Hindi Kahaniya | Story in Hindi love : romantic story of love - Arrange Marriage Part - 79
अब आगे ....
कार्तिक और नीलू एक साथ ख़ुशी ख़ुशी बापस अपनी शीट पर आ गए , ये देख कर वो दोनों अंकल और आंटी भी खुश हो गए थे | दोनों शीट पर बैठ गए , तभी आंटी जी नीलू के पास आयी और बैठ कर बात करने लगी |
बातो ही बातो में उन्होंने पूछा "अच्छा बेटा आप लोग जा कहाँ रहे हो "
कार्तिक ने उन्हें बताया हम घूमने के लिए निकले है , फ़िलहाल तो शिमला और उसके आप पास के हिल स्टेशन पर घूमेंगे और फिर , decide करेंगे की कहाँ जाना है |
कार्तिक ने अपनी बात ख़तम भी नहीं की थी की नीलू ने कहा "मुझे ताजमहल देखना है "
कार्तिक ने कहा "क्या बोल रही हो , कहाँ शिमला , कहाँ आगरा "
नीलू ने कहा "तो क्या हुआ , ट्रेवलिंग ही तो करना है कर लेंगे "
कार्तिक ने कहा "ठीक है ,पहले जहाँ चल रहे है , वही चलो , फिर देखते है "
आंटी ने कहा "बेटा आपको आगरा भी जाना चाहिए , अगर नीलू का मन है ताजमहल देखने का तो दिखाना चाहिए "
कार्तिक ने कहा "आंटी जी उतना टाइम भी तो होना चाहिए "
अंकल जी कहा "क्या यार , जब घर से आउटिंग के लिए निकले ही हो टाइम तो अब तुम्हारा ही है"
कार्तिक मुस्कराया और बोला "हाँ ये तो है , देखते है पहले इधर घूमेंगे फिर जायेगे "
रात हो चुकी थी , कार्तिक के साथ बाले बर्थ पर सही लोग सो चुके थे , अंकल और आंटी भी एक दूसरे को बाहों में ले कर सो ही रहे थे ||
लोग सोने लगे इसलिए अंदर की लाइट्स लगभग बंद करदी गयी थी , हल्की हल्की , मंद मंद सी रोशनी आ रही थी , कार्तिक और नीलू अभी भी जगे हुए थे ,
कार्तिक ने नीलू को पूछा "नींद नहीं आ रही क्या "
नीलू ने मासूमियत से जवाव दिया "नहीं "
कार्तिक ने फिर से पूछा "क्यों , कितनी तो रात हो गई है "
नीलू ने कहा "नहीं आ रही न "
कार्तिक ने कहा "अच्छा ठीक है तुम बाहर का नजारा देखती रहो , मैं तो चला सोने "
नीलू ने कहा "ठीक है , अच्छा ये बताओ , हम कब तक पहुंच जायेगे "
कार्तिक ने घड़ी में देखते हुए बताया "मेडम अभी तो बहुत टाइम लगेगा , दस ही बजे है "
नीलू उसे सड़ा सा मुँह बना के देखती रही ...
"अरे तो आ कर सो क्यों नहीं जाती तुम " कार्तिक ने फिर से कहा
नीलू ने कहा "मुझे गोद में सर रख कर सोने की आदत है , माँ मुझे रोज ऐसे ही सुलाती है "
कार्तिक ने इधर उधर देखा और कहा "आजाओ मेरी गोद में सर कर सो जाओ "
नीलू ने एक बच्चे के तरह खुश होते हुए पूछा "पक्का न "
कार्तिक ने मुस्कान के साथ हाँ में सर हिलाया ...
कार्तिक के हाँ कह देने के बाद , नीलू ने एक बड़ी रहत की साँस और चाँद से चेहरे पर मुस्कान बिखेरते हुए , जल्दी से आ कर कार्तिक के गोद में सर रख कर लेट गयी ...
कबीर कोने की ओर खिसक कर बैठ गया , नीलू अब और भी कम्फर्ट हो कर लेट गयी ..
