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Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 197

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 197


खाना खत्म हो जाने के बाद नीलू ने अपने मम्मी पापा की मनोदशा को देखते हुए एक बार उनसे भी बात करना चाहा , खाना खाने के बाद रोज की तरह आज ओमकार जी वाकिंग के लिए नहीं गए बजाय उसके वह सीधे अपने कमरे में घुस गए |


चेहरे पर चिंताओं के भाव लिए हुए रजनी जी भी आज किचन में बाकि पड़ा काम खत्म करने चली गई , अपने पापा के कमरे में नीलू आ गई | नीलू को अपने कमरे में देख ओमकार जी अपने चेहरे पर झूठी हंसी लिए पूछने लगे "आओ नीलू , क्या हुआ आज तुम इस टाइम हमारे कमरे में क्या कोई जरूरी बात है ?"


 नीलू ने अपने पापा की आंखों में देखा और बोली "हां पापा कुछ जरूरी बात करनी है "

ओमकार जी दो कदम आगे बढ़ कर आ गए और नीलू के चेहरे को अपने दोनों हाथों में भरते हुए पूछा " बोलो बेटा क्या हुआ कोई परेशानी है तो हमें बताओ हम हैं ना बोलो क्या दिक्कत है "

नीलू ने अपने होठों पर मुस्कुराहट के साथ अपनी आंखें गीली कर ली थी |

नीलू बोली "पापा क्या बात है आज आप विचलित दिखाई दे रहे हैं शायद आज आप कुछ भूल भी गए हैं "

अब ओमकार जी ने अपना आंखों से चश्मा हटाया और टेबल पर रखते हुए अपने दोनों हाथों से अपनी आंखों को मरते हुए बोले "बेटा शायद मैं कुछ भुलातो नहीं हूं , हो सकता है उम्र बढ़ती जा रही है इस वजह से कोई चूक हो गई हो "

नीलू बोली "पापा जी बात तो कुछ और ही है आज आप कुछ परेशान भी दिख रहे हैं मैंने आज पहली बार न जाने कितने दिनों बाद आपको बिना टहले हुए टेंशन में अपने कमरे में अंदर आते हुए देखा है "

ओमकार जी घूम कर  खड़े हो गए और अपनी आंखें मलते हुए बोले "नहीं नीलू बेटा ऐसी तो कोई बात नहीं है आज मैं थोड़ा टायर्ड फील कर रहा हूं इस वजह से बाहर रोड पर टहलने जाने का मन नहीं किया , इसीलिए मैंने सोचा थोड़ी देर बैठ कर आज बुक रीडिंग करूंगा "


नीलू कुछ देर तक यूं ही शांत खड़ी रही फिर अपने पापा को कुर्सी पर बैठने को बोली "ओमकार जी ने एक बार नीलू की तरफ देखा और कुर्सी पर बैठ गए " 

नीलू ने मां की ड्रेसिंग टेबल में रखें हेड मसाज वाले ऑयल को निकाला और अपने हाथों पर डालकर अपने पापा की हेड मसाज करने लगी , ओमकार जी भी सुकून भरी सांस लेते हुए आंखें बंद करके बैठ गए कुछ देर सिर की मालिश करने के बाद नीलू ने पूछा " पापा क्या उन लोगों ने दहेज की मांग की है "

ओमकार जी  ने अपनी आंखें खोली और  नीलू की ओर मुड़ कर देखने लगे ,नीलू ने एक बार फिर से अपना सवाल दोहराया |

ओमकार जी ने कहा "नहीं बेटा ऐसी तो कोई बात नहीं है, आपको किसने कहा "

नीलू ने मसाज जारी रखते हुए कहा " पापा मुझसे कहा किसी ने नहीं कहा है लेकिन आपकी चिंता को देखकर मुझे प्रतीत हुआ शायद कहीं ऐसा तो नहीं है "


ओमकार जी ने एक लंबी सांस ली और बोले "बेटा आप निश्चिंत रहो आप अपनी शादी और शादी वाले माहौल को इंजॉय करो, सिर दर्दी और टेंशन का काम बच्चों का नहीं होता यह हमारे ऊपर छोड़ दो , हम सब कुछ संभाल लेंगे" ,


पिता और बेटी की बातें चल ही रही थी कि तभी रजनी जी कमरे में प्रवेश कर जाती हैं, नीलू को कमरे में देखकर रजनी जी को भी आश्चर्य हुआ क्योंकि अमूमन शाम के समय कभी भी नीलू उनके कमरे में नहीं आया करती थी खासकर जब से वह समझदार हुई थी |


रजनी जी ने ओमकार जी और नीलू की ओर देखते हुए पूछा क्या हुआ "कुछ जरूरी चल रहा है क्या ?"

