Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 98
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story in hindi best:
कार्तिक ने शरमाते हुए कहा "मैं ये लाइट ऑफ करदू"
नीलू की कमर में तेज दर्द होने लगा था वो कराहते हुए बोली "यार हमे बाथरूम में करना थोड़े है जो लाइट ऑफ करोगे , प्लीज मुझे उठा कर बेड तक पहुंचा दो फिर मैं मैनेज कर लूंगी "
कार्तिक ने नीलू को अपनी बहो में उठाया और नीलू को उसकी गार्डन में हाथ डाल कर पकड़ने को कहा
नीलू ने अपने दोनों बाहो को माला की भाति उसके गले में डाल रखे थे |
नीलू का पूरा बदन गीला था उसके बाल भी गीले थे उनसे पानी की बूंदे चू रही थी |
गोर बदन पर पानी की साफ बुँदे उसकी सुंदरता का खूब प्रदर्शन कर रही थी |
नीलू ने अपनी आंखे बंद कर रखी थी | कार्तिक अपनी निगाहे नीलू के फेस पर ही थी , कार्तिक के लिए ये पहला मौका था जब उसने किसी लड़की को बिना बस्त्रो के बो भी गीले बदन को इतनी करीबी से देखा हो |
कार्तिक ने नीलू को बेड पर लिया दिया और एक तौलिया ला कर दिया ,
नीलू ने तौलिया से अपने बदन को ढक लिया था | नीलू ने कार्तिक से कहा "प्लीज यार मूव का अरेंजमेंट करा लो , शायद मूव से आराम मिल जायेगा "
हाँ ठीक है मैं लेकर आता हूँ , कह कर कार्तिक होटल के रिसेप्शन पर चला गया | रिसेप्शन पर जा कर उसने मूव माँगा तो कुछ देर बाद कार्तिक को मूव प्रोवाइड करा दिया गया |
करीब १० मिंट बाद कार्तिक मूव लेकर बापस कमरे में लौटा , नीलू अभी भी उसी हालत में पड़ी हुई थी बस अब उसने चादर ओढ़ ली थी |
कार्तिक ने गेट लॉक किया और नीलू के पास आकर बैठ गया , अब कार्तिक ने नीलू से पूछा "अब कैसा है पैन"
नीलू ने आंखे खोली कार्तिक की और देखा और कहा "बहुत तेज गिरी हूँ , शायद कही फैक्चर न हो गया हो दर्द बहुत तेज है "
Story in Hindi English :
कार्तिक ने कहा "नहीं ऐसा मत बोलो , ऐसा कुछ नहीं हुआ होगा , मैं मूव ले आया हूँ आराम हो जायेगा "
नीलू ने कार्तिक के चेहरे की ओर देखा और देखती ही रही ...
कार्तिक ने मूव अपने हाथ में लिया और नीलू से बोला बताओ कहा दर्द हो रहा है |
नीलू ने करबट बदलते हुए अपना हाथ अपनी कमर पर पहुंचाया और कार्तिक को बताया यहां बहुत तेज दर्द है |
कार्तिक ने कहा "तुम अभी भी गीले ही गारमेंट पहने हुए हो ?"
नीलू ने नजरे चुराते हुए कहा "मेरे कपड़े तो बहरूम में ही है तो मैं कैसे लाती "
कार्तिक अब मंद मंद मुस्कराने लगा था ... कार्तिक की मुस्कराहट की बजह से नीलू शर्मा गयी और अपना फेस चादर में छुपा लिया ||
अब कार्तिक ने नीलू के कमर के आस पास से चादर हटाई और नीलू की कमर पर मूवी लगाने के लिए अपना हाथ बढ़ाया ही था की नीलू ने चादर के अंदर से ही कहा "कार्तिक मुझे गुदगुदी लगेगी "
कार्तिक ने अपना हाथ रोक लिया और पूछा "क्यों गुदगुदी क्यों लगेगी , मैं गुदगुदी थोड़े न करुगा , मैं तो बस मसाज करुगा "
नीलू ने अब कुछ नहीं कहा और चुप हो गयी ..
अब कार्तिक ने अपना हाथ नीलू की कमर पर रखा और हलके हाथो से मसाज करने करने लगा ..
