Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 102
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story in hindi best:
डोरवेल बजी तो नीलू ने कार्तिक को अबाज दी , देखो न जरा कोई आया है गेट पर |
नीलू की अबाज सुन कर कार्तिक जल्दी से आया और गेट ओपन करके देखा तो दो बेटर खाना लेकर आये थे
कार्तिक ने हस्ते हुए पूछा "लगता है हमारा लंच आ गया " तो बेटर ने भी स्माइल पास करते हुए कहा "हाँ सर आपका लंच रेडी है ", कार्तिक ने नीलू की ओर देखा और कहा वहां टेबल पर रख दीजिये हम वहां से ले लेगे |
दोनों बेटर टेबल पर खाना सजा कर जाने लगे तो एक बेटर ने कहा "सर अगर किसी चीज की जरूरत हो तो कॉल कीजियेगा हम दे जायेगे "
"लो जी आपका खाना आ गया है जल्दी से आइये और खाना खा लेते है " कार्तिक ने खाना खोल खोल के देखते हुए कहा | नीलू ने आंखे तरेरते हुए कहा "अच्छा मैं वहां आ नहीं सकती इसलिए मुझे सुना के कह रहे हो " कार्तिक ने कहा "ओह मैं तो भूल ही गया , तुम तो आज मेरे भरोशे हो , चलो मैं वही खाना ले कर आता हूँ "
नीलू ने एक मीठी सी स्माइल पास की और कार्तिक को एडवांस में ही थैंक यू कह दिया |
कार्तिक ने कहा "थैंक यू की क्या जरूरत है ये तो मेरा फर्ज है , तुम्हे तो पता ही है मैं हेल्प करने में कितना आगे रहता हूँ " नीलू ने ठहाका मारते हुए कहा "हाँ पता है , अगर कोई सो रहा हो तो आप उसे जगा तक देते है वो भी ट्रैन में " कार्तिक ने कहा "देख लो मैं ऐसा ही हूँ"
नीलू ने कहा "भगवान करे तुम ऐसे ही रहो हमेशा ताकि कोई जरूरतमंद खाली हाथ न जाये तुम्हरे यहां से "
कार्तिक ने प्लेट्स में खाना डाल के नीलू के पास बड़े ही सलीके से परोसा , कार्तिक का ये तजुर्बा देख कर नीलू को बहुत ख़ुशी हुई , कम से कम कार्तिक कुछ तो ढंग का काम कर ही लेता है | हालाँकि आज उसने सारे काम ही ढंग से किये थे |
आज खाना नीलू की पसंद का था तो उसके मुँह में पानी आ रहा था , कार्तिक ने कहा "खाओ खाना अब क्या मुझे अपने हाथो से खिलाना पड़ेगा "
नीलू ने खुश होते हुए कहा "आज आपका सौभाग्य है की हमे अपने हाथो से खिलने का मौका पा गए हो इसे जाया न जाने दो , करलो अपनी हसरत पूरी "
कार्तिक ने धीरे से कहा "हसरते बहुत है लेकिन पूरा होने में शायद टाइम लग जाये "
नीलू मुस्करायी और बोली "टाइम क्यों , टाइम रहते पूरा कर लेना चाहिए "
कार्तिक ने अब एक खाने का निवाला नीलू के मुँह की ओर बढ़ाते हुए कहा "हम्म कोशिश तो हम पूरी करेंगे की जल्दी ही सारी हसरते पूरी हो जाये "
नीलू ने कार्तिक के हाथ से खाना अपने मुँह में लेते हुए कहा "अगर इसमें मैं कुछ हेल्प कर सकू तो जरूर बोलियेगा " कार्तिक ने धीरे से कहा "तुम्हारी हेल्प के बिना तो कुछ हो ही नहीं सकता "
नीलू ने खाना चावना बंद करते हुए बोली "अच्छा ऐसी बात है तो बताइये जल्दी से क्या करना है हमे "
कार्तिक रहस्यमयी मुस्कान बिखेरते हुए बोला "अभी तो आप केबल खाने का आनंद लीजिये"
कार्तिक ने अपनी बात पूरी नहीं कर पाया था की उससे पहले ही उसकी चीख निकल गयी , नीलू ने चिंता जताते हुए पूछा "क्या हुआ "
