेरते हुए शीला ने कहा
राजेश हसते हुए बोला "यार डार्लिंग तुम्हे तो अभी पार्लर भी बुक करना पड़ेगा न , चेहरे पर ग्लो भी तो लाना जरुरी है न , बेटे की शादी है "
शीला ने मुँह फेरते हुए कहा " मिस्टर नरवाल जी हमारा मजाक बना रहे हो , अभी हम बुड्ढे नहीं हुए है , अभी तो हम भी जवान है " Read Full Story......
गलतफैमी / Galatfahami
बहुत देर रोने की बजह से आँखे सूज सी गयी थी और दिन भर कुछ खाया पिया भी नही था.. इसकी बजह से थकान बहुत ज्यादा हो रही थी मगर न चाहते हुए भी खाने पीने का मन नही हो रहा था..
वो बिस्तार पे बैठी बही पुरानी बाते याद कर रही थी, मन ही मन खुद को कोष रही थी, क्यों उसने कबीर को गुस्सा दिलाया , क्यों बिना बजह के शक के घेरे में लिया , वो ऐसा नही कर सकता , कभी नही ........
थोड़ी देर बाद ....... फिर से ,,,,, आखिर वो ऐसा क्यों करेगा, ऐसी जद्दो जहद में उसकी कब आंख लग गयी उसे पता ही नही चला,,,,,, दिन भर की थकन होंजाने की वजह से उसकी नींद ज्यादा गहरी लग गयी ,
उधर कवीर का भी मन ऑफिस में नही लग रहा था , वो अपने केविन में अपने लैपटॉप के सामने अनमना सा बे सुध सा बैठा था, सोच रहा था, किरण आखिर इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है,
बिना किसी बात के खामखां मुझपे आरोप लगा रही है,................. कैसे,, ऐसा बो कभी नही करती थी ,,,,,,,,,
बो यही सोच ही रहा था ..... तभी दरबाजा खटखटाने की आवाज आयी, सामने देखा तो ऑफिस बॉय खड़ा था ,,,,, सर चाय ,,,, Read Full Story......
कुसुम - एक पहेली / Kusum - Ek Ansuljhi Paheli
कुसुम अपने कल्पना के सागर में डूबी हुयी आरजू के गोते लगा रही थी | कल्पना कर रही थी अपनी सपनो के राजकुमार से अपने होने वाले पति से तुलना कर रही थी | वो हमेशा से ही एक राजकुमार की भाति सुन्दर दयालु और चरित्र से अच्छा व्यक्ति उसका पति हो ऐसी कामना थी कुसुम की | वो खुद भी बहुत ही सुशील और कोमल ह्रदय की वालिका थी | कुसुम की कल्पना जरी रही और नीचे दूसरा कार्यक्रम चल रहा था | वो लोग आ चुके थे | वो लोग से मतलब कुसुम को देखने वाले | कुसुम का रिस्ता उसके दूर के मामा जी करवा रहे थे |
देखने आए लोगो में रोहित (होने वाला दूल्हा ) , रोहित की माँ , पिता जी , रोहित की बहाने छोटी एवं बड़ी , बुआ जी और फूफा जी | कुसुम बैठी सज ही रही थी तभी अंजली भागी भागी आई और बोली चल नीचे चलना है , अरे ये क्या तूने तो फाउंडेशन ज्यादा लगा लिया है , कितनी बुरी लग रही है , तू तो पहले से ही गोरी है क्यों पोत लिया इतना ज्यादा , ले ये ले ये बाली लिपस्टिक लगा तेरी साड़ी से मैच करेगी | कुसुम ने मुँह टेढ़ा करते हुए कहा तब से कहा मर गई थी मैं अकेली तैयार हो रही थी और उसके हाथ से लिपस्टिक लेते हुए कहा | अंजली ने मुस्कराते हुए कहा - मेरी जान तू तो बहुत सुन्दर लग़ रही है मैं तो मजाक कर रही थी | तेरा ऐसा मजाक हमे अच्छा नहीं लगता समझी - कुसुम ने जोर देते हुए कहा | Read Full Story......
