google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 142

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 142

 

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 142




कार्तिक गुस्से में था लेकिन वह अपनी गुस्सा जाहिर नहीं कर पा रहा था इसलिए उसने जल्दी से अपनी बाइक निकाली और वहां से चला आया ।

अब शिवानी और नीलू दोनों स्टैंड पर बस का इंतजार कर रही थी दोनों आपस में ज्यादा बात नहीं कर रही थी , शिवानी अपने फोन में कुछ कर रही थी तो वही नीलू ने अपने कान में हेडफोन लगा लिए थे।


घर से घर पहुंचा तो उसने देखा घर पर केवल उसकी बहन जिया और दादी मां है उसके मम्मी पापा मैं से कोई नहीं था पूछा - मम्मा कहां है ?

तो रिया ने बताया पापा मम्मी दोनों मम्मी किसी फ्रेंड के यहां कोई फंक्शन है वहां गए हैं ।

कार्तिक ने कुछ नहीं कहा और सीधा अपने रूम में चला गया रिया ने उसे खाने के लिए पूछा तो उसने कहा नहीं मैं खाना खाकर आया हूं ।

रिया ने पूछा " ऑफिस में कब से खाना मिलने लगा "

कार्तिक ने कहा "ऑफिस में किसने बताया मैं तो होटल पर खाना खा कर आया हूं "

रिया ने कहा " जहां तक मुझे याद है सुबह आपने कहा था कि मैं ऑफिस जा रहा हूं।"


अब कार्तिक ने रिया से कुछ नहीं कहा बस एक नजर उसे घूरा और अपने बिस्तर पर बैठ गया।


थोड़ी देर रिया शांत रही फिर उसने कार्तिक से पूछा "भैया जी, भाभी जी ठीक हैं "

कार्तिक ने रिया की ओर पलट कर देखा और कहा "तेरे पास नंबर नहीं है उसका कॉल कर ले"

 रिया ने कहा " वो तो मैं कर ही लूंगी लेकिन आप मिल कर आए तो बता भी तो सकते हो "

 रिया बोलती रही लेकिन कार्तिक उसे इग्नोर करता रहा , उसने अपने हेडफोंस निकालें और अपने कानों में लगाकर अपने फोन में म्यूजिक ऑन कर लिया, उसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था ।

 रिया को गुस्सा आ गया और वहां से पैर पटकते हुए चली गई।



कार्तिक बैठा अपने फोन में गाने सुन रहा था और आज अपने साथ हुई घटनाओं के बारे में सोच रहा था । खासकर वह शिवानी के कैरेक्टर के बारे में सोच रहा था ,उसे शिवानी का बिहेवियर समझ ही नहीं आया।

 शुरुआती पलों में वह उससे घुल मिल रही थी उससे चिपक कर भी बैठी थी । लेकिन मूवी हॉल में जाने के बाद से ही न जाने उसके अंदर ऐसा क्या बदलाव आया कि फिर वह एक स्ट्रेंजर की तरह बिहेव करने लगी, हो सकता है नीलू ने उसे कुछ कहा हो लेकिन अगर नीलू कुछ कहती तो मेरे पूछने पर जरूर बता देती पता नहीं क्या हुआ था उसे जो भी हुआ हो , लेकिन बाद में उसकी फेस को देखकर ऐसा ही लग रहा था कि वह किसी बात का बुरा मान गई है । वो काफी चुलबुले किस्म की लड़की है , मुझे ऐसा लगता है कि वह कोई भी बात बोलने से पहले ज्यादा सोचती भी नहीं है कि मैं क्या बोल रही हूं । खैर जो भी हो नीलू को उसे साथ लाना ही नहीं चाहिए था हमारा मिलना ना मिलना एक जैसा ही हो गया , जिसके लिए मिलना था वह बात तो हो ही नहीं पाई।



तभी कार्तिक का फोन बजने लगा, कार्तिक ने फोन में देखा तो यह फोन नीलू कर रही थी कार्तिक ने फोन रिसीव किया 


कार्तिक "हेलो "

नीलू "हेलो पहुंच गए आप "

कार्तिक ने कहा "हां मैं पहुंच गया तुम बताओ "

नीलू "हां हम भी पहुंच गए थोड़ी सी परेशानी हुई, बस में बहुत भीड़ थी "