ओमकार जी ने कहा "नहीं क्या कुछ जरूरी हो तभी बाप और बेटा आपस में बात कर सकते हैं ?,क्या नॉर्मल  बात नहीं कर सकते" 


रजनी ओमकार जी की मनोदशा को भलीभांति समझ रही थी इसलिए उन्होंने आगे कुछ जवाब देना ठीक नहीं समझा , बिस्तर के सिरहाने जाकर बैठ गई और कुछ देर तक यूं ही नीलू और जी को निहारती रही....


कार्तिक भी अपने पापा के साथ उनका काम करवा कर फ्री हो चुका था उसने अब नीलू को कॉल किया ,, 

नीलू अपने मां और पापा के साथ उनके कमरे में थी और उसका फोन अपने कमरे में था |


एक दो बार ट्राई करने पर जब नीलू की ओर से कोई रिस्पांस नहीं आया तो कार्तिक को लगा की हो सकता है आज उसकी तबीयत कुछ गड़बड़ होगी इसीलिए जल्दी सो गई होगी , लेकिन कार्तिक नीलू का हाल जाने बिना सो नहीं पा रहा था वह बार-बार कॉल और मैसेज ट्राई कर रहा था जब नीलू , अपने मम्मी पापा के रूम से निकलकर अपने रूम में पहुंची तो उसने देखा कि उसके फोन की बैटरी लगभग डेड हो चुकी है और साथ ही उसने यह भी देखा कि कार्तिक के अभी भी लगातार मैसेज और कॉल आए जा रहे हैं.... 


उसने अपना फ़ोन चार्जिंग में लगते हुए कार्तिक को एक मेसेज किया " अभी मैं पापा के पास थी , और मेरा फ़ोन डिस्चार्ज हो चुका है, मैं थोड़ी देर में आपको कॉल करुँगी ... आप जागते रहना "

नीलू का मेसेज पढ़ कर कार्तिक को पहले तो गुस्सा आया और सोचने लगा .. इतनी देर बाद एक रिप्लाई आया है बो भी थोड़ी देर में बात करने का .. अरे ये भी कोई बहाना होता है ... ये तो हद हो गयी ... मेडम अब कुछ ज्यादा ही भाव खाती जा रही है ,, शादी के दिन क्या नजदीक आने लगे है ... इन्होने तो सोच लिया है की तंग करना है ?


थोड़ी देर का इंतजार करते करते न जाने कब कार्तिक सो गया ... उसे खुद न पता चला ... आज उसका खुद का फ़ोन साइलेंट था इसलिए उसे नीलू के मेसेज और कॉल की रिंग सुनाई ही नहीं दी ... जिसकी बजह से नीलू का गुस्सा बढ़ रहा था ... जब बोलै था की थोड़ी देर में कॉल करेंगे तो इतनी जल्दी सोने की क्या जरूरत थी .. या तो जानबूझ कर ये ड्रामा कर रहा है ... ठीक है हम भी नहीं करेंगे कल से बात अब .. डायरेक्ट सुहागरात बाली रात को ही करेंगे हम भी बात ... बस हमने भी ठान लिया है ||


हो गयी न बिना बात की तकरार ... जबकि गलती किसी की नहीं है ... अरे भाई इंसान है नींद तो आ ही जाती है न ... ?? बेचारा कार्तिक कैसे बिना बात किये रह पायेगा वो भी सुहागरात तक ... ?? 

वैसे अब रह तो नीलू भी नहीं पायेगी ... क्युकी उसे अब कार्तिक से प्यार जो हो गया है ... ये गुस्सा उसके प्यार का ही तो प्रतिबिम्ब है जो फुट कर उसके दिल से नहीं बल्कि दिमाग से निकल रहा है ... खैर छोड़िये आप लोग कहानी में आगे क्या होने बाला है इमैजिन कीजिये और एन्जॉय कीजिए ,,,,,

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