google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 182

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 182

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 182


रात के खाने का टाइम हो गया था , डिनर टेबल पर सब लोग बैठ कर खाना खा रहे थे , नीलू नजरे बार बार इधर उधर भटकने लग जाती थी , लेकिन फिर उसे याद आता था की कार्तिक तो हैं ही नहीं वो तो चला गया |

उसका चेहरा उदास था जो की बाकि लोग भी देख सकते थे ... नीलू अपनी माँ की हेल्प करवा रही थी खाना खिलाने में ......


कार्तिक गुस्से में वहां से चला तो आया लेकिन उसका भी मन अकेले घर पर नहीं लग रहा था , बोर हो रहा था अकेला घर में , उसे घर काटने के लिए जैसे दौड़ रहा हो ऐसा लग रहा था ... लेकिन अभी भी कार्तिक की गुस्सा कम नहीं हुई थी , आज उसने नीलू की कही हुई बाते अपने दिल पर लेली थी |


उसने जा कर देखा की शायद किचन में कुछ खाने का मिल जाये , तो ज्यादा कुछ नहीं था बस फ्रिज में ब्रेड और दूध ही मिला ,, उसने सोचा चलो आज इसे से काम चला लेता हूँ ...

वैसे उसके पास एक ऑप्शन और था वो अपने दोस्तों के घर पर भी खाने के लिए जा सकता था या फिर उसके घर की बिलकुल ही कम दूरी पर रेस्टोरेंट भी था ,,वो वहां भी जा सकता था |लेकिन कार्तिक कार्तिक का मन बिलकुल भी बहार जाने का नहीं था , बस बो उल्टा सीधा पेट भर के सो जाना चाहता था |


जैसे ही दूध और ब्रेड लें कर खाने को बैठा तो उसे कुछ याद आ गया , उसके चेहरे पर अनायास ही हसी आ गयी ... होठो ही होठो में बुदबुदाए हुए कहने लगा " लगता है मेरी भूख और ब्रेड दूध का कुछ अद्भुद ही रिस्ता लग रहा है " उसे नीलू के घर की खिलड़की और वो रात याद आ गयी ... कार्तिक उसके बारे में सोचन लगा ||

कार्तिक अपने ख्यावो में खो सा गया ... उसका ख्वाव तब टूटा जब उसका फ़ोन बजने लगा .. उसने देखा पापा कॉल कर रहे थे |

"हेलो पापा , खाना बगैरा खा लिया आपने " कार्तिक ने पूछा 

राजेश जी " हाँ हम लोग तो खा चुके , तुमने कुछ खाया या नहीं ?"

कार्तिक " हाँ मैंने अभी कुछ खाया नहीं है लेकिन खाने का जुगाड़ कर लिया है "

राजेश जी ने पूछा " क्या कर लिया है जुगाड़ "

कार्तिक " अरे पापा आप भी न आज जमाना स्विग्गी और जमेटो का है , आर्डर कर दिया है खाना आता ही होगा " राजेश जी हसने और बोले " बेटा तुम भूल जाते हो की हम तुम्हारे बाप है , अच्छी तरह से जानते है तुम्हे "

कार्तिक " क्या पापा आप भी न "

राजेश " जल्दी से कुछ अच्छा से आर्डर कर दो और खाना खा कर ही सोना "

कार्तिक " ठीक है पापा , लेकिन दादी माँ की दवाइयां तो यही रह गयी है , अब ?"

राजेश जी ने कहा " हाँ अब तो मॉर्निंग में ही होगा जो भी होगा , अभी तो मेडिसिन का गैप करना ही पड़ेगा "

" ठीक है अपना ध्यान रखना " कहते हुए राजेश जी ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दी ||


शीला जी ने पूछा " तो अभी कुछ खाया नहीं है उसने "

" नहीं बोल रहा है कुछ आर्डर किया है , अभी खाना देने आता ही होगा , तब खायेगा "

नीलू भी वही खड़ी , उसे भी बुरा लग रहा था की आज उसने कार्तिक के साथ अच्छे से पेश आयी होती तो अभी कार्तिक उसके साथ बैठ कर खाना खा रहा होता 

अभी नीलू का भी खाना खाने का मन नहीं कर रहा था , वो अपने कमरे में चली गयी ...