कार्तिक ने दर्द के भाव चेहरे पर लाते हुए कहा "यार जानबूझ कर पूछ रही हो क्या हुआ , तुमने मेरी ऊगली काट ली है " नीलू ने कहा "सॉरी बाबा सच में मैंने जान कर नहीं किया ऐसा , शायद गलती से हुआ होगा ऐसा , खाना इतना टेस्टी है की मुझे बहुत तेज भूल लगने लगी है , ऊपर से ये नारियल की चटनी तो कहर ही ढा रही है "
ज्यादा दर्द की बजह से कार्तिक ने अपनी ऊगली अपने होठो से दवा रखी थी , अब नीलू ने कार्तिक की ऊगली पकड़ के उसके मुँह से निकालते हुए पूछा "बहुत ज्यादा काट गयी क्या " | कार्तिक ने कहा "यार दर्द हो रहा है "
नीलू ने कहा "अच्छा चलो मैं खिला देती हुए खाना , चलो बताओ क्या खाना है , सांभर इडली या फिर ये ढोसा "
कार्तिक ने नीलू की ओर देखा और कहा "जो खिला दो मैं वही खा लूंगा तुम्हे तो पता ही है मुझे अब सब पसंद आने लगा है "
नीलू ने स्माइल पास की और अपने हाथो से उसे खिलने लगी , धीरे धीरे कभी नीलू उसे खिलाती तो कभी कार्तिक , ऐसे करके खाना ख़त्म हो गया | इसी बहाने ही सही कार्तिक और नीलू करीब आने लगे थे , करीब ही नहीं बल्कि एक दूसरे को पसंद भी करने लगे थे |
शायद कार्तिक के पापा और नीलू के पापा का सीक्रेट प्लान काम कर गया था , उन्होंने आपस में बात की थी की अगर लड़का और लड़की एक साथ नहीं होंगे तब तक इनका तालमेल नहीं बन सकेगा तो दोनों ने मिल कर प्लान बनाया और दोनों बच्चों को एक साथ ट्रिप करने भेज दिया ||
ओमकार और मीना जी आज बहुत खुश हो रहे थे जब ओमकार जी ने बताया की ये प्लान हम दोनों ने मिल किया था की नीलू और कार्तिक एक साथ घूमने जाये , क्युकी हम दोनों हर हाल में दोनों को शादी करते हुए देखना चाहते है | मीना जी ने पूछा "क्या ये संभव है की दोनों एक साथ टाइम स्पेंड करेंगे तो दोनों एक दूसरे के करीब आ ही जायेगे "
ओमकार जी ने कहा "आएंगे नहीं आ गए है , राजेश भाईसाहब बता रहे थे की दोनों की अच्छी बॉन्डिंग हो गयी है और दोनों खुश है , और जल्दी ही घर आने की बात कर रहे है "
ओमकार जी के वाक्य सुन कर मीना जी के चेहरे पर संतोष के भाव प्रकट हो आये थे | चलो उनकी बेटी मान तो गयी | नहीं तो नीलू को कार्तिक के बारे में सोच कर बड़ी चिंता होती थी | एक दो बार तो उसने मीना जी को भी शादी न करने के ख्याल के बारे में बताया था | चलो अब सब सॉल्व होने बाला था , ऐसा नीलू के माता पिता सोच रहे थे |
Story in Hindi English :
"क्या सोच रही हो , ऐसे मुँह लटका के " कार्तिक ने नीलू से पूछा | नीलू ने कहा "यार कल किश डे है और मैं कही भी रोमांटिक प्लेस पर नहीं जा पाउगी , मेरा कल तुम्हारे साथ बाहर जाने का मन है "
कार्तिक ने कहा "क्या हुआ चल पड़ेगे न साथ में " नीलू ने मुँह बनाते हुए कहा "ऐसे कैसे जा सकूँगी, मेरे पैर में मोच है और कमर , कमर की पूछो ही मत "
कार्तिक ने नीलू की कमर पर हाथ रखते हुए कहा "तुम टेंशन न लो मैं तुम्हे ले चलुगा , चाहे डॉक्टर को साथ क्यों न लेजाना पड़े "
नीलू ने मुस्कराते हुए कहा "पक्का न " कार्तिक ने कहा "पक्का"
नीलू "तो बताओ मेरी चॉकलेट , teddy और प्रॉमिस और रेडरोज कहाँ है "
कार्तिक मुस्कराया और बोला "आज शाम तक तुम्हे सब मिल जायेगा "
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