google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 55

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 55

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 55


Hindi kahaniyan

Hindi kahaniyan - Arrange Marriage



Hindi kahaniyan - Arrange Marriage ::

टाइम पास हो रहा था , लेकिन कार्तिक की बेचैनी और भी बढ़ती चली जा रही थी ,

जब रहा नहीं गया तो कार्तिक ने नीचे झुकते हुए अपना फ़ोन निकला और नीलू को एक मेसेज टाइप कर ही दिया 

कार्तिक ने लिखा "आई नो , तुम यही कही हो , जरा अपनी झलक दिखा दो "

नीलू ने चिढ़ाने वाली स्माइल सेंड करते किया और लिखा , इतनी भी क्या जल्दी है , जरा सबर कीजिये जनाब 

कार्तिक ने भी एक इमोजी सेंड की , वो जो लाल मुँह बाली होती है , लेकिन नीलू पर उसका कोई असर नहीं पड़ा , उसने एक इमोजी और सेंड की जिसे देख कर लग रहा था की नीलू बहुत खुश हो रही है ||

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प्रिया और उसकी सहेली चाय और कुछ स्नेक्स लेकर आयी और एक एक करके सबको परोसने लगी , जब प्रिया कार्तिक के पास गयी तो उसने अपनी कोहनी का हल्का सा टच दिया ओर पूछा "कैसे है जीजा जी "

कार्तिक ने सरमाते हुए स्माइल किया और कहा "मैं अच्छा हूँ , तुम बताओ"

प्रिया ने रिया को स्नेक्स देते हुए कार्तिक की ओर देखा और कहा मैं भी अच्छी हूँ 

शीला जी ने रिया को टोकते हुए कहा - अरे रिया बेटा तुम भी जरा प्रिया की हेल्प कराओ , 

प्रिया ने कहा - नहीं नहीं आंटी जी , ठीक है हम कर लेंगे 

प्रिया के मना करने पर भी रिया उठी और उनकी किचन की और चल पड़ी , लेकिन मीना जी ने उसे अपने गले से लगाते हुए बापस उसकी चेयर के पास ले आयी और बैठने को कहा 

मीना जी ने कहा "मेरी गुड़िया रानी को काम करने की कोई आवस्यकता नहीं है " 

रिया ने अपनी माँ की और देखा और चेयर पर बैठने लगी ||

अभी सभी के चेहरे पर मुस्कान थी ||


चाय नास्ता हो रहा था , लेकिन कार्तिक की बेचैन जो को चैन नहीं मिल पा रहा था , उसे जल्दी से नीलू को देखना था |

उसका ह्रदय उत्सुकता से भरा जा रहा था | उसका बस नहीं चल रहा था , बरना वो कह देता की नीलू को मेरे सामने ला कर करदो ||


उधर नीलू की नर्वसनेस बढ़ रही थी , अब उसे घबराहट सी हो रही थी , सोच रही थी , नए लोग है उनके सामने कैसे जाऊ , हालाँकि कार्तिक से तो वो पहले ही मिल चुकी थी लेकिन बाकी के लोगो से तो बो पहली बार रूबरू होने बाली थी ||

जब चाय नास्ता हो गया तो शीला जी ने मीना जी से कहा "बहन जी अब और कितना इंतजार कराओगी , जरा हमारी होने वाली बहू के दीदार तो जल्दी से करा दो "

कार्तिक की ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा , मानो उसकी माँ ने उसके मुँह शव्द निकल कर बस सबके सामने रख दिए हो ||

मीना ने मुस्कराते हुए कहा "हाँ हाँ क्यों नहीं , लो जी अभी लेकर आती हूँ अपनी बिटिया को "


ओमकार जी ने भी कहा "हाँ जी , प्रिया बेटा , अपनी दीदी को जरा लेकर तो आओ , वो भी बेचारी अकेली बैठी होगी , बोर हो रही होगी "