bhoot wali darawni kahani - आज दोपहर १२ बजे / Aaj Dophar 12 bje -
एक दिन शाम को तकरीबन ६ बजे मै कालेज से बापस आ रहा था , तो गली के नुक्कड़ पे देखा सलोनी ऒर उसकी एक सहेली बैग लटकाये खड़ी है, मुझे लगा कोई और होगा , चलो पास चलके देखता हूँ, अरे ये तो सलोनी है, सलोनी दीदी - मैने पास जाके आवाज लगाई, यहाँ क्या कर रही हो,
दीदी -- अरे दीपक तू अच्छा हुआ मिल गया वरना हम तो यू ही खड़े रहते , घर जाने को कुछ नहीं मिल रहा था इसलिए ,तो अब क्या करोगी , चलो मेरे साथ कमरे पर , वही रुकना, नहीं तो कुछ है ही नहीं जाने को- मैने कहा
चलो कितनी दूर है ?
बस यही तो रहा १० मिंट का रास्ता है यहां से,
इतना लेट कैसे होगया - मेैने पूछा....... Read Full Story......
Love story Hindi - Call Center /कॉल सेंटर
आराधना - ए गर्ल फ्रॉम मिडिल क्लास / Aradhana a girl
शादी यही होगी / Shadi Yahi hogi
रज्जो (रामदास की पत्नी ) - देखो जी जमाना ख़राब है, अब जितनी जल्दी हो सके बेटी के हाथ पीले करदो, और बैसे भी अपनी रूपमती २३ साल की हो गयी है,
रामदास - हा सोच तो मै भी यही रहा हू, लेकिन दुबिधा ये है लड़के बाले मांग कर रहे है,उतना हमारे पास देने को नही है,
कितना मांग रहे है - रज्जो ने पूछा ?
३ लाख नगद और साथ मे सामान - उत्तर दिया
रज्जो - जी ये तो बहुत है कैसे करोगे,
रामदास - तू परेशान ना हो , ऊपर बाले की कृपा से सब हो जायेगा, जा खाना ले आ l
तब तक दरबाजे से आवाज आती है... रामदास चचा हैं क्या ?
हाँ हैं आजाओ किबाड़ खुले है,
चार लोग अंदर आते है,
राम राम चचा पैर छूते हुए , टीटू बोला
रामदास - कैसे हो बेटा पूछते हुए चारपाई पै बैठने का इसारा करता है, Read Full Story......
हिंदी कहानी न्यू - लव म्यूजिक और कनेक्शन / Love Music and connection
आज से कॉलेज में एनुअल फंक्शन की प्रेपरेशन शुरू हो गयी थी , हर साल की तरह इस साल भी स्टूडेंट्स अपना अपना टैलेंट दिखने के लिए उत्सुक थे , और उन स्टूडेंट्स में से सबसे ज्यादा उत्सुक अनन्या थी , जो की ग्रेडुएशन सेकंड ईयर की स्टूडेंट थी , उसे डांस करना बहुत पसंद था , एक्चुली पसंद ही नहीं डांस उसका पैशन था , वो पढ़ाई के अतिरिक्त डांसिंग में अपना करियर बनाना चाहती थी , लेकिन फॅमिली बैकग्राउंड रूरल एरिया से होने के कारन उसे पीछे से प्रोत्साहन और इकोनोमिकली सप्पोर्ट नहीं मिल पा रहा था , इसलिए अनन्या को खास इसी तरह के मौको की तलाश थी , जिसके माध्यम से अपना टैलेंट सबके सामने ला सके , उसे उम्मीद थी की इस साल के एनुअल फंक्शन में उसे ऐसा कुछ करने का मौका जरूर मिल जायेगा |
प्रेपरेशन हॉल में अलग अलग जगहों पर अलग अलग स्टूडेंट्स के झुण्ड लगे थे, सभी अपने अपने मेंटोर के साथ तैयारी कर रहे थे |
कोरिओग्राफर विक्रम सिंह (थोड़ी तेज आवाज में कहा ) - श्रुति , प्लीज अब तुम बैठ जाओ , ये स्टेप्स तुम नहीं कर पा रही हो , थोड़ा रैस्ट करो , फिर से ट्राई करना |
श्रुति - (अनमने ढंग से ) ओके सर , आई ऍम लीविंग | Read Full Story......
