Hindi kahaniya | Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 66
कार्तिक और नायरा केमिस्ट शॉप पर खड़े हुए थे , जब कार्तिक ने नायरा को टोकरी भर दवाइयां खरीदते हुए देखा और उसके पीछे का कारण पूछा तो वो शॉक्ड रह गया ||
कार्तिक ने फिर से पूछा "आखिर हुआ क्या है तुम्हारी माँ को "
देखते ही देखते नायरा की आंखे सजल हो गयी , वो फूट फूट कर रोने लगी ,
कार्तिक ने उसे चुप करने की कोशिश की , अपना हेंकी देते हुए उसे आंसू पूछने के लिए कहा
नायरा ने अपने आंसू साफ किये और जाने लगी ...
कार्तिक ने उसे दुवारा रोका और फिर से जानने के लिए उसे कहा
नायरा ने कहा - वो बहुत बीमार है, उन्हें एक दुर्लभ बीमारी है जो लाखो लोगो में से किसी एक को होती है , उनका ब्लड बनाना बंद हो गया था , तो उसी की दवाइयां चल रही है ||
कार्तिक ने आश्चर्य से पूछा "तब तो बहुत खर्चा हुआ होगा इलाज करवाने में "
नायरा ने कहा - हाँ , ये समझ लो मेरी सारी ख्वाहिशे और खुशियां इन्ही दवाइयों की भेट चढ़ गयी है ||
कार्तिक ने रोती हुयी नायरा का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा "यार मैं समझ सकता हूँ "
नायरा ने कुछ नहीं कहा सिर्फ अपने आंसू पौंछती रही
कार्तिक ने नायरा का हाथ छोड़े बिना ही कहा "आई ऍम सॉरी यार "
नायरा - सॉरी क्यों ,
कार्तिक - यार मैंने ये सब पूछ लिया और तुम सब याद करके रोने लगी तो मुझे अच्छा फील नहीं हो रहा है ||
नायरा ने कहा - यार इट्स ओके , अब तो ये रोज का है , और रोज का ही नहीं जिंदगी भर का है ||
कार्तिक ने कहा - कैसी बात कर रही हो यार , सब ठीक हो जायेगा , क्या कहा है डॉक्टर ने |
नायरा ने कहा - क्या कहेगे डॉक्टर , पिछले तीन साल से सिर्फ ठीक होने का इंतजार ही तो कर रहे है ||
कार्तिक ने कहा - चलो मैं तुम्हे तुम्हारे घर छोड़ देता हूँ , इसी बहाने तुम्हारी माँ को भी देख लूंगा ||
नायरा वैसे तो किसी को अपने घर तक नहीं आने देती थी , लेकिन कार्तिक की मनोदशा को देखते हुए उसने न जाने क्यों और कैसे चलने को हाँ कह ही दिया , लेकिन हाँ कहने से पहले उसे न जाने कितने बार सोचा तब जा कर उसे इजाजत दी ||
Hindi kahaniya:
चलो जल्दी करो ऑलरेडी साढ़े सात बज चुके है घर के लिए लेट हो जाओगे ..
कुछ ही देर में कार्तिक और नायरा उसके घर पर पहुंच चुके थे ||
घर भी कोई खास बहुत बड़ा तो नहीं था , आज से कोई २० से २५ बर्ष पुराना बना हुआ घर था , उसके दो बेडरूम थे एक हॉल , किचन और बाथरूम था || घर पुराना होने के बाबजूद भी अच्छे से डेकोरेट किया हुआ था , जगह जगह पेंटिंग्स लगी हुई थी || दिखने में आकर्षक लग रहा था ||
कार्तिक को हाल में पड़े लकड़ी के सोफे पर बैठने को कहा ||
फिर नायरा ने गीतू जो आबाज लगाई ... तो अंदर से एक लड़की निकल के आयी जो की दिखने में नायरा से भी सुन्दर और आकर्षक थी , उसे नायरा ने पानी लाने को कहा ||
जब बो पानी ले कर आयी तो नायरा ने कार्तिक को उससे मिलवाया , नायरा ने कार्तिक की और इशारा करते हुए कहा - ये हमारी ऑफिस में साथ में है , इनका नाम कार्तिक है , ये आज मुझे घर छोड़ने के बहाने माँ से भी मिलने चले आये है ||
और फिर कार्तिक को उसके बारे में बताया - ये मेरी छोटी बहन गीतू है , वैसे तो ग्रेडुएशन चल रहा है इसका , लेकिन पिछले तीन साल से डिप्रेशन में होने की बजह से इसकी पढ़ाई लगभग छूट गयी है || और ज्यादातर बीमार ही रहती है ||
अब नायरा ने गीतू को अपने कमरे में जाने को कहा
फिर कार्तिक ने उसे पूछा - ये डिप्रेशन में क्यों है ?
