google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Love Story Hindi : Hindi Love Story : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 43

Love Story Hindi : Hindi Love Story : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 43

Love Story Hindi : Hindi Love Story : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 43



सुबह हुयी , चिडियो की चहचाहट से कार्तिक की आंख खुली , वो अपनी आंखे मलता हुआ बालकिनी की और आया और देखा की सूरज अपनी चमक चारो ओर बिखेर चुका था | थोड़ी देर खड़े रहने के बाद उसने घडी में देखा तो ७:३० हो चुके थे | उसने अपना फ़ोन देखा तो उसके फ़ोन में बहुत सारे मेसेज थे , उनमे सबसे ऊपर एक मेसेज था |

"मैं तैयार हो रही हो , तुम भी जल्दी से तैयार हो कर अजाना "

ये मेसेज पढ़ कर कार्तिक के चेहरे पर एक मुस्कान बिखर गयी , और कुछ देर तक न जाने क्या क्या खड़ा सोचता रहा |

कार्तिक जल्दी से अपने काम निपटा के तैयारी करने में जुट गया |


रिया और बाकी घर बाले आज एक चीज नोटिस कर रहे थे की आज कार्तिक रोज की तरह से कुछ अलग ही अंदाज में तैयारी कर रहा था | वो बाकी दिन तो ऐसे कभी तैयार नहीं होता था | अक्सर उसके बालो में कंघी बिना मिरर देखे ही होती थी , आधे बाल तो उसके ऐसे ही अनाथो की तरह इधर उधर ही उड़ते रहते थे | लेकिन आज ऐसा नहीं था , आज उसका एक एक बाल सही तरीके से अपनी दशा दर्शा रहा था | शायद उसने आज अपने बालो में जैल भी लगाया हुआ था जिसकी कारण उसके बाल सुन्दर और शाइनिंग दे रहे थे | आज कार्तिक का परफ्यूम भी कुछ ज्यादा ही महक रहा था , ऐसे सजते देख रिया और शीला एक दूसरे की ओर देख के मुस्कराने लगी , चुपचाप कार्तिक को देखते रहे | कार्तिक तैयार होते होते धीरे धीरे सांग गुनगुना रहा था | अब कुछ ज्यादा ही हुआ तो रिया से रहा नहीं गया और हस्ते हुए कार्तिक के पास गयी और पूछने लगी -

"क्या भैया , आज ही मिलने जा रहे हो क्या भाभी से "

कार्तिक थोड़ा सा सहम सा गया और बोला "क्यों , मैं ढंग से कपड़े भी नहीं पहन सकता क्या "

रिया ने कहा "हाँ क्यों नहीं , पहन सकते हो , लेकिन आज कुछ एक्स्ट्रा ही है , जो रोज से तुमको अलग बना रहा है "

कार्तिक ने अपनी गर्दन लम्बी करते हुए कहा "तो इसमें नया क्या "

रिया फिर से हसने लगी और बोली "जरा अपने बात तो देखो सीसे में , कैसे चमक रहे है , कोई उल्लू ही बताएगा तुम्हे , देखो तो कितना जैल लगा रहा है बालो में "

कार्तिक ने आश्चर्य से अपने आप को सीसे के सामने खड़ा किया और देखने लगा , अरे नहीं कही नहीं ज्यादा , तुझे लग रहा है |

रिया ने कहा "भाई ये परफ्यूम कब लिया , पहले तो तुम वो सस्ता बाला यूज़ करते थे "

कार्तिक अब इरिटेट होते हुए बोला "तुझसे मतलब , मैं कोनसा यूज़ करू , तू अपना देख जा के "

शीला जी ने हस्ते हुए रिया को टोका और कहा रिया चल तो अपना काम करले , इसे सजने दे , कोई मीटिंग तो है खास |

कार्तिक ने अपने बाल फिर से सही किये और बोला - माँ आप भी इसकी तरह कर रही हो , तब तक वो दोनों जा चुकी थी |

कार्तिक ने अपनी बाइक की चाबी और और अपना चस्मा लिया और निकल गया |


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कार्तिक के जाने के बाद , रिया ने अपनी माँ से पूछा "माँ आज भैया कही तो गया है , जो बता नहीं रहा है "

शीला ने कहा "तू उसकी आजादी क्यों छीनना चाह रही है , वो अपने दोस्तों के साथ गया होगा मूवी बगैरा कुछ देखने के लिए  "

रिया ने कहा "नहीं माँ दोस्तों के साथ ऐसे थोड़े न जाया जाता है "

शीला ने कहा "तो क्या किसी के साथ डेट पर गया है "

