Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 196

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 196


कार्तिक नीलू से बात करने के बाद थोड़ा टेंशन में बैठा था , क्योंकि उसके 20 या 30 कॉल करने के बाद नीलू ने उसे कॉल किया था और वह भी नशे की हालत में,  इसलिए कार्तिक का अपसेट होना थोड़ा सा लाजमी था , उसने कभी सोचा भी नहीं था कि नीलू भी ड्रिंक कर लेती है हालांकि कार्तिक भी पार्ट टाइम ड्रिंक कर लिया करता था,  दिक्कत उसे इस बात से थी कि नीलू ने इतने दिन साथ रहने के बावजूद भी कभी यह नहीं बताया कि वह ड्रिंक कर लेती है,  कार्तिक का ऐसा मानना था , जबकि नीलू ने लाइफ में पहली बार बियर ली थी |


 कार्तिक बैठा कुछ सोच रहा था कि उसका ध्यान तब भंग हुआ जब उसका फोन रिंग करने लगा उसने देखा नायरा उसे कॉल कर रही है ,  नायरा का नाम स्क्रीन पर पढ़कर उसके दिमाग में आया , यार मैं तो भूल ही गया आज नायरा जीवन की वाइफ से मिलने गई थी , मुझे एक बार कॉल करके पूछना चाहिए था | उसका क्या हुआ पहुंची या नहीं आखिर उसकी परेशानी में मैं भी बराबर का हिस्सेदार हूँ |


कार्तिक ने कॉल रिसीव किया और नायरा को पूछा " हेलो नायरा क्या हुआ पहुंची तुम या नहीं "

नायरा ने एक लंबा सा पॉज लिया और फिर बोली " मिस्टर आपको तो फोन करने तक का भी टाइम नहीं होगा और जब हम कर रहे हैं, तब जाकर पूछ रहे हो क्या हुआ "

कार्तिक ने कहा " यार मेरा थोड़ा बिजी हो गया था सुकेश सर का मेला गया था उन्होंने कुछ काम दिया था तो वही खत्म कर रहा था , मेरे दिमाग से ही निकल गया " , 


फिर कार्तिक ने पूछा " बताओ तो  क्या हुआ , बताओ तो सही "

"हां हां वही बताने के लिए ही कॉल किया है " न्यारा ने कहा 

कार्तिक "तो ठीक है बताओ ना न्यूज़ गुड है या बैड "


नायरा ने कहा "दोनों ही है " कार्तिक बोला " अच्छा तो फिर गुड वाली पहले सुना दो "

नायरा "कड़ी मशक्कत के बाद मैंने जीवन का घर ढूंढ लिया और उसकी बीवी से भी बात हुई है लेकिन वह किसी दूसरे काम की वजह से बाहर जा रही थी , जिस वजह से डिटेल्स में बात नहीं हो पाई , लेकिन उसने मेरा नंबर ले लिया है वह मुझे कॉल करेगी "


कार्तिक "  दैट्स ग्रेट अब वह कॉल तो करेगी , लेकिन एक बात बताओ तुमने उससे मना तो किया है ना कि वह अभी जीवन को कुछ ना बोले "


नायरा ने कहा " डोंट वरी जिसके हस्बैंड के बारे में कोई शिकायत की जा रही हो , जब तक पूरी जांच पड़ताल ना हो जाए कोई नहीं कहेगा और नहीं वह कुछ पूछेगी उसे , बस ऑब्जर्वेशन जरूर करेगी "


अब कार्तिक ने कहा "अच्छा तो यह तो हुई गुड न्यूज़ और बैड न्यूज़ क्या है "

नायरा मुस्कुराते हुए बोली " बता तो दी गुड और बैड दोनों ही , गुड यह थी कि उसे बात हो गई बैठ गई और बैड ये  कि पूरी डिटेल्स में बात नहीं हो पाई"

कार्तिक बोला " मैं तो कुछ और ही समझा था , तो अब बताइए कहां हैं आप "

नायरा ने कहा " मैं वहां से निकल गई हूं कैब लेके और अब घर पहुंचने वाली हूं ।"

कार्तिक ने कहा " ठीक है तुम निकल जाओ मैं भी यहां से निकलने वाला हूं जल्दी ही मुझे भी घर जाना है "

नायरा ने कहा "ठीक है पहुंच कर बात करती हूँ " 


कार्तिक  घर पहुंचा तो देखा कि उसके पापा पेन और कॉपी लिए उसकी दादी मां के पास बैठे हुए हैं और उसे देखते ही बोले " आजा बेटा मेरे शेर हम तुम्हारा ही इंतजार कर रहे थे , जल्दी से पास होकर और कपड़े चेंज करके थोड़ी सी मशक्कत करनी पड़ेगी "

कार्तिक ने बिना कुछ कहे अपनी दादी और पापा की ओर देखते हुए अपने कमरे की ओर चला गया 

राजेश जी दादी मां यानी रेशमा जी की ओर देखकर बोले "इसे क्या हुआ कोई भी रिप्लाई नहीं किया सीधा चला गया, अरे कुछ तो कह देता "

दादी मां ने कहा "क्या वे राजेश तू भी, बच्चा ऑफिस से आया है हारा थका हुआ पूरे दिन काम करके तुझे अपने काम की पडी है।"


