google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 201

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 201

 


Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 201


नीलू और कार्तिक एक साथ एक दूसरे के सामने खड़े एक दूसरे को देख रहे थे , नीलू एक दम शॉक्ड और आश्चर्यचकित थी , उसे अपनी आँखों पर भरोषा नहीं हो रहा था की कार्तिक ने ये कदम उठा लिया है और बो उसे मिलने बिना बताये उसके कमरे की खिड़की से अंदर आ चुका है |


तभी कमरे का गेट ओपन करने की अबाज सुन कर नीलू के होश ही उड़ चुके थे , उसे डर था की कही पापा ने कार्तिक को अंदर आते हुए तो नहीं देख लिया ? अगर ऐसा हुआ तो उसका जीतेजी मरजाना हो जायेगा .. ??

ओमकार जी " नीलू ... नीलू गेट ओपन करों ... जल्दी करो ..."

नीलू ने ये अबाज पहली बार सुनी थी , इससे पहले उसके पापा हमेशा नार्मल वॉइस में ही बात किया करते थे आज उनकी अबाज में तीब्रता थी ... नीलू को कुछ भी सूझ नहीं रहा था ..

वो कुछ बोलने बाली थी की कार्तिक ने उसका मुँह पर हाँथ रख दिया ... और उसे पकड़ के जल्दी से रूम से अटैच्ड बाथरूम में ले गया ,,, और नीलू आगे कुछ कहती या फिर समझ पाती उससे पहले ही शावर ऑन कर दिया और नीलू से बोला " की अब बोलो पापा से मैं बाथरूम  में हूँ शावर ले रही हूँ "


शॉक्ड नीलू कार्तिक के फेस की ओर देखती रही और बोली " जी ... जी पापाजी मैं वाशरूम में हूँ , शावर ले रही हूँ , क्या हुआ ? " 

ओमकार जी " ओह्हो ... वो मेरा चस्मा तुम्हारे कमरे में है और मुझे फोन पर कुछ पढ़ के बताना था ,... वो कॉल पर है ..."


नीलू तेज अबाज में कहा " नहीं पापा आपका चस्मा तो प्रिया बाले रूम में है न .. कल रात को हम लोग जब लूडो खेल रहे थे तब अपने वही पर रखा था ..."


" ओके ... सॉरी ... मैं वही से ले लेता हूँ " ओमकार जी प्रिया बाले रूम में चले गए ...

अब नीलू थोड़ा रिलेक्स हुई और अपने दोनों हाथो की मुठियाँ बनायीं और कार्तिक एक सीने पर मारते हुई बोली " मेरी जान ही लेके रहोगे , मैं तो मर ही जाती .. अगर पापा अंदर आ जाते तो "

कार्तिक ने नीलू की ओर देखा और मुस्कराने लगा और फिर बोला " जान तो तुमने निकल दी थी मेरी , मेरे कॉल और मेसेज का रिप्लाई न करके ... मुझसे रहा ही नहीं गया .. मुझे लगा की न जाने क्या ही बात हो गयी जो तुम कॉल का जबाब नहीं दे रही हो ?"


नीलू मुस्कराने लगी और बोली " अच्छा मेरे कॉल न उठाने से तुम्हे इतनी बेचैनी हो गयी की तुम मेरे घर तक खींचे चले आये .. इतना प्यार है तुम्हे मेरे से ?"

कार्तिक अब नीलू को अपनी बाहो में लेके उसके आँखों में देखने लगा और बोला " क्या तुम्हे मेरी आँखों में वो तलब नहीं दिख रही ?"


नीलू ने कहा " क्या हर वो चीज जो दिखती है उसका बास्तविक मूल भी वही होता है , कुछ ओर भी तो हो सकती है "

कार्तिक ने पूछा " तात्यपर्य , क्या कहना चाहती हो ?"

नीलू " वो हबस भी तो हो सकती है ?"

कार्तिक " शायद आप हबस और चाहत में अंतर नहीं जानती हो ?"

नीलू अभी भी कार्तिक की आँखों में देख रही थी .....

कार्तिक ने कहा " हबस होती तो अभी तक तुम्हारे इस गीले बदन पर ये गीले कपडे नहीं होते "

नीलू ने अपने शरीर की ओर एक नजर देखते हुए पूछा " तो क्या होता ?"

