Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 167
कार्तिक और नायरा एक साथ ऑफिस से बाहर निकल गए , कार्तिक और नायरा का चेहरा उतर चुका था क्युकी जीवन ने उन्हें डिस्टर्ब के साथ साथ डरा सा दिया था , नायरा के मन में न जाने क्या क्या ख्याल चल रहे थे , उसे लग रहा था की शायद जीवन ने उन्हें देख लिया है , और हो सकता है उसने उनका वीडियो भी बना लिया है जिसे बो अपने फोन में बार बार प्ले करके देख रहा था ||
अब नायरा और कार्तिक एक दूसरे से बात करने में झिझक रहे थे , लेकिन बात भी करना चाह रहे थे , कार्तिक ने अपना बाइक स्टार्ट की और नायरा की ओर देखा , नायरा ने भी बिना कुछ कहे बाइक पर बैठ गई , और कार्तिक बाइक चलाने लगा , काफी आगे निकल जाने के बाद भी दोनों के बीच कोई भी बात नहीं हुई ||
थोड़ी देर बात जहाँ से नायरा के घर की ओर से जाने बाली बस स्टैंड आ चुका था , कार्तिक ने बाइक रोक दी और नायरा उतर गई , और बस के आने का इंतजार करने लगी , कार्तिक ने जाने के लिए बाइक घुमाई तो नायरा ने कार्तिक की ओर देखा और धीरे से बोली " कार्तिक हमे जीवन ने देख तो लिया होगा न ??"
कार्तिक ने हेलमेट लगा रखा था इसलिए उसने बिना हेलमेट उतरे ही कहा " हाँ उसके चेहरे को देख कर तो लग रहा था की उसने हमे देख लिया था इसलिए वो खुस हो रहा था "
नायरा " अगर देख लिया होगा तो ठीक है , अब देखते है "
कार्तिक ने हाँ में सर हिलाया और बाइक फिर से चालू कर ली , कार्तिक ने नायरा को बाय कहा और वहां से जाने लगा ...
कार्तिक के चले जाने के बाद नायरा कुछ देर खड़ी बस का इंतजार करती रही और साथ में सोच रही थी , की कार्तिक ने मैंने इतना इंटिमेट होने को तो नहीं कहा था , लेकिन इसने तो मेरे रोम रोम में बिजली ही दौड़ा दी है , अब मुझे अजीव सी फीलिंग आ रही है ... तभी उसकी बस आ गयी और वो बस में चली गयी ...
रास्ते भर कार्तिक के जिहेन में भी कामुकता चलती रही , उसकी आँखों के सामने नायरा साथ बिताये वो दो मिंट ही बार बार घूमते रहे , उसे नायरा का कोमल नाजुक और कामुक बदन एक अनोखा आकर्षण देता रहा , इन पालो की बजह से वो नीलू और उसके साथ अपनी यादो को भूल रहा था , उसे नायरा के बदन की मादक खुशबू अपना बनाये जा रही थी , वो पल पल बैचेन हो रहा था ||
नायरा उसके साथ एक दिन और रात बिताना चाहती है ये तो कार्तिक को भली भाती पता चल ही चुका था , लेकिन ऑफिस में केबिन के दरवाजे पर जो कार्यक्रम उन्होंने किया था वो स्क्रिप्टेड था , वो नायरा का जीवन को फ़साने के लिए एक चाल भर थी , इस षणयंत्र के किरदार में कार्तिक अपनी भावनाओ पर काबू नहीं कर पाया और अपना आत्म समर्पण कर बैठा , वो खुद को इस किरदार की जगह फिट कर बैठा |
कार्तिक अपने घर पहुंच चुका था , उसने देखा की घर का माहौल कुछ खुशमिजाज लग रहा है , हालाँकि उसके घर का मिजाज ज्यादातर खुश ही रहता था लेकिन आज कुछ ज्यादा ही था ,
कार्तिक घर के अंदर जब पहुंचा तो उसने देखा उसका पापा उसे देखते ही मुस्करा रहे है |
उसने अपना हेलमेट और बैग साइड में रखते हुए पापा के पास जा कर पूछा " क्या पापा आज कुछ ज्यादा ही खुस लग रहे हो "
राजेश जी ने कहा " जिसके बेटे की शादी की तारिख निकल के आयी हो और उसके पापा खुश न हो ऐसा कैसे हो सकता है "
