Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Kusum - Ek Paheli (Part 44)

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Kusum - Ek Paheli (Part 44)



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रोहित कुसुम को छोड़ने जा रहा था , उसका बार बार फ़ोन रिंग कर रहा था लेकिन बो कॉल रिसीव नहीं कर रहा था | कुसुम उसे बार बार कॉल रिसीव करके बात करने को कह रही थी तो वो न ये बता रहा था की कॉल किसका है , और न ही बात कर रहा था | सिर्फ कह रहा था की ऐसे ही फालतू के कॉल आ रहे है |

कुसुम समझ रही थी ये ऐसे ही करता है , कभी कभी कुसुम के साथ भी ऐसे ही करता है और दो दो दिन तक कॉल रिसीव नहीं करता है |


कुसुम चलती गाड़ी के के बाहर साइड बाले शीशे में देख रही थी , उसने अचानक गाड़ी रोकने के लिए कहा 

रोहित ने गाड़ी थोड़ी स्लो की और पूछा 'क्या हुआ कोई प्रॉब्लम है क्या "

कुसुम मुस्करायी और हम्म में सर हिलाया , रोहित ने साइड में गाड़ी खड़ी की |

कुसुम ने खिड़की खोली और निचे उतर कर रोड के साइड में बहती हुई नदी किनारे जाने लगी , रोहित ने अपनी आँखों से चस्मा उतारते हुए अपनी कमर हाथ रख कर कुसुम को नहीं के किनारे जाते हुए देखने लगा था |


कुसुम जरा आराम से उधर रास्ता ठीक नहीं है , देखना पैर न फिसल न जाये , अरे रुक जाओ , ज्यादा आगे न जाओ .. रोहित चिल्लाते हुए कुसुम के पीछे पीछे आने लगा ...


कुसुम ने उसे एक बार पीछे मुड़ कर देखा , और फिर आगे बढ़ती चली गयी ...

रोहित अब तेज कदमो के साथ चलने लगा , उसके मन में डाउट आने लगा था की कही कुसुम कुछ गलत इरादे से तो नहीं जा रही .. नदी बहुत गहरी है और पानी वहाव भी काफी तेज है , हे भगवान ये रुक क्यों नहीं रही |


रोहित ने फिर से तेज अबाज में कहा "कुसुम रुक जाओ , आगे मत जाओ , आगे खतरा है , रुक जाओ "

लेकिन कुसुम न रुकी , और लगातार आगे बढ़ती चली गयी |


आगे कुछ घने पेड़ और पौधे थे जिसकी बजह से अब कुसुम रोहित की दिखना बंद हो गयी , रोहित अब काफी तेज भागता हुआ कुसुम की तलाश में जाने लगा , बीच में उसे एक जोरदार पटक भी लगी , जिसकी बजह से उसके घुटने में काफी चोट आयी , लेकिन अभी अपनी चोट की परवाह किये बिना ही रोहित कुसुम की और दौड़ता ही रहा , वो बिलकुल नदी के किनारे जा चुका था  , लेकिन उसे कुसुम दिखाई नहीं दे रही थी .. उसने नदी के दोनों और अपनी नजरे जहाँ तक देख सकती थी देखता ही रहा .. अब उसने अपने पीछे भी मुड़ के देखा , साइड में भी देखा , लेकिन कुसुम नहीं दिखी ... अब उसकी हालत ख़राब हो गयी थी , उसका पूरा बदन पानी पानी हो गया था , उसके घुटने से काफी खून बह रहा था और दर्द भी हो रहा था लेकिन अब उसे अपना दर्द और खून की परवाह नहीं थी ... लगभग दो मिंट तक स्तब्ध खड़ा रहने के बाद , रोहित तेज तेज अबाज में चिल्लाने लगा .. कुसुम कहाँ हो , कहाँ हो , प्लीज आ जाओ , यार ... 

फिर भी उसे कोई रेस्पॉन्स नहीं आया , अब रोहित की मन में ख्याल आने लगा कही कुसुम नदी में तो नहीं कूद गयी ?