रिया , प्रिया और शिवानी उसे जाते हुए देखती रही , क्यों वे लोग भी खाना खाना चाहती थी लेकिन उनकी दी तो अपने कमरे में चली गयी ...

रिया उसके पीछे पीछे उसके कमरे में पहुंच गयी ....

दरवाजा नोक करते हुए " क्या मैं अंदर आ सकती हूँ "

अरे आओ न अंदर आजाओ ... ये भी कोई पूछने बाली बात है |

रिया अंदर गयी और नीलू से बोली " आप अंदर क्यों आ गयी आपको खाना नहीं खाना "

नीलू मुस्करायी और बोली " नहीं वो अभी मेरा मन नहीं है खाने का तो इसलिए आ गयी , आप लोग खाओ न "

रिया " लेकिन हमे तो आपके साथ ही खाना है , "

नीलू मुस्करायी और बोली " अच्छा तो ये बात है , चलो मैं तुम्हे खाना खिलाती हूँ "

रिया मुस्करा दी ...............

" आपसे एक बात पुछू , बुरा तो नहीं मानेगी न " रिया ने स्माइल के साथ पूछा 

" नहीं पूछिए .. बुरा क्यों मानना " नीलू ने कहा 

" मैं देख रही हूँ की जब से कार्तिक भैया गया है , तब से आपका मन कुछ उखड़ा उखड़ा सा लग रहा है , "

रिया ने मजकिया लहजे में पूछ डाला |


" अरे नहीं , मेरी तबियत कल ख़राब हुई थी न तो थोड़ी कमजोरी है इसलिए लगा होगा , ऐसा नहीं है , वैसे कोनसा तुम्हारे भैया रोज हमारे साथ रहते है ' नीलू ने बनाबटी हसी चेहरे पर लाते हुए कहा 


रिया " अरे तो अब कितने दिन और दूर रहना है आपको , बस २० दिन की और बात है , फिर तो आप हमारे घर पर ही रहोगी "

नीलू स्माइल करके रिया की ओर देखने लगी ,,,,,,


"अच्छा चलो , तुम्हे मैं खाना खिलाती हूँ चलो " और दोनों कमरे से बहार आ गयी ... नीलू का तो मन नहीं था लेकिन रिया के जोर देने पर वो खाना खाने के लिए टेबल पर आ गयी |

और सब रिया के साथ हसी मजाक करते हुए खाना खाने लगी... नीलू ने नाम के लिए बस एक दो बाईट रिया के साथ खायी थी ||


खाना खाने के बाद रिया , प्रिया और शिवानी इसक्रीम खाने के लिए घर के बहार चली गई और नीलू फिर से अपने कमरे में आ गयी ||


उसने अपना फ़ोन उठा के देखा तो कार्तिक का कोई मेसेज या कॉल नहीं था , जो की नीलू को हर्ट कर रहा था |

फिर उसने कुछ सोच कर अपना अनलॉक किया और कार्तिक को कॉल लगा दिया ||


कुछ रिंग हो  जाने के बाद कार्तिक ने कॉल रिसीव किया ... हेलो ...

कुछ खाया या नहीं ... या अभी तक .... ऐसे ही ....

कार्तिक ने ताना मारा और कहा " क्या फर्क पड़ता है खाना खाया हो या नहीं "

नीलू " देखो दिमाग तो मेरा भी ख़राब है , सो प्लीज ..."

कार्तिक " तो मैं क्या कर सकता हूँ , तुम्हरा दिमाग है , कुछ भी उसका "

नीलू " तुम बिना बताये क्यों चले गए यहां से "

कार्तिक " जहाँ लोग समझने बाले न हो वहां नहीं रुकना चाहिए "

नीलू " ऐसा तो कुछ नहीं हुआ था , जो लोग तुम्हे नहीं समझ रहे थे "

कार्तिक " अभी मेरा बात करना का मूड नहीं है , प्लीज अपना काम करो "

और कॉल डिस्कनेक्ट कर दी ....

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