Hindi kahaniya | Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 64

Hindi kahaniya | Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 64

Hindi kahaniya 


नायरा अपने ही अंदाज़ में चलती हुयी कार्तिक की शीट के पास आयी और साइड वाली शीट पुल करके उसके पास लाते हुए बोली "अगर इजाजत हो तो क्या हम आपके पास बैठ जाये "

कार्तिक ने भी अपने ही स्टाइल में कहा "इजाजत है"

नायरा अब कार्तिक के बिलकुल ही पास में आ कर बैठ गयी , और कुछ देर शांत बैठी रही , जब कार्तिक की ओर से कोई उचित रेस्पॉन्स न मिला तो उसने खुद ही बात शुरू करना सही समझा ||

उसने कार्तिक से कहा "तो जनाब काम की बात कर ली जाये " 

कार्तिक ने बिना नायरा की ओर देखे कहा "कोनसा काम "

नायरा ने कहा "जो अभी कुछ देर पहले आपने बॉस के केबिन में डिस्कस किया था "

कार्तिक ने बनाऊ फेस नायरा की ओर किया और कहा "अच्छा हाँ मैं तो भूल ही गया था , अच्छा हुआ याद दिला दिया "

नायरा ने एडवांस में ही कहा दिया "उसके लिए थैंक्स बोलने की कोई जरूरत नहीं है , वो मेरा काम है "

कार्तिक ने कहा "शायद आप गलतफैमी में हो , मैंने कोई सॉरी नहीं बोला"

नायरा ने कहा "मुझे पता है तुम बहुत ढीट हो बोलोगे भी नहीं "

"शायद आपको गलत लगता है मैं ऐसा नहीं हूँ " कार्तिक ने कहा 

"तो कैसे हो " नायरा ने पूछा 

कार्तिक ने कहा "मैं बहुत ही नेक दिल और दयालू इंसान हूँ "

"ओह्ह realy , मुझे पता ही नहीं " नायरा ने कार्तिक की इंसल्ट करते हुए कहा 

कार्तिक ने कहा "मुद्दे पर आओ , मुझे टाइम पास करने की आदत नहीं है "

नायरा ने अपने फेस पर झूठी और बनाबटी हसी लाते  हुए कहा "कितने बनाऊ और पकाऊ इंसान हो तुम "

कार्तिक "तो क्यों पक रही हो "

नायरा ने कहा "मेरी तरफ देखो "

कार्तिक ने उसकी ओर देखा , दोनों की आंखे मिली 

फिर नायरा ने कहा "कार्तिक तुम अभी भी सुधर जाओ , और उस सुहानी के चक्कर  में मत पड़ो "

कार्तिक ने कहा "तुम क्या कहे जा रही हो  , कोई चक्कर नहीं है उससे मेरा "

"तो ये चाय कॉफ़ी पर पैसा क्यों खर्च कर रहे हो उस पर " नायरा ने कैंटीन की ओर इशारा करते हुए कहा |

कार्तिक ने कहा "किसी के साथ एक वक्त चाय पीलेने से कोई चक्कर नहीं हो जाता "

नायरा "एक नहीं आज तो पूरे दो वक्त की पी है तुमने "

कार्तिक "तुम्हे क्यों मिर्ची लग रही है "

नायरा ने एंग्री फेस करते हुए पूछा "मिर्ची ??"

कार्तिक ने कहा "मेरा मतलब तुम्हे क्यों बुरा लग रहा है "

नायरा ने एक लम्बा पॉस लिया और फिर बोली "हाँ सही तो कहा तुमने , मुझे क्यों बुरा लगाना चाहिए ,"

नायरा के सिर्फ दो शब्दों ने टॉपिक तो क्लोज जरूर कर दिया लेकिन , दोनों के मन शांत न हुए , दोनों के मन में अलग अलग प्रश्न चल रहे थे || 

कार्तिक भी नायरा के चेहरे पर साफ साफ कुछ भाव देख पा रहा था , वो समझ रहा था की नायरा क्या कहना चाह रही है , लेकिन वो भी चाह कर भी अब पूछ नहीं पा रहा था की नायरा तुम्हारे मन में क्या है || क्युकी अब कार्तिक बेबस था ||


नायरा ने कहा "तो इस नए प्रोजेक्ट में कब से काम देख रहे हो "

कार्तिक ने कहा "कल से ही , एक दो दिन में मेरा ये सारा काम ख़त्म हो जायेगा , फिर मैं करुगा उस पर काम "

नायरा ने कहा "ठीक है सर ने मुझे एक मेल किया है उसमे हम दोनों के कामो का बटवारा है, मैं तुम्हे वो मेल दे देती हूँ  "


कार्तिक और नायरा के बीच अब एक शांति सी छा गयी , दोनों बात करना चाहते थे लेकिन एक दूसरे से आंख भी चुरा रहे थे , आज का दिन ऐसे ही गुजर गया ||

ऑफिस टाइम ओवर हो चुका था, एक एक करके एम्प्लोयी घर जाने लगे थे , जीवन भी आज जल्दी ही चला गया था ||

तो नायरा और कार्तिक भी टाइम से ही फ्री थे , और वो भी निकलने की तयारी कर ही रहे थे ||

तभी सुहानी उधर से गुजरी और कार्तिक को बाय बोलती हुई चली गयी , कार्तिक उसे देखता रहा ||

और नायरा अभी भी कार्तिक को ही निहार रही थी ||


अब सुहानी भी जा चुकी थी , ऑफिस बॉय अपने हाथ में डोर लॉक करने के लिए की लिए हुए खड़ा था और इंतजार कर रहा था की कब ये दोनों यहां से निकले और मैं भी यहां से चला जाऊ ...