रिया ने कहा "हाँ माँ मुझे तो ऐसा ही लग रहा है "

 शीला ने कहा "नहीं मुझे पूरा भरोषा है कार्तिक ऐसा नहीं करेगा "

रिया ने कहा "सही है फिर "


कार्तिक लगभग आधे घंटे में तय स्थान पर पहुंच गया | और माल के बाहर गार्डन में वेट करने लगा 

उसका दिल कर रहा था की नीलू को कॉल किया जाये , लेकिन उसे आज इंतजार करने  में अच्छा लग रहा था , वो गार्डन मैं बैठे और भी कई कपल्स को देखता रहा | और कुछ न कुछ फिल्म्स अपने मन में बनता रहा |

एकाएक उसका फ़ोन बजा उसे समझ आ गया था की नीलू भी यही कही आ चुकी है | उसने हिम्मत करके कॉल रिसीव किया 

"हेलो , आप कहा हो , मैं तो आ गयी "

कार्तिक के कानो में प्यारी सी आवाज गयी तो उसका दिल तेजी से धड़कने लगा , मानो उसका गला रुक सा गया हो , वो चुप ही रहा |

उधर से फिर से आवाज आयी , हेलो ??

अब कार्तिक ने धीरे से कहा "किधर हो तुम " 

नीलू जो की कार्तिक से मिलने के लिए कुछ ज्यादा ही उत्सुक थी , उसने तुरंत अपना लोकेशन बताया 

कार्तिक ने कहा - तब तो तुम मेरे आस पास ही हो मैं भी यही गार्डन में सामने एक बड़ा सा गुलमोहर का लाल फूल बाल पेड़ है उसके निचे खड़ा हूँ |

नीलू ने कहा - तुम वही रुको , हम आते है उधर , क्युकी ये एरिया हमारा पूरा घुमा हुआ है |

कार्तिक ने कहा - ठीक है आजाओ 


कार्तिक इधर देखते देखते अपना टाइम पास करने लगा था | कभी पेड़ की पत्तियां तोड़ता तो कभी समने बैठे कपल्स की एक्टिविटी ध्यान से देखने लगता |

थोड़ी थोड़ी देर में अपने मोबाइल में टाइम देखता रहता , अब उसे अजीब सी बेचैनी हो रही थी , उसे समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे | उसे ये सब मिलने के लिए उत्तेजना थी या अंदर से कोई डर था या फिर कुछ ओर समझने में असमर्थ हो रहा था |

उसका गला सूखने लगा था , वो नीलू के बारे लगातार सोच रहा था , कैसे होगी , मैं कैसे उसके सामने जाऊ , पहले उसे कैसे और क्या बोलना है इस सब की प्रैक्टिस में जुट गया | अब अपने मन ही मन कभी , हाय कैसी हो , इतनी देर कैसे हो गयी आने में , 

गुड मॉर्निंग , आ गए तुम , मैं तो कब से इंतजार कर रहा था |


हेलो , कैसी हो , बहुत देर लगा दी आने में ?

 

तरह तरह से प्रैक्टिस करने लगा | लेकिन उसे क्या बोलना चाहिए , समझ नहीं आ रहा है |

अब  उसका फ़ोन फिर से घनघनाया , उसने देखा तो स्क्रीन पर नीलू ..........


हेलो , 

देखो मैं तुम्हारे पीछे खड़ी हूँ , एक बार मुङो जरा ||

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कार्तिक ने बिना कुछ बोले तुरंत पीछे मुड़ा तो देखा , एक बेहद सुन्दर और आकर्षक दिखने बाली लड़की खड़ी है जिसके कंधे पर एक हैंडबैग और उसके खुले उड़ते बाल उसके चेहरे की लालिमा को और भी बढ़ा रहे थे | मोटे मोटे नैन उनमे काली लाइन , पतले होठ उस पर हलकी गुलाबी रंग की लिपस्टिक लगी हुई थी , गले में एक छोटा से नेकलेस और पूरी खुली गर्दन उसके चेहरे की सुंदरता को बखूबी सहेज रही थी | नीलू ने पिंक कलर का कुरता और लेगिंग पहनी हुई थी , 

कार्तिक अभी भी अपने कान से फ़ोन लगाए उसे देखे जा रहा था | जैसे वो अपनी सुदबुद खो बैठा हो |

सामने खड़ी नीलू ने उसका ध्यान आकर्षित करते हुए कहा - कहा गम हो ??

नीलू की आवाज सुनते ही कार्तिक के चेहरे पर अनायास ही एक मुस्कान बिखर गई|


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