Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Kusum - Ek Paheli (Part 46)

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Kusum - Ek Paheli (Part 46)



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अंजली अपना काम जल्दी जल्दी निपटा के छुपते छुपाते कुसुम के यहां आ गयी , उसने सुनीता भाभी से कुसुम के बारे में पूछा , तो तो भाभी जी ने बताया की कुसुम अपने रूम में आराम कर रही है |


अंजली सीधा कुसुम के रूम में पहुंची , कुसुम अपने फ़ोन में कुछ देख रही थी |

अंजली ने कमरे के दरवाजे पर आ कर नोक किया "क्या मैं अंदर आ सकती हूँ "

कुसुम ने उसकी ओर देखा और कहा "बिलकुल आइये , स्वागत है आपका "

अंजली अंदर आ जाती है और कुसुम से उसके बारे में पूछती है , 

अंजली "कैसी तबियत तुम्हारी " 

कुसुम ने कहा "ठीक ही हूँ यार बस थोड़ी थोड़ी चिंता सी लगी रहती है "

अंजली ने उसका हाथ पकड़ा और पूछा "कैसी चिंता ?"

कुसुम ने कहा "यार हमे कभी कभी तो रोहित के बारे में सोच कर सही लगता है की वो दिल का ठीक लड़का है और कभी तो ऐसा लगता है की वो बस हमसे पीछा छुड़वाना चाहता है "


अंजली ने भी चिंता जताते हुए कहा "हाँ हमे भी ऐसा ही लगता है , बरना अभी तक कुछ न कुछ जरूर करता वो , हाँ आज क्या हुआ कुछ बात हुई ?"

कुसुम ने कहा "हाँ आज हम मिले थे बहुत दिनों बाद , तो बातो से तो वो हमे चाहता है और जल्दी ही शादी करने के लिए कह रहा था लेकिन बहाना वही पापा का इलेक्शन में कैंडिडेट बाली बात "

अंजली ने कहा "यार तुम लोग जल्दी करो नहीं मामला हाथ से निकल जायेगा "

कुसम "हमने उन्हें लास्ट बार बोला है नहीं तो हमारे पास ख़ुदकुशी के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचेगा "

अंजली ने कहा "कुसुम यार तुम अपनी जान की परवाह करो न की हर बार अपनी ही जान लेलेने की बात न किया करो , और हाँ भगवान एक रास्ता बंद करता है तो हजारो रस्ते खोल देता है "

कुसुम ने अब कुछ नहीं कहा 

अंजली ने फिर कहा "अगर वो अभी पारम्परिक शादी नहीं कर सकते तो कोर्टमेर्रिज या फिर मंदिर में तो कर ही सकते है , इससे तुम्हे और तुम्हारे परिबार को तसल्ली तो मिल ही जाएगी न "

कुसुम ने इस बात पर हामी भरते हुए अपनी भाभी को ये बात बताने के लिए अंजली से कहा |

अंजली ने कहा "हाँ मैं भाभी से बात करुँगी "


फिर कुसुम ने बताया की उसे विवेक मिला था अपने कॉलेज के पास मैंने उसे बहुत समझाया और बहुत कुछ कहा भी ..

अंजली ने कुछ न कहना ही सही समझा , सोच रही थी की जब घर वाले ही इस सब के लिए इजाजत नहीं देंगे , शादी करेंगे नहीं उसके साथ तो अलगाव ही ठीक रहेगा |

और दूसरा अगर कोई सिर्फ और सिर्फ जिस्म से ही प्यार करे तो क्या फायदा , उसकी जिस्मानी भूख मिटाने के लिए नहीं बने है हम , हमे प्यार , इज्जत और दिल में जगह की भी जरूरत होती है |


कुसुम ने कहा "अंजली मैं तुम्हारे जज्बात और फैसले की इज्जत करती हूँ , मुझे नहीं पता तुम्हारे मन में क्या चल रहा है इस सब को लेकर , लेकिन हमे जो सही लगा वो हमने किया था , वैसे विवेक हमे लॉयल लग रहा था , उसने कहा था की सिर्फ एक miss understanding  की बजह से अंजली ने बात ही नहीं की , और आज तक कॉल रिसीव नहीं कर रही है , ये सब उन लड़कियों की सोची समझी साजिश थी "


अंजली ने बहुत देर बाद पूछा "क्या कह रहा था वो "

तब कुसुम ने बताया की वो सिर्फ तुमसे एक बार बात करना चाहता है बस हम उसका नंबर भी ले कर आये है अगर चाहो तो बात कर लेना , एक दोस्त के नाते ही कर लेना |


अंजली ने कहा "तुम कह रही हो तो एक बार बात कर लेंगे लेकिन हमे जिस्म के शौक़ीन लोग पसंद नहीं है "

कुसुम ने कहा "अब ये फैसला तुम्हारा ही होगा , हम फाॅर्स नहीं कर रहे "

तब तक सुनीता भी उनके रूम में आ गयी थी , और सब नार्मल बाते करने लगे ||


इधर रोहित ने अपने घर का कुछ काम निपटाया और सीधा रेडिशन ब्लू पहुंच गया , वहां उसे शीतल से मिलना था |

होटल पहुंच कर उसने शीतल को कॉल किया तो शीतल उसे पिक करने होटल के रिसेप्शन तक आयी |

दोनों होटल के रिसेप्शन पर मिले , फिर शीतल उसे अपने रूम में ले गयी |


शीतल अपने चिरपरिचित अंदाज में एक दम ग्लैमर और बोल्ड दिख रही थी , अब ये सिर्फ रोहित से मिलने के लिए इतना सजना और सबरना किया गया हो या फिर कोई और रीज़न अभी तक तो रोहित को कुछ ज्यादा समझ नहीं आ रहा था , वैसे सुंदरता और सुन्दर लड़कियां रोहित की कमजोरी रही थी , तो हो सकता है शीतल अपना ये भी चाल चल लेना चाहती थी |


रोहित की नियत फिसल रही है या नहीं इसका अंदाजा भी शीतल नहीं लगा पा रही थी , लेकिन अपनी ओर से कोशिश पूरी कर रही थी |

रूम में पहुंच कर शीतल ने उसका स्वागत एक संपियन खोल कर किया ..