हिंदी कहानी न्यू - दिल से आवाज आई खोई खोई खुशियां लौटआईं ::
यों तो मुहब्बत से लगाव ही न पर पर जब उस से पहली बार देखा तो पलके ठहर सी गईं ऐसा लगा यही है वो शख्स जिसका में आजतक इंतजार कर रही थी ।
नीली आँखों बाला सजीला नौजवान जिसको देखते ही दिल ठहर सा जाए
दिल वक्त से गुजारिश करने लगा वहीं ठहर जाने की पर वक्त कहाँ रुका किसी के लिए और वो अपने रास्ते हम अपने रास्ते।
पर दोनों के दिलों में मुहब्बत की बहार भर चली थी नजरे आपसी ताल मेल कर चुकी थीं और प्यार परवान चढ़ रहा था।
जब भी वो सामने होता हवायें तेज चलती सी लगती, मुरझाई कलियां खिलती सी लगती, धड़कने मचलती सी लगती,
छुपकर बस उसके ही दीदार की गुजारिश करती आँखे ,
अब बहुत मुश्किल से लगता एक भी पल उसके बिन ,रातें कटने लगी तारे गिन गिन, और आहें भर भर के दिन।
आखिर कब तक तड़पा जाए चलो एकबार सब कुछ सुना दो बता दो अपनों को कोई मुश्किल भी कहाँ सब कुछ जायज है।
लड़का पढ़ालिखा खूबसूरत, सरकारी नौकरी रिश्ता भी जायज है कहीं कुछ भी गलत नहीं ।
एकदम परफेक्ट , Read Full Story......
अंतिम इच्छा -
सबेरे का वक्त है मोहन दास जी सुबह की सैर से घर बापस लौट रहे थे | आज उनकी खांसी कुछ ज्यादा ही जोर पकड़ रही थी | खांस खांस के आज रात से ही उनका बुरा हाल था ऐसा लगता था जैसे खासते वक्त उनका कलेजा मुँह को आया जा रहा है | वैसे भी उम्र का तकाजा था शरीर में कमजोरी तो थी ही | हड्डियों के ऊपर का सारा मांस जा चुका था | कपडे उतार कर देखा जाये तो ऐसा प्रतीत होता था की किसी कंकाल का फोटो टांग रखा है | आज तो खासी ज्यादा होने की बजह से मोहन जी की सांसे भी कुछ ज्यादा तेज चल रही थी | बापस लौटते समय उन्हें घर पहुंचना भी मुश्किल हो रहा था फिर भी वो हिम्मत किये आगे बढ़ते रहे | जब उनकी हिम्मत जवाव दे गई तो वो खेत जिस पगडंडी पर आ रहे थे वही बैठ गए | और हाँफते रहे | कुछ देर में और भी गांव के लोग सुबह सुबह आ जा रहे थे तो किसी ने देखा कि ये मोहन जी यहाँ क्यों लेटे हैं | कुछ युवा लोग आये और उनसे हाल चाल पूछा ? तो उन्होंने उन्हें घर पहुंचाने को कहा और अपने तबियत ख़राब बताई | तो कुछ लोगो ने मिल कर उन्हें घर तक पहुंचाया |
जब घर के दरवाजे पर लगभग बेहोशी की अवस्था में मोहन जी को उनकी पत्नी ने देखा तब वो घर में पौधा रोपड़ कर रही थी , देखते ही वो उनसे पहले ही बेहोश होने जैसी अवस्था में पहुंच गई |
अब लोग मोहन जी को छोड़ मुन्नी देवी जी को सँभालने में लग गए | किसी ने ठंडा जल उनके चेहरे पर छिड़का तब जाकर उनको होश आया | बाकी लोगो ने उन्हें बताया कि मोहन जी को ज्यादा कुछ नहीं कमजोरी और खांसी की बजह से दिक्कत हो गई है | थोड़ी देर बाद सब सामान्य हो जाता है |
मुन्नी देवी जी ने मोहन जी से पूछा - आप को रात भर खांसी रही थी सो भी नहीं पाए थे खांसी की बजह से , फिर भी आप सुबह शर्दी में बाहर गए Read Full Story......