कार्तिक ने देखा की नायरा अभी कैब बुक कर रही है ... तो कार्तिक ने कुछ सोच समझ कर कहा .. 

रहने दो कैब मत बुक करो , आज मैं तुम्हारे घर की ओर से ही निकल के जाने वाला हूँ , चाहो तो मेरे साथ भी चल सकती हो ||


नायरा मुस्करायी और बोली "फिर कही तुम रस्ते में किश मांगने लगे तो ??"

कार्तिक शर्मिंदा हो कर इधर उधर देखने लगा , और फिर अपनी बाइक की की ले कर ऑफिस से निकल गया ||


नायरा ने भी अपना बैग उठाया और लिफ्ट से नीचे चली गयी ...........

अरेंज मैरिज (भाग - 64)


नायरा अपने ही अंदाज़ में चलती हुयी कार्तिक की शीट के पास आयी और साइड वाली शीट पुल करके उसके पास लाते हुए बोली "अगर इजाजत हो तो क्या हम आपके पास बैठ जाये "

कार्तिक ने भी अपने ही स्टाइल में कहा "इजाजत है"

नायरा अब कार्तिक के बिलकुल ही पास में आ कर बैठ गयी , और कुछ देर शांत बैठी रही , जब कार्तिक की ओर से कोई उचित रेस्पॉन्स न मिला तो उसने खुद ही बात शुरू करना सही समझा ||

उसने कार्तिक से कहा "तो जनाब काम की बात कर ली जाये " 

कार्तिक ने बिना नायरा की ओर देखे कहा "कोनसा काम "

नायरा ने कहा "जो अभी कुछ देर पहले आपने बॉस के केबिन में डिस्कस किया था "

कार्तिक ने बनाऊ फेस नायरा की ओर किया और कहा "अच्छा हाँ मैं तो भूल ही गया था , अच्छा हुआ याद दिला दिया "

नायरा ने एडवांस में ही कहा दिया "उसके लिए थैंक्स बोलने की कोई जरूरत नहीं है , वो मेरा काम है "

कार्तिक ने कहा "शायद आप गलतफैमी में हो , मैंने कोई सॉरी नहीं बोला"

नायरा ने कहा "मुझे पता है तुम बहुत ढीट हो बोलोगे भी नहीं "

"शायद आपको गलत लगता है मैं ऐसा नहीं हूँ " कार्तिक ने कहा 

"तो कैसे हो " नायरा ने पूछा 

कार्तिक ने कहा "मैं बहुत ही नेक दिल और दयालू इंसान हूँ "

"ओह्ह realy , मुझे पता ही नहीं " नायरा ने कार्तिक की इंसल्ट करते हुए कहा 

कार्तिक ने कहा "मुद्दे पर आओ , मुझे टाइम पास करने की आदत नहीं है "

नायरा ने अपने फेस पर झूठी और बनाबटी हसी लाते  हुए कहा "कितने बनाऊ और पकाऊ इंसान हो तुम "

कार्तिक "तो क्यों पक रही हो "

नायरा ने कहा "मेरी तरफ देखो "

कार्तिक ने उसकी ओर देखा , दोनों की आंखे मिली 

फिर नायरा ने कहा "कार्तिक तुम अभी भी सुधर जाओ , और उस सुहानी के चक्कर  में मत पड़ो "

कार्तिक ने कहा "तुम क्या कहे जा रही हो  , कोई चक्कर नहीं है उससे मेरा "

"तो ये चाय कॉफ़ी पर पैसा क्यों खर्च कर रहे हो उस पर " नायरा ने कैंटीन की ओर इशारा करते हुए कहा |

कार्तिक ने कहा "किसी के साथ एक वक्त चाय पीलेने से कोई चक्कर नहीं हो जाता "

नायरा "एक नहीं आज तो पूरे दो वक्त की पी है तुमने "

कार्तिक "तुम्हे क्यों मिर्ची लग रही है "

नायरा ने एंग्री फेस करते हुए पूछा "मिर्ची ??"

