Hindi kahaniya | Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 69



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आज सोने के टाइम तक कार्तिक ने किसी से बात नहीं की और देर रात तक जागता रहा और फिर न जाने कब आंख लगी ||

सुबह भी कार्तिक की आंख जल्दी ही खुल गयी थी , बहार जाने का मन नहीं था इसलिए कार्तिक चादर ओढ़े हुए लेटा ही रहा और अपने फ़ोन में टाइम पास करने लगा ||

आज कार्तिक को सच में रात लम्बी लग रही थी , नींद भी आ नहीं रही थी , और इतने सुबह सुबह किसी से बात भी नहीं कर सकता था , क्युकी सारे लोग तो सो ही रहे थे |

वो फ़ोन में अपने फेसबुक पर सर्फिंग कर ही रहा था की उसे एक मेसेज की घंटी सुनाई दी , उसने तुरत मेसेज ओपन किया और देखा ...

ओह ये तो नीलू का मेसेज था ...

"हेलो मिस्टर बिजी "

कार्तिक ने रिप्लाई किया "मैं बिजी नहीं हूँ , नींद नहीं आ रही थी तो , फेसबुक ऑन कर लिया "

नीलू "मैंने कोई एक्सक्यूज़ नहीं माँगा "

कार्तिक ने लिखा "मुझे भी कोई जरूरत नहीं है एक्सक्यूज़ देने की "

नीलू "फिर क्यों बता रहे हो , नींद नहीं आ रही इसलिए "

कार्तिक ने लिखा "तुमने कहा मिस्टर बिजी "

नीलू "और नहीं तो क्या , इतने सुबह सुबह कौन ऑनलाइन रहता है "

कार्तिक "अच्छा तो आपका अपने बारे क्या ख्याल है "

नीलू "मैं तो अक्सर इसी टाइम उठ जाती  हूँ तो खोल लेती हूँ फेसबुक "

कार्तिक "अच्छा तो तुम कुछ भी कर सकती हो और अगर हमने खोल ली फेसबुक तो गुनाह कर दिया हमने "

नीलू को कार्तिक की बात चुभ सी गयी , वैसे कार्तिक ने गलत भी तो कुछ नहीं कहा था 

नीलू "हम्म , तुम्हे जो करना है सो करो , मुझे क्या " 

कार्तिक "जी बिलकुल इतना भी पड़ताल नहीं करना चाहिए "

काफी देर वेट किया , लेकिन नीलू ने कोई रिप्लाई नहीं किया ||

कार्तिक समझ गया की नीलू जबबूझ कर नहीं कर रही है रिप्लाई , अब उसने भी ज्यादा मेसेज नहीं किये और अपने दूसरे दोस्तों या पोस्ट देखने में बिजी हो गया ||

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अब मॉर्निंग हो चुकी थी , उठने का टाइम भी हो गया था , लेकिन अब कार्तिक को नींद आने लगी थी 

अब उसका उठने का मन नहीं कर रहा था ||

उसकी आंख लगती ही जा रही थी , की उसका फ़ोन बजने लगा 

"ओह्हो अब कौन है इस टाइम , ढंग से आंख भी नहीं लग पायी थी , की फिर से ...." उसने देखा की कौन फ़ोन कर रहा है .... स्क्रीन पर नायरा लिख कर आ रहा था ||


कार्तिक की नींद अब गायब सी हो गयी थी ,,, उसने कॉल रिसीव किया ..


हेलो , गुड मॉर्निंग जी 

नायरा - गुड मॉर्निंग कार्तिक , कैसे हो ?

कार्तिक - मैं ठीक हूँ , लेकिन तुम्हे क्या हुआ, तुम्हारी आवाज तो बिलकुल ही ...

नायरा - कुछ नहीं .. वो आज रात को मैं सही से सोई नहीं हूँ इसलिए 

कार्तिक - क्यों सही से क्यों नहीं सोई , क्या हुआ ..

नायरा - नहीं हुआ कुछ नहीं ... वो बस ऐसी आयी ही नहीं नींद ढंग से तो ...