कार्तिक के हाथ का स्पर्श होते ही नीलू की पूरी बॉडी में करेंट सा लगा .. उसे पूरी बॉडी में जर्क महसूस हुआ , लेकिन उसने किसी तरह अपने फीलिंग को दवाये रखा |
कार्तिक बड़े ही ध्यान से हलके हाथो से नीलू की पूरी कमर पर मूव लगा कर मसाज कर रहा था |
नीलू का कोमल मुलायम बदन उसे कामुक तो बना रहा था लेकिन कार्तिक हरगिज अपनी फीलिंग बहार नहीं आने दे रहा था , साथ ही ऐसा ही हाल नीलू का भी था , एक पुरुर्ष स्पर्श और मसाज का एहसास उसकी फीलिंग को खास बना रहा था लेकिन चादर के अंदर मुँह किये हुए नीलू मदहोश होकर अपनी आंखे बंद किये हुए थी , अब उसका दर्द कार्तिक के हाथ लगते ही कुछ पल के छूमंतर हो गया था |
उसे सुकून और आराम मिल रहा था , मन तो उसका ऐसे कर रहा था की कार्तिक बस उसकी कमर की मसाज ही करता रहे | लेकिन ऐसा हर वक्त तो possible नहीं था |
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अब कार्तिक के हाथ और उसकी उंगलियां बाघी होने जा रही थी , वो अब सिर्फ कुछ ही एरिया तक सीमित नहीं रह रही थी , वो अपने आप उस एरिया का बिस्तर करती जा रही थी , पहले कार्तिक की उगलिया केबल नीलू की कमर और उसकी रीड तक ही जाती थी , लेकिन अब वो मूब की चिकनाहट के साथ इधर उधर भी फिसलने लगी थी , ऐसा करने से नीलू की बॉडी और उसके रोंगटे खड़े होने लगे थे |
कार्तिक अब भली भाति समझने लगा था की उसके हाथ अब न जाने कब अपनी हद पार कर जायेगे , इसलिए अच्छा यही होगा की इन बाघी होती उंगलियों की ख्वाहिश को यही दफ़न कर दिया जाये और कल्पना के सागर में जाने से पहले ही बहार निकल लिया जाये |
कार्तिक का हाथ अचानक रुक गया , और कुछ पल के रुका ही रहा , लेकिन जिस जगह पर रुका था उस जगह पर उगलिया लगातार अपनी हरकत करती रही ||
अब कार्तिक ने नीलू के बिलकुल पास जाते हुए पूछा "अब कैसा महसूस हो रहा है "
नीलू ने बिना आंखे खोले ही कहा "बहुत अच्छा लग रहा है "
कार्तिक ने कहा "मेरा मतलब दर्द कैसा है अब "
नीलू ने अब आंखे खोली और कार्तिक की आँखों में देखा और कहा "हाँ अब कम है दर्द "
कार्तिक ने पूछा "तो अब लंच मगवा लू , थोड़ा सा कुछ खा लो तो एनर्जी आ जाएगी "
नीलू मन में सोच रही थी कार्तिक प्लीज कुछ देर और कर दो न मसाज , मुझे सुखद एहसास महसूस हो रहा है, अब मैं तुम्हे कैसे बताऊ की मुझे कैसा लग रहा है .. शायद तुम समझने की कोशिश ही नहीं करते हो कार्तिक |
काश तुम एक लड़की क्या चाहती है समझने लग जाओ जल्दी से तो एक कम्पलीट हस्बैंड बन सकोगे |
कार्तिक भी अपने मन में सोच रहा था की काश तुम थोड़े देर और मसाज करने को कह दो , इसी बहाने ही सही मैं तुम्हारे बिलकुल करीब आ सकू , करीब ही नहीं बल्कि तुम्हारे कोमल से बदन को स्पर्श कर सकू और खुद और तुम्हे कुछ खास अनुभव दे सकू ...
क्या बिचित्र दृश्य है , चाहत तो दोनों ओर है लेकिन कही न कही एक सीमा रेखा जरूर खींच रखी है दोनों ने जिसे पार करने का दुस्साहस कोई नहीं करना चाहता .. खैर ये जरूरी भी है ..
नीलू ने अनमने ढंग से कहा "हाँ मैं तो भूल ही गयी अपने दर्द के चक्कर में आपको भूख लगी होगी , हाँ लंच आर्डर करदो "
कार्तिक ने कहा "तो बताओ न क्या खाओगी क्या आर्डर करू "
नीलू ने कहा "सच कहु तो कार्तिक मुझे तो भूख ही नहीं है अब , तुम जो मगावा लोंगे मैं खा लूंगी "
कार्तिक ने स्माइल के साथ पूछा तो आज साउथ इंडियन आर्डर कर दू ??
नीलू ने अब कार्तिक का हाथ पकड़ा और अपने ऊपर खींचा , कार्तिक ढीले शरीर में बैठा था तो सीधा जा कर नीलू के ऊपर गिरा ..
आह , मर गयी , मेरी कमर ... नीलू की चीख निकल गयी ..
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