कार्तिक -- तो दूसरी बस ले लेनी चाहिए थी 

जरूरी तो नहीं जो बस फुल भरी हुई है उसी में जाया जाए।

 नीलू ने कहा -- नहीं यार ऐसा नहीं था बट मैं अपसेट थी मुझे घर जल्दी पहुंचना था इसकी वजह से उसी में चली गई ।

 

कार्तिक -- अच्छा अब महारानी का मूड कैसा है 

नीलू -- ठीक ही है आराम कर रही हूं 

कार्तिक -- और आपकी कजिन का क्या हाल है 

नीलू के फेस के एक्सप्रेशन बदलते हुए -- क्या बताऊं यार कुछ भी समझ नहीं आ रहा जब से घर आई है बोल ही नहीं रही है गुमसुम के बिस्तर में लेटी हुई है 


कार्तिक -- यार उसका कैरेक्टर मेरे समझ से तो बाहर है कुछ समझ ही नहीं आया , अगर हम दोनों में से उसे किसी ने कुछ कहा ही नहीं तो उसे बुरा किस बात का लगा 

नीलू -- यार तुम समझ ही नहीं रहे हो उसे डिस्को जाना था और खूब सारी बियर पी के डांस करना था तुम्हारे साथ 

कार्तिक -- ओहो हां यार मैं तो भूल ही गया तो यह बात थी यार तुम भी ना तुम्हारी वजह से वजह से तुम्हें ही मूवी देखनी थी जब मन था लड़की का तो चल पड़ते क्या दिक्कत बाली बात थी


 नीलू -- तुम्हें तो वैसे भी लड़की चाहिए होती हैं

 

कार्तिक -- क्या यार तुम भी , तुम भी तो साथ में थी ना मेरे और ऐसे थोड़े ना मैं किसी से चिपका जा रहा था

 नीलू -- रहने दो सब पता है मुझे कैसे बाइक पर बिठा लिया था उसे और मुझे रिक्शे में आना पड़ा था मूवी हॉल तक

 कार्तिक हंसने लगा और बोला -- नहीं यार अब बैठ गई थी तो क्या मैं उसे हाथ पकड़ कर के उतार देता अब बाइक पर बैठ ही दो लोग सकते हैं 

 नीलू -- खैर छोड़ो , हमारा मिलना आज कुछ खास नहीं रहा , बस मिल लिए शक्ल देख ली दो चार बातें कर ली लेकिन मैं जो चाहती थी वह नहीं हो पाया ।

 कार्तिक मन में सोचने लगा नीलू के मन में आखिर क्या था, क्या चाहती थी 

 कार्तिक ने कहा --हां यार चाहता तो मैं भी बहुत कुछ था लेकिन कुछ हो नहीं पाया , मुझे तो तुम से ढेर सारी बातें करनी है ।

 

अभी क्या कर रहे हो बात ही तो हो रही है ना तो करो बात क्या बात करनी है। -- नीलू ने कहा 


कार्तिक ने कहा " नहीं यार ऐसे नहीं यह कोई फोन वाली बात नहीं है , मुझे तुम्हारे साथ बैठकर आराम से कुछ अहम बातें करनी है , उसी के लिए मैंने तुम्हें मिलने के लिए बुलाया था लेकिन तुम , खैर छोड़ो आगे का प्लान करो अब कब मिलना है "


नीलू ने कहा " कल ही मिल लो अगर ऐसा है तो "

कार्तिक "नहीं यार इतनी जल्दी नहीं हो सकता अब तो आई थिंक नेक्स्ट संडे"

 नीलू "यार ऐसे ना बोलो मुझसे और ज्यादा इंतजार नहीं होगा तुमने क्या सस्पेंस बना कर रखा हुआ है, ऐसी क्या बात है जो तुम मुझे मिलकर ही बताना चाहते हो फोन पर नहीं "

 

कार्तिक "सही कहा यह हमारे रिश्ते की बुनियादी से जुड़ी हुई बात है इसलिए मैं तुमसे मिलकर ही करना चाहता हूं"

 नीलू सीरियस होते हुए "ठीक है मैं भी इंतजार करूंगी अगले संडे का "

 कार्तिक " ठीक है तुम भी आराम करो मुझे भी थोड़ी देर सोना सोना है रात को बात करूंगा "

 नीलू "ठीक है बाय टेक केयर "

 और फोन कट जाता है।


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