कार्तिक - अच्छा , ढंग से नींद पूरी किया करो .. नहीं तो तुम भी बीमार पड़ जाओगी 

नायरा - हम्म इसीलिए मैं सोच रही थी की आज ऑफिस न जाऊ .. तो तुम संभाल लेना काम , 

कार्तिक - ठीक है , लेकिन मुझे अभी इस प्रोजेक्ट के बारे में पता भी तो नहीं कुछ भी 

नायरा - अरे कुछ खास काम नहीं करना , वो बिनोद जी से करवा लेना मैंने उन्हें कुछ काम बताया हुआ है |

कार्तिक - ठीक है , क्या तुम सच में ऑफिस नहीं आओगी 

नायरा मुस्करायी और बोली - झूठ में ही मान लो लेकिन आउंगी नहीं ||

"ओके , ठीक है , चलो मैं करता हूँ बात " अपने अटपटे से सवाल का जवाव पा कर कार्तिक को कुछ अजीव सा फील होने लगा .. उसने कॉल डिस्कॉंनेट कर दी ||

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नायरा को आज पूरी रात कुछ अजीव सा लगता रहा , वो ढंग सो नहीं पायी थी , लेकिन थोड़ी ही देर सही उसने कार्तिक से बात की तो अब कुछ नॉर्मल सा फील कर रही थी || वो सोच रही थी , ये क्या जादू सा हो रहा है , मैं सारी रात चिड़चिड़ी सी होती रही , लेकिन अब मैं अच्छा फील कर रही हूँ , बेकार ही आज की छुट्टी कर रही हूँ || जा सकती हूँ ऑफिस , काम भी कर ही सकती हूँ ||

नायरा खूब सोचने के बाद ऑफिस के लिए रेडी होने लगी ||


कार्तिक ऑफिस आ चुका था , उसने तो मिंडसेट बना रखा था की आज तो अपना भी और नायरा का भी काम करना है , बो जल्दी से काम में लगने लगा , बिना ऑफिस की चाय पिए ही ||


उसे एक कॉल आया उसने कॉल रिसीव किया 

हेलो 

कार्तिक - हेलो 

मैं अमन बोल रही हूँ कार्तिक 

कार्तिक ने फ़ोन को देखा और बोला - ये तुम्हारा कोनसा नंबर है , ये तो किसी ओर है ||

अमन ने कहा - हाँ मेरी रूममेट का है , मेरा फ़ोन टूट गया है ||

कार्तिक ने कहा - वो क्यों ??

अमन - दरअसल किसी ने कल आने को कहा तो मैंने अपनी फ्रेंड्स को भी बोल रखा था की हमे स्पेस चाहिए मुझसे मिलने कोई आ रहा है ||

कार्तिक ने अनजान बनते हुए पूछा - फिर 

अमन - फिर आने वाला बंदा बेवफा निकला , आया ही नहीं तो मेरी फ्रेंड्स मुझे चिढ़ाने लगी तो मैंने गुस्से में फ़ोन दीवार पे मार दिया ||

कार्तिक ने कहा - ओह्ह वैरी गुड , ये अच्छी बात है , गुस्सा कही तो निकलना ही चाहिए ||

अमन ने गुस्से से मुँह बनाते हुए कहा - अब दिमाग ख़राब न करो , बरना हम सुसाइड कर लेंगे और सुसाइड नोट में नाम तुम्हारा ही होगा , ध्यान रखना ||

कार्तिक अभी भी नार्मल मूड में बोला "हमारा ही क्यों , किसी और का भी लिख सकते हो "

अमन "कार्तिक जी , हम मजाक के मूड में नहीं है "

कार्तिक - ओके ठीक है , बताओ इतना गुस्सा क्यों 

अमन - हमे जानना है कल आप आये क्यों नहीं,

कार्तिक ने कहा - यार कल ऑफिस में ही 8 बज गए थे , वो जीवन के चक्कर में , उसने अपने केबिन में बिठा के रखा था ||

अमन - ठीक है तुम्हारे लिए जीवन ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है , ठीक है ||

कार्तिक ने कहा - यार कैसी बात कर रही हो , आखिर क्या चाहती हो 

अमन ने कहा - हम तुम्हे चाहते है ||

कार्तिक ने कहा - उसके अलावा 

अमन - कुछ नहीं , सिर्फ तुम 

कार्तिक ने बस अब अपना सर पकड़ लिया .... 

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