Story in Hindi : Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 56
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Story in Hindi : Story in Hindi love -
सब लोगो का फोकस कार्तिक पर था तो कार्तिक नर्बस होने लगा था , कभी बो अपने दोनों हाथ अपने घुटनो पर रखता तो कभी टेबल पर और उसके पैर लगातार हिले जा रहे थे , उसे देख कर कोई भी साफ साफ कह सकता था की कार्तिक अभी अंदर से घबराहट और बेचैनी महसूस कर रहा है ||
अब ये सब देख कर नीलू को बड़ा मजा आने लगा था , सोचने लगी थी की कैसे जब मुझे सब पूछ रहे थो कैसे टुकुर टुकुर मुझे देख रहे थे बच्चू , अब कैसे गर्दन झुकाये हुए इधर उधर ताक रहे हो || अब आया न ऊट पहाड़ के निचे |
अब नीलू कार्तिक को और भी चिढ़ाने का मौका तलाशने लगी थी , वो उसे ही देख रही थी , ऊपर से प्रिया , और प्रिया की एक दोस्त नमिता , नीलू की सहेली और तो और रिया भी उसे टीज करने में लगीं थी || उसे अटपटी बाते कर अपनी बातो में फसाया जा रहा था , शायद उसका पेसेंसे लेवल चेक किया जा रहा हो , लेकिन कार्तिक भी अपनी धैर्य का परिचय बखूबी दे रहा था || उसे गुस्सा तो आ रहा था लेकिन उसे वो अपने लाल मुँह और कान के जरिये निकाल रहा था और झूठी मुस्कान अपने चेहरे पर लिए हुए बैठा था || उसने एक नजर नीलू को देखा , बस नीलू को उसी का इंतजार था , जैसे ही कार्तिक की नजरे नीलू की नजरो से मिली तो नीलू ने उसे चिढ़ाते हुए एक आंख मारी और मुस्करा दी || ऐसा होते केबल कार्तिक ने ही देखा |
कार्तिक को तो मनो 440 बोल्ट का झटका लगा हो , शर्म से इधर उधर देखने लगा , कही किसी ने देख तो नहीं लिया नीलू को ऐसा करते हुए , लेकिन सब तो कार्तिक की और देख रहे थे तो कौन देखता ||
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तभी कार्तिक का फ़ोन रिंग करने लगा , उसने अपना फ़ोन निकला और देखा कॉल नायरा का था | उसने सोचा इस समय नायरा से बात करने कोई फायदा नहीं है , पता नहीं क्या बात करेगी ,, उसने कॉल इग्नोर कर दिया ||
प्रिया ने मजाक करते हुए पूछा "किसका फ़ोन कार्तिक जीजू "
कार्तिक ने अपने फ़ोन की और देखा और कहा "वो मेरे ऑफिस से है , शायद कोई काम होगा "
"ओह्ह्ह कही ऑफिस से किसी अच्छी दोस्त या फिर सहेली का कॉल तो नहीं है " नीलू के बगल में बैठी उसकी दोस्त ने कहा
कार्तिक बस उसे घूरता रहा और कुछ बोलता उससे पहले फिर से फ़ोन बजा ..
