Story In Hindi to Read - Anpadh hi achche hai | अनपढ़ ही अच्छे है | Hindi kahaniya
Hindi Story to read |
कनक आज सुबह से ही बहुत उदास और परेशान थी , माँ के बार बार पूछने पर भी उसने कुछ नहीं बताया !! वो अपने कमरे में सुबह से ही घुसी हुई थी , आज उसने अपना फ़ोन भी बहुत ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया था |
दोपहर का समय था .. घर में लंच की तयारी चल ही रही थी , सुशीला खाना टेबल पर लगा ही रही थी .. की उसके घर की डोरबेल बजती है ... " प्रेम जरा देखना कौन है दरबाजे पर !! मेरे हाथ में खाना है " सुशीला ने अपने बेटे से कहा .. " रुक प्रेम मैं देखता हूँ " कहते हुए राकेश दरबाजे की ओर बढे ...
" अरे ... प्रेमा जी आप .. आइये आइये अंदर आइये ... " मुस्कराते हुए राकेश ने हाथ जोड़े और झुक कर प्रेमा को अंदर आने को कहा ही था की उनके पीछे सुशीला आ चुकी थी .. " अरे प्रेमा बहन .. आप .. सब ठीक तो है .. आइये आप बिलकुल सही टाइम पर आई है .. , बस खाना लगा ही रही थी डाइनिंग टेबल पर " सुशीला ने प्यारी सी स्माइल देते हुए कहा !!
" हाँ वो सब तो ठीक है सुशीला .. मैं यहाँ कोई खाना खाने थोड़े न आई हूँ ... " अंदर आते हुए प्रेमा ने थोड़ा सा जोश दिखाते हुए कहा | " क्या हुआ बहन जी .. आप तो नाराज हो रही है .. कोई बात हुई क्या ?? " राकेश जी ने प्रश्नसूचक निगाहो से देखते हुए प्रेमा से पूछा ??
प्रेमा ने उनके प्रश्नो का उत्तर न देते हुए कहा " कनक कहाँ है ?? " .. " जी बो अपने कमरे है .. अभी बुलाये देती हूँ , पर क्या उसने कुछ किया है ?? " सुशीला ने फिर से वही प्रश्न किया || कनक का जिक्र चल ही रहा था तब तक वो भी अपने कमरे से निकल बाहर डाइनिंग हाल में आ जाती है |
" नमस्ते आंटी जी ..." कनक ने अपने सर पर चुन्नी करते हुए प्रेमा को विश किया !!
" नमस्ते .. तो ठीक है .. कनक ..पर ये बताओ तुम कल से सूरज से बात क्यों नहीं कर रही हो और अपना फ़ोन क्यों बंद करके बैठी हो " प्रेमा ने कड़क तेवर में कहा ...
अब घर के सारे सदस्य सहित प्रेमा भी कनक को ही देख रहे थे !! " देखो सूरज बहुत ही इमोशनल और हठीले स्वभाव का लड़का है , अगर तुम दोनों के बीच कुछ हुआ है तो तुम अपनी ओर से सॉरी बोल के रफा दफा कर दो ..., मैंने तुम दोनों की सगाई के बाद शादी में चार हफ्तों का टाइम इसीलिए रखा है ताकि तुम दोनों आपस में बाते कर सको एक दूसरे को जान सको .. इसलिए नहीं की रोज रोज मुँह फुला के गुस्सा करके बैठ जाओ .. "
" कनक क्या हुआ है , और प्रेमा आंटी सही तो कह रही है ... अरे छोटे मोटे झगड़े तो अक्सर होते ही रहते है कपल्स में .. अब हमें ही देख लो शादी के इतने दिनों बाद भी तेरी माँ मेरे से रोज झगड़ा कर ही लेती है ... फिर भी मुझे सॉरी बोल मामला रफा दफा करना ही पड़ता है " राकेश ने कनक से जोली अंदाज़ में स्माइल के साथ कहा |
" आप तो रहने ही दो , बच्चो को ऐसे टाइम पर भी न ये ही example देना .. बेटा कनक अगर कुछ है तो हमें बताओ .. कल को आपकी शादी सूरज से ही होनी है .. इतना अच्छा लड़का हमें फिर नहीं मिलेगा .. प्रेमा दीदी सही कह रही है " सुशीला ने भी कनक को समझाने की कोशिश की |
