Hindi kahaniya new | Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 70
कार्तिक ने अमन कौर को किसी तरह से समझाया और उसे आराम करने को कह कर कॉल डिस्कनेक्ट की और फिर काम में लग गया ||
उसने अपना काम करना शुरू ही किया था की उसे ऑफिस बॉय ने आकर कहा - सर आपको बड़े सर बुला रहे है ||
कार्तिक अपना लैपटॉप उठाया और जीवन के केबिन में चला गया ,
कार्तिक और जीवन दोनों एक मह्त्वपूर्ण टॉपिक पर बात कर रहे थे , लगभग आधा घंटा की मीटिंग के बाद जब कार्तिक जीवन के केबिन से निकला और अपनी शीट की और आ ही रहा था की उसकी नजर अपनी शीट पर पड़ी तो देखा उसकी शीट पर एक लड़की और दूसरी पर भी कोई दूसरी लकड़ी बैठी हुई है ||
उसकी आंखे कही धोखा तो नहीं खा रही , उसे अब लड़कियां ही क्यों दिखती रहती है , कार्तिक ऐसा सोचते हुए नजदीक आ रहा था |
कार्तिक जब नजदीक आया और देखा की ये तो नायरा है और उसके साथ में सुहानी बैठी है दोनों लैपटॉप में देख कर कुछ बाते कर रही है ||
लेकिन नायरा ने तो मुझे कहा था की वो आज आएगी नहीं ..... ये नायरा हमेशा मेरे साथ गेम क्यों खेलती रहती है ||
क्या ये बात करने और इस पर भरोषा करने योग्य नहीं है ??
फिर कार्तिक ने सोचा ऐसा भी तो हो सकता है की कही बॉस जीवन उसे कॉल करके बुला लिया हो .. साला कमीना तो है ही ||
कार्तिक ने पीछे से एंट्री मारी ...
हेलो गर्ल्स ... कार्तिक ने विश किया
दोनों लड़किया झट से पीछे मुड़ के देखा ...
तो दोनों लड़कियों के चेहरे पर एक जैसी ही मुस्कान और एक जैसे एक्सप्रेशन थे , दोनों के चेहरे को देख कर ये मालूम नहीं किया जा सकता था की इस वक्त कौन अलग सोच रही होगी , देख के लग रहा था की दोनों के ही मन में एक ही भाव है जो मुस्कराहट के जरिये साफ साफ झलक कर बहार आ रहे है ||
कार्तिक भी मुस्कराया और फिर से बोला - अरे आप लोग कब आये , और सुहानी तुम मेरी शीट पर क्या कर रही हो ||
सुहानी ने कातिलाना अंदाज़ में मुस्कान बिखेरते हुए कहा - वो क्या है की नायरा जी ने हमे किसी इम्पोर्टेन्ट इनफार्मेशन देने के लिए बुलाया था तो हम वही डिसकस कर रहे थे ||
कार्तिक का गला सूखने लगा , उसे लगा हो न हो इस नायरा की बच्ची ने मासूम बन के मेरी इंगेजमेंट के बारे में सब जान लिया है और अब सुहानी को भी बता रही है , और सुहानी बिना अमन को बताये मानेगी नहीं , और अमन तो थोड़ी देर पहले सुसाइड करने की बात कर ही रही थी , चल भाई तेरा तो हो गया इंतजाम जेल जाने का ||
नायरा ने चुटकी बजाते हुए कार्तिक को उसके ख्वावो में से बाहर लेन का प्रयास किया और कहा - कहा गुम हो गए सर जी ||
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कार्तिक ख्वाव से बहार आया और अपनी पानी की बोतल उठा कर पानी पीते हुए बोला - कही नहीं वो मैं सर के साथ मीटिंग करके आया हूँ न तो थोड़ा ,, क्या यार सर भी न पूरा पका ही देते है ||
नायरा ने कहा -हाँ ये तो तुम्हारा पुराण डायलॉग है , इसमें क्या नया है , वो तो है ही , जीवन टकलू पता ही देते है ||
सुहानी और नायरा एक दूसरे की और देख कर हसने लगी ..... कार्तिक का शक और भी बढ़ गया , सोचने लगा ये गंगा जमुना का संगम हो कैसे गया .. कल तक तो इन दोनों की धारे एक दूसरे के बिपरीत ही चलती थी ....