11 Pyar se Dhokha
12 Us Rat darwaje par kisi ne Dastak di
10 Shadi ya sirf Samjhota
11 Achche din
12 Live-In Relationship -
13 बुढ़ापे की आँखे/Budhape Ki Ankhe
भीड़ लगी थी दीपक के घर पे पता किया तो जाना के आज दीपक की रबानगी हैं दिल्ली के लिए दिल्ली पढ़ाई करने जा रहा हैं दीपक के पापा ने गर्व से लम्बी सांस लेते हुए कहा सब मोहल्ले के लोग ऐसे जमा हो गये थे जैसे कोई तमाशा हो रहा हो भीड़ को चीरते हुए घर मे प्रबेश किया तो एक और नजारा देखने को मिला ममता दीपक को ऐसे तैयार कर रहीं थी जैसे की दीपक आज ही घोड़ी चढ़ने बाला हैं l उधर माँ खाने का सामान बांध रहीं थी l तैयारी चल रहीं थी l इसी बीच दीपक कमरे से बाहर आया तो मुझे लगा दीपक रोज की तरह बात चीत करेगा l ये क्या दीपक ने तो एक नजर देखा भी नहीं l बुरा लगा मगर बुरा लगने से नजारा देखना बेहतर समझा |
तब तक जाने का समय हो रहा था , बस अड्डे जाने के लिए सब तैयार थे 65 साल के पिताजी ने 2 ठसाठस भरे बैग उठाये और कंधे पे टांगे साथ ही हाथो मे दो छोटे छोटे थैले भी पकड़े और दीपक के पीछे पीछे चाल दिये l कुछ लोग साथ गये अड्डे तक कुछ वही से देखते रहे उनके साथ मे गितारी बाबा भी साथ साथ चल रहे थे l बाबा ने दीपक के पापा (विजेंद्र ) से पूछा तुमने अपनी आँखों का ऑप्रेशन करवा लिया? Read Full Story......
14 दिवाली की मिठाई/ Diwali Ke diye
शाम को जल्दी अजाना आज , ऑफिस जा रहे अमजद से उसकी वीवी फरीन ने कहा |
हाँ जी आजाएगे | जल्दी क्यों ? कहो तो नहीं जाते आज दफ्तर |
लेकिन जल्दी बुलाने की बजह जान सकता हूँ अमजद ने फरीन को बहो में भरते हुए पूछा ?
फरीन ने खुद को छुड़ाते हुए कहा - ६० पार कर चुके हो , अब तो कुछ कम करदो अपना ये शायराना अंदाज , जब देखो छेड़ने लग जानते हो |
क्या करू तुम हो ही इतनी हसीन |
अच्छा अब जाओ और जल्दी अजाना | ठीक है कहता हुआ अमजद चला जाता है |
शाम होती है और फरीन और अमजद बाजार के लिए निकल जाते है |
बाजार में फरीन ने कुछ दिए और एक महगे बाला मिठाई का डव्वा खरीदा | अमजद ये सब देख के कुछ बोला तो नहीं , लेकिन मन में सोच रहा था ये सब क्यों खरीदा है इसने ?
तुमने ये दीये और ये मिठाई क्यों खरीदे है ? तुम्हे पता है न हम दोनों को मधुमेह है | हकीम ने हमे मिठाई छूने तक को मना किया है | सुन भी रही हो कुछ , अमजद स्कूटर चलते चलते ये सब बोले जा रहा था | और ये दीये किस लिए और क्यों लिए है ? तुम्हारे घर की बिजली काट दी गयी है क्या ?
या फिर कुछ और ? क्या मैं पागल हूँ बोले जा रहा हूँ ?
कल दिवाली है - फरीन ने कहा |
ये सुनते ही स्कूटर रोक लिया और फरीन को उतरने को कहा |
क्या कहा तुमने , हम दिवाली कब से मानाने लगे बताना जरा ?
फरीन शांत रही | वो जान चुकी थी अमजद को गुस्सा आचुका था |
ब्रादरी के लोग निकल देंगे , बल्कि काट देंगे |
हम ईद मनाते है न के दिवाली | Read Full Story......
15 Rajneet Ya Dukan
दोषी कौन/ Daushi Kon
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