Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 202
दुवारा दरबाजा खटखटाने की आबाज से नीलू डर गयी उसके मुँह चीख निकलने ही बाली थी की कार्तिक ने उसके होठो को अपने होठो से दवा दिया और उसका चीख उसके गले में ही दब के रह गयी ...
कार्तिक नीलू के होठो का रश पान करने लगा था , नीलू की आंखे डर से फटी जा रही थी , कोई दरबाजे पर उसे बुला रहा था और कार्तिक उसे किश कर रहा था |
नीलू के लिए तो ये स्थिति बड़ी ही गंभीर समस्या बाली थी , उसने किसी तरह कार्तिक को धक्का दे कर अपने आप से अलग किया और कार्तिक को कमरे में लगी पर्दा के पीछे छिपने के लिए कहा |
कार्तिक जल्दी से परदे के पीछे जा कर खड़ा हो गया |
नीलू ने अपने नेत्र बंद किये और अपने आराध्य देव को याद करते हुए गेट खोलने गयी .. उसने गेट ओपन किया तो गेट पर प्रिया खड़ी मुस्करा रही थी |
नीलू ने अपने बाल सही करते हुए पूछा " क्या हुआ प्रिया ? , ऐसे क्यों खड़ी हो ?"
प्रिया ने कहा " तो कैसे खड़ा हुआ जाता है ?"
नीलू " मतलब कुछ तो बोल , बस खड़ी मुस्कराती ही रहेगी ?"
प्रिया " मम्मी बुला रही है , तुम्हे "
नीलू घबराते हुए " क्यों , मैंने क्या किया ?"
प्रिया " ये तो तू मम्मी से जा कर ही पूछ "
नीलू " तूने कुछ कहा है क्या मेरे बारे में "
प्रिया " हम क्यों कुछ कहेगे , हमे तो पता भी नहीं है कुछ तुम्हारे बारे में "
नीलू " तो फिर माँ क्यों बुला रही है ?"
प्रिया " अरे दीदू आप भी न , वो किचन में है इसलिए बुला रही है , बर्तन धुलबाने है उन्हें तुमसे , जाओ जल्दी "
नीलू " प्रिया , प्लीज तू चली जा न आज , मुझे कुछ काम है "
प्रिया बोली " नो दीदू ये तो चीटिंग है , आज तुम्हरी बारी है कल मेने धोये थे सारे बर्तन , और ये रूल आपका ही है , आप ही ब्रेक कर रही हो "
नीलू " मैं ब्रेक नहीं कर रही हूँ , मैं लगातार दो दिन धो लुंगी , तू आज मेरी हेल्प करदे "
नीलू को गिड़गिड़ाते हुए देख प्रिया बोली " क्यों आप कहाँ इतनी बिजी हो जो गिड़गिड़ा रही हो ?"
नीलू " मैं ... तू समझ कुछ बहुत ही जरुरी काम कर रही हूँ "
चलो ठीक है मैं जाती हूँ , लेकिन वो जरुरी काम के बारे में बता दो मैं चली जाऊगी
नीलू " यार मैं तेरे जीजा को मना रही हूँ , रूठ गया है "
प्रिया " तो क्या हुआ , दस दिन बाद वो खुद ही तुम्हे मनाएंगे , क्युकी उन्हें ही जरूरत पड़ने बाली है "
नीलू ने अपने फेस का रंग बदलते हुए पूछा " मतलब "
प्रिया " दी मतलब आप सब समझते हो , ठीक है माना लो , कर देती हूँ तुम्हारी हेल्प "
नीलू ने कहा " थैंक यू मेरी प्यारी बहन "
अब नीलू ने फिर से दरवाजा बंद कर लिया और कार्तिक को परदे के पीछे से निकल कर आने को कह दिया |
कार्तिक अब बहार आ गया .. और बोला " मैं अब जा रहा हूँ , तुम्हारे घर बाले कही मुझे पकड़ के पीट पाट न दे " नीलू ने मुस्कराते हुए कहा " ये तो तुम्हे आने से पहले ही सोचना चाहिए , अब तो कुछ नहीं हो सकता , पकड़े गए तो दोनों ही पिटेंगे "
कार्तिक ने कहा " इसीलिए तो जा रहा हूँ "
नीलू " अच्छा , बिना बदला दिए ही कैसे जा सकते हो ?"
कार्तिक ने पूछा " कोनसा बदला ?"
नीलू " भूल गए पांच मिंट पहले ही तुमने मुझे बिना बताये किश कैसे कर लिया "
कार्तिक " ओह्ह मैंने किश नहीं किया था वो तो तुम चील्लाने बाली थी इसलिए मैंने तुम्हारे होठो को बंद किया था "
नीलू ने कहा " वाह बच्चू , हमे शिखा रहे हो , होठो हाथ से भी तो बंद किये जा सकते थे "
कार्तिक " अरे यार , ऐसे में सोचा थोड़े जाता है , जो चीज पहले मिल जाये उसी से हो जाता है "
नीलू ने कहा " अच्छा , तुम्हे न बाते , बनाना बहुत आता है "
कार्तिक " नहीं , मैं बाते नहीं बना रहा हूँ , "
नीलू " सुनो तुम्हे भूख रही होगी है न ?"