कार्तिक ने कहा - हाँ ठीक है तो इसमें हसने वाली कोनसी बात है ..
सुहानी ने कहा - अरे हमारे घुसने से आपके पसीने क्यों छूट रहे है ,,, ये लो हैंकी ,, अपना पसीना पाउच लो ,,
नायरा ने कहा - क्या आज ऐ.सी. का टेम्प्रेचर ज्यादा है क्या ,, कार्तिक तुम्हे पसीना क्यों आ रहा है ||
कार्तिक ने बनाऊ चेहरे करते हुए कहा - पसीना आना तो लाजमी है जहाँ दो दो खूबसूरत हसीना हो तो ||
सुहानी ने अपना होठ दांतो से दवाते हुए कहा - हसीना जहाँ होती है वहां पसीना तो नहीं बल्कि कुछ और आना चाहिए सर जी ,,, और दोनों एक दूसरे की ओर देख कर फिर से हसने लगी ...
अब कार्तिक उनकी रहस्यमयी हसी देख कर और भी बैचेन और बिचलित हो उठा , उसने काम ज्यादा होने का हवाला देते हुए अपनी शीट पर बैठ गया और अपना लैपटॉप ओपन करने लगा ||
तभी नायरा का बुलावा जीवन के केबिन से आ चुका था , उसने दोनों को बात करने के लिए कह के खुद उसके ऑफिस चली जाती है ||
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नायरा के चले जाने के बाद .. कार्तिक ने सुहानी को घूरते हुए देखा और पूछा "ये इतनी हसी क्यों आ रही थी , बजह जान सकता हूँ "
सुहानी ने कहा "नहीं तुम नहीं जान सकते , ये अधिकार आपको नहीं है "
कार्तिक ने कहा "क्यों ये अधिकार मुझे क्यों नहीं है "
सुहानी ने पूछा "क्यों तुम मेरे बॉयफ्रेंड हो या फिर हस्बैंड हो "
कार्तिक "क्या मतलब , हस्बैंड या बॉयफ्रेंड से ही क्या लेना देना है "
सुहानी "जी जरूर है , बात ही कुछ ऐसी थी की एक लड़की या तो हस्बैंड को बता सकती है या फिर बॉयफ्रेंड को "
कार्तिक को अभी भी सुहानी की बातो में शरारत ही नजर आ रही थी , लेकिन उसे ये तो sure हो गया था की नायरा ने उसे उसकी इंगेजमेंट बाली कोई भी बात नहीं बताई है ||
अब कार्तिक चुप हो गया था , और अपने लैपटॉप की ओर देखने लगा और सुहानी कार्तिक की ओर ...
सुहानी ने फिर कहा - बस भर गया मन अब नहीं पूछोगे हसी क्यों आ रही थी ||
कार्तिक ने सुहानी को घूरते हुए कहा - पूछना तो बहुत कुछ था लेकिन अभी मेरा मूड नहीं है , वैसे तुम लड़कियों का कोई भरोषा नहीं होता न ||
सुहानी ने कहा - क्या मतलब भरोशे से
कार्तिक ने कहा - कल तक तुम एक दूसरे की दुश्मन टाइप की थी , आज अचानक गंगा जमुना का संगम देख रहा हूँ ||
सुहानी ने कहा - इसमें भरोशे का क्या सबाल है, अरे आज हमने खुद नायरा से सुलह कर ली है , क्या फायदा एक दूसरे से किलसते रहे .. तुम कोनसे हमे मिलने बाले हो ??
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कार्तिक की एक और टेंशन बढ़ने बाली है .. सोचने लगा ये मेडम भी अभी कम न पड़ रही है ||
कार्तिक ने कहा - हम कहा जा रहे है .. हम तो तुम्हारे ही है ..
सुहानी ख़ुशी से पागल होते हुए कहती है - तो फिर चले शाम को कही घूमने ...
कार्तिक ने कहा - अरे मेरे कहने का मतलब है की हम तो यही ऑफिस में ही रहने बाले है ..
सुहानी ने मुँह फुला लिया और कार्तिक को देखने लगी ...
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