इस सवाल का जवाव या तो नायरा देना नहीं चाहती थी या फिर इसके पीछे की कहानी भयानक है इसलिए नायरा सिर्फ आंसू ही बहती रही ||
कार्तिक ने कहा - मुझे अपना सच्चा दोस्त ही समझो , और अगर नहीं बताना चाहती तो कोई बात नहीं , मत बताओ , मुझे माँ से मिलवा दो ....
सर हिलाते हुए , उसने सामने वाले कमरे की और चलने को कहा ....
सामने वाले कमरे मे दोनों पहुंचे तो तब उसकी माँ , बिस्तर पर लेटी हुयी थी , शायद सो रही थी ||
फिर नायरा ने बताया की माँ ज्यादातर सोती ही रहती है , ज्यादा बात भी नहीं करती और न ही खाती पीती है ||
कार्तिक ने पूछा - ये सब कैसे हुआ था ||
"पापा के गुजर जाने के बाद से ही इनकी तबियत ख़राब रहने लगी थी , हम सबने इतना ध्यान न दिया , और ये खतरनाक बीमारी का शिकार हो गयी "
"फिर इनके इलाज का खर्चा और अपनी पढ़ाई और गीतू की देखभाल के लिए सब कैसे अरेंज किया तुमने "
नायरा ने झूठी मुस्कान चेहरे पर लाते हुए कहा "कुछ पापा की सेविंग्स थी हमारी पढ़ाई के लिए और फिर कुछ मेने अपनी खुशियां गिरवी रख के "
कार्तिक नायरा के मुँह से दो बार सुन चुका था खुशियां बाली बात इसलिए उसने इस बार पूछ ही लिया "मतलब मैं कुछ समझा नहीं "
तब नायरा ने कार्तिक को पास पड़ी चेयर पर बैठने को कहा और बताने लगी "मैंने पर्सनल लोन लेने के लिए अप्लाई किया लेकिन पापा की पिछली लोन चुकता न होने के कारण मुझे लोन नहीं मिला , फिर मैंने अपनी कंपनी की पालिसी के बारे पढ़ा की यहाँ से सैलरी के बेस पर लोन मिल सकता है तो अप्लाई किया , लोन तो मिला लेकिन इतना पर्याप्त नहीं था , तो मैंने जीवन से कुछ और लोन सेंक्शन करने को कहा , उसने करवाने को कहा लेकिन एक शर्त रख दी , और नायरा शांत हो गयी "
कार्तिक ने पूछा "कैसी शर्त "
नायरा ने इधर उधर देखते हुए लम्बी साँस ली और कहा "उसके साथ बिस्तर में चलने के लिए कहा "
कार्तिक ने कहा "और तुमने ....."
"न करती तो क्या करती , एक तरफ मेरी माँ मर रही थी और दूसरी तरफ मेरी बहन , अगर इन्हे कुछ हो जाता तो मैं जी कर भी क्या करती " नायरा ने रोते हुए कहा
कार्तिक अब अपने सर और चेहरे पर अपने हाथ फेरने लगा था , देखने से ही पता चल रहा था की उसका ब्लड प्रेसर हाई हो रहा था || उसका चेहरा लाल हो चुका था
नायरा बताते बताते शर्मिंदा हो चुकी थी इसलिए वो कार्तिक से आंखे नहीं मिला पा रही थी ||
कार्तिक ने नायरा से कहा - यार ... चलो छोडो ,... क्या एक ग्लास पानी मिलेगा ...
नायरा उठ के पानी लाने चली गयी ...
Hindi kahaniya:
कार्तिक सोच रहा था , की दुनिया में कैसे कैसे लोग पड़े है , दुःख की हालत में भी जिस्म का फायदा उठाने में लगे रहते है || और तो और नायरा पर कितने दुखो के पहाड़ टूटे होंगे ||
मैं तो इसके बारे में कुछ और ही सोचता था , लेकिन यहां तो कहानी ही बिलकुल अलग है , ऐसे में इसके बारे में गलत सोचना भी पाप होगा पाप ||
0 Comments