कार्तिक ने कहा "मेरा मतलब तुम्हे क्यों बुरा लग रहा है "

नायरा ने एक लम्बा पॉस लिया और फिर बोली "हाँ सही तो कहा तुमने , मुझे क्यों बुरा लगाना चाहिए ,"

नायरा के सिर्फ दो शब्दों ने टॉपिक तो क्लोज जरूर कर दिया लेकिन , दोनों के मन शांत न हुए , दोनों के मन में अलग अलग प्रश्न चल रहे थे || 

कार्तिक भी नायरा के चेहरे पर साफ साफ कुछ भाव देख पा रहा था , वो समझ रहा था की नायरा क्या कहना चाह रही है , लेकिन वो भी चाह कर भी अब पूछ नहीं पा रहा था की नायरा तुम्हारे मन में क्या है || क्युकी अब कार्तिक बेबस था ||


नायरा ने कहा "तो इस नए प्रोजेक्ट में कब से काम देख रहे हो "

कार्तिक ने कहा "कल से ही , एक दो दिन में मेरा ये सारा काम ख़त्म हो जायेगा , फिर मैं करुगा उस पर काम "

नायरा ने कहा "ठीक है सर ने मुझे एक मेल किया है उसमे हम दोनों के कामो का बटवारा है, मैं तुम्हे वो मेल दे देती हूँ  "


कार्तिक और नायरा के बीच अब एक शांति सी छा गयी , दोनों बात करना चाहते थे लेकिन एक दूसरे से आंख भी चुरा रहे थे , आज का दिन ऐसे ही गुजर गया ||

ऑफिस टाइम ओवर हो चुका था, एक एक करके एम्प्लोयी घर जाने लगे थे , जीवन भी आज जल्दी ही चला गया था ||

तो नायरा और कार्तिक भी टाइम से ही फ्री थे , और वो भी निकलने की तयारी कर ही रहे थे ||

तभी सुहानी उधर से गुजरी और कार्तिक को बाय बोलती हुई चली गयी , कार्तिक उसे देखता रहा ||

और नायरा अभी भी कार्तिक को ही निहार रही थी ||


अब सुहानी भी जा चुकी थी , ऑफिस बॉय अपने हाथ में डोर लॉक करने के लिए की लिए हुए खड़ा था और इंतजार कर रहा था की कब ये दोनों यहां से निकले और मैं भी यहां से चला जाऊ ...


कार्तिक ने देखा की नायरा अभी कैब बुक कर रही है ... तो कार्तिक ने कुछ सोच समझ कर कहा .. 

रहने दो कैब मत बुक करो , आज मैं तुम्हारे घर की ओर से ही निकल के जाने वाला हूँ , चाहो तो मेरे साथ भी चल सकती हो ||


नायरा मुस्करायी और बोली "फिर कही तुम रस्ते में किश मांगने लगे तो ??"

कार्तिक शर्मिंदा हो कर इधर उधर देखने लगा , और फिर अपनी बाइक की की ले कर ऑफिस से निकल गया ||


नायरा ने भी अपना बैग उठाया और लिफ्ट से नीचे चली गयी ...........

नायरा को आने में थोड़ा टाइम लग गया था , उसने देखा की कार्तिक अभी भी उसका इंतजार कर ही रहा था , जैसा की उसे अंदाजा था |


उसने पास आकर कहा - तुम अभी गए नहीं , 

कार्तिक ने कहा - मैं तो तुम्हरा इंतजार कर रहा था 

नायरा ने कहा - अच्छा क्यों ?? आज सुहानी ने मना कर दिया क्या साथ जाने से ??

कार्तिक ने कहा - नायरा प्लीज , जल्दी बैठो और चलो मुझे लेट हो रहा है |

नायरा ने कहा - ठीक है लेकिन पहले ये बताओ आज इधर क्यों जा रहे हो ??

कार्तिक बताया की आज उसे अपने एक मित्र से मिलना है इसलिए वो इधर ही रहता है |


बहाना कुछ भी हो लेकिन दोनों के बीच थोड़ी सी सुलह तो हो ही गयी थी , नायरा बाइक पर बैठ गयी और चलने को कहा ||

थोड़ा आगे चलने के बाद , कार्तिक ने बाइक स्लो की और पूछा "तुमने ऑफिस बॉय के सामने किस बाली बात क्यों की "

नायरा ने कहा "मेरे साथ तुम एक बार ऐसा कर चुके हो इसलिए "

कार्तिक "अगर मैं किस मांगू तो क्या मिलेगी मुझे "

नायरा ने कार्तिक एक मुक्का मारते हुए कहा "अब ये मिलेगा "

कार्तिक ने पूछा "तो क्या पहले मिल सकती थी "

नायरा ने एक लम्बी साँस ली और कहा "शायद "

कार्तिक ने फिर पूछा "अब क्यों नहीं "

नायरा ने कहा "रहने दो अब ये बात मत करो "

कार्तिक चुप रह गया और शांत हो कर बाइक चलता रहा और साथ ही सोचता रहा ... नायरा की ख़ामोशी और चुप्पी के पीछे जरूर कोई बजह है जो ये मुझसे और खुद से छुपाने की कोशिश करती रहती है ||

कार्तिक ने अचानक बाइक रोक दी , और नायरा को उतरने को कहा 

नायरा सोचने लगी अचानक ?? कही ये किश तो नहीं ................???

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