google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Story in Hindi : Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 57

Story in Hindi : Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 57

Story in Hindi : Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 57

Story in Hindi : Story in Hindi love -
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romantic story of love - Arrange Marriage Part - 57

माहौल अब खुशमिजाज हो चला था , अब दोनों परिबार एक दूसरे में घुलमिल रहे थे , हसी मजाक , और खूब बाते चल रही थी |

ओमकार जी ने राजेश जी से कहा "भाई साहब तो अब आगे के लिए क्या विचार है , थोड़ा सा इसरा हो जाता तो हम भी चैन की साँस लेते "

राजेश जी ने अपनी पत्नी और माता जी की और देखा फिर कहा "अरे इसमें इशारे की क्या बात  है , जैसा आप चाहो और दोनों बच्चे जैसा चाहेंगे वैसे ही होगा "

राजेश जी की बात ख़तम होते ही मीना जी ने कहा "भाई साहब वो बात तो ठीक है , फिर भी आप की भी तो कोई इच्छा होगी "

राजेश जी मुस्कराये और बोले "हमारी इच्छा तो दोनों बच्चो को मिलते हुए देखने की है , बाकी ये बच्चे ही जाने "

ये सब बाते हो ही रही थी की दादी माँ ने कहा "अरे भाई आप सब अपनी अपनी कह रहे हो , एक बार बच्चो को भी तो एक दूसरे को जानने और बात करने का मौका दो "

नीलू की फ्रेंड ने भी दादी माँ का समर्थन करते हुए कहा "हाँ दादी की बात सही है , ऐसा होना चाहिए , एक बार एक दूसरे से बात करने का मौका मिलना चाहिए "

"बात तो सही है , हमे कोई दिक्कत नहीं है लड़का और लड़की अकेले में बात कर सकते है " मीना जी ने कहा 

शीला जी ने भी कार्तिक को इशारा किया और कहा "ठीक है कार्तिक जो तुम दोनो उस कमरे में जा कर बात करलो , जो कुछ पूछना हो जानना हो "

कार्तिक अब खड़ा हुआ और नीलू की और देखते हुए अंदर कमरे में जाने लगा |

मीना के कहने पर नीलू भी जाने के लिए तैयार थी , नीलू को उसकी फ्रेंड उसे कमरे तक छोड़ने के लिए आई , 

नीलू की फ्रेंड ने कहा "तुझे जो बात करनी हो वो कर लेना , और सोच समझ कर ही फैसला करना , आज तेरे लिए बहुत बड़ा दिन है "

नीलू ने शालीनता से अपना सर हिलाते हुए हां कहा 

कमरे में कार्तिक पहले से ही पहुंच चुका था और उसका इंतजार कर रहा था 

जैसे ही नीलू ने कमरे में प्रवेश किया , उसके चेहरे पर ख़ुशी के भाव के आ गए थे |

कार्तिक कमरे में पड़े बेड पर बैठा हुआ था , नीलू उसके पास जा कर खड़ी हो गयी और मुस्करा रही थी 

कार्तिक ने उसकी ओर देखा और वो भी मुस्कराने लगा , थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद नीलू ने कहा "आपके घर वालो ने मुझसे बात करने के लिए भेजा है , तो करिये क्या बात करनी है आपको "

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कार्तिक खड़े होते हुए बोला "बाते तो बहुत करनी है , लेकिन इस समय समझ नहीं आ रहा कहाँ से शुरू करू "

नीलू बोली "ओह्ह ऐसा है क्या , बाय द बे , एक बात बोलू , इस सूट में बहुत ही डासिंग लग रहे हो "

कार्तिक ने नीलू को थैंक्स कहा और साथ में कॉम्पलिमेंट देते हुए कहा दिलवाया भी तो तुमने ही था न , आखिर पसंद तो आपकी ही है न |

कार्तिक ने फिर कहा "अच्छा तुम तो पिंक कलर पहनने वाली थी न , तो ये मेरा फेवरिट बाला कैसे ?? बताओ "

नीलू ने कहा "आपको क्या लगा की हम तुम्हारी छोटी बड़ी विश का ख्याल नहीं रखेंगे "

कार्तिक ने कहा "वाह जी वाह , ग्रेट , ऐसा है क्या "

नीलू ने कार्तिक की आँखों में देखते हुए कहा "जी हाँ "

कार्तिक ने फिर से कहा "इस सुन्दर सी ड्रेस में तुम एक दम किसी परी से कम न लग रही हो "

नीलू ने कहा "अच्छा जी , थैंक यू "

कार्तिक ने फिर से कहा "इतनी प्यारी की जी तो कर रहा है " कार्तिक की बात पूरी होती उससे पहले ही नीलू ने कहा "की गोद में ले कर खिला लू .."