राजेश जी ने कहा "तो ये तो आपकी गलती है जो उसे अकेला बिठा रखा है , यही बुलाना चाहिए था , आखिर हम क्या कोई अब गैर है उसके "

ओमकार जी ने हाथ जोड़ते हुए कहा "नहीं नहीं भाई साहब , वो तैयार हो रही थी न इसलिए और थोड़ी सी शर्मीली है मेरी बेटी इसलिए नहीं आई "

अब राजेश जी और ओमकार जी दोनों एक साथ मुस्कराने लगे और दोनों की निगाहे कमरे से आने वाले रास्ते पर जा टिकी और नीलू के आने का इंतजार करने लगे || 

कार्तिक रिया और उसके साथ साथ शीला जी और उनकी दादी माँ की भी निगाहे उसी रास्ते पर टिकी हुई थी ||

आखिर थोड़ी देर बाद उनके इंतजार की घडी समाप्त हुई 

नीलू अपनी दो सहेलियों के साथ हाथ में मिठाई की थाली लिए कमरे से बाहर निकली ||


सभी लोग एक टक उसे ही निहारते रहे , क्या खूबसूरत अदाकारा सी लग रही थी , काले घने लम्बे बाल , मोटे मोटे नयन , पतली नाक , गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ , कार्तिक तो बस देखते देखते न जाने कोनसे ख्वावो में खो गया था |

धीरे धीरे चलती हुई नीलू उनके पास आ चुकी थी || 

नीलू ने झुकी हुयी नजरो के साथ एक एक करके सबको विश किया और नजरे नीचे झुकाये खड़ी रही |

"अरे बेटा खड़े क्यों रह गए , बैठ जाओ " दादी माँ ने चेयर की ओर इशारा करते हुए कहा 

तभी शीला जी ने चेयर उसकी ओर करदी और नीलू बैठ गयी ||

कार्तिक मन ही मन इतना खुश हो रहा था की वो वया नहीं कर सकता था , वो खुस इसलिए नहीं था की नीलू उसके सामने थी , वो खुश इसलिए था क्युकी नीलू ने उसकी पसंद का गेटप किया हुआ था , उसने नेवी ब्लू कलर का  सलबार और सूट पहना हुआ था |

कार्तिक मन ही मन सोचने लगा की - देखो तो लड़की अभी से मेरी पसंद और नापसंद का इतना ध्यान रख रही है , जबकि मैं उसकी पसंद का तो ध्यान में ही नहीं रखता कुछ भी ||

कार्तिक सोचता ही रहा ....

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शीला जी ने और रिया ने नीलू से बाते करना स्टार्ट कर दिया था , वो उसे उसकी पढ़ाई और बाकी चीजों के बारे में पूछ रही थी , कार्तिक नीलू को घूर रहा था या फिर निहार रहा था ये तो उसकी आंखे खुद तय नहीं कर पा रही थी , उसकी निगाहे उसके गुलावी होठो पर थी , जैसे जैसे नीलू शीला जी के सवालों का जवाव दे रही थी तो उसकी होठो की हरकत को बड़े ही ध्यान से देख रहा था | और मन ही मन खुश हो रहा था |

शीला जी के जब सवाल खतम हुए तो कार्तिक की दादी माँ ने भी कुछ चीजे पूछी और अपने घर के रीति रिवाजो के बारे में भी बताया और कहा - तुम्हे भी ऐसा ही करना होगा ||


सभी लोग नीलू को ही टारगेट कर रहे थे उसे ही सवाल जवाव कर रहे थे , ऐसा होने से नीलू थोड़ी सी नर्बस हो रही थी , ये सब नीलू की फ्रेंड समझ गयी थी इसलिए उसने कहा - सभी लोग नीलू को ही पूछते रहेंगे , क्या कोई हमारे मेहमान कार्तिक जी से भी कुछ पूछ लो ??

कार्तिक अपना नाम सुनते ही शर्मा गया और नीचे की ओर देखने लगा ......

अब बारी थी कार्तिक की ...........

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