कुछ देर बाद , नीलू ने सर ऊपर किया और बोली "कार्तिक तुम्हे ठीक तो लग रहा है न "
कार्तिक नीलू के चेहरे पर बिखरी सुकून की मुस्कराहट को देख कर उसका गुलाम सा होने लगा ,
बोला "हाँ , मैं ठीक हूँ , तुम सो जाओ .."
नीलू ने कहा "लेकिन मुझे अच्छा नहीं लग रहा "
कार्तिक ने पूछा "क्यों "
तो नीलू ने कहा "तुम बैठे हो और मैं आराम से सोऊगी"
कार्तिक "कोई नहीं मैं भी सो जाउगा थोड़ी देर में , जब तुम्हे नींद आ जाएगी "
नीलू ने एक स्माइल पास की और चादर ओढ़ के आंख बन करके लेती रही ...
जब नीलू की आँख खुली तो उसने पाया की उसके बालो में किसी के हाथ की उंगलियां बड़े ही आहिस्ता आहिस्ता प्यार से घूम रही है ||
ऐसा होने से नीलू को बड़ा सुकून सा महसूस हो रहा था , उसका माथा जो की भारी भारी सा लग रहा था उसमे बड़ा ही आराम हो रहा था ||
वो समझ गयी थी , ये कोई और नहीं कार्तिक उसके सर की मालिश कर रहा है ||
लेकिन मैंने तो बताया ही नहीं था की मेरे सर में दर्द है , फिर कार्तिक को कैसे पता चला ?
खैर जो भी फ़िलहाल उसके हाथो के जादू को एन्जॉय कर पगली .. कितना सुकून मिल रहा है , बिलकुल बैसा ही जब माँ मेरे बालो में तेल लगा कर चम्पी किया करती है ||
थैंक गौड़ , तुमने कम से कम मेरी एक प्रॉब्लम तो सोल्वे करदी मुझे मसाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ा करेगा , इसके लिए मेरे प्यारे से हस्बैंड काफी है .. नीलू मन ही मन सोच सोच कर मुस्करा रही थी ||
कार्तिक की उंगलियां बीच बीच में उसकी बिखरती जुल्फों को भी संभाल दिया करता था , ऐसा लग रहा था जैसे मानो कार्तिक अपनी ड्यूटी बड़े ही ध्यान और साबधानी से कर रहा हो ?
कुछ देर बाद , कार्तिक रुक गया , और अपने फ़ोन में लग गया था ...
नीलू ने धीरे से कहा "कार्तिक , करो न "
कार्तिक ने अपना फ़ोन साइड करते हुए बोला "क्या करू .."
नीलू ने बड़े प्यार से कहा "वही जो अभी कर रहे थे न "
कार्तिक ने मुस्कराते हुए कहा "ये बस डेमो था , सर्विस लेने के लिए तो पे करना होता है "
नीलू "करो न यार , क्या पे करना पड़ेगा मुझे "
कार्तिक "अब देख लो , क्या पे करना चाहती हो "
"अच्छा तो मैं तुम्हे पे करुँगी , तुम्हे पता भी मैं , तुम्हारी होने बाली धर्मपत्नी हूँ " नीलू ने अधिकार जताते हुए कहा
नीलू की बात ख़त्म होते ही कार्तिक जोर से हँसा और बोला "तो क्या हुआ "
नीलू ने कहा "हाँ तो ये हुआ की भला अपनी पत्नी से भी कोई फीस लेता है "
कार्तिक ने कहा "मैं तो लेता हूँ , मैं ऐसा ही हूँ "
नीलू ने कहा "ठीक है मत करो , एज यू विश "
"ओके अब एक काम तुम करो " कार्तिक ने कहा
नीलू ने कहा "बताओ , क्या करना है "
"तो करना अब ये है की मुझे लेटना है " कार्तिक ने कहा
नीलू ने कहा "हाँ तो लेट जाओ न , मैं साइड में हो जाती हो "
कार्तिक ने सरमाते हुए कहा "मुझे अकेले में नींद आती है "
नीलू ने कहा "क्या मतलब , अकेले में "
कार्तिक ने कहा "मेरे पास कोई लेटता है तो नींद नहीं आती "
कार्तिक की बात सुन कर नीलू जोर से हसी और हसती रही ... कार्तिक उसे बस देखता ही रहा ..
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