Hindi kahaniya | Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 67

 Hindi kahaniya | Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 67



Hindi kahani -
कार्तिक इतना खो चुका था की उसे नायरा की दुःख भरी कहानी अपनी जैसी लगने लगी थी , उसके न जाने कब आंसू आ गए उसे भी नहीं पता चला ||
उसकी आँखों में आंसू देख नायरा जो की कार्तिक के लिए  पीने के लिए पानी ले कर आयी हुई थी 
बोली - कार्तिक , क्या यार , तुम क्यों परेशान हो रहे हो ??
ये सब तो मेरे लिए हर रोज का है , अब तो इस परिस्थिति की आदी सी हो गई हूँ , अब बुरा नहीं लगता , हाँ लगता है , थोड़ी देर के लिए , लेकिन खुद को समझा लेती हूँ , और खुश हो जाती हूँ अपने सपनो को सपनो में ही जी लेती हूँ ....
नायरा अपने दुखड़े बताये जा रही थी , और कार्तिक मन ही मन सोच रहा था , काश नायरा तुमने मुझे एक मौका दिया होता , सारी खुशिया तुम्हारे नाम कर देता ||
तभी कार्तिक का फ़ोन घनघनाने लगा ... 
उसने अपना फ़ोन निकला ... उसे नीलू कॉल कर रही थी ||
उसने तुरंत फ़ोन रिसीव किया ...

हेलो ..
उधर से गुस्से में नीलू ने कहा "बड़ा जल्दी फ़ोन पिक कर लिया जनाब ने "
कार्तिक ने कहा - अरे और कितनी जल्दी पिक किया जाता है खुद ही बता दो ||
नीलू ने कहा - देखो , अपना फ़ोन चेक करो कितने मिस्ड कॉल पड़े होंगे मेरे 
कार्तिक ने कहा - एक मिंट , 
जब कार्तिक ने देखा तो बास्तब में उसके फ़ोन में 23 मिस्ड कॉल थे , और उसमे कुछ कॉल सुहानी और अमन कौर के भी थी , और जस्ट लास्ट कॉल , उसकी मम्मी का था ,

कार्तिक सोचने लगा की क्या मैं सच में नायरा की साथ इतना खो गया था की मुझे मेरे फ़ोन का ही पता नहीं चला ||

फिर उसने कहा - हाँ सॉरी मैंने फ़ोन देखा ही नहीं, वो मैं कही बिजी था इसलिए , 
नीलू ने पूछा "तो जनाब अब घर नहीं पहुंचे "
कार्तिक "हाँ , लेकिन तुम्हे कैसे पता चला "
नीलू ने कहा "मेरी अभी रिया से बात हुई थी , उसने ही बताया की आप अभी घर नहीं पहुंचे हो "
कार्तिक ने कहा - वो आज ऑफिस में कुछ ज्यादा काम था इसलिए ...
नीलू गुस्से में थी क्युकी कार्तिक ने आज उसे रेस्पॉन्स नहीं किया था इसलिए  वो ज्यादा बात नहीं करना चाह रही थी , इसलिए कहा - जब घर पहुंच जाओ तो बता देना , ओके
 और कॉल डिसकनेक्ट हो गयी ||

कार्तिक जब फ़ोन पर बात कर रहा था तो नायरा सामने खड़ी उसकी बाते सुन रही थी 
कार्तिक को लगा कही नायरा को सब पता न चल जाये , 
नायरा ने मुस्कराते हुए पूछा "फिऑन्से थी न ??"
कार्तिक की हालत अब देखने लायक थी , उसका गला सुख चुका था , चेहरा सफ़ेद पड़ गया  
उसने नायरा के हाथ से पानी का ग्लास लिया और झट से पानी पीने लगा ||
पानी पी कर कार्तिक कुछ कह पता उससे पहले ही नायरा ने कहा - अरे तुम तो ऐसे डर गए हो जैसे की मैं सच ही बोल रही हूँ ||

Hindi kahani -

अब कार्तिक को जान आयी , चलो शायद नायरा ने ऐसे ही हवा में बोल दिया है ||
कार्तिक बनाबटी मुस्कान लाते हुए बोला - हाँ मुझे ऐसा ही लगा ..
नायरा फिर से बोली - अच्छा तो बता दो , कौन थी , जहाँ तक मेरा अंदाज़ा है , सुहानी तो नहीं थी ??
कार्तिक ने कहा - माँ ने एक लड़की पसंद कर ली है उसका ही फ़ोन था , 
क्या है की कभी कभी कॉल कर लेती है मुझे ||

"कांग्रेतुलेशन्स .... तो कब कर रहे हो शादी ..." नायरा ने खुश होते हुए पूछा 
कार्तिक ने भी स्माइल पास करते हुए कहा "शादी ?? अभी तो सिर्फ बात स्टार्ट हुई है , कुछ पता नहीं है "
नायरा ने कहा - कार्तिक और कितना झूठ बोलोगे , मुझसे ..
कार्तिक ने कुछ नहीं कहा सिर्फ उसकी और देखता रहा ..