कार्तिक ने कहा " तुम मेरे साथ बिस्तर में होती "

नीलू जोर से हँसाने लगी और बोली " अब ये शावर बंद कर दो ... पर्याप्त पानी बहा चुके हो आप "


अब नीलू टौबल ले कर अपने बाल सूखते हुए बहार आ गयी थी .. और उसके पीछे कार्तिक भी आ गया था ...

कार्तिक को नीलू ने बैठने को कहा .. कार्तिक बैठ गया ... नीलू अब कार्तिक को घूर कर देख रही थी ...

कार्तिक ने इशारे से पूछा "क्या हुआ ? " 

नीलू ने कहा " तुम बड़े ढीट इंसान हो , तुम्हे पता भी है तुम कितने बड़े रिस्क पर यहाँ आये हो , अगर पापा मम्मी को पता चल गया की तुम यहां हो तो न जाने क्या ही हो जायेगा "

कार्तिक ने कहा " क्यों ऐसा क्या हो जायेगा , कोनसा हम कोई गलत काम कर रहे है ?"

नीलू ने कार्तिक की ओर घूर कर देखते हुए कहा " अब कमरे से बहार बाले को क्या पता तुम अंदर पूजा की थाली लिए हुए आरती उतार रहे हो या फिर कपडे ?"

कार्तिक नीलू की बात सुन कर शॉक्ड रह गया और बोला " ऐसे कैसे कोई कुछ भी सोच सकता है ?"

नीलू " किसी की भी कल्पना पर आपका अधिकार तो नहीं है न , इसलिए "

कार्तिक " तो ठीक है मैं चला जाता हूँ , लेकिन एक बात का जबाब देदो ..."

नीलू कार्तिक की ओर देखने लगी ....

कार्तिक " तुम ने मेरे इतने मेसेज और कॉल का रिप्लाई क्यों नहीं किया "

नीलू ने कार्तिक के बिलकुल पास आ कर उसके कानो के पास अपने होठ ले जा कर बोली " मैं देखना चाहती थी की आपके अंदर कितना धैर्य है , और कितनी तड़प है ?"

नीलू की बात सुन कर जैसे ही कार्तिक ने मुड़ कर नीलू की ओर देखा तो अब दोनों की होठ बिलकुल एक दूसरे से सटे हुए थे .. नीलू ने अब अपने नेत्र बंद कर लिए थे |

कार्तिक ने अपने कामदेव को कण्ट्रोल किया और बोला " तो देख लिया मेरा धैर्य और मेरी तड़प "

नीलू कार्तिक की आँखों में खुद को डूबते हुए देख रही थी , और बोली " हाँ देख लिया ... लेकिन ..."

कार्तिक " क्या लेकिन ?"

नीलू " कुछ नहीं "

कार्तिक " नहीं बताइये "

नीलू " अब क्या ही बोले , आप इतनी दूर से छोटी सी खिड़की से आये है , फिर भी आप नहीं समझते है "

कार्तिक असमंजस में बैठा सोचने लगा की नीलू का इशारा किस ओर है ?

कार्तिक ने कहा " यार तुम जो भी कहना चाहती हो तो खुल कर बोलो "

नीलू ने कहा " रहने दीजिये साहब , हर बात बोलने की नहीं होती है , कुछ समझने की भी होती है "

कार्तिक ने कहा " मुझे समझना ही पड़ेगा , मेरी समझ में कम आता है "

नीलू ने कहा " ठीक है , वो भी हम ही कर लेंगे .. अच्छा बताओ अभी क्या लेना है तुम्हे ... "

कार्तिक ने कहा " वैसे अभी क्या दे सकती हो तुम "

नीलू " आप फरमाइए आपको क्या चाहिए ?"

कार्तिक " ऑप्शन तो दीजिये मेम साब "

नीलू  कार्तिक के पास बिलकुल सत कर बैठ गयी और बोली " वैसे आपका इंटरेस्ट किस तरफ है "

कार्तिक ने नीलू को अपने करीब आते देख कुछ समझ नहीं आया .. वो शांत बैठ गया 

नीलू कार्तिक के बिलकुल करीब आ कर बैठ ही पायी थी की उसका रूम का गेट फिर से किसी ने नोक किया ..


नीलू ..... नीलू ...

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