अब रोहित नदी के किनारे दुखी हो कर बैठ गया , अचानक उसे अपने कंधे पर किसी का हाथ महसूस हुआ | 

उसने मुड़ कर देखा तो मुस्कराती हुई कुसुम का चेहरा नजर आया , उसे बहुत तेज गुस्सा आ रहा था , वो अपना गुस्सा निकल देना चाहता था लेकिन वो ऐसा चाह कर भी नहीं कर सका क्युकी उसने कुसुम का ये बाला चेहरा पहली बार देखा था .. naughty smile बाला .. कुसुम के चेहरे पर कुछ पल के लिए ही सही लेकिन ख़ुशी झलक रही थी ... वो भी रोहित की गुस्सा भांप चुकी थी .


रोहित को न जाने अचानक से कुसुम के लिए कहाँ से प्यार उमड़ आया था उसने शिकायत करते हुए कुसुम बड़े प्यार से गले लगा लिया .. और बोला "मेरी तो जान ही निकल गयी थी , तुमने ऐसे क्यों किया , ये कैसा मजाक था "

कुसुम ने कहा "हमे माफ़ कर दो , हम तुम्हे नाराज या दुखी नहीं करना चाहते थे "

रोहित ने गले हुए ही पूछा "तो फिर क्या चाहती थी "

कुसुम "वो न हमे बहुत जोर से सूसू आ रहा था इसलिए जल्दी से इधर आये थे "

रोहित कुसुम से दूर होते हुए उसे कंधो से पकड़ा और कहा "यार ये क्या बचपना था , तो बोल भी तो सकती थी , कोनसा मैं मना कर देता "

कुसुम ने अब थोड़ा शरमाते हुए कहा "फिर हमने सोचा थोड़ा सस्पेंस क्रिएट करे और देखे की आप हमारे लिए परेशान होते हो या नहीं "

रोहित का गुस्सा अब बहार आने लगा था वो बोला "अब तो खुश हो न कर लिया न परेशान "

अब रोहित ने अपना पेण्ट ऊपर किया और अपनी चोट देखने लगा 

जब कुसुम ने रोहित के पैर से बहता हुआ खून देखा तो उसे सच में रोहित के लिए बुरा लगने लगा था ...

उसने तुरंत अपने हैंड बैग से अपना रुमाल निकला और रोहित के पैर से खून साफ़ करने लगी ||

"आह दर्द हो रहा है मुझे रहने दो " रोहित ने दर्द से कराहते हुए कहा 

कुसुम ने कहा "जरा रुक जाइये हमे ये रुमाल बांधने दो नहीं तो खून नहीं रुकेगा "

उसने रूमाल उसके जख्म पर बंधा और फिर से एक बार सॉरी कहा 

रोहित ने कुसुम को गले लगा लिया और बोला "यार प्लीज ऐसा मजाक मत करना कभी , हम दिल के बहुत कमजोर है "

 कुसुम ने रोहित को किश करते हुए कहा "सॉरी कहा न बाबा , हमे नहीं पता था की तुम इतने परेशान हो जाओगे "

अब दोनों वहां से चले गए और गाड़ी में जा कर बैठ गए , कुसुम ने कहा गाड़ी में फर्स्ट ऐड बॉक्स नहीं है क्या ?

रोहित ने कहा "हाँ है ,"

कुसुम ने फर्स्ट ऐड बॉक्स से डिटोल और एंटीसेप्टिक क्रीम निकाली और रोहित से कहा जरा अपना पैर ऊपर करो ,दवा लगा के ये पट्टी बढ़ देने दो | आपको जख्म में आराम मिल जायेगा ||


नहीं रहने दो , हम डॉक्टर के पास चले जायेगे , अभी तुम्हे भी देर हो रही है और मुझे भी ,,, पापा का कॉल भी आ रहा था .. बहुत से लोग घर पर मिलने आते रहते है रोहित ने गाड़ी स्टार्ट करते हुए कहा |

ठीक है लेकिन आप डॉक्टर के पास चले जरूर जाना , हमे बस स्टैंड पर छोड़ देना हम चले जायेगे ,


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