google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 198

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 198

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 198

आज सैटरडे का दिन था लेकिन कार्तिक के दिमाग में था की आज रविबार है ,,, इसलिए वो आज जल्दी उठने के मूड में नहीं था ... राजेश जी नीचे बैठे कार्तिक का इंतजार कर रहे थे की कब वो उठ के आएगा तो आज उससे कुछ जरुरी बाते कर ली जाये .. पूरे दिन तो वो बिजी रहता है ...


राजेश जी " अरे सुनो न ,, ये कार्तिक को आज क्या हुआ ... अभी तक उठा क्यों नहीं है "

शीला जी " अरे चुप करो आप भी न ,, नया लड़का है , शादी होने बाली है , और वैसे भी आज के ज़माने के बच्चे तो सारी सारी रात बातें करते है "

राजेश जी मुस्कराते हुए बोले " तो क्या अपना कार्तिक भी "

शीला जी " अरे वाह बाप कुछ भी कर सकता है .. लेकिन बेटा कुछ न करे , खुद का ध्यान कर लो .. std बूथ पर जा जा कर घंटो मेरे से बात करते रहते थे चाहे बूथ के बाहर लम्बी लाइन क्यों न लग जाये कोई फर्क नहीं था जनाब को "

राजेश " अरे अब क्यों पुराने घावों को कुरेद रही हो ? , जब भी वो दिन याद आ जाते है .. बस उन्ही लम्हो में बापस चले जाने का मन करता है "


राजेश जी ने रोमांचित होते हुए अपने शब्द व्यान किये थे लेकिन शीला जी के लिए थोड़ा सा कठोर साबित हो रहे थे ,,,

शीला जी ने आंखे बड़ी बड़ी की और बोली " अच्छा मेरे से बात करना तुम्हारे लिए घाव जैसे पीड़ा देने बाला था तो क्यों करते थे बात , मैं तो नहीं कहती थी की तुम मेरी आंटी के घर पर कॉल करो .. मुझे घर से घंटो गायब रहना पड़ता था .. माँ से न जाने क्या क्या बहाना बनाया करती थी "


" अरे भाग्यबान तुम्हारे लिए तो हर बात उलटे बांस बरेली को बाली कहाबत साबित हो जाती है , मेरे कहने का मतलब तुम समझी ही नहीं .. सुबह सुबह मूड ख़राब कर दिया ... क्या रोमांटिक मूड बन रहा था '


शीला जी " तुम्हारा रोमांटिक मूड गया तेल लेने .. आज मेरे गहनों और मेरे लिए सदियों के खरीदने के लिए मेरे हाथ में पैसे देदो .. बरना "

राजेश जी हाथ मलते हुए बोले ' बरना क्या ?"

शीला जी " बरना आज रात को सब पता चल जायेगा "

राजेश जी हसने लगे और बोले " बूढी घोड़ी लाल लगाम , अभी भी तुम अपने आप को जवान मानती हो क्या ?"

शीला जी को राजेश जी की बात चुभ गयी और बोली " ओह्ह जी पके हुए चावल होंगे आप , मैं तो आज भी उतनी ही खूबसरत और जवान हूँ जितनी की आज से 25  साल पहले , वो मैं अपनी हदे और मर्यादा जानती हूँ बरना गली कितने ही बूढ़े मेरे पर अपनी जान कुर्बान करदे "


राजेश जी बोले " पता है मेरी घायल शेरनी अब अपने जज्बातों पर काबू रखो और जा कर अपने लादले बेटे को जगा दो .. बरना ऑफिस के लिए लेट हो जायेगा फिर कुछ खाये बिना ही घर से चला जायेगा 

शीला जी राजेश जी की ओर तिरछी नजरो से मुँह टेड़ा कर के घूर कर चिड़ाते हुए कमरे से चली गयी ||


राजेश जी अकेले में बैठे बैठे शीला जी की इस बचकानी हरकत पर हस्ते रहे और सोचते रहे कितनी चुलबुली लगती हो तुम जब ऐसे इस अंदाज में हरकते करती हो .. भले ही अब बुढ़ापा तुम्हारे सर पर जरूर सबार होने बाला है लेकिन अभी भी जवान होने का एहसास तुम्हे बूढ़ा नहीं होने दे रहा है .. और मैं भी तो यही चाहता हूँ मेरी ये आंखे तुम्हे यु ही हमेशा जवान ,खूबसरत और मेरे रोम रोम में तुम्हारे प्रति जोश भर देने बाले हुस्न को ही निहारा चाहती है | तुम यू ही अपने ख्वाबो और दृढ इच्छा शक्ति में जवान बनी रहो .. यही मेरी कामना और लालच है ||


शीला जी अब कार्तिक के कमरे में पहुंची तो देखा कार्तिक अभी भी अपना रूम लॉक किये हुआ सो रहा है \

शील जी ने रोशनदान से झांकते हुए अबाज की .... बेटा कार्तिक उठ जाओ .. आज काम पर नहीं जाना क्या ?