कार्तिक " हाँ मैं जा रहा हूँ , अभी घर से फ़ोन आने बाला होगा "
नीलू ने कहा " तो तुमने घर पर कुछ नहीं बताया है क्या "
कार्तिक " नहीं "
नीलू " क्या तुम सच में जा रहे हो , आज नहीं रुकोगे मेरे साथ रात को ?"
कार्तिक ने कहा " नहीं आज नहीं , घर पर नहीं बताया न "
नीलू के फेस की रौनक एक दम गायब सी हो गयी , वो मायुश हो गयी ...
कार्तिक " हे तुम्हे क्या हुआ , तुम्हारा फेस पॉपकॉन क्यों बन गया है "
नीलू ने कार्तिक की और घूर कर देखते हुए कहा " तुम न उम्मीदें मत जगाया करो , "
कार्तिक " उम्मीदें , मतलब मैं कुछ समझा नहीं "
नीलू " हाँ प्रॉब्लम तो यही है की तुम कुछ अभी तक समझते ही कहाँ हो ?"
कार्तिक ने नीलू को पकड़ा और अपने सीने से लगाते हुए कहा " डार्लिंग ऐसे न बोला करो कि मैं समझता नहीं हूँ , अगर ऐसा होता तो मैं अभी तुम्हारे पास नहीं बल्कि मेरे घर पर होता "
नीलू ने गुस्साते हुए हलके से कार्तिक के सीने पर लव बाइट देते हुए कहा " हाँ नहीं समझते हो "
कार्तिक ने कहा " आउच , मेरे लग रही है , तुम ये क्या बचपना कर रहे हो ... "
नीलू " मेरा न काटने का मन कर रहा है "
कार्तिक ने अपनी पैंट की पॉकेक्ट में हाथ डाला और एक चॉकलेट निकल कर उसकी और करते हुए बोला " लो इस पर जी चाहे जीतें बाईट कर , कोई प्रॉब्लम नहीं है "
नीलू ने किसी बच्चे की तरह खुश होते हुए वो चॉकलेट लेली और बोली " ये किसके लिए छुपा के ले जा रहे थे "
कार्तिक ने कहा " ये तो तुम्हारे लिए ही है "
नीलू " अच्छा तो पहले क्यों नहीं दी "
कार्तिक " मौका ही नहीं लगा पाया कोई न कोई आ ही जाता है तुम्हारे यहाँ "
नीलू " अच्छा , अब कोई नहीं आएगा , "
कार्तिक ने घडी में देखा और बोला " यार टाइम हो रहा है , जाने दो "
नीलू " नहीं रुक सकते क्या ?"
कार्तिक ने चुपचाप नीलू की और देखा और बोला " ठीक नहीं है अब "
नीलू " क्या "
कार्तिक " मेरा यु छुप कर रुकना "
नीलू " मुझे ढेर सारी बाते करनी है "
कार्तिक ने कहा " फ़ोन पर कर लेना नाईट में "
नीलू ने कहा " मुझे तुम्हारे सीने से लग कर बाते करनी है "
कार्तिक ने मुस्कराते हुए कहा " बहुत जल्द अब वो दिन भी आने बाला है "
नीलू " मुझे आज ही करनी है "
कार्तिक मुस्करा कर " मुझे मजबूर मत करो , कही ऐसा न हो आज ही सुहागरात मन जाये "
नीलू ने कार्तिक की आँखों में देख कर कहा " उसके लिए आपके अंदर हिम्मत के साथ साथ ....."
कार्तिक " हिम्मत के साथ क्या ?"
नीलू " कुछ नहीं रहने ही दो "
कार्तिक " नहीं बोलो "
नीलू " हिम्मत के साथ और भी हिम्मत चाहिए होती है "
कार्तिक " और बो मेरे अंदर है "
नीलू " कहाँ है दिखती नहीं है "
कार्तिक " टाइम आने दो वो भी दिख जाएगी "
नीलू " ठीक है हमे इंतजार है "
कार्तिक मुस्कराने लगा ......
अब आगे क्या होने बाला है , सही अनुमान लगाने बाले को कुछ खास इनाम दिया जायेगा ... तो कमेंट सेक्शन या फिर डायरेक्ट इनबॉक्स में आ कर मेसेज कर सकते है .. देखते है कितने लोग सही अंदाज़ा लगा सकते है ...
बाकि कहानी को इंजॉय करते रहिये .. और पढ़ते रहिये ... कल फिर मिलते है इसके आगे के अध्याय के साथ ..
तब तक के लिए नमस्कार
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