"मां आप भी क्या बोले जा रही हो यह मेरा नहीं बल्कि उसी का काम है, उसकी शादी के लिए कार्ड छपवाने है, कितने छपवाने है ये तो लिस्ट बनानी पड़ेगी ना, फालतू में एक्स्ट्रा खर्चा करने से अच्छा है कि पहले प्लान करके किया जाए तो ज्यादा अच्छा रहेगा , एक बार अपने रिश्तेदारों और जानने वालों की लिस्ट बन जाएगी तो उसी हिसाब से ओमकार जी को भी तो अपडेट करना पड़ेगा , अरे वो भी तो व्यवस्था करेंगे ना अपने दरवाजे पर "

दादी मां ने कहा " हां बेटा बिल्कुल सही कह रहा है लेकिन टाइम भी तो देख बेचारा अभी  ऑफिस से आया है सारे दिन काम करता है मुझे लगता है डिनर करने के बाद आधे घंटे उसके साथ बैठ जाना करवा देगा तेरा काम।"


कार्तिक ने  चेंज किया ही था वो बहार आने के लिए रेडी हो ही रहा था  तभी उसका फोन बजने  लगा उसने  देखा नीलू कॉल कर रही है उसने अभी कॉल रिसीव नहीं किया कॉल डिस्कनेक्ट करके वह सीधा बाहर अपने पापा के पास आ गया और पापा से बोला " पापा आप मुझे बुला रहे थे "


राजेश मुस्कुराते हुए  बोले " हां थोड़ा सा काम था ना तेरी शादी के लिए और लोगों को बुलावा देना है उनकी लिस्ट बनानी है " 


ठीक है कह कर हेल्प के लिए उनके साथ बैठ गया , और राजेश जी के साथ उनकी हेल्प करता रहा , करीब 1 घंटे बाद शीला जी ने उनके पास आकर कहा " तुम्हारी पोथी पत्रा का काम खत्म हो गया हो तो मेरे बच्चे को फ्री कर दो कम से कम उसे डिनर तो कर लेने दो , सारे दिन का हारा थका  तुमने बिठा लिया है"

राजेश जी ने कहा "आपकी जानकारी के लिए बता दू , कि यह मेरा नहीं हम सब का ही काम है समझे।"


शीला जी ने मुंह टेढ़ा करते हुए कहा " ठीक है ठीक है चलो , मैंने डिनर लगा दिया है , चल कर कर लो फिर करते रहना , मुझे और भी बहुत सारे काम है ,  मेरी फ्रेंड्स ने ज्वेलरी और दुल्हन के लहंगे के कुछ स्पेशल सैंपल भेजे हैं वह भी मुझे भी चेक करने है ,इसलिए मुझे फ्री होने दो जल्दी कर लो।"


नीलू के घर में भी शादी की तैयारिया कुछ ज्यादा ही तेज चल रही थी,  आज ओमकार जी कुछ टेंशन में बैठे हुए थे और अपनी डायरी खोलकर कुछ देख रहे थे . बहुत देर शांत बैठे रहने के बाद रजनी जी ने उन्हें पूछा जी " क्या हुआ आज आप कुछ भी चैन से लग रहे हैं, कोई बात हुई है क्या "

ओमकार जी पहले तो शांत बैठे रहे लेकिन बार-बार रजनी जी के पूछने पर उन्होंने बताया कि उनका एक चेक बाउंस हो गया है , कहीं से उनका एक पेमेंट आने वाला था जो कि क्लियर नहीं हुआ , और अगर दुवारा से क्लियर नहीं हुआ तो उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ जाएगा , क्योंकि  बेटी की शादी के दिन नजदीक , नजदीक ही क्या बस आ ही गए है ,  और शादी में तो एक बड़ी रकम की जरूरत होती है , जोकि हाथों हाथ कहीं से अरेंज नहीं हो सकती,  

इसलिए जहां से मुझे यह पैसा आने वाला था वह पार्टी अभी कोई रिस्पांस नहीं कर रही है मेरा इसलिए सर दर्द बढ़ गया है।


ओमकार जी की बात सुनकर रजनी जी की भी टेंशन बढ़ गई क्योंकि बेटी की शादी अब सर पर आ चुकी थी मात्र 12 दिन बचे थे और सारे काम अभी होने को बाकी थे , जैसे कि बारातियों के स्वागत के लिए डेकोरेशन का सारा खर्चा , दावत का पूरा खर्चा और ऊपर से बेटी को ससुराल खाली हाथ तो भेजेंगे नहीं उसके लिए सामान भी खरीदना है लेकिन अचानक से पैसे की दिक्कत हो जाने की वजह से प्रॉब्लम्स बढ़ने लगी थी।


रजनी जी ने चिंतित होते हुए कहा " जी वहां से पैसे की व्यबस्था न बन पाए तो कहीं दूसरी जगह से बनाओ ,  अब तो सारे रिश्तेदारों को भी बोल दिया है कि शादी है कैसे करोगे "

ओमकार जी ने अपने माथे पर हाथ फेरते हुए कहा " सोच रहा हूं कुछ ना कुछ तो किया ही जाएगा ,चलो तुम  खाना ले आओ , खाना खा लेते हैं कल को सोचता हूं, सोचना क्या करुगा कुछ न ,

रजनी जी वहां से किचन में चली गई और खाना डाइनिंग टेबल पर लगाने लगी,  उन्होंने खाना लगाते हुए नीलू को आवाज दी आ जाओ सब लोग खाना खा लो |

रोज की तरह आज का माहौल सामान्य नहीं था आज कोई किसी से कुछ और नहीं रहा था बस खाना खा रहे थे प्रिया ने सबकी और देखते हुए कहा "आज कुछ हुआ है क्या , कोई कुछ बोल क्यू नही रहा पापा एंड मम्मा" 


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