दो तीन अबाजे खा लेने के बाद कार्तिक को फील हुआ की उसे कोई अबाज दे रहा है ... वो झट से उठ के बैठ गया ...


शीला जी ने कहा " बेटा क्या हुआ जल्दी से गेट खोलो "

कार्तिक कुछ अच्छे बाले रोमांटिक सपने देख रहा था .. इसलिए बो खड़े होने की स्थिति में नहीं था , उसने कहा " माँ आप चलो मैं अभी आता हूँ "

शीला जी ने थोड़ी देर कुछ सोचा और फिर मुस्कराती हुयी नीचे अपने कमरे में चली गयी ||


कार्तिक थोड़ी देर यू ही बैठा रहा , उसने अपना फ़ोन उठाया और सोचने लगा मेरे कॉल करने के बाबजूद नीलू ने कॉल क्यों नहीं किया ??

जब उसने फ़ोन देखा तो उसमे नीलू के बहुत से कॉल थे और मेसज भी थे ...

एक मेसेज था " तो ठीक है अब से हम बात ही नहीं करेंगे ,, अब हम मिलते है सीधा सुहागरात की सेज पर "

पहले तो कार्तिक को सुहागरात शब्द पढ़ कर ख़ुशी हुई लेकिन जब मेसेज का अर्थ समझ में आया तो उसके माथे पर सिकन के भाव आ गए ... उसने सोचा " यार ये लड़की क्या है , बिना किसी गलती के ही दण्डित कर देती है , ये मुझे किस पाप के लिए , पनिशमेंट दे रही है ' 

फिर कार्तिक अपनी मेमोरी के फ्लैशबैक में जाता है और ठीक से याद करने की कोशिश करता है की कही जाने अनजाने में उससे कोई भूल तो नहीं हो गयी जिससे क्षुब्द हो कर मेरी प्रियतमा मुझे पीड़ा दे रही है ||


फिर उसे याद आता है की नीलू ने रात्रि को थोड़ी देर बाद बार्तालाप के लिए हमे प्रेरित किया था लेकिन हम थे हारे थके हुए विश्राम करने की लालसा ले कर हमने अपने नेत्र क्या मूंदे ,,, हमे निद्रा की देवी ने ही अपनी आगोश में ले लिया और हम सीधा अब चेतन अबस्था में आ रहे है .. तो इसका सीधा सीधा तात्यपर्य है की देवी नीलू अब हमसे कुछ दिनों तक बिमुख रहेगी और हमे प्रेम पीड़ा देने के उद्देश्य से हर एक बो कदम उठाएगी की हमे हर क्षण अपने द्वारा किये हुए पाप का स्मरण होता रहे ....


अरे हट चल पगले ... बोला था न ज्यादा महाभारत के एपिसोड न देखा कर हो गया न असर ... अब कुछ मन में सोचने पर भी शुद्ध हिंदी के शब्द आने लगे है ... 

कार्तिक अब खुद से ही क्षुब्द होने लगा था ... और उसने कॉल लगा दिया ||


अब ये तो कार्तिक की होने बाली अर्धांगिनी के मनोदशा पर निर्भर करेगा की वो अब कार्तिक के साथ बार्तालाप आगे भी जारी रखेगी या नहीं , या फिर विवाह के पश्चात् रीती रिबाजो के अनुशार ही अब कार्तिक के साथ संबंध को प्रगाढ़ करने हेतु आबस्यक और ठोस कदम उठाएगी ||

तब तक आप आज महाभारत और रामायण से प्रेरित शब्दों का आनंद उठाइये और कहानी में आगे क्या होगा इमैजिन कर कमेंट में भी बता सकते है ... उम्मीद है अब आप कहानी को और भी ज्यादा रोमांचित हो कर श्रृंगार रस की अनुभूति के साथ फील करके पढ़ेंगे ...

कमेंट करते रहिये 

Reactions

Post a Comment

0 Comments