कार्तिक अपनी चेयर से उठा और बात करने के लिए बाहर जाना छठा था तो प्रिया ने उसे दूसरे रूम में जाने के लिए कहा
कार्तिक ने कॉल रिसीव किया
हेलो ,
नायरा "कार्तिक तुम आज ऑफिस क्यों नहीं आये "
कार्तिक "नायरा मैं कही अर्जेंट काम में बिजी हूँ बाद में बताऊ क्यों नहीं आया "
नायरा ने थोड़ा अपना स्वर चेंज करते हुए कहा "मिस्टर कार्तिक , हमे नहीं पता तुम्हारा कोनसा अर्जेंट काम है , लेकिन ये ऑफिस है यहां पहले से इन्फॉर्म करना होता है "
कार्तिक ने नायरा की शव्द सुने तो दंग रह गया , उसके कान अभी भी भरोषा नहीं कर रहे थे की ये नायरा थी , उसे लगा शायद उसे गलतफैमी हो गयी है ये तो शायद उसका बॉस जीवन है ||
कार्तिक ने कहा "ओके , मेरी गलती है , मैंने पहले से बताया नहीं , लेकिन ये अर्जेंसी सुबह सुबह ही आयी "
नायरा "प्लीज कार्तिक , ऑफिस के नियम कायदे फॉलो करो "
कार्तिक ने कहा "क्या मैं जान सकता हूँ की ये सब तुम क्यों पूछ रही हो तुम तो मेरी मैनेजर नहीं हो "
नायरा ने कहा "मैनेजर मैं थी नहीं , लेकिन अब से हूँ "
कार्तिक ने थोड़ा सोचा और कहा "ओके नायरा मैं बात करता हूँ और कॉल काट दी "
कार्तिक का अच्छा खासा मूड ऑफ हो चुका था , वो कुछ देर अकेले में स्पेंड करना चाह रहा था लेकिन ऐसा अभी पॉसिबल नहीं था |
कार्तिक थोड़ी देर खड़े रहने के बाद बाहर आया , और अपनी चेयर पर बैठ गया ||
अब बो पहले से ज्यादा चिंतित लग रहा था , उसका चेहरा उतर चुका था , ये देखते ही शीला जी समझ गयी , उन्होंने रिया को अपनी चेयर पर सिफ्ट किया और खुद उसके बाजू में आकर बैठ गयी |
शीला जी ने धीरे से कार्तिक से पूछा "कोई दिक्कत है अगर तो अभी बता दो हमे , फिर कही ज्यादा लेट न हो जाये "
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कार्तिक ने उम्मीद भरी निगाहो से अपनी माँ की और देखा , ऐसा लग रहा था की कार्तिक अपनी माँ के गले लग कर थोड़ी देर रोना चाहता है ||
नजारा थोड़ा अटपटा सा लग रहा था , आखिर कौन लड़का होगा जो अपनी रिंग सेरेमनी बाले दिन माँ से लिपट कर रोना चाहे |
खैर ये हमारा हीरो है कुछ भी कर सकता है |
नीलू का परिबार अब थोड़ा चिंता के भाव में डूबने लगा था उन्हें लगा की शायद कार्तिक को नीलू को देखने के बाद कोई प्रॉब्लम है ||
हालाँकि ऐसा नहीं था , उन्हें लग रहा था बस |
शीला जी ने फिर से कार्तिक को पूछा "बताओ कार्तिक कोई समस्या है तो "
कार्तिक ने कहा "नहीं माँ कोई समस्या नहीं है , बस एक चिंता की बात है "
शीला जी ने फिर से पूछा "तो बताओ न हम है न , तुम्हारी चिंता दूर करने के लिए "
कार्तिक ने कहा "माँ मेरी नैकरी खतरे में है , बॉस बहुत टॉर्चर कर रहा है "
शीला जी के चेहरे पर अब सुकून के भाव प्रदर्शित हुए वो बोली "अरे मेरे लाल ये कोई बड़ी समस्या थोड़े न है , अरे ये जॉब तो आती जाती रहती है , दूसरी मिल जाएगी और न मिलेगी तो तुम्हारे पापा का काम है उसी में हाथ बताना "
कार्तिक अब थोड़ा रिलैक्स फील करने लगा था |
शीला जी ने राजेश जी को देखा और हस्ते हुए कहा "बेटा बिलकुल अपने बाप पे गया है , इतनी ख़ुशी के मौके पर छोटा सा रंज लिए बैठा है "
राजेश जी ने अपने होठ दांतो तले दवाये और कहा "क्या यार आज तो अपने बाप को बदनाम मत कर "
और सब लोग हसने लगे ..............
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