" कनक हम तो अपनी दोनों फेमिली के भले के लिए कह रहे है , शादी के invitation card तक बट चुके है , सारे रिलेटिव्स को पता चल चुका है , अब अगर कुछ होता है तो क्या कह के उन्हें मना करेंगे , ये हमारी दोनों फेमिली की नाक का सवाल है ?? , और अब प्रेमा ने सुशीला की ओर देखा " सुशीला मैंने तुम्हारी बात पर भरोषा करके अपनी दोस्ती को रिस्तेदारी में बदलने की कोशिश की , लेकिन ये कनक तो कल से सूरज को नाराज करके बैठी है , वो कह रहा है , माँ तुमने न जाने कैसी अनपढ़ टाइप की लड़की ढूंढी है मेरे लिए , अब तू तो जानती है सुशीला मेरा सूरज बाहर पढ़ा लिखा है .. और ऊपर से थोड़ा हठीला है , अगर उसने एक बार मना कर दिया तो फिर अपने बापू की भी नहीं सुनेगा, अब तू देख ले , इसे उसे सॉरी बोल के मनाना तो पड़ेगा ||
अब कनक कुछ बोलती उससे फाई ही वहां पर बैठी कनक की छोटी बहन डॉली बोल पड़ी " दीदी क्यों सॉरी बोलेगी , जब उनकी कोई गलती ही नहीं है .. सॉरी तो आपको और आपके बेटे सूरज को बोलना चाहिए ?? " डॉली की बात सुनके सब के सब हक्के बक्के और हैरान होने लगे .. " क्यों डॉली .. ये क्या कह रही है तू .. "
" हाँ मैं सही कह रही हूँ .. कल रात को सूरज जी वीडियो कॉल पर दीदी को सारे कपडे उतारने और उनकी न्यूड फोटोज देने की डिमांड कर रहे थे , और जब दी ने ये सब करने से मना कर दिया तो अनपढ़ गवार का ठप्पा लगा के मुँह फुला लिया .. यही पढाई की है क्या उन्होंने बाहर जा कर ? " डॉली ने रॉब झाड़ रही प्रेमा को उल्टा कटघरे में खड़ा किया !!
" नहीं नहीं , ऐसा नहीं है तुम शायद गलत समझ रही हो , वो क्या है की सूरज जरा मॉडर्न टाइप का लड़का है तो बोल दिया होगा .. इसमें कोनसी बड़ी बात है और वैसे भी आज कल तो ये सब नार्मल हो गया है सोशल मीडिया के जमाने में " प्रेमा ने झूठ मुठ की सफाई देकर अपने बच्चे को बचाने की कोशिश की |
अभी तक शांत और माँ के गले लग गयी थी , " आप सही कह रही थी प्रेमा जी .. की ये हमारे दोनों परिबार के लिए इज्जत और नाक का सवाल है , पर अब सोचने बाली बात ये है की नाक किसकी कटी है , आपके परिबार की या हमारे परिबार की .. अगर आपको किसी भले घर की लड़की के न्यूड फोटो मांगना आधुनिकता और नार्मल लगता है तो ये काम आपको मुबारक हो ! ये सब हमसे तो न हो पायेगा " राकेश जी ने अपने दोनों हाथो से अपने आंसू साफ़ किये और फिर प्रेमा के आगे हाथ जोड़ लिए !!
" प्रेमा तू सब कुछ जान कर भी अनजान बनते हुए मेरी बेटी से सॉरी बोलने के लिए यहाँ तक चली आई .. पर कोई बात नहीं मैं तेरे घर पर तेरे बेटे की इस हरकत पर ये भी कहने नहीं आउंगी की तेरा बेटा मेरी बेटी के आगे सॉरी बोले ,क्युकी इतनी संकीर्ण सोच रखने बाले इंसान को मैं अब दुबारा देखना भी पसंद नहीं करुँगी .... अब तुम जा सकती हो ... " प्रेमा अब कुछ बोलने लायक ही नहीं रही थी .. वो अपना सा मुँह लिए चुपचाप वहां से जाने लगती है .. राकेश और सुशीला अपनी बेटी को अब गर्व से सीने से लगाते हुए कहते है .. ऐसा पढ़ा लिखा होने से अनपढ़ गवार होना ही लाख गुना अच्छा है .....
यह भी पढ़े: कैसा रहा 2023 में बॉलीवुड का सफर
यह भी पढ़े: हिंदी सुविचार कहानी - पापा का स्वेटर
यह भी पढ़े :: बॉलीवुड फिल्मों ने कितनी कमाई की
0 Comments