रोहित ने रूखी सी अबाज में कहा "शीतल में अब तुम्हारे साथ नहीं पी सकता हूँ , अब तुम ये हक़ खो चुकी हो , एक और तुमने साथ में पी कर मुझे बाध्य किया था अब मैं वो गलती दुवारा नहीं करुगा , और हाँ मुद्दे की बात करो , बात ही नहीं बल्कि ये मामला निपटा लो तो ही ठीक रहेगा "


शीतल ने गिलास में संपियन डालते हुए कहा "मुझे पता है आज कल तुम्हारा ध्यान कुसुम पर है , तो इसका मतलब ये तो बिलकुल नहीं की हमे भूल ही जाओगे , अगर भूल भी जाओगे तो हम तुम्हे याद दिलाते रहेंगे "


शीतल का हसीं और बोल्ड रूप रोहित अपनी ओर आकर्षित कर रहा था , उसने एक बार फिर से कहा "शीतल बात क्या करनी थी वो करिये "


शीतल ने गिलास आगे किया और कहा लो पहले ये लो तब बात भी की जाएगी 

रोहित ने कहा "देखो मुझे पता चला है की तुम कुसुम से मिलने गयी थी और उसे मेरे खिलाफ भड़काया भी था , लेकिन याद रखना ऐसा दुवारा न हो नहीं तो बहुत बुरा होगा "


शीतल ने दूर से ही अपने होठो से रोहित को किश करते हुए कहा "डिअर ये धमकी है या फिर कुछ और  "

रोहित ने कहा "मैं धमकी नहीं सलाह दे रहा हूँ "


शीतल ने कहा "मैं तो समझ रही थी की कुसुम समझदार होगी , लेकिन ये तो अपनी शक्ल के मुताबिक बिलकुल बोड़म निकली "

रोहित ने इस से चिढ़ते हुए कहा "मुझे कुसुम पसंद है और उसे ऐसे वर्ड्स न बोलो तो ही ठीक रहेगा "

शीतल "अच्छा चलो मुद्दे की बात करे .."

रोहित ने कहा "देखो तुम्हे क्या चाहिए मेरी जिंदगी से जाने का वो बताओ और मुझे तंग करना बंद कर दो "

शीतल ने एक ही साँस में पूरा गिलास खत्म किया और रोहित को भी इशारा किया उसे ख़तम करने के लिए 

न चाहते हुए भी रोहित न वो ग्लास ख़त्म कर ही दिया , अब शीतल ने दुवारा गिलास भरते हुए कहा "रोहित जी आप हमे बिकाऊ समझ रहे है न लेकिन हम ऐसे नहीं है "

रोहित ने कहा "मैं तुम्हे खरीद नहीं रहा हूँ , मैं अपनी एक गलती का भगतान करना चाहता हूँ "

शीतल ने गिलास उठाया और रोहित की गोद में बैठते हुए कहा अपनी बहो में नहीं उठाओगे मुझे पहले की तरह 

रोहित ने कहा "शीतल तुम ज्यादा न पिया करो तुमसे हजम नहीं होती है और टीम वाइल्ड हो जाती हो फिर उस चीज का फायदा उठती हो "

शीतल ने कहा "चलो ऐसा ही समझ लो लेकिन हमे अब तुम अपनी वाइफ के रूम में कब एक्सेप्ट कर रहे हो डेट बता दो "

रोहित ने कहा "ऐसा तो नहीं हो सकता शीतल समझने की कोशिश करो क्युकी मेरे पिताजी ने साफ मना कर दिया है "

शीतल ने कहा "तो इसका मतलब तुम्हारे पिताजी इलेक्शन जीतना नहीं चाहते है "

रोहित ने कहा "क्या मतलब "

शीतल ने कहा "मेरे पास कल तुम्हारे ओप्पोसिशन पार्टी का कॉल आया था और वो सिर्फ एक दो फोटोग्राफ्स मांग रहे थे तुम्हारे और तुम्हारी बहन के सुन्दर सुन्दर कर्मकांडो के , तो हमने कहा की पहले हमे सोचने दो तब बताते है "

रोहित ने कहा "देख लो शीतल तुम कही इस चक्कर में गलत न फस जाओ , ये राजनीती है मोहरा किसी को भी बना लेती है अपना काम निलते ही रास्ते से भी हटा देती है "


शीतल ने आगे कहा "वो लोग तो हमे आपसे ज्यादा रकम दे सकते है अब आप सोच लो क्या चाहते हो टाइम है तुम्हारे पास सोचलो और बात करलो "

रोहित वहां से जाने लगा , तो शीतल ने कहा "आज हमे खुश नहीं करोगे "

रोहित मुड़ कर उसके पास गया और उसे जोर से पकड़ के बेड पर फेकते हुए अपने कपड़े उतारने लगा ... 

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