और हँसाने लगी .......

कार्तिक नीलू को निहारते निहारते अपने होठ दांतो के नीचे दवाये खड़ा था |

नीलू की हसी उसे इतनी प्यारी लग रही थी की उसके बस का नहीं था , नहीं तो वो नीलू को यही अपनी मजबूत बहो में दबोच लेता ||

हसी रोकते हुए नीलू ने पूछा "बस भी करो कितना ताड़ोगे मुझे "

कार्तिक ने कहा "ताड नहीं रहा हूँ , निहार रहा हूँ अपने इस कोमल से गुलाब को "

नीलू ने कहा "कमरे में अकेले तो इसका मतलब ये नहीं है की आप मुझे इमोशनल टॉर्चर करोगे "

कार्तिक को थोड़ा अजीव सा लगा नीलू की बात सुनकर , उसे लगा की उसने शायद कुछ गलत बोल दिया है इसलिए चुप हो गया ||

नीलू ने कहा "अरे आप तो बुरा मान गए , मेरे कहने का मतलब था की आप रोमांटिक बात करने लगे हो , और ऐसे बाते सुन कर फिर हमसे कण्ट्रोल नहीं होता , टूट पड़ेगे तुम्हारे ऊपर इसलिए बोला "

कार्तिक ने बड़ी ही आसानी से कह दिया "यही तो हम चाहते है "

कार्तिक बात सुन कर नीलू शर्म से नीचे की ओर देखने लगी .. और बोली "अभी नहीं शादी के बाद "

थोड़ी देर के लिए कमरे में शांति छा गयी थी , फिर कार्तिक ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा "तुमने कल बताया था की तुम्हरे होठ पर चोट लग गयी थी "

नीलू ने कहा " हाँ लगी थी , अभी हमने डार्क लिपस्टिक लगा ली है इसलिए नहीं पता चल रहा "

कार्तिक ने कहा "देखे "

और कार्तिक ने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया दिया उसने अपनी कांपती हुई उंगलियां से नीलू के होठो को छुआ , 

कार्तिक की उंगलियों का स्पर्श होठो पर महसूस किया तो नीलू के होठ कांपने लगे थे || 

सिचुएशन थोड़ी रोमांटिक होते हुए देख नीलू ने अपने आप को थोड़ा सा पीछे खेचते हुए खुद को संभाला और कहा "कार्तिक जी ये मत करो प्लीज "

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आपको पता भी है की घर वालो को बिलकुल भी अंदाजा नहीं होगा की हम अंदर अपनी लाइफ को लेकर बात कर रहे है या फिर कुछ ओर ..

कार्तिक ने कहा "वैसे उन्हें तो ये भी नहीं पता की हम पहले मिल चुके है "

नीलू ने कहा "प्लीज् पता चलना भी नहीं चाहिए , नहीं तो मां पापा पता नहीं क्या सोचेंगे "

कार्तिक ने कहा "सोचने दो जो सोचे , तुम जल्दी से हाँ कह दो शादी के लिए " 

नीलू ने सीरियस होते हुए कहा "कार्तिक जी एक बात कहे "

कार्तिक ने कहा "हाँ कहो इसलिए तो अंदर आये  है "

नीलू ने कहा "हमे नहीं पता आपको कैसा लगेगा हमारी बात सुन कर लेकिन हम अपनी दिल की बात सुनकर ही आपसे कह रहे है "

कार्तिक भी सीरियस हुआ और बोला "नहीं , प्लीज कहो क्या कहना है तुम्हे "

नीलू ने कहा "हमे थोड़ा सा वक्त और चाहिए , कुछ मुलाकाते और चाहिए , अभी तक न तो आप हमे जान पाए हो और न ही हम "

कार्तिक कुछ और  कहता उससे पहले ही बाहर से बुलावा आ चुका था ...

नीलू बाहर चली गयी ,,,, कार्तिक खड़ा कुछ सोचता ही रह गया || 

कहानी जारी है ............


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