तभी रिया ने एक मिठाई का टुकड़ा कार्तिक के मुँह में ठूसते हुए कहा " अब बहुत जल्दी ही मेरा भाई दूल्हा राजा बनाने जा रहा है , मुबारक हो "
कार्तिक का चेहरा ब्लिश करने लगा , उसका चेहरा और कान लाल होने लगे थे , अब उसके पास कोई वर्ड्स नहीं थे बोलने को
दादी ने कहा " तुम्हारी शादी की तारिख पंडित जी ने निकल दी है , अगल महीने तुम्हारी शादी का रोका और उसके दस दिन बाद शादी की रस्मे होनी है "
शीला जी ने कहा " अपनी ऑफिस और अपने दोस्तों में बता देना , ताकि पहले से ही छुट्टियां और बाकि तैयारी हो सके |"
कार्तिक ने खड़े होते हुए कहा " मैं अभी चेंज करके आता हूँ " कार्तिक अपने रूम में चला गया |
कार्तिक के घर में ख़ुशी का माहौल बन रहा था , इसलिए सब अपनी अपनी तैयारियों की बातें कर रहे थे किसे क्या क्या करना है ,
दादी माँ " आज ख़ुशी का मौका है सो इसे यू ही न जाने दो , मैं तो कहती हूँ आज सब लोग मंदिर कान्हां जी के दर्शन कर के आशिर्बाद ले के आज का खाना बहार ही करके आना चाहिए |
तभी रिया ने भी उनका साथ देते हुए अपने पापा से कहा " हाँ पापा जी आज तो कुछ मीठा सीटा हो जाये "
राजेश जी ने शीला जी की ओर देखा और आंख मारते हुए बोले " हाँ आज तो मेरा भी मन है "
शीला जी ने इशारे से पूछा " कैसा मन किस चीज का मन है "
राजेश जी मजाकिया लहजे में बोले " चलो तो सही वो तो पता चल ही जायेगा |
सभी लोग तैयार होने लग गए , राजेश जी ने कहा " कोई जा के कार्तिक को भी बता दो की बो भी तैयार हो जाये
शीला जी ने कहा " कौन बताएगा आप खुद ही जा के बता दो "
राजेश जी उठ के कार्तिक के रूम में जाने लगे , कार्तिक अपने हेड्सफ़ोन लगा के टेंशन की मुद्रा में बैठा था ...
राजेश जी ने कार्तिक का रूम नौक किया और अंदर चले गए ..
कार्तिक ने हैडसफोन उतरा और पापा को बैठने को कहा
राजेश जी ने कहा " बैठना नहीं है तैयार हो जाओ , आज कही बहार चलते है खाना खाने और साथ ही कान्हा जी के मंदिर भी चलेंगे |
कार्तिक ने मुस्कराते हुए कहा " पापा जी अभी चलना है क्या , मैं अभी अभी तो ऑफिस से आया हूँ '
राजेश जी " तो क्या हुआ , तैयार हो जाओ , जल्दी ही आ जायेगे "
कार्तिक " ठीक है पापा , चलिए आप भी रेडी हो जाओ , मैं अभी आता हूँ "
कार्तिक का फ़ोन बजने लगता है , उसने देखा नीलू कॉल कर रही है !!!
कार्तिक ने कॉल रिसीव किया ,
हेलो , कार्तिक
कार्तिक - कैसे हो ?
नीलू - कैसी भी हूँ तुम्हे तो कोई फर्क नहीं पड़ता न तुम तो कॉल कर ही नहीं सकते हो
कार्तिक - अरे क्या हुआ , दिन में बात हुई थी हमारी
नीलू - अभी शाम चुकी है , अब दिन नहीं रहा है
कार्तिक - अच्छा ठीक है , बताने के लिए धन्यबाद
नीलू - तुम हमेशा बच्चे ही बन के रहोगे क्या ??
कार्तिक - क्यों .
नीलू - तुम्हारे ऐसे ही रिप्लाई रहते है |
कार्तिक - तो बताओ कैसे करना चाहिए रिप्लाई
नीलू - रहने दो सब मुझे ही शिखना पड़ेगा तो रहने ही दो
कार्तिक - तुमने अभी तक मुझे शिखा ही क्या दिया है
नीलू - हाँ ,, अब गिनती भी मैं ही कराऊंगी की क्या क्या सिखाया है ?"
कार्तिक " अच्छा सुनो , रात को बात करता हूँ , "
नीलू " अभी क्या बात है "
कार्तिक " इंतजार तो करो रात का एक ख़ुशख़बरी सुनाऊंगा तुम्हे "
नीलू " अच्छा थी है , सुनो , एक खुशखबरी तो मैं भी तुम्हे सुनाने बाली हूँ "
कार्तिक " अच्छा ठीक है , बाय "
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