अब नायरा ने कार्तिक का हाथ पकड़ा और इंगेजमेंट बाली रिंग दिखते हुए कहा , मैं कोई छोटी बच्ची या फिर पागल तो हूँ नहीं जो मैं नहीं समझूगी.. आखिर ये सब झूठ क्यों ??

कार्तिक अभी भी चुप था....

नायरा ने फिर से कहा - जहाँ तक मुझे लगता है की कार्तिक तुम मुझे फ्लर्ट तो नहीं करते थे और न ही करते हो ,, तो फिर मुझसे झूठ क्यों ...

मामला काफी सीरियस हो चला था .. साथ ही टाइम भी ओवर हो रहा था ... कार्तिक अब घर जाने को था ...

जाते जाते नायरा कार्तिक से अपने सवाल का जवाव चाहती थी..... जब नायरा सवाल पूछ रही थी तो उसकी आँखों में एक अलग ही चाहत और एक उम्मीद झलक रही थी , ऐसा लग रहा था की नायरा नहीं एक आशा की किरण जो अब शायद अस्त होने वाली थी , पूछ रही हो ??

कार्तिक ने नायरा को गले लगा लिया ,, ऐसा करने पर आज नायरा ने भी कोई एतराज नहीं किया , मानो  बो भी कार्तिक के गले लगना चाहती हो | 

कार्तिक ने कहा - नायरा यार हो सके तो मुझे माफ़ कर देना , यार , तुमसे सच बोलने की हिम्मत ही नहीं हुई |||
नायरा ने कहा - क्यों , ऐसा क्या था जो तुम्हे मेरे सामने सच नहीं बोलने दे रहा था ||
कार्तिक - वो क्या है की , जिसे हम चाहते है , तो उसे दुखी नहीं देखना चाहते और न ही देख सकते .. तो मुझे ऐसा लगता था की मैं अगर तुम्हे बताउगा तो कही तुम्हे बुरा न लग जाये ... इसलिए |
"बुरा लगने से बेहतर दिल तोडना समझा तुमने ,  क्या ये ठीक था कार्तिक " नायरा ने पूछा 
कार्तिक "दिल की बात कहने का मौका ही नहीं दिया तुमने "
नायरा ने कहा "कार्तिक दिल की बात कहने के लिए मौका चाहिए था , कितने तो मौके थे "
कार्तिक - मैं तुम्हे तुम्हारे बर्थडे बाले दिन कहना चाहता था , लेकिन तुम आई नहीं ...
"कार्तिक मैं तुम्हे कैसे smjhau , मैं अपनी किश्मत के हाथो बहुत मजबूर थी ,, अगर मैं तुम्हारे साथ आती तो मेरा कुछ नहीं था , उसके अगले दिन तुम्हारी जॉब चली जाती .." नायरा ने कहा 
कार्तिक - वो कैसे ??
नायरा - मैं ख़ुशी ख़ुशी तुम्हरा साथ जाने के लिए सज धज के ऑफिस गयी थी , जब जीवन को शक हुआ की हम कही जाने वाले है तो उसने मुझे उसके साथ जाने के लिए फाॅर्स किया , जब मैं नहीं मानी तो उसने तुम्हारी जॉब का हवाला दिया ,,, तो मैं क्या करती .. 
कार्तिक - तुम्हे बताना तो चाहिए था , तुमने तो ऐसे सब कुछ रिएक्ट किया की तुम उसे पसंद करती हो , मुझे इग्नोर करना शुरू कर दिया था तो मेरा दिल भी टूट गया था || 
नायरा - कार्तिक मैंने जानबूझ के नहीं किया , मुझे फाॅर्स किया गया था , मुझे मेरी माँ की जिंदगी भी बचानी है .... 

दोनों की आंखे सजल हो गयी थी , एक दूसरे के आंसू पूछने के अलावा अभी तो दोनों के पास कोई और ऑप्शन था नहीं ...
Hindi kahani -
यार मुझे जाना होगा ... लेट हो रहा हूँ बहुत .. - कार्तिक ने कहा 
नायरा ने फिर से एक आत्मघाती बज्र का प्रहार करते हुए पूछ दिया - मेरी जिंदगी से जाना चाहते हो या फिर ...
कार्तिक ने कहा - कैसी बाते कर रही हो नायरा ... हम अच्छे दोस्त है , और हमेशा रहेंगे ...
अब नायरा ने आंसू पूछते हुए हम्म कह के सर हिलाया ..

चावल चढ़ा के आई हूँ , मेरे हाथ के दाल चावल नहीं खा के जाओगे ??
कार्तिक - फिर कभी ...अभी जाने दो ...

घर से बहार आ कर कार्तिक ने बाइक स्टार्ट की बिना बाय बोले ही नायरा के घर से चला गया ... नायरा उसे खड़ी देखती ही रही ... जब तक वो दिखता रहा ..

Reactions

Post a Comment

0 Comments