Love Story Hindi : Hindi Love Story : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 51
कार्तिक अमन को देख के मुस्करा रहा था , वही अमन उसे देख कर डाउट में थी की कार्तिक उसे हाँ बोल रहा है आया फिर सिर्फ उसे टरका रहा था |
अमन ने अपना मुँह टेढ़ा किया और जाने लगी , तो कार्तिक ने उसका हाथ पकड़ा और रोकते हुए कहा - चाय पी के जाओ
अमन ने इधर उधर जल्दी से देखा और कार्तिक को कहा - छोडो , कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा
कार्तिक ने कहा - क्या कहेगा कोई , और अगर हिल स्टेशन पर देख लिया तो ??
अमन का तो अब मुँह ही बन गया था , उसे कार्तिक की ये बात अच्छी नहीं लगी और वहां से चली गयी , कार्तिक उसे देखता ही रह गया |
शाम तक अमन उसके पास नहीं आयी , और न ही उसके मेसेजस का रिप्लाई किया
ऑफिस ओवर होने के बाद , अमन ऑफिस के बाहर खड़ी जाने के लिए व्हीकल का इंतजार कर रही थी तो उसके पास कार्तिक गया और बोला - चलो मैं तुम्हे छोड़ देता हूँ |
अमन घूम कर खड़ी हो गयी और कार्तिक को अनसुना कर दिया , कार्तिक ने एक बार फिर से कहा - चलो मैं तुम्हे ड्राप कर देता हूँ , यहां कब तक खड़ी रहोगी |
अमन ने कहा - तुम तकलीफ मत करो मैं चली जाऊगी
कार्तिक ने फिर कहा - यार ऐसा तो कुछ नहीं हुआ जो तुम पॉपकॉर्न की तरह फूल के खड़ी हो गयी हो
"रहने दीजिये कार्तिक जी तुम नहीं समझोगे एक लड़की की फीलिंग्स " अमन ने अपनी आँखे ऊपर नीचे करते हुए कहा
कार्तिक - यार कैसी बाते कर रही हो , क्या नहीं समझा मैं , ठीक है , चलो बैठो , रस्ते भर समझते चलना
अमन - नहीं रहने दो , नहीं समझना मुझे किसी को |
इतने बस आ जाती है और अमन में जल्दी से चढ़ जाती है | कार्तिक अपनी बाइक स्टार्ट किये खड़ा उसे देखता रह जाता है |
बस चली जाती है तो उसके बाद कार्तिक भी अपने घर के लिए प्रस्थान कर जाता है |
कार्तिक का मूड ख़राब था , वो अब हमेश दुबिधा में जीने लगा था , उसे कभी नीलू की ओर झुकाव हो जाता तो कभी अमन की ओर
अब वो decide नहीं कर पा रहा था की उसे किस ओर मुड़ जाना चाहिए |
कार्तिक घर पहुंच कर अपने कमरे में रेस्ट कर रहा था , तभी उसे उसके पापा ने नीचे बुलाया और कुछ जरुरी बाते बताई , घर के फिनेंशल कंडीशन और भी कुछ महत्वपूर्ण बाते करते रहे | उन्होंने उसे रिंग सेरेमनी के लिए भी कहा , और आने वाले संडे की डेट फिक्स बताई |
डिनर करने के बाद कार्तिक घर की छत पर टहल रहा था , वो आज किसी से भी फ़ोन या फिर मेसेज पर बात नहीं करना चाह रहा था | उसका मूड ठीक नहीं था |
उसका फ़ोन बज रहा था , नीलू उसे कॉल कर रही थी , उसने कॉल रिसीव नहीं किया , वो देर रात तक वाकिंग करता रहा |
अगले दिन ऑफिस में नायरा उससे पहले ही पहुंच चुकी थी , जब कार्तिक ऑफिस में पंहुचा तो उसे नायरा किसी से फ़ोन पर बात करते हुए मिली .
वो काफी डेशिंग और स्मार्ट लग रही थी , और किसी से मुस्करा मुस्करा के बाते कर रही थी |
कार्तिक पहले से ही अपसेट और मूड ऑफ था तो उसने इग्नोर किया और अपने वर्कस्टेशन पर बैठ के काम में लग गया |
थोड़ी देर बाद अनाउंसमेंट हुआ और सबको मीटिंग हाल में जाना था |
मीटिंग में बॉस ने नए प्रोजेक्ट को लाइव किया और जिस जिस को इस प्रोजेक्ट पर काम करने को दिया गया था सबको नायरा से इंट्रोडस कराया |
नायरा को नए प्रोजेक्ट का प्रोजेक्ट हेड नियुक कर दिया गया था | पूरे ऑफिस की लड़कियों और लड़को में सन्नाटा सा छा गया था |
सब कानाफूसी करने लगे थे की नायरा ने वो करके दिखा ही दिया जो उसके बस में नहीं था ऐसा सब सोचते थे |
कुछ कह रहे थे की ये उसकी मेहनत का इनाम मिला है उसे , कुछ कह रहे थे की उसने जीवन को अपने हुस्न के जाल में फसा के ये पोजीशन हासिल करली है | कोई कह रहा था की उससे ज्यादा सीनियर और टैलंटेड लोग थे उनको अनदेखा किया गया है |
कार्तिक भी परेशान था लेकिन आज के प्रोग्राम के बाद उसे और भी बेचैनी हो रही थी , क्युकी उसे नए प्रोजेक्ट में इन्वॉल्व नहीं किया गया था , उसे केबल रनिंग प्रोजेक्ट पर ही सीमित कर दिया था , जबकि वो बाकि नए डेवेलपर्स से सीनियर और काबिल था लेकिन ये सब जीवन का खेला हुआ पूरा खेल था , वो धीरे धीरे करके नायरा को अपने चंगुल में फसा के उसे इस्तेमाल करना चाहता था |
कुछ लोग नायरा और जीवन को मुबारकबाद दे रहे थे , कुछ लोग खुश हो कर विश कर रहे थे तो कुछ बस यु ही फॉर्मलिटीज कर रहे थे |
कार्तिक को भी ऐसा करना पड़ा , उसने जीवन और नायरा जो की एक साथ खड़े थे , उसने जा कर नायरा से हैंडशेक किया और बधाई दी |
नायरा ने भी मुस्कराते हुए उसे धन्यबाद कहा , लेकिन बॉस जीवन ने उसको कोई प्रतिक्रिया नहीं दी |
कार्तिक को लगने लगा था की अब शायद उसके इस ऑफिस में ज्यादा दिन नहीं काटने वाले |
ऑफिस ओवर हो रही थी धीरे धीरे करके एम्प्लोयी निकल रहे थे , जीवन और नायरा ऑफिस के मैं केबिन में बैठे कुछ बाते कर रहे थे , अमन भी जा रही थी , आज उसके साथ सुहानी भी थी , लेकिन कोई भी उससे नहीं बोला
कार्तिक आज अपने आप को बिलकुल ही अकेला महसूस कर रहा था , उसे बुरा लग रहा था की कल तक सब ठीक था आज तो उसके अच्छे दोस्त थे वो भी बात नहीं कर रहे थे | उसने गुस्से में फैसला किया की वो कल ही नीलू के यहाँ जायेगा और रिंग सेरेमनी का प्रोग्राम फाइनल करेगा |
वो बिना किसी को कुछ बोले घर चला गया |
जब वो घर पंहुचा तो उसके घर वाले सब बैठ के बाते कर रहे थे |
कार्तिक - माँ हम कल ही चल रहे है नीलू को देखने
शीला - क्यों क्या हुआ , कल की छुट्टी है क्या तेरी
कार्तिक - हाँ
राजेश - लेकिन हमने तो उन लोगो को संडे के लिए कहा है
कार्तिक ने कहा - पापा कॉल करके कल के लिए कह दो
राजेश - अरे बड़ा उताबले हो रहे हो यार , अब संडे के कितने दिन बचे है
शीला - ठीक है